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古文:古者天子巡狩之礼,布在方策。 |
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现代文:古代有关天子外出巡行视察的礼仪,都已记录在典册之中。 |
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古文:至秦、汉巡幸,或以厌望气之祥,或以希神仙之应,烦扰之役,多非旧典。唯后汉诸帝,颇有古礼焉。 |
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现代文:到了秦、汉时期,天子外出巡视,有时为迎合观察云气所见的祥瑞,有时为希求神仙美好的回应,所兴举的烦扰人民的事役,大多不合旧的典制,衹有后汉时期的各位皇帝,多能遵循古礼。 |
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古文:魏文帝值参分初创,方隅事多,皇舆亟动,略无宁岁。 |
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现代文:曹魏文帝时正值天下三分初期,各地战事繁多,皇帝常常亲自出征,实在没有安宁的年岁。 |
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古文:盖应时之务,又非旧章也。明帝凡三东巡,所过存问高年,恤人疾苦,或赐谷帛,有古巡幸之风焉。 |
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现代文:那些囚应时势而处理的事务,又都不符合旧的典章,魏明帝到束境巡视共有三次,他所经过的地方都慰问高龄长者,关怀人民的疾苦,有时还赏赐粮谷和缣帛,有古代帝王巡枧地方的遗风。 |
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古文:齐王正始元年,巡洛阳,赐高年、力田各有差。 |
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现代文:齐王直羞丛始元年,巡视迢阳,对高龄长者及力田勤耕者分别给予不同的赏赐。 |
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古文:晋武帝泰始四年,诏刺史二千石长吏曰: 古之王者,以岁时巡狩方岳,其次则二伯述职,不然则行人巡省,掸人诵志。故虽幽遐侧微,心无壅隔。 |
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现代文:晋武帝泰始四年,诏令给各州刺史及俸禄为二千石的长吏说: 古代的帝王,在每年定时节巡视督察各地方长官,其次就是管东境、西境的两位重臣向皇帝陈述自己供职的情况,不然的话就是派遣使臣巡视省察四方各州,由掸人官传达帝王的意旨因此,虽是居住在遥远的地方卑贱的人,民心都没有隔阂。 |
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古文:人情上通,上指远喻。至于鳏寡,罔不得所。 |
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现代文:这样民情能够上达天广,天子的意旨能够晓谕到远方争于鳏寡孤独没有依靠的人,也没有不被安置照顾的。 |
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古文:用垂风遗烈,休声犹存。 |
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现代文:由于古代帝:王亲垂风范留卜。辉煌的业绩,他们美好的名声至今仍然存留于人间。 |
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古文:朕在位累载,如临深泉,夙兴夕惕,明发不寐,坐而待旦。 |
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现代文:朕在位多年,常感到如临深渊,每天清早起来就治理政事,直到晚卜还惶恐不安,黎明时醒来就不能入睡,坐着等待到天亮。 |
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古文:思四方水旱灾眚,为之怛然。 |
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现代文:每每想到由于我的过失而造成的四方水旱灾害,我为之而忧惧伤心。 |
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古文:勤躬约己,欲令事事当宜。 |
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现代文:我勤劳地料理政务,认真约束自己,是想让每件政事都办理得当。 |
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古文:常恐众吏用情,诚心未著,万机兼猥,虑有不周;政刑失谬,而弗获备览。 |
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现代文:我又常常担心官吏们以私情行事,致使我的诚心不能彰显,又怕各项政务繁杂,而自己的谋划不周全,政务刑狱有失误,而我自己不能全部省察。 |
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古文:百姓有过,在予一人。 |
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现代文:群臣百官有过失,责任全在我一人。 |
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古文:惟岁之不易,未遑卜征巡省之事。 |
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现代文:衹是年岁的艰难,顾不上占卜我外十巡视四方的吉凶。 |
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古文:人之未乂,其何以恤之。 |
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现代文:人民还没有安定,将怎样去抚恤他们呢。 |
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古文:今使使持节侍中、副给事黄门侍郎,衔命四出,周行天下,亲见刺史二千石长吏,申喻朕心恳诚至意,访求得失损益诸宜,观省政治,问人间患苦。 |
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现代文:现在派遣使持节侍中、副给事黄门侍郎,遵奉我的使命到四方去,巡视天下,亲自接见各州刺史及俸禄二千石的长吏,申谕我恳切至诚的本意,并询访征求有关政治举措得失及改正等事宜,巡察地方的政事,慰问民间的疾苦。 |
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古文:周典有之曰: 其万人利害为一书,其礼俗政事教治刑禁之逆顺为一书,其悖逆暴乱作慝犯令为一书,其札丧凶荒厄贫为一书,其康乐和亲安平为一书。 |
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现代文:《周礼》裹有这样的话: 凡各方邦民众有利或有害的事情记录为一书,各方邦有礼俗、政事、教化、刑禁的利弊记录为一书,各方邦有关叛逆暴乱、作奸犯科的情况记录为一书,各方邦发生的疫病死丧、凶年饥荒、困厄贫穷的情况记录为一书,各方邦有关康乐、和睦亲爱、平安的情况记录为一书。 |
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古文:每国辩异之,以反命于王,以周知天下之故。 |
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现代文:将各方邦的情况分别条列,以还报给帝王。使帝王尽知天下各地的情况。 |
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古文:斯旧章前训,今率由之。 |
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现代文:这是旧的典章,是前代的训诫,现在应该完全遵循。 |
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古文:还具条奏,俾朕昭然鉴于幽远,若亲行焉。大夫君子,其各悉乃心,各敬乃事,嘉谋令图,苦言至戒,与使者尽之,无所隐讳。 |
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现代文:使持节侍中、给事黄门侍郎应该像旧时的典章所说的那样,详细条列奏报各地的情况,使我对遥远地方的情形能清楚明了,就像是亲自巡行到了边远地方一样。大夫君子们,各人应该竭尽自己的诚心,各自敬谨你们的职事,有好的谋略、好的规划,有至诚的进言和劝诫,应该对使者详尽地陈述,不要有隐讳。 |
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古文:方将虚心以俟。 |
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现代文:我将虚心等待着。 |
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古文:其勉哉勖之,称朕意焉。 |
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现代文:大家勉力吧,以切合我的本意。 |
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古文:挚虞新礼仪曰: 魏氏无巡狩故事,新礼则巡狩方岳,柴望告至,设壝宫,如礼诸侯之觐者。 |
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现代文:垫虞新礼议论说: 曹魏时期没有天子巡视四方的先例,新礼却有天子巡视四方山岳,举行燎柴祭天祭山川的告至礼仪,建造土墙谴宫,就像礼制里诸侯觐见天子的礼仪。 |
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古文:摈及执贽,皆如朝仪,而不建其旗。 |
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现代文:宾客的接待以及宾客执礼进见等礼仪,都与诸侯朝见天子的礼仪一样,衹是不建树旗帜。 |
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古文:臣虞案觐礼,诸侯觐天子,各建其旗章,所以殊爵命,示等威。《诗》称 君子至止,言观其旂 。宜定新礼建旗如旧礼。 |
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现代文:我稽考觐礼,诸侯觐见天子时,各自建树自己的旗帜,用以区别爵位的高下,明示等级的差别,《诗经》裹说 诸侯来到时,说看见了他的旗帜,现在应该决定新礼中建树旗帜的制度如同旧时的礼制一样。 |
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古文:然终晋世,巡狩废矣。 |
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现代文:然而晋代白始至终,天子巡视四方的制度都被废止了。 |
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古文:宋武帝永初元年,诏遣大使分行四方,举善旌贤,问其疾苦。 |
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现代文:宋武帝永初元年,皇帝下诏派遣大使分别巡行四方各地,举荐善士表彰贤良,慰问人民的疾苦。 |
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古文:元嘉四年二月己卯,太祖东巡。 |
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现代文:元嘉四年:二月乙卯曰,太祖到东境巡视。 |
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古文:丁卯,至丹徒。 |
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现代文:丁卯曰,太祖到丹徒。 |
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古文:己巳,告觐园陵。 |
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现代文:己巳曰,拜谒先帝陵园。 |
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古文:三月甲戌,幸丹徒离宫,升京城北顾。 |
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现代文:三月甲戌曰,太祖到达丹徒县的离宫,登上京城北顾楼。 |
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古文:乙亥,飨父老旧勋于丹徒行宫,加赐衣裳各有差,蠲丹徒县其年租布之半,系囚见徒五岁刑以下,悉皆原遣。 |
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现代文:乙亥曰,在旦链行宫宴飨父老及旧曰的功臣,又分别赐予他们数量不等的衣裳。免除丹疆鉴当年半的租布。在押的现有囚徒,判定五年以下徒刑者,一律免刑遣返。 |
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古文:登城三战及先大将军并贵泥关头败没余口。老疾单孤,又诸战亡家不能自存者,并随宜隐恤。 |
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现代文:凡是多次登城作战的战士,以及先前大将的家庭、青泥关头败亡后仍存活的人口,年老患有疾病孤单没有依靠的人,及阵亡将士家属当中贫困不能自保者,都应该随时给予关怀和抚恤。 |
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古文:二十六年二月己亥,上东巡。辛丑,幸京城。 |
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现代文:元嘉二十六年二月己亥曰,左担到束境巡视,辛丑曰,太祖巡行到了京球。 |
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古文:辛亥,谒二陵。 |
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现代文:辛亥曰,拜谒京城的先帝陵墓。 |
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古文:丁巳,会旧京故老万余人,往还飨劳,孤疾勤劳之家,咸蒙恤赉,发赦令,蠲徭役。 |
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现代文:丁巳曰,会见旧京的故老一万多人,往返飨宴慰劳,凡是孤苦疾病勤劳本业的人家,都受到了赈恤和赏赐,又发布了宽赦罪人的命令,免除人民的徭役。 |
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古文:其时皇太子监国,有司奏仪注。 |
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现代文:当时皇太子代理国家政务,主事官员奏上官府公文的程式。 |
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古文:某曹关某事云云。 |
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现代文:某官曹关知某某事。 |
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古文:被令,仪宜如是。 |
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现代文:奉上命,程式应该如此。 |
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古文:请为笺如左。 |
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现代文:请为笺表如左方。 |
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古文:谨关。 |
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现代文:谨关。 |
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古文:右署众官如常仪。 |
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现代文:右方具署众官官名如通常的程式。 |
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古文:尚书仆射、尚书左右丞某甲,死罪死罪。 |
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现代文:尚书仆射、尚书左右丞某甲,死罪死罪。 |
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古文:某事云云。参议以为宜如是事诺。 |
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现代文:某某事。参酌审议认为如此照准同意。 |
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古文:奉行。 |
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现代文:遵奉施行。 |
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古文:某年月日。 |
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现代文:某年某月某曰。 |
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古文:某曹上。 |
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现代文:某官曹上。 |
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古文:右笺仪准于启事年月右方,关门下位及尚书官署。 |
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现代文:右方表笺程式规定在启事年月的右方,关知门下官及尚书官署。 |
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古文:其言选事者,依旧不经它官。 |
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现代文:凡是陈述铨选官员的事,依旧不经过其他部门的官员。 |
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古文:太常主者寺押。 |
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现代文:太常寺主管官员签押。 |
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古文:某署令某甲辞。 |
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现代文:某官署令某甲启辞。 |
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古文:今听如所上处事诺。 |
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现代文:陈说某某事。请求如陈述的告报。 |
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古文:明详旨申勤,依承不得有亏。 |
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现代文:详细检核内容相符。请准许依所上内容予以同意。明示详尽的意旨约束施行,承办不得有差错。 |
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古文:符到奉行。 |
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现代文:印信文书到达后遵奉施行。 |
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古文:年月日。 |
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现代文:某年某月某曰。 |
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古文:起尚书某曹。 |
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现代文:尚书某官拟。 |
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古文:右符仪。 |
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现代文:右方为印信文书程式。 |
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古文:某曹关太常甲乙启辞。 |
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现代文:某官曹关知太常甲乙的启辞。 |
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古文:押。 |
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现代文:签押。 |
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古文:某署令某甲上言。 |
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现代文:某官署之令某甲上言。 |
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古文:某事云云。 |
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现代文:某某事。 |
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古文:请台告报如所称。主者详检相应。 |
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现代文:请台官如所陈述的告报,主管官员详细检核内容相符。 |
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古文:请听如所上事诺。 |
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现代文:请准许依所卜内容予以同意。 |
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古文:别符申摄奉行。 |
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现代文:另发印信文书申令遵奉施行。 |
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古文:谨关。 |
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现代文:谨关。 |
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古文:年月日。 |
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现代文:某年某月某日。 |
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古文:右关事仪准于黄案年月日右方,关门下位年月下左方,下附列尚书众官署。 |
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现代文:右方关事程式规定在尚书省黄案年月曰的右方,关门下官在年月的下左方,下面附列尚书众官署名。 |
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古文:其尚书名下应云奏者,今言关。 |
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现代文:凡是尚书名下应称 奏 的,现今称为 关 。 |
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古文:余皆如黄案式。 |
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现代文:其余都依尚书黄案文书的程式。 |
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古文:某曹关司徒长史王甲启辞。 |
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现代文:某官曹关知司徒长史王甲的启辞。 |
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古文:押。 |
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现代文:签押。 |
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古文:某州刺史丙丁解腾某郡县令长李乙书言某事云云。 |
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现代文:某州的刺史丙丁行文上报某郡某县的令长李乙上书陈说的某某事。 |
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古文:请台告报如所称。 |
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现代文:请台官依所陈述的告报。 |
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古文:尚书某甲参议,以为所论正如法令,报听如所上。 |
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现代文:尚书某甲参与审议,以为所陈说的正合法令,准许依所上的内容告报。 |
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古文:请为令书如左。 |
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现代文:请求依左方内容撰写太子令书。谨关。 |
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古文:谨关。右关门下位及尚书署,如上仪。 |
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现代文:右方关门官及尚书官署,依照以上的程式。 |
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古文:司徒长史王甲启辞。 |
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现代文:司徒长史王甲启辞。 |
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古文:押。 |
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现代文:签押。 |
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古文:州府缘案允。值。 |
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现代文:某州刺史丙 行文上报某郡某县令长李乙上书陈说某某事。 |
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古文:请台告报。 |
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现代文:州府验核相符,请台官告报。 |
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古文:年月日。 |
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现代文:某年某月某曰。 |
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古文:尚书令某甲上。 |
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现代文:尚书令某甲卜。 |
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古文:建康宫无令,称仆射。 |
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现代文:建康宫没有尚书令,称尚书仆射。 |
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古文:令日下司徒,令报听如某所上。 |
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现代文:右方敕令当发给司徒,敕令报准许某所上书的内容。 |
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古文:某宣摄奉行如故事。文书如千里驿行。 |
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现代文:某官统领官员依照旧例遵奉施行。文书以日行千里驿传的急件颁行。 |
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古文:年月朔日甲子。 |
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现代文:年月朔日子。 |
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古文:尚书令某甲下。 |
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现代文:尚书令某甲卜。 |
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古文:无令称仆射。 |
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现代文:没有令的称尚书仆射。 |
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古文:司徒承书从事到上起某曹。 |
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现代文:司徒承书从事到上起某曹。 |
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古文:右外上事,内处报,下令书仪。 |
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现代文:右方为外面上事,内处报,令书的程式。 |
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古文:某曹关某事云云。 |
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现代文:某官曹关知某某事。 |
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古文:令如是,请为令书如右。谨关。 |
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现代文:敕令如此,请撰写令书如右方,谨关。 |
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古文:右关署如前式。 |
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现代文:右方关官署依照前式。 |
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古文:令司徒。 |
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现代文:敕令司徒。 |
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古文:某事云云。 |
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现代文:某某事。 |
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古文:令如是,其下所属,奉行如故事。 |
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现代文:敕令如此,颁给所属官员,依照旧例遵奉施行。 |
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古文:文书如千里驿行。 |
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现代文:文书以曰行千里驿传的急件颁行。 |
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古文:年月日子,下起某曹。 |
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现代文:年月日子,起某曹。 |
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古文:右令书自内出下外仪。 |
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现代文:右方为令书从内出卜外程式。 |
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古文:令书前某官某甲。 |
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现代文:令书前称某官某甲。 |
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古文:右令书板文准于昭事板文。年月日。 |
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现代文:令以甲为某官,依旧例。某年某月某。 |
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古文:侍御史某甲受。 |
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现代文:侍御史某甲受。 |
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古文:尚书下云云。 |
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现代文:右方令书行文依照诏令行文。 |
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古文:奏行如故事。 |
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现代文:尚书敕令。依照旧例遵奉施行。 |
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古文:右以准尚书敕仪。 |
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现代文:右方以定尚书敕令的程式。 |
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古文:起某曹。 |
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现代文:某官曹拟 |
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古文:右并白纸书。 |
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现代文:右方各程式都用白纸书写。 |
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古文:凡内外应关笺之事,一准此为仪。 |
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现代文:凡是内外应关应表笺的事,一概据此为程式。 |
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古文:其经宫臣者,依臣礼。 |
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现代文:其中经过宫臣的,依照臣子之礼。 |
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古文:拜刺史二千石诫敕文曰制诏云云。 |
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现代文:任命刺史俸禄二丁石的良吏的诫敕文称制诏如此如此。 |
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古文:某动静屡闻。 |
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现代文:某官的情况屡次问报。 |
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古文:右若拜诏书除者如旧文。其拜令书除者, 令 代 制诏 ,余如常仪。 |
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现代文:右方若是以诏书授官的依照旧时的行文、凡是以令书授官的,以 令 宁代替 制诰 字,其余的如同通常的程式。 |
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古文:辞关板文云: 某官粪土臣某甲临官。稽首再拜辞。 |
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现代文:启辞关诏窘文的称: 某官粪十臣某甲出任官职,稽首再拜辞。 |
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古文:制曰右除粪土臣及稽首云云。 |
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现代文:制曰右方除去粪土臣及稽首等字。 |
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古文:某官某甲再拜辞。 |
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现代文:某官某甲再拜辞。 |
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古文:以 令日 代 制曰 。 |
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现代文:以 令曰 代替 制曰 。 |
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古文:某官宫臣者,称臣。 |
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现代文:某官是宫臣的,称 臣 。 |
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古文:皇太子夜开诸门,墨令,银字启传令信。 |
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现代文:皇太子在夜晚时力。开各城门,亲手书写示令,是用银粉在木板上书写的关津通行凭证。 |
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古文:太史每岁上某年历。 |
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现代文:太史每年都要奏当年的年历。 |
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古文:先立春立夏大暑立秋立冬,常读五时令。 |
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现代文:在立春、立夏、大特、立秋一立冬之前,常常要宣滨这五个时节的月令。 |
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古文:皇帝所服,各随五时之色。帝升御坐,尚书令以下就席位,尚书三公郎以令著录案上,奉以入,就席伏读讫,赐酒一卮。官有其注。 |
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现代文:皇帝所穿的服装,各依随春、夏、大暑、秋、冬五个时节,相应用青、朱、黄、白、黑的颜色皇帝登御座,尚书令以卜的官员各就席位,尚书三公郎将月令着绿在案牍卜。捧着进入,就席后宣读完毕,皇帝便赏赐给一卮酒官员有月令注。 |
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古文:傅咸曰: 立秋一日,白路光于紫庭,白旗陈于玉阶。 然则其日旗、路皆白也。 |
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现代文:傅咸说: 立秋这一天,白色的辎申显耀在皇帝的宫庭衷,白色的旗帜陈设在丘阶 那么立秋的旗帜和辖车都是白色的了。 |
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古文:晋成帝咸和五年六月丁未,有司奏读秋令。 |
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现代文:晋成帝威扣五年六月厂未,主事官奏请宣读秋季月令。 |
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古文:兼侍中散骑侍郎荀弈、兼黄门侍郎散骑侍郎曹宇驳曰: 尚书三公曹奏读秋令仪注。 |
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现代文:兼侍中散骑侍郎荀弈、兼黄门侍郎散骑侍郎膏亨反驳说: 尚书一三公官员奏请宣读秋季月令仪节。 |
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古文:新荒以来,旧典未备。臣等参议,光禄大夫臣华恆议,武皇帝以秋夏盛暑,常阙不读令,在春冬不废也。 |
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现代文:自从新遭荒乱以来,售的典制不完备我们参议后认为,光禄大夫华恒议论说,武帝因为秋、夏止值盛暑炎热,常常停止而不宣读月令,而在春、冬两季却不停卜穴滨月令。 |
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古文:夫先王所以从时读令者,盖后天而奉天时。正服,尊严之所重,今服章多阙如。 |
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现代文:先代帝王之所以要依时节宣读月令,大概是为了遇了天时行事,以顺奉天时穿正式的服装,这是尊严的重要体现,现在服饰衣冠大多都不齐备。 |
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古文:比热隆赫,臣等谓可如恆议,依故事阙而不读。 |
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现代文:且近来酷热高温,我们认为可以依照华垣的议论,援引这壶的旧例,暂停而不宣读月令。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下诏同意这一建议。 |
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古文:六年三月,有司奏: 今月十六日立夏。 |
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现代文:咸和六年三月,主事官员一奏: 这个月十六日是立夏。 |
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古文:案五年六月三十日门下驳,依武皇夏阙读令。 |
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现代文:根据咸扣五年六月三十日尚书门下侍郎的驳议,援引武查夏季停止读月令的说法。 |
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古文:今正服渐备,四时读令,是祗述天和隆赫之道。 |
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现代文:现在正式服装逐渐齐备,而依四时宣读月令,是遵循天地和顺隆盛的道理。 |
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古文:谓今故宜读夏令。 |
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现代文:我们认为现在应该宣读夏季月令。 |
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古文:奏可。 |
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现代文:上奏被皇帝批准。 |
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古文:宋文帝元嘉六年六月辛酉朔,驸马都尉奉朝请徐道娱上表曰: 谨案晋博士曹弘之议,立秋御读令,上应著缃帻,遂改用素,相承至今。 |
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现代文:六年六月辛酉初一,驸马都尉奉朝请俭继一奏说:根据晋朝博士曹弘之的议论,立秋时皇帝亲临读月令的仪式,皇帝应该戴黄色的帧巾,后来便改用白色,相沿至今。 |
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古文:臣浅学管见,窃有惟疑。 |
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现代文:我学问浅薄见识少,私下却有疑惑。 |
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古文:伏寻《礼记·月令》,王者四时之服正见驾苍龙,载赤旗,衣白衣,服黑玉。 |
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现代文:按《礼记月令》所载,帝王一年四季当以青色之马驾车,车上树赤色旗帜,穿白色衣服,佩戴黑玉。 |
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古文:季夏则黄,文极于此,无白冠则某履某耑也。 |
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现代文:在季夏时就用黄色,记载衹限于此,没有戴白冠就用某色的履某色的舄的记载。 |
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古文:且帻又非古服,出自后代。 |
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现代文:况且帧巾又不是古代就有的服饰,是后代才出现的。 |
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古文:上附于冠,下不属衣。 |
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现代文:愤巾依附冠,下面不附属于衣。 |
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古文:冠固不革,而帻岂容异色。愚谓应恆与冠同色,不宜随节变采。 |
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现代文:冠固然没有什么改变,而帧巾又怎么可以改用不同的颜色呢我认为帧巾应该经常与冠的颜色相同,不应该依随季节而改变颜色。 |
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古文:土令在近,谨以上闻。 |
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现代文:现在大暑的节令已经临近,我敬谨地将自己的意见上奏。 |
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古文:如或可采,乞付外详议。 |
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现代文:如果造意见有可取的地方,请求交付给臣子们详加议论。 |
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古文:太学博士荀万秋议: 伏寻帻非古者冠冕之服,《礼》无其文。 |
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现代文:太学博士苞蔓挞议论说: 我查考得知帧巾不是古时候冠冕的服饰,《礼》书裹也没有记载。 |
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古文:案蔡邕《独断》云: 帻是古卑贱供事不冠人所服。 |
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现代文:根据基旦《独断》裹说: 帧巾是古代地位卑贱供役使而不戴冠的人所使用的。 |
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古文:又董仲舒《止雨书》曰: 其执事皆赤帻。 知并不冠之服也。 |
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现代文:又据茎仲釭《止雨书》裹说: 办事的人都系赤色的帧巾,由此可知帧巾都是不戴冠的人所使用。 |
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古文:汉元始用,众臣率从。 |
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现代文:汉元帝时开始使用,臣子们于是都遵循。 |
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古文:故司马彪《舆服志》曰: 尚书帻名曰纳言。 |
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现代文:因此司马彪《舆服志》裹说: 尚书用的愤巾称为纳言。 |
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古文:迎气五郊,各如其色,从章服也。 自兹相承,迄于有晋。 |
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现代文:在束、西、南、北、中五郊举行迎气的祭祀时,帧巾各依随服饰的颜色,依循章服的制式,从此以后相循续,一直到晋代。 |
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古文:大宋受命,礼制因循。 |
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现代文:刘宋皇帝受天命称帝之后,礼仪仍然是因循旧制。 |
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古文:斯既历代成准,谓宜仍旧。 |
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现代文:这既然是历代的成规,我认为应该依从旧制而不改变。 |
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古文:有司奏: 谨案道娱启事,以土令在近,谓帻不宜变。 |
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现代文:主事官员上奏说: 我们敬谨地查考徐道娱的启奏,以为人暑的节令已经临近,认为愤巾的颜色不能改变。 |
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古文:万秋虽云帻宜仍旧,而不明无读土令之文。 |
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现代文:荀万秋虽然说帧巾应依旧不改,却不明白本没有在大暑时宣读土令的记载。 |
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古文:今书旧事于左。 |
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现代文:现在我把旧时的制度书写在下面。 |
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古文:《魏台杂访》曰: 前后但见读春夏秋冬四时令,至于服黄之时,独阙不读。 |
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现代文:《魏台杂访》说: 《礼》书自始至终衹见有宣读舂、夏、秋、冬四时令的记载,至于穿黄色服饰的节令,独缺而不读土令。 |
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古文:今不解其故。 魏明帝景初元年十二月二十一日,散骑常侍领太史令高堂隆上言曰: 黄于五行,中央土也。 |
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现代文:现在仍不能理解其中的情由,曹魏明帝景初元年十二:月二十一日,散骑常侍领太史令高堂隆上奏说: 黄色在五行中,是居于中央的土德。 |
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古文:王西季各十八日。 |
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现代文:它占四季各十八而为王。 |
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古文:土生于火,故于火用事之末服黄,三季则否。 |
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现代文:土是从火而生,所以在火当令的末期用黄色,其他三季就不是这样。 |
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古文:其令则随四时,不以五行为分也。 |
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现代文:时令是随春、夏、秋、冬四时而定的,不是用金、木、水、火、主五行来区分的。 |
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古文:是以服黄无令。 |
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现代文:所以服用黄色时没有月令。 |
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古文:其后太祖常谓土令,三公郎每读时令,皇帝临轩,百僚备位,多震悚失常仪。 |
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现代文:后来刘宋太祖常常称说有土令,三公郎每当宣读时令时,皇帝便坐在前殿,百官按照安排到位,大多神色惊恐失去常态。 |
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古文:宋唯世祖世刘勰、太宗世谢纬为三公郎,善于其事,人主及公卿并属目称叹。 |
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现代文:刘塞衹有世担一朝的壁邀、毖:一朝的趱纬任三公郎时,善于处理宣读时令的事,皇帝以及公卿们都注目而赞叹。 |
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古文:勰见《宗室传》。 |
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现代文:刘勰的生平事迹记载在《宗室传》里。 |
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古文:纬,谢综弟也。 |
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现代文:谢纬,是谢综的弟弟。 |
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古文:旧说后汉有郭虞者,有三女。 |
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现代文:旧时传说后汉时有个叫郭虞的人,有三个女儿。 |
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古文:以三月上辰产二女,上巳产一女。 |
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现代文:他家在三月上旬辰那天生下两个女儿,接着在巳曰那天又生下一个女儿。 |
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古文:二日之中,而三女并亡,俗以为大忌。 |
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现代文:又在两天之内。 |
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古文:至此月此日,不敢止家,皆于东流水上为祈禳,自洁濯,谓之禊祠。 |
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现代文:三个女兄都死亡。民间以为这是最大的忌讳。所以每到三月的这个日子,人们都不敢住在家里,都来到东流水上举行祈求去邪除灾的祭祀,大家都各自洗濯洁身,称为禊祀。 |
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古文:分流行觞,遂成曲水。 |
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现代文:分别在水流上飘放酒杯相会饮酒,于是成为曲水。 |
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古文:史臣案《周礼》,女巫掌岁时祓除衅浴,如今三月上巳如水上之类也。 |
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现代文:史臣查考《周礼》记载的女巫掌管每年按时令举行祈求除邪去灾的祭祀,以及进行衅浴的事,就像现在三月上旬巳曰到水上举行祓祭的事相类似。 |
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古文:衅浴谓以香薰草药沐浴也。 |
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现代文:衅浴是指用香薰草药涂身沐浴。 |
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古文:《韩诗》曰: 郑国之俗,三月上巳,之溱、洧两水之上,招魂续魄。 |
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现代文:《韩诗》裹说: 郑国的风俗,在三月上旬的巳,人们来到溱水和洧水上,招魂续魄。 |
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古文:秉兰草,拂不祥。 |
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现代文:手持兰草,拂除不祥的邪气。 |
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古文:此则其来甚久,非起郭虞之遗风、今世之度水也。 |
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现代文:造就可以知道楔祀这类事情的由来已经很久远了,不是起于塑虞女儿死后形成的楔祀遣风和当世的度水风俗。 |
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古文:《月令》,暮春,天子始乘舟。蔡邕章句曰: 阳气和暖,鲔鱼时至,将取以荐寝庙,故因是乘舟禊于名川也。 |
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现代文:《月令》里记载,暮春时节,天子开始乘船,蔡邕《月令》章句裹说: 阳气和暖,鲔鱼应时而来,将捕取它用以献祭宗庙,因此乘船到著名的河川上举行楔祀。 |
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古文:《论语》,暮春浴乎沂。 |
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现代文:《论语》里说,暮春时在沂水上沐浴。 |
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古文:自上及下,古有此礼。 |
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现代文:从上到,古代便有了楔祀的礼仪。 |
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古文:今三月上巳,祓于水滨,盖出此也。 |
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现代文:现在三月上旬的巳日,在水滨祓除祭祀,大概就是由此而来的。 |
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古文:邕之言然。 |
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现代文:蔡邕说的这些话是对的。 |
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古文:张衡《南都赋》祓于阳滨又是也。 |
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现代文:张衡《南都赋》裹说,在水滨北岸举行祓祭,这又是对的。 |
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古文:或用秋,《汉书》八月祓于霸上。 |
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现代文:有时是在秋季举行,如《汉书》裹记载的八月在霸上祓祭便是。 |
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古文:刘桢《鲁都赋》: 素秋二七,天汉指隅,人胥祓除,国子水嬉。 |
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现代文:刘桢《鲁都赋》裹说: 初秋的十四,天河指向遥远的边际,人们都在举行祓除,国子学的生员在水游戏。 |
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古文:又是用七月十四日也。 |
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现代文:又是在秋季七月十四。 |
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古文:自魏以后但用三日,不以巳也。 |
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现代文:从曹魏以后衹定在一三月 日举行楔祭,而不是在三月上:旬的巳曰。 |
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古文:魏明帝天渊池南,设流杯石沟,燕群臣。 |
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现代文:曹魏明帝在天渊池的南边,建造流杯石沟,用以会集百官饮宴。 |
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古文:晋海西钟山后流杯曲水,延百僚,皆其事也。 |
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现代文:晋代海西钟山后面有流杯曲水,邀请百官到造裹饮宴,部是流觞曲水的事情。 |
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古文:宫人循之至今。 |
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现代文:官吏和人民遵循这种习俗直到今天。 |
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古文:汉文帝始革三年丧制。 |
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现代文:汉文帝开始摹除守丧:二年的制度。 |
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古文:临终诏曰: 天下吏民临三日,皆释服。 |
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现代文:他临终时下诏令说: 天下的宫民哭吊:二天,然后都要除去丧服。 |
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古文:无禁取妇、嫁女、祠祀、饮酒、食肉。 |
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现代文:不准禁止娶妻、嫁女、祭祀、饮酒、食肉等习俗生活。 |
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古文:其当给丧事者,无跣。 |
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现代文:凡是应该参与丧事的人,都不必赤脚。 |
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古文:绖带无过三寸。 |
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现代文:丧服用的麻布绖带不得超过三寸。 |
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古文:当临者,皆旦夕各十五举音。 |
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现代文:应亲自服丧的人,都应该在早晚各十五次举哀。 |
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古文:服大红十五日,小红十四日,纤七日而释服。 |
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现代文:穿大功丧服十力门。 |
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古文:文帝以己亥崩,乙巳葬,其间凡七日。 |
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现代文:小功奭服十四日。纤服曰之后除去丧服 汉文帝在己亥曰逝世,乙巳曰安葬,这中间有天的时间。 |
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古文:自是之后,天下遵令,无复三年之礼。案《尸子》,禹治水,为丧法,曰毁必杖,哀必三年,是则水不救也。 |
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现代文:从此之后,天下都遵循这道诏令行事,不再实行守丧三年的礼制,考查《尸于》书襄的记载,夏禹治水时,订立丧法,规定守丧哀伤时一定执持丧杖,父母丧亡一定要守丧三年。 |
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古文:故使死于陵者葬于陵,死于泽者葬于泽。桐棺三寸,制丧三日。 |
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现代文:像这样那么洪水之灾便救治不了,因此让死在陵的便葬在山陵,死在湖泽中的便葬在湖泽 小安葬时用桐木做成的棺材衹有三厚,守丧时间为三天。 |
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古文:然则圣人之于急病,必为权制也。 |
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现代文:那么圣人对于为解救紧急灾害,对丧制也一定给予权宜处理。 |
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古文:但汉文治致升平,四海宁晏,废礼开薄,非也。 |
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现代文:但是汉文帝时政治清明以致天一平,四海安宁,废止守丧三年的制度而开始实行简薄的丧制,实在是不对的。 |
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古文:宣帝地节四年,诏曰: 今百姓或遭衰绖凶灾,而吏徭事不得葬,伤孝子心。 |
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现代文:汉宣帝地节四年,皇帝诏令说: 现在老百姓遇到家中亲人丧亡而守丧时,因为要服官府的徭役而不能安葬亲人,伤害了孝子们孝顺的本心。 |
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古文:自今诸有大父母、父母丧者,勿徭事,使得收敛送终,尽其子道。 |
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现代文:从今以后,凡是有祖父母、父母丧亡的,可不服官府徭役,让他们能收殓亡亲安葬送终,以尽他们的孝道。 |
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古文:至成帝时,丞相翟方进事父母孝谨,母终,既葬,三十六日,除服视事。 |
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现代文:到汉成帝时,丞相翟方进侍奉父母很孝敬,母亲丧亡时,葬事完毕之后,过了三十六日,他便除丧服,到职处理政务。 |
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古文:自以为身备汉相,不敢逾国家典章。 |
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现代文:他认为身列汉朝丞相的职位,不敢违背国家的典章。 |
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古文:然而原涉行父丧三年,显名天下。 |
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现代文:然而原涉办理自己父亲的丧事,却照样守丧三年,结果扬名天下。 |
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古文:河间惠王行母丧三年,诏书褒称,以为宗室仪表。 |
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现代文:河问惠王为母亲守丧三年,皇帝下诏予以称赞,以为是宗室的楷模。 |
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古文:薛修服母丧三年,而兄宣曰: 人少能行之。 |
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现代文:薛脩为母亲守丧三年,他的兄长薛宣却说: 人们很少能够这样实行的。 |
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古文:遂兄弟不同,宣卒以此获讥于世。 |
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现代文:于是兄弟之间便完全不同,当薛宣死去之后,他为此而被世上的人所讥刺。 |
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古文:是则丧礼见贵常存矣。 |
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现代文:这些都说明丧礼是被看重而长存的。 |
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古文:至汉平帝崩,王莽欲眩惑天下,示忠孝,使六百石以上皆服丧三年。 |
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现代文:当汉平帝逝世时,王莽想迷惑天下人并显示自己的忠孝,他让俸禄六百石以上的官员都为平帝守丧三年。 |
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古文:及莽母死,但服天子吊诸侯之服,一吊再会而已。 |
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现代文:到了王莽自己的母亲死去时,他衹穿上天子吊祭诸侯时穿的那种祭服,衹是在举行一次吊祭之后再举行一次吊祭而已。 |
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古文:而令子新都侯宇服丧三年。及元后崩,莽乃自服三年之礼。 |
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现代文:他让自己的儿子新都侯王宇守丧三年,到了元后逝世时,王莽便亲自奉行守丧三年的礼制。 |
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古文:事皆奸妄,天下疾之。 |
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现代文:他这些做法都是奸邪妄诞,天下人都痛恨他。 |
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古文:汉安帝初,长吏多避事弃官。乃令自非父母服,不得去职。 |
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现代文:汉安帝初年,官府长吏们大多逃避职事抛弃官职,于是下令说,如果不是为父母守丧,不准离职。 |
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古文:是后吏又守职居官,不行三年丧服。 |
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现代文:从此之后官吏又都坚守官位和职事,不实行三年守丧的制度。 |
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古文:其后又开长吏以下告宁,言事者或以为刺史二千石宜同此制,帝从之。 |
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现代文:后来又开始实行准许长吏以下的官员告假回家守丧的制度,主管议论的官员又认为州刺史俸禄二千石的官员应该同样实行这一制度,皇帝同意他们的意见。 |
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古文:建元元年,尚书孟布奏宜复如建武、永平故事,绝刺史二千石告宁及父母丧服,又从之。 |
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现代文:建光元年,尚书孟布上奏认为应该恢复建武年间和永平年间的旧制,禁止刺史俸禄二千石的官员告假回家守丧,及禁止为父母守丧三年,皇帝又同意孟布的这一奏请。 |
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古文:至桓帝永兴二年,复令刺史二千石行三年服。 |
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现代文:到了桓帝永兴二年,又命令刺史俸禄二干石的官员为父母守丧三年。 |
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古文:永寿二年,又使中常侍以下行三年服。 |
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现代文:永寿二年,又命令中常侍以下的官员奉行守丧三年的丧礼。 |
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古文:至延熹元年,又皆绝之。 |
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现代文:到了延熹元年,又都停止实行。 |
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古文:后汉世,诸帝不豫,并告泰山、弘农、庐江、常山、颍川、南阳、河东、东郡、广陵太守祷祠五岳四渎,遣司徒分诣郊庙社稷。 |
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现代文:登谨时期,皇帝生病时,都通告泰山、弘农、庐逗、鲎山、题川、直屋、苎速、翅;尘堕等各郡的太守,祭祀泰山、恒山、华山、嵩山、组山及童回、旦些、渔回、坛丞等名山大川,派遣司徒官分别祭祀社稷和宗庙。 |
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古文:魏武临终遗令曰: 天下尚未安定,未得遵古。 |
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现代文:曹魏武帝临终时的遣令说: 天下还没有安定,不能够遵照古代的礼制行事。 |
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古文:百官临殿中者,十五举音。 |
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现代文:官员们到殿中举行丧祭的,十五次举哀。 |
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古文:葬毕,便除服。 |
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现代文:安葬完毕后便除去丧服。 |
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古文:其将兵屯戍者,不得离部。 |
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现代文:凡是率领军队在外地屯驻戍守的,不得离开部伍。 |
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古文:帝以正月庚子崩,辛丑即殡。 |
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现代文:曹魏武帝在正月庚子日逝世,辛丑日便已入殓停柩。 |
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古文:是月丁卯葬,葬毕反吉,是为不逾月也。 |
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现代文:这个月的丁卯曰便安葬,葬事完毕后即举行吉祭,这样丧葬大礼就没有超过一个月。 |
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古文:诸葛亮受刘备遗诏,既崩,群臣发丧,满三日除服,到葬复如礼。 |
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现代文:诸葛亮接受型备的遣诏,当刘备逝世之后,官员们便举办丧事,满三日便除去丧服,到安葬时又依循丧葬的礼仪。 |
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古文:其郡国太守、相、尉、县令长三日便除服。 |
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现代文:凡是各郡国的太守、相、尉及各县的令长,三日便除去丧服。 |
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古文:此则魏、蜀丧制,又并异于汉也。 |
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现代文:造就是曹魏、里连的丧制,又都与汉朝时不同。 |
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古文:孙权令诸居任遭三年之丧,皆须交代乃去,然多犯者。 |
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现代文:孙权命令任职的各官员,遇有父母丧亡要守丧三年时,都应该把职事交代完毕才能离开,然而官员们违犯这一规定的很多。 |
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古文:嘉禾六年,使群臣议立制,胡综以为宜定大辟之科。 |
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现代文:蛊丞六年,逐护让臣子们订立制度,查噬认为应该订立死刑的条款。 |
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古文:又使代未至,不得告,告者抵罪。 |
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现代文:又规定接替的官员还没有来到时,不能够告假奔丧,告假奔丧的应判相应的刑罚。 |
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古文:顾雍等同综议,从之。 |
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现代文:题壅等人与胡综议论相同。 |
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古文:其后吴令孟仁闻丧辄去,陆逊陈其素行,得减死一等,自此遂绝。 |
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现代文:彊权同意了他们的议论。后来吴县的县令盂仁听到家中有丧事便擅离职守,陆逊陈奏了孟仁清正纯洁的品行,孟仁才被减刑一级免判死刑,从此之后就没有发生这种情况了。 |
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古文:晋宣帝崩,文、景并从权制。 |
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现代文:晋宣帝逝世后,置曲的塞直及基查都依从权宜的办法办理丧事。 |
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古文:及文帝崩,国内行服三日。 |
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现代文:当晋朝文帝逝世时,国内守丧三日。 |
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古文:武帝亦遵汉、魏之典,既葬除丧,然犹深衣素冠,降席撤膳。 |
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现代文:晋武帝也遵循汉朝及曹魏的典制,安葬完毕之后,他便除去丧服,却还穿深衣戴白色的帽子,并撤除宴席减省膳食。 |
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古文:太宰司马孚、太傅郑冲、太保王祥、太尉何曾、司徒领中领军司马望、司空荀顗、车骑将军贾充、尚书令裴秀、尚书仆射武陔、都护大将军郭建、侍中郭绥、中书监荀勖、中军将军羊祜等奏曰: 臣闻礼典轨度,丰杀随时,虞、夏、商、周,咸不相袭,盖有由也。 |
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现代文:太宰司马孚、太傅塑过、太保王搓、太尉虹曾、司徒领中领军司马望、司空苞题、车骑将军贾左、尚书令裴秀、尚书仆射逮珐、都护大将军郭建、侍中郭绥、中书监苞昼、中军将军姜拈等人上奏说: 我们听说礼制仪法,随时代而有所增减变化,虞舜、夏禹、亘住、厘朝各个时期,都不相沿袭,这是有因由的。 |
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古文:大晋绍承汉、魏,有革有因,期于足以兴化致治而已。 |
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现代文:我们置曲承续龃和苴魏,礼制既有改革也有因袭,衹是希望足以兴教化致太平而已。 |
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古文:故未皆得返情太素,同规上古也。 |
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现代文:所以没有全都顾念质朴的古代,一切都效法上古的制度。 |
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古文:陛下既已俯遵汉、魏降丧之典,以济时务;而躬蹈大孝,情过乎哀,素冠深衣,降席撤膳。 |
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现代文:陛下你既已遵循汉朝及曹魏简省丧礼的典制,以此来匡济时事政务;然而你又亲自履行大孝,神情过于哀痛,穿深衣戴白冠,撤除宴席减省膳食。 |
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古文:虽武丁行之于殷世,曾闵履之于布衣,未足以喻。 |
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现代文:即使是武丁在殷商时亲自履行孝道,曾参和闵于骞作为平民履行大孝,也不能与陛下相比。 |
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古文:方今荆蛮未夷,庶政未乂,万机事殷,动劳神虑。 |
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现代文:当今荆蛮还没有平定,政务还没有治理好,国事纷繁,动辄使陛下劳神费心。 |
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古文:岂遑全遂圣旨,以从至情。加岁时变易,期运忽过,山陵弥远,攀慕永绝。 |
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现代文:怎能有时问完全实现陛下亲行大孝的意旨,以顺适你至孝的诚心加之岁月的变迁,时机的消逝,先帝逝去的日子愈来愈远,哀悼思慕先帝的伤痛慢慢断绝。 |
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古文:臣等以为陛下宜回虑割情,以康时济治。 |
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现代文:我们认为陛下应该回转哀思割断私情,以匡助时事治理政务。 |
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古文:辄敕御府易服,内省改坐,太官复膳。 |
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现代文:我们认为应该当即命令御府改换冠服,宫廷更改座席,太官恢复供给原来的膳食。 |
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古文:诸所施行,皆如旧制。 诏曰: 每感念幽冥,而不得终苴绖于草土,以存此痛,况当食稻衣锦,诚佹然激切其心,非所以相解也。 |
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现代文:凡是应做的事务,都依循旧有的制度 晋武帝下诏令说: 每当感怀已故去的人,而自己不能竭尽哀思服绖守丧,而留存这悲痛的心,况且当吃着精细的粮食穿着华丽的衣服,实在是反而使内心更哀伤激切,这不是用以宽解的理由。 |
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古文:吾本诸生家,传礼来久,何心一旦便易此情于所天。 |
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现代文:我本来出自儒生的家庭,承传礼教已很长久,怎么能一下子便对自己的亡父改变哀思之情。 |
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古文:相从已多,可试省孔子答宰我之言,无事纷纭也。 |
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现代文:相随已经很久了,可查考孔子回答宰我关于守丧三年的那些话,我们不必要纷争不已了。 |
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古文:言及悲剥,奈何奈何! |
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现代文:我已经很悲伤了,怎么办啊怎么办! |
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古文:孚等重奏: 伏读明诏,感以悲怀。 |
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现代文:司马孚等人再一次上奏说: 我们恭敬地读了圣明的诏书,为悲伤之情所感动。 |
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古文:辄思仲尼所以抑宰我之问,圣思所以不能已已,甚深甚笃。 |
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现代文:想到孔子用来贬斥宰我提问的话,致使陛下思想一不能平静,十分深切十分哀伤。 |
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古文:然今者干戈未戢,武事未偃,万机至重,天下至众。 |
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现代文:然而现在战争还没有结束,武事还没有停止,国家的政务最为重要,天下的民众最多。 |
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古文:陛下以万乘之尊,履布衣之礼,服粗席藁,水饮疏食,殷忧内盈,毁悴外表,而躬勤万机,坐而待旦,降心接下,仄不遑食,所以劳力者如斯之甚。 |
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现代文:皇帝陛下身为一国至高无上的君主,亲自履行平民百姓的礼仪,穿辕麻寝草席,饮白水吃蔬食,心中充满忧伤,身体因守丧而憔悴,而又亲自勤劳政务,守坐到天明,又虚心接待臣下,惶恐不安顾不上吃饭,劳累的事情如此之多。 |
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古文:是以臣等悚息不宁,诚惧神气用损,以疚大事。辄敕有司改坐复常,率由旧典。 |
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现代文:因此我们惶恐不安,实在害怕陛下精力受到损伤,以致损害丁国家的政务大事,便命令主事官员更改座席恢复平常的设置,一切依循旧的典制。 |
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古文:惟陛下察纳愚款,以慰皇太后之心。 又诏曰: 重览奏议,益以悲剥,不能自胜,奈何奈何!三年之丧,自古达礼,诚圣人称心立哀,明恕而行也。 |
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现代文:希望陛下谅察接受我们卑愚的诚心,用以安慰皇太后爱子之心,晋迭童又下诏令说: 再次阅看了臣子们的奏议,心裹更是悲伤,不能自制,怎么办啊怎么办守丧三年,是自古以来通行的礼制,实在是圣人顺随孝心表达哀伤,明信宽厚而实行的。 |
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古文:神灵日远,无所告诉;虽薄于情,食旨服美,朕更所不堪也。 |
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现代文:神灵逝去越来越远,不可能告知。即使对逝去的人薄情,而食甘旨穿美服,那是我更不能承受的。 |
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古文:不宜反覆,重伤其心,言用断绝,奈何奈何! |
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现代文:不应该反复纷纭劝说,大大伤害我的本心,我已极度的悲哀,怎么办啊怎么办! |
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古文:帝遂以此礼终三年。 |
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现代文:晋武帝便依据礼制守丧三年。 |
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古文:后居太后之丧,亦如之。 |
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现代文:后来给太后守丧,也是像这样守丧三年。 |
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古文:泰始二年八月,诏书曰: 此上旬,先帝弃天下日也,便以周年。 |
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现代文:泰始:年八月,皇帝的诏书说: 这个月的上旬,是先帝离开人间的子。现在已是一周年了。 |
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古文:吾茕茕,常复何时壹得叙人子情邪? |
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现代文:我孤零悲哀,何时能够抒发人子之情怀呢? |
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古文:思慕烦毒,欲诣陵瞻侍,以尽哀愤。 |
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现代文:哀悼思慕,心中烦扰不安,我想前往先帝的陵墓瞻仰侍奉,以完全表达我的哀思和愤懑。 |
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古文:主者具行备。 |
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现代文:主事官员要做好出行的准备。 |
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古文:太宰司马孚、尚书令裴秀、尚书仆射武陔等奏: 陛下至孝蒸蒸,哀思罔极。衰麻虽除,毁顇过礼,疏食粗服,有损神和。 |
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现代文:太宰司马孚、尚书令裴昼、尚书仆射尽随等人上奏说: 陛下最为孝顺,对先帝无限哀悼,虽然除去了衰麻丧服,而哀伤憔悴超过了礼度,吃蔬食穿粗服,有损于精神和畅。 |
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古文:今虽秋节,尚有余暑,谒见山陵,悲感摧伤,群下窃用悚息。 |
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现代文:现在虽是中秋时节,但还有暑热,前去拜谒陵墓,悲哀感怀极度伤心,臣子们私下因此而惶恐不安。 |
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古文:平议以为宜惟远体,降抑圣情,以慰万国。 |
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现代文:我们议论后认为应该思量长远,减抑陛下哀伤的心情,以告慰天下人民。 |
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古文:诏曰: 孤茕忽尔,日月已周,痛慕摧感,永无逮及。 |
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现代文:皇帝又下诏书说: 我丧父孤零以来,转眼已经周年,痛心思慕先帝,伤感至极,永无止境。 |
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古文:欲奉瞻山陵,以叙哀偾。 |
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现代文:我想瞻仰陵墓,以抒发我的哀伤和愤懑。 |
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古文:体气自佳,其又已凉,便当行,不得如所奏也。 |
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现代文:我的身体和精力都好,况且天气已经凉爽,现在就应该出行,不能够像你们上奏的那样。 |
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古文:主者便具行备。 |
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现代文:主事官员要立即做好出行的准备。 |
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古文:又诏曰: 昔者哀适三十日,便为梓宫所弃,遂离衰绖,感痛岂可胜言! |
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现代文:皇帝接着又下诏书说: 去年守丧三十,就与先帝的灵柩告别,便脱去了丧服,内心的伤感哀痛哪能用言辞表述呢? |
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古文:顾汉文不使天下尽哀,亦先帝至谦之志,是以自割,不以副诸君子。 |
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现代文:但汉文帝不让天下人尽哀守丧,这也是先帝极为谦抑的心志,因此自行减降丧礼,不使丧礼与君子们竭尽哀伤的心愿相符合。 |
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古文:有三年之爱,而身礼廓然,当见山陵,何心而无服,其以衰绖行。 |
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现代文:我有先帝三年襁褓的疼爱,而我现在行哀悼的礼仪,将要拜谒先帝的陵墓,怎么可以没有丧服呢,一定要备衰绖丧服出行。 |
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古文:孚等重奏: 臣闻上古丧期无数,后世乃有年月之渐。 |
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现代文:司马垩等人又上奏说: 我们听说上古时期守丧没有一定的期限,后世才逐渐有守丧年月的规定。 |
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古文:汉文帝随时之义,制为短丧,传之于后。 |
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现代文:汉塞壶随时机变通丧制的法度,命令守丧期要短,并把这规定传给子孙。 |
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古文:陛下以社稷宗庙之重,万方亿兆之故,既从权制,释降衰麻;群臣庶僚吉服。 |
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现代文:陛下以国家及皇家宗庙为重,为了天下百姓的缘故,既已依循权宜的丧礼,除去了衰麻丧服。群臣百官也穿上吉祭的服装。 |
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古文:今者谒陵,以叙哀慕,若加衰绖,近臣期服,当复受制进退无当,不敢奉诏。 |
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现代文:现在陛下拜谒先帝陵墓,以抒发哀伤思慕的诚心,如果穿上衰绖丧服,而亲近的臣属就要穿守丧一年的期服,将又要奉行丧事礼制。陛下这一处置安排不当,臣下不敢遵奉陛下的韶令。 |
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古文:诏曰: 亦知不在此麻布耳。 |
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现代文:皇帝下诏令说: 我也知道不在乎穿这麻布丧服。 |
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古文:然人子情思,为欲令哀丧之物在身,盖近情也。 |
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现代文:然而作为人子的哀思之情,我是想让表示哀丧的衣服穿在身上,这也是近乎情理的。 |
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古文:群臣自当案旧制。 |
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现代文:群臣百宫自然应当遵循旧时的制度。 |
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古文:期服之义,非先帝意也。 |
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现代文:群臣百官用期服,不是先帝的本意。 |
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古文:孚等又奏: 臣闻圣人制作,必从时宜。 |
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现代文:司马孚等人又上奏说: 我们听说圣人建立制度,一定要根据当时的需要。 |
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古文:故五帝殊乐,三王异礼。 |
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现代文:所以五帝的乐制各不相同,夏、商、周三王的礼制也各不相同。 |
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古文:此古今所以不同,质文所以迭用也。 |
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现代文:这是古今礼制不同,质朴与繁缚相交替实行的道理。 |
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古文:陛下随时之宜,既降心克己,俯就权制;既除衰麻,而行心丧之礼。 |
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现代文:陛下依循时事的所宜,既已虚心克己,实行权宜的丧制,既除去了衰麻丧服,而实行心中致哀的礼节。 |
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古文:今复制服,义无所依。 |
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现代文:现在又想穿上丧服,从道理上说没有依据。 |
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古文:若君服而臣不服,虽先帝厚恩,亦未之敢安也。 |
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现代文:如果皇卜穿上丧服而臣下不穿丧服,即使是先帝赐给臣下的宽厚恩典,臣下也不敢奉行。 |
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古文:参量平议,宜如前奏。 |
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现代文:我们考量商议,应该维持上次进奏的意见。 |
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古文:臣等敢固以请。 |
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现代文:我们冒昧地坚持奏请。 |
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古文:诏曰: 患情不能企及耳,衣服何在? |
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现代文:皇帝下诏书说: 我衹是怕哀伤思慕的诚意不能达到而已,丧服在哪裹呢。 |
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古文:诸君勤勤之至,岂苟相违! |
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现代文:各位至诚恳切,我怎能任意违背呢。 |
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古文:泰始四年,皇太后崩。 |
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现代文:童盘四年,皇太后逝世。 |
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古文:有司奏: 前代故事,倚庐中施白缣帐蓐,素床,以布巾裹草。 |
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现代文:主事官员上奏说: 按照前代的先例,皇帝守丧时居住的倚庐中,设置白绢帐和褥,用白色的床,用布巾包裹蒯草。 |
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古文:轺辇板舆细犊车皆施缣里。 |
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现代文:乘用的韶辇轻车、板舆、小牛车裹面都铺上绢。 |
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古文:诏不听,但令以布衣车而已。 |
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现代文:皇帝下诏不予同意,衹命令用布装饰车子而已。 |
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古文:其余居丧之制,一如礼文。 |
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现代文:守丧的其他制度,一概按照礼文的规定执行。 |
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古文:有司又奏: 大行皇太后当以四月二十五日安厝。 |
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现代文:主事官员又上奏说: 已故皇太后当在四月二十五日安葬。 |
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古文:故事,虞著衰服,既虞而除。 |
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现代文:按照先例,安葬后举行虞祭时穿衰麻丧服,虞祭完毕便除去丧服。 |
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古文:其内外官僚,皆就朝晡临位。 |
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现代文:凡是宫廷内外的官员,都在早晚时就位致礼。 |
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古文:御除服讫,各还所次除衰服。 |
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现代文:当皇帝除去丧服后,官员们各自返回任所除去丧服。 |
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古文:诏曰: 夫三年之丧,天下之达礼也。 |
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现代文:皇帝命令说: 守丧三年的礼制,是天下通行的礼制。 |
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古文:受终身之爱,而无数年之报,奈何葬而便即吉,情所不忍也。 |
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现代文:受到了父母终身的爱,而父母死后没有守丧几年的回报,为什么在安葬后便行吉礼呢,这是人情所不能忍受的。 |
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古文:有司又奏: 世有险易,道有洿隆,所遇之时异。诚有由然,非忽礼也。 |
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现代文:主事官员又上奏说: 世道有治乱,有兴衰,所遭遇的时际不同,实在是有缘由的,并不是因为忽视礼制。 |
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古文:方今戎马未散,王事至殷,更须听断,以熙庶绩。 |
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现代文:当今战争还没有停止,王朝大事还很繁多,更需要皇上听取和决断,以使百业兴盛。 |
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古文:昔周康王始登翌室,犹戴冕临朝。 |
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现代文:古代周康王守丧时开始登上正殿旁的翼室,还是戴上冕冠治理朝政。 |
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古文:降于汉、魏,既葬除释,谅暗之礼,自远代而废矣。 |
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现代文:后来到了汉朝及曹魏时期,丧事在安葬完毕之后,便除去丧服,可见居凶庐守丧三年不治理朝政的礼制,从很久远的时代便已废止了。 |
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古文:唯陛下割高宗之制,从当时之宜。 |
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现代文:希望陛下去除殷高宗居凶庐守丧三年不问政务的制度,依从当今时代的所宜。 |
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古文:敢固以请。 |
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现代文:我们冒昧地再次请求。 |
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古文:诏曰: 揽省奏事,益增感剥。 |
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现代文:皇帝下诏书说: 审察了你们的奏书,更增加了我的伤感。 |
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古文:夫三年之丧,所以尽情致礼。葬已便除,所不堪也。 |
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现代文:为父母守丧三年的制度,是用来尽人子之情致哀悼之礼,安葬完毕便除去丧服,是我所不能接受的。 |
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古文:当叙吾哀怀,言用断绝,奈何奈何! |
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现代文:应当抒发我的哀伤心怀,我因此而极度哀伤,怎么办啊怎么办! |
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古文:有司又固请。 |
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现代文:主事官员又上奏坚决请求。 |
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古文:诏曰: 不能笃孝,勿以毁伤为忧也。 |
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现代文:皇帝下诏书说: 我不能做到十分的孝顺,不要为我的哀伤憔悴而担心。 |
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古文:诚知衣服末事耳。 |
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现代文:我确实知道穿丧服是件小事而已。 |
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古文:然今思存草土,率常以吉夺之,乃所以重伤至心,非见念也。 |
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现代文:然而我现在心在守丧,却常常用吉祥之物来迫使我改变哀伤的心,因此更加伤害了我的至孝诚心,而不是顾念我。 |
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古文:每代礼典质文皆不同,此身何为限以近制,使达丧阙然乎! |
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现代文:每一个时代礼制或质朴或繁缛各不相同,而我为什么要被局限于近代的礼制,致使守丧三年的通行丧制废止呢。 |
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古文:群臣又固请,帝流涕久之,乃许。 |
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现代文:群臣百官又坚持奏请,皇帝流泪许久之后才同意。 |
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古文:文帝崇阳陵先开一日,遣侍臣侍梓宫,又遣将军校尉当直尉中监各一人,将殿中将军以下及先帝时左右常给使诣陵宿卫。 |
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现代文:文帝的崇阳陵墓室开启前一天,皇帝派遣侍臣奉侍塞童的棺木,又派遣了将军、校尉、当直尉、中监各一人,率领殿中将军以下的官员,以及塞童在世时身边经常供奉使唤的人,到陵墓值宿守卫。 |
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古文:文明皇后崩及武元杨后崩,天下将吏发哀三日止。 |
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现代文:文明皇后逝世及武元杨后逝世,天下的将领官吏致哀三日而止。 |
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古文:泰始元年,诏诸将吏二千石以下遭三年丧,听归终宁,庶人复除徭役。 |
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现代文:泰始元年,皇帝命令将领官吏俸禄二千石以下的官员,遇有父母的丧事时,准许告假回家守丧三年,庶民百姓免除徭役。 |
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古文:太康七年,大鸿胪郑默母丧,既葬,当依旧摄职,固陈不起。 |
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现代文:太康七年,大鸿胪奠眯的母亲去世,安葬完毕后,塑麸应当依照旧例回到任上治理职事,但他一再陈请不出任官职。 |
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古文:于是始制大臣得终丧三年。 |
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现代文:于是皇帝才命令大臣应该守父母丧三年。 |
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古文:然元康中,陈准、傅咸之徒,犹以权夺,不得终礼。 |
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现代文:然而元康年间,陈准、傅咸等人,仍然因为朝廷强令出任官职,没能守满三年之丧。 |
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古文:自兹至今,往往以为成比也。 |
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现代文:从这事之后直到现在,便常常以此作为成例。 |
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古文:晋文帝之崩也,羊祜谓傅玄曰: 三年之丧,自天子达;汉文除之,毁礼伤义。 |
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现代文:晋文帝逝世时,差毡对值玄说: 守丧三年的制度,是从天子以下共同遵行的丧制。 |
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古文:今上有曾、闵之性,实行丧礼。 |
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现代文:汉文帝废除了守丧三年的制度,损害了礼义。现在的皇上有曾参、闵子骞的纯孝品性,实行丧礼。 |
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古文:丧礼实行,何为除服。 |
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现代文:丧礼既已实行,为什么要除掉丧服呢。 |
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古文:若因此守先王之法,不亦善乎? |
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现代文:如果皇上因此而遵守先王的礼法,不也是很好吗? |
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古文:玄曰; 汉文以末世浅薄,不能复行国君之丧,故因而除之。 |
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现代文:傅玄说: 汉文帝以为后世的礼俗已经轻薄,不能再实行先古时代国君居凶庐守丧的制度,所以便废除了守丧三年之制。 |
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古文:数百年一旦复古,恐难行也。 |
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现代文:这已经过几百年,一日之间义恢复古代丧制,恐怕难于实行。 |
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古文:祜曰: 且使主上遂服,犹为善乎? |
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现代文:羊祜说: 假使皇上依循礼制服丧期满,还更好吧。 |
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古文:玄曰: 若上不除而臣下除,此为但有父子,无复君臣,三纲之道亏矣。 |
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现代文:傅玄说: 如果皇上不除丧服而臣下除去丧服,造就是衹有父子之情,不存在君臣之义了,父子、君臣、夫妇之间三纲的道德便亏缺了。 |
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古文:习凿齿曰: 傅玄知无君臣之伤教,而不知兼无父子为重,岂不蔽哉! |
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现代文:习凿齿说: 傅玄知道没有君臣之义的伤害教化,而不知道涉及无父子之情更为重大,这难道不是糊涂吗。 |
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古文:且汉废君臣之丧,不降父子之服,故四海黎庶,莫不尽情于其亲。 |
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现代文:况且汉朝废除了君臣之间的丧制,而不降低父子之间的丧服制度,所以四海之内的黎民百姓,无不为其亲人尽情服丧。 |
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古文:三纲之道,二服恆用于私室,而王者独尽废之,岂所以孝治天下乎? |
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现代文:三纲的道德,其中两种丧服常常用在私人家室,而做帝王的人却自己全都把它废弃了,难道这是用孝来治理天下吗? |
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古文:《诗》云 猷之未远 ,其傅玄之谓也。 |
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现代文:《诗经》裹说 谋划没有远见 ,这大概说的就是傅玄吧。 |
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古文:泰始十年,武元杨皇后崩。 |
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现代文:泰始十年,置亘逊的杨皇后逝世。 |
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古文:博士张靖议: 太子宜依汉文权制,割情除服。 |
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现代文:博士张靖议论说: 太子应当依循汉文帝的权宜丧制,割舍私情而除去丧服。 |
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古文:博士陈逵议: 太子宜令服重。 |
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现代文:博士陈逵议论说: 太子应该实行重丧服。 |
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古文:尚书仆射卢钦、尚书魏舒、杜预奏: 谅暗之制,乃因自古。 |
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现代文:尚书仆射卢钦、尚书魏舒、杜预上奏说: 居凶庐守丧的制度,是起自古代。 |
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古文:是以高宗无服丧之文,唯称不言而已。 |
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现代文:因此壁壶塞没有关于守丧的话,而衹是说三年不言语而已。 |
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古文:汉文限三十六日,魏氏以既虞为断。 |
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现代文:汉文帝限定守丧三十六日,曹魏以举行虞祭完毕为守丧期的断限。 |
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古文:皇太子与国为体,理宜释服。 |
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现代文:皇太子同国家为一体,理当脱除丧服。 |
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古文:博士段暢承述预旨,推引《礼》传以成其说。 |
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现代文:博士段畅接受并申述了杜莲的意旨,援引《礼记》的有关解说,而使杜预的论说完备。 |
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古文:既卒哭,太子及三夫人以下皆随御除服。 |
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现代文:卒哭的祭礼完毕之后,太子和三位夫人以下的人都依随皇上而除去丧服。 |
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古文:自汉文用权礼,无复□禁,历代遵用之。 |
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现代文:自从汉文帝实行权宜的丧礼,再没有设禁,各朝代都遵循实行这权宜的丧制。 |
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古文:至晋孝武崩,太傅录尚书会稽王道子议: 山陵之后通婚嫁,不得作乐,以一期为限。 |
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现代文:到晋孝武帝逝世时,太傅录尚书会擅王司马道子议论说: 孝亘瞳丧葬完毕之后,民间可以通婚嫁娶,但不准奏乐,这以一周年为限期。 |
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古文:宋高祖崩,葬毕,吏民至于宫掖,悉通乐,唯殿内禁。 |
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现代文:到刘宋高祖逝世时,安葬完毕后,从官吏平民直至皇宫裹面,全都准许演奏音乐,衹有殿廷内禁止奏乐。 |
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古文:宋武帝永初元年,黄门侍郎王准之议: 郑玄丧制二十七月而终,学者多云得礼。 |
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现代文:宋武帝永初元年,黄门侍郎王准之议论说: 郑玄认定的丧制是守丧二十七个月而终结,学者们大多说这合乎礼制。 |
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古文:晋初用王肃议,祥禫共月,遂以为制。 |
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现代文:晋朝初期用了王肃的建议,祥祭和掸祭同在一个月内举行,这便成了制度。 |
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古文:江左以来,唯晋朝施用;搢绅之士,犹多遵玄议。 |
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现代文:东晋以后,祇有晋朝施行过,儒学之士,大多仍然遵循翅玄的议论。 |
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古文:宜使朝野一体。 |
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现代文:现在应该让朝野共同遵循。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下诏令同意施行。 |
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古文:晋惠帝永康元年,愍怀太子薨,帝依礼服长子三年,群臣服齐衰期。 |
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现代文:晋惠帝永康元年,愍怀太子逝世,惠帝依照丧礼给长子服丧三年,臣子们为太子服丧为齐衰一年。 |
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古文:晋孝武太元二十一年,孝武帝崩,李太后制三年之制。 |
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现代文:晋孝武帝主五二十一年,茎茎童逝世,奎太后依丧制行服丧三年的丧礼。 |
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古文:宋武帝永初三年,武帝崩,萧太后制三年之服。 |
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现代文:宋武帝永初三年,宋武帝逝世,萧太后依丧制行服丧三年的丧礼。 |
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古文:晋惠帝太安元年三月,皇太孙尚薨。 |
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现代文:晋惠帝左塞元年三月,皇太孙司马尚逝世。 |
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古文:有司奏: 御服齐衰期。 |
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现代文:主事官员上奏说: 皇上服齐衰一年。 |
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古文:诏通议。 |
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现代文:皇帝命令大臣们共同商议。 |
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古文:散骑常侍谢衡以为诸侯之太子,誓与未誓,尊卑体殊,《丧服》云,为嫡子长殇,谓未誓也;已誓则不殇也。 |
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现代文:散骑常侍谢衡认为诸侯的太子,已经命誓同未经命誓,他们的尊卑身份就不相同,《丧服》裹面说,为嫡子的长殇。这是说嫡子未经命誓。已经命誓的就不能称殇。 |
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古文:中书令卞粹曰: 太子始生,故已尊重,不待命誓。 |
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现代文:中书令工控说: 太子一生下来,本来身份就已尊贵,不须等待到命誓。 |
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古文:若衡议已誓不殇,则元服之子,当斩衰三年;未誓而殇,则虽十九,当大功九月。 |
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现代文:如果像谢衡议论所说已经命誓就不称为殇,那么已举行冠礼的儿子,他死后就应当服斩衰三年了;未经命誓而殇亡,即使已到了十九岁,衹当服大功之丧九个月。 |
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古文:誓与未誓,其为升降也微;斩与大功,其为轻重也远。 |
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现代文:已经命誓与未经命誓,他们在丧服时间的长短升降相差微小;而斩衰与大功丧服,它们相比较轻重差得很远。 |
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古文:而今注云,诸侯不降嫡殇,重嫌于无,以大功为重嫡之服。 |
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现代文:而现在的丧礼注说,诸侯对嫡子之殇不降减丧服,又嫌于没有丧服,便以大功为嫡孙的丧服。 |
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古文:大功为重嫡之服,则虽誓,无复有三年之理明矣。 |
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现代文:大功已为嫡孙的丧服,那么即使已经命誓,再没有服丧三年的道理就很明显了。 |
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古文:男能奉卫社稷,女能奉妇道,各以可成之年,而有已成之事,故可无殇,非孩龀之谓也。 |
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现代文:男子能够护卫国家,女子能够遵循妇道,各自在成年之时,而有事业的成就,所以可称无殇,即不是说孩童的意思。 |
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古文:谓殇后者,尊之如父,犹无所加,而止殇服。 |
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现代文:对殇亡了后嗣的人来说,就是像父亲那样的尊亲,还是不能给殇亡的人加丧服,而衹是行殇服。 |
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古文:况以天子之尊,为无服之殇,行成人之制邪! |
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现代文:更何况要以天子尊高的地位,给不满八岁而夭折的人,去行成人的丧服呢。 |
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古文:凡诸宜重之殇,皆士大夫不加服,而令至尊独居其重,未之前闻也。 |
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现代文:凡是一切应该加重的殇服,士大夫都不增加丧服,而却要让天子独自为他重服,这是前所未闻的啊。 |
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古文:博士蔡克同粹。 |
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现代文:博士蔡克与卞粹的议论相同。 |
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古文:秘书监挚虞议: 太子初生,举以成人之礼,则殇理除矣。 |
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现代文:秘书监挚虞议论说: 太子刚出生,便行成人的丧礼,那么殇服的名分便被摒除了。 |
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古文:太孙亦体君重,由位成而服全,非以年也。 |
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现代文:皇太孙是皇家继统的嫡孙,因为他地位已定殇服已成,不是依据年龄而论。 |
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古文:天子无服殇之仪,绝期故也。 |
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现代文:天子没有服殇的仪制,是因为天子绝除了服期丧一年的缘故。 |
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古文:于是御史以上皆服齐衰。 |
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现代文:于是御史以上的官员都服齐衰一年。 |
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古文:晋康帝建元元年正月晦,成恭杜皇后周忌。 |
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现代文:晋康帝建元元年正月的晦曰,是成帝的杜皇后的周年忌日。 |
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古文:有司奏; 至尊期年应改服。 |
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现代文:主事官员上奏说; 皇上服丧一年之后应该改换衣服。 |
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古文:诏曰: 君亲,名教之重也。 |
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现代文:皇帝下韶令说: 君主之亲,是名分礼教的紧要事。 |
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古文:权制出于近代耳。 |
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现代文:权宜的丧礼制度衹是近代才出现的罢了。 |
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古文:于是素服如旧,非汉、魏之典。 |
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现代文:于是康帝依旧穿着丧服。这不是汉朝及曹魏时期的礼制。 |
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古文:晋孝武太元九年,崇德太后褚氏崩。 |
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现代文:晋耋武帝太元九年,崇德太后褚氏逝世。 |
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古文:后于帝为从嫂,或疑其服。 |
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现代文:太后对于武帝来说是堂兄的妻子,有人对武帝怎样服丧有疑问。 |
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古文:太学博士徐藻议: 资父事君而敬同。 |
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现代文:太学博士徐藻议论说: 奉养父亲事奉君王的礼敬是相同的。 |
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古文:又《礼》传,其夫属乎父道者,妻皆母道也。 |
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现代文:又《礼记》的注解裹说:凡是那丈夫是属于父辈的,那妻子就都是属于母辈。 |
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古文:则夫属君道,妻亦后道矣。 |
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现代文:那么丈夫是属于君主地位的,那妻子也就是皇后地位了。 |
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古文:服后宜以资母之义。 |
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现代文:给崇德太后服丧应该以自己所赡养母亲的名分。 |
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古文:鲁讥逆祀,以明尊尊。 |
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现代文:鲁国讥刺违反上下位次顺序的祭祀,以明示尊敬尊长的意思。 |
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古文:今上躬奉康、穆、哀皇及靖后之祀,致敬同于所天,岂可敬之以君道,而服废于本亲! |
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现代文:现在皇上亲自恭奉康帝、穆帝、哀皇帝及其靖皇后的祭祀。对他们的祭祀致敬如同自己的生身父母一样。 |
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古文:谓应服齐衰期。 于是帝制期服。 |
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现代文:怎么可以以国君的名位去敬祭他们,而对生身父母废止了丧服呢。我认为皇上应该服齐衰丧一年。 |
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古文:晋安帝隆安四年,太皇太后李氏崩。 |
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现代文:于是孝武帝便服齐衰一年。晋安帝隆塞四年,太皇太后李氏逝世。 |
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古文:尚书祠部郎徐广议: 太皇太后名位允正,体同皇极,理制备尽,情礼弥申。 |
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现代文:尚书祠部郎途庐议论说: 太皇太后名号地位允当平正,身份应如同皇帝,这样事理法规全备,情理和礼制更能伸张。 |
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古文:《阳秋》之义,母以子贵。 |
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现代文:《春秋》裹的法则,是母亲因儿子的显贵而显贵。 |
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古文:既称夫人,礼服从正。 |
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现代文:既然称为夫人,那么丧服应当依从正礼。 |
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古文:故成风显夫人之号,昭公服三年之丧。 |
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现代文:所以成风显扬夫人的称号,而鲁塞公便为祖母盛凰服丧三年。 |
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古文:子于父之所生,体尊义重。 |
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现代文:儿子对父亲的亲生母亲,身尊恩重。 |
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古文:且礼祖不厌孙,宜遂服无屈。 |
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现代文:况且按礼制祖丧不压降孙辈的服丧,皇上应该按礼制服丧到期满为止。 |
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古文:而缘情立制,若嫌明文不存,则疑斯从重。 |
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现代文:然而制度因人情风俗而建立,如果嫌没有明文可据,那么就会怀疑这是依从了重丧服。 |
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古文:谓应同于为祖母后齐衰期。 |
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现代文:我认为应该与作为祖母后代服齐衰一年的人相同。 |
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古文:永安皇后无服,但一举哀。 |
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现代文:永安皇后没有丧服,衹举行一次哀悼。 |
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古文:百官亦一期。 |
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现代文:群臣百官也服丧一年。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:安帝下诏令同意徐广的议论。 |
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古文:宋文帝元嘉十七年七月壬子,元皇后崩。 |
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现代文:宋文帝元嘉十七年七月壬子曰,元皇后逝世。 |
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古文:兼司徒给事中刘温持节监丧。 |
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现代文:兼司徒给事中刘温持符节主持丧事。 |
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古文:神虎门设凶门柏历至西上皞,皇太子于东宫崇正殿及永福省并设庐。 |
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现代文:在神虎门设立凶门柏历直到西上合,皇太子在东宫崇正殿及永福省都设立了守丧的庐室。 |
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古文:诸皇子未有府第者,于西廨设庐。 |
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现代文:皇子们还没有得到府第宅舍的,便在西边的官舍裹设立庐室。 |
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古文:元嘉十七年,元皇后崩。 |
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现代文:元嘉十七年,元皇后逝世。 |
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古文:皇太子心丧三年。 |
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现代文:皇太子行心丧之礼哀悼三年。 |
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古文:礼心丧者,有禫无禫,礼无成文,世或两行。 |
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现代文:凡是实行不穿丧服的心丧之礼,或有禅祭或无掸祭,礼书裹没有明文记载,世人便有的实行樟祭有的不实行禅祭。 |
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古文:皇太子心丧毕,诏使博议。 |
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现代文:皇太子心丧之礼完毕后,皇帝让大臣们广泛议论。 |
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古文:有司奏: 丧礼有礻覃,以祥变有渐,不宜便除即吉,故其间服以缟也。 |
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现代文:主事官员上奏说: 丧礼裹有樟祭,因为从祥祭到变更衣服除去丧服有一个过程,不能够一下子就除去丧服参与吉祭之礼,故此在这中间要穿着鳗缟。 |
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古文:心丧已经十三月,大祥十五月,祥禫变除,礼毕余一期,不应复有禫。 |
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现代文:行心丧之礼已经过十三个月,大祥之祭十五月,祥祭至禅祭变更衣服除去丧服,丧礼完毕时余一个月,不应该再有禅祭。 |
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古文:宣下以为永制。 诏可。 |
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现代文:皇帝要向下面宣布韶令,以此作为永久的制度 文帝下诏令同意主事官员的上奏。 |
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古文:孝武孝建三年三月,有司奏: 故散骑常侍、右光禄大夫、开府仪同三司义阳王师王偃丧逝。 |
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现代文:宋孝武帝垄建三年三月,主事官员上奏说: 前散骑常侍、右光禄大夫、开府仪同三司、义牡师到医逝世。 |
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古文:至尊为服缌三月,成服,仍即公除。 |
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现代文:皇上为他服鳃麻之丧三个月,在大殓成服后,皇上就可以权宜公除。 |
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古文:至三月竟,未详当除服与不? |
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现代文:到了三个月服丧完毕时,不知道是不是应当除去丧服? |
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古文:又皇后依朝制服心丧,行丧三十日公除。 |
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现代文:又皇后依照皇朝制度应该行心丧礼,行心丧礼三十曰便可权宜公除。 |
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古文:至祖葬日,临丧当著何服? |
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现代文:到了奠祭送葬的日子,皇帝亲临丧事又当穿着什么衣服呢? |
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古文:又旧事,皇后心丧,服终除之日,更还著未公除时服,然后就除。 |
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现代文:又按旧例,皇后行心丧礼,心丧礼完毕除服的日子,又返穿没有公除时的丧服,然后再除去丧服。 |
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古文:未详今皇后除心制日,当依旧更服?为但释心制中所著布素而已?勒礼官处正。 |
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现代文:不知道当今的皇后心丧礼完毕的子,是应当依照旧例更换衣服呢或者是衹脱去行心丧礼时所穿的白色丧衣而已这些要命令礼官决断。 |
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古文:太学博士王膺之议: 尊卑殊制,轻重有级,五服虽同,降厌则异。 |
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现代文:太学博士王膺之议论说: 地位尊卑丧礼便不相同,轻丧重丧有差别,斩衰、齐衰、大功、小功、鳃麻这五种丧服虽相同,但减降丧礼的处置就不同。 |
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古文:礼,天子止降旁亲;外舅缌麻,本在服例,但衰绖不可临朝飨,故有公除之议。 |
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现代文:按丧礼,天子衹对旁系亲属减降丧服,而对外舅服鳃麻丧,本在丧服的成例中,衹是衰衣麻绖不可以穿着亲临朝廷飨宴,所以有权宜的法则。 |
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古文:虽释衰袭冕,尚有缌麻之制。 |
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现代文:虽然除去了衰衣麻绖穿着冕服,但还有鳃麻的服制。 |
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古文:愚谓至尊服三月既竟,犹宜除释。 又议: 吉凶异容,情礼相称。 |
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现代文:我认为皇上服鳃麻丧三个月完毕时,还应该除去丧服 又议论说: 吉礼与凶礼服饰不相同,人情与礼制相称。 |
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古文:皇后一月之限虽过,二功之服已释。哀情所极,莫深于尸柩,亲见之重,不可以无服。 |
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现代文:皇后服丧一月的时限虽然已过去,大功、小功丧服已除,而哀伤情思之深,没有比在灵柩前更深痛的,亲自拜谒永别的重哀,不可以没有丧服。 |
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古文:案周礼,为兄弟既除丧已,及其葬也,反服其服。轻丧虽除,犹齐衰以临葬。 |
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现代文:考察周代的礼制,为自己的兄弟除去丧服之后,到了他的灵柩安葬的时候,又要返穿丧服轻丧服虽然除去,还要穿上齐衰重丧服亲临丧葬。 |
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古文:举轻明重,则其理可知也。愚谓王右光禄祖葬之日,皇后宜反齐衰。 |
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现代文:为轻丧葬事而看重丧服,那么它的情理便可明白了我认为右光禄大夫王偃祭奠送葬的日子,皇后应该返穿齐衰丧服。 |
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古文:又议: 丧礼即远,变除渐轻;情与日杀,服随时改。 |
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现代文:又有议论说: 丧礼即将远逝,除丧改换衣服的事也慢慢轻淡了,哀情与时曰的逝去一样在减降,丧服制度随着时间而改变。 |
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古文:权礼既行,服制已变,岂容终除之日,而更重服乎? |
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现代文:权宜的礼制既已施行,丧服制度已经改变,怎能容许除去丧服的子,而又改穿重丧服呢? |
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古文:案晋泰始三年,武帝以期除之月,欲反重服拜陵,频诏勤勤,思申棘心。 |
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现代文:考察晋朝泰始三年,晋武帝在服丧一年即将除丧的那个月,想返穿重丧服拜谒陵墓,他频频下诏令,恳切地表达诚意,想申抒孝子思亲之心。 |
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古文:于时朝议譬执,亦遂不果。 |
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现代文:当时朝廷的议论坚决表示反对,于是晋达童穿重丧服谒陵的打算便没有实现。 |
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古文:愚谓皇后终除之日,不宜还著重服,直当释除布素而已。 |
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现代文:我认为皇后服心丧期满除服的时候,不应该穿重丧服,应当径直脱除白色丧服而已。 |
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古文:太常丞硃膺之议: 凡云公除,非全除之称。 |
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现代文:太常丞朱膺之议论说: 凡是说公除,不是指全除。 |
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古文:今朝臣私服,亦有公除,犹自穷其本制。 |
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现代文:现在朝廷的臣子私人的丧服,也有公除,我们还更要探讨公除本来的制度。 |
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古文:膺之云,晋武拜陵不遂反服,此时是权制。既除衰麻,不可以重制耳,与公除不同。 |
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现代文:我认为,晋武帝拜谒陵墓时没能实现返穿重丧服,因为这时是权宜的丧制,是既已除去衰麻丧服,不可以返穿重丧服而已。这与公除不同。 |
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古文:愚谓皇后除心制日,宜如旧反服未公除时服,以申创巨之情。 |
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现代文:我认为皇后心丧礼完毕的日子,应该按旧例返穿没有公除时的丧服,以中抒父亲丧亡创伤深重的哀情。 |
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古文:余同膺之议。国子助教苏玮生议: 案三日成服即除,及皇后行丧三十日,礼无其文。若并谓之公除,则可粗相依准。 |
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现代文:其余的与王膺之的议论相同国子助教蕴建生议论说: 考察成服后便除服,以及皇后行心丧礼三十曰,这些在礼书裹没有记载如果都称之为公除,那就可以大略地作为依准。 |
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古文:凡诸公除之设,盖以王制夺礼。 |
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现代文:凡是公除的设置,大概都是因为王朝制度强令除去丧服。 |
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古文:葬及祥除,皆宜反服。 |
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现代文:安葬以至举行祥祭除丧服,都应该返穿丧服。 |
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古文:未有服之于前,不除于后。 |
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现代文:没有丧服在前,不除丧服在后。 |
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古文:虽有齐斩重制,犹为功缌除丧。 |
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现代文:虽有齐衰斩衰的重丧服,还要为大功小功鳃麻轻丧除去丧服。 |
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古文:夫公除暂夺,岂可遂以即吉邪? |
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现代文:公除一时去除丧服,难道就可以参与吉礼吗。 |
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古文:愚谓至尊三月服竟,故应依礼除释。 |
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现代文:我认为皇上服丧三月完毕,本就应该依礼制除丧服。 |
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古文:皇后临祖,及一周祥除,并宜反服齐衰。 |
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现代文:皇后亲临祭奠送葬,到了一月祥祭除丧,都应返穿齐衰丧服。 |
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古文:尚书令、中军将军建平王宏议谓: 至尊缌制终,止举哀而已,不须释服。 |
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现代文:尚书令、中军将军建平王刘宏议论说: 皇上服鳃麻丧完毕后,衹是举行哀悼而已。不需要释除丧服。 |
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古文:余同硃膺之议。 |
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现代文:其余的与朱膺之的议论相同。 |
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古文:前祠部郎中周景远议: 权事变礼,五服俱革,缌麻轻制,不容独异。 |
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现代文:前祠部郎中周景远议论说: 依时事而变更礼制,五种丧服都要变革,总麻轻丧,不可特殊。 |
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古文:谓: 至尊既已公除,至三月竟,不复有除释之义。 |
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现代文:他认为: 皇上既已权宜公除,到三个月服丧完毕,不再有除丧服的情理。 |
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古文:其余同硃膺之议。 |
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现代文:其余的与朱膺之的议论相同。 |
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古文:重加研详,以宏议为允。 |
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现代文:又经过朝廷臣子们详细的研讨,认为刘宏的议论允当。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下韶令同意刘宏的议论。 |
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古文:大明二年正月,有司奏: 故右光禄大夫王偃丧,依格皇后服期,心丧三年,应再周来二月晦。 |
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现代文:去明二年正月,主事官员上奏说: 前右光禄大夫王偃逝世,依照制度皇后服丧一年,行心丧礼三年,应该到第二年二月的最后一天。 |
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古文:检元嘉十九年旧事,武康公主出适,二十五月心制终尽,从礼即吉。 |
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现代文:考察元嘉十九年的旧例,武康公主已出嫁,二十五个月心丧期满时,按照礼制她便参与吉祭。 |
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古文:昔国哀再周,孝建二年二月,其月末,诸公主心制终,则应从吉。 |
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现代文:而在以前国朝先帝丧亡的第二年,即孝建二年二月,当月的月末,公主们心丧期满,就应该依礼参与吉祭。 |
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古文:于时犹心禫素衣,二十七月乃除,二事不同。 |
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现代文:当时她们还是行心丧礼禅祭穿白色的丧服,直到二十七个月才除服,以上两件事处置不相同。 |
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古文:领仪曹郎硃膺之议: 详寻礼文,心丧不应有禫,皇代考检,已为定制。 |
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现代文:领仪曹郎叁卢之议论说: 详细地检核礼书的记载,心丧不应有掸祭,经我皇朝的考察检核,已经成为定制。 |
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古文:元嘉季年,祸难深酷,圣心天至,丧纪过哀。 |
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现代文:元嘉末年,国家祸难深重。而皇上天生孝顺,丧事过于哀伤。 |
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古文:是以出适公主,还同在室,即情变礼,非革旧章。 |
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现代文:因此出嫁的公主,回来同未出嫁的一样,就哀伤之情而改变了礼节,并不是革除旧有的丧礼制度。 |
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古文:今皇后二月晦,宜依元嘉十九年制,释素即吉。 |
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现代文:当今的皇后在二月的最后一天,应该依照元嘉十九年的制度,脱除白色的丧服便参与吉祭。 |
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古文:文帝元嘉十五年,皇太子妃祖父右光禄大夫殷和丧,变除之礼,仪同皇后。 |
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现代文:以此作为永久的准则。 皇帝下诏令同意朱膺之的议论。晋文帝亘台十五年,皇太子妃的祖父右光禄大夫苏翅逝世,除丧变更衣服的礼节,所行仪制与皇后相同。 |
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古文:晋孝武太元十五年,淑媛陈氏卒,皇太子所生也。 |
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现代文:晋孝武帝左五十五年,淑媛陈氏去世,她是皇太子的亲生母亲。 |
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古文:有司参详母以子贵,赠淑媛为夫人,置家令典丧事。 |
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现代文:主事官员详审参议以为母以儿子的显贵而显贵,追赠陈淑媛为夫人,设置家令官主管丧事。 |
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古文:太子前卫率徐邈议: 《丧服》传称,与尊者为体,则不服其私亲。 |
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现代文:太子前卫率徐邈议论说: 《仪礼。丧服》传说,已与尊长辈为一体,就不能为自己的私亲服丧。 |
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古文:又君父所不服,子亦不敢服。 |
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现代文:又父王不服丧的人,儿子也不敢为之服丧。 |
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古文:故王公妾子服其所生母,练冠麻衣,既葬而除。 |
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现代文:所以王公之妾的儿子,为他的生身之母服丧,穿练冠和麻衣,安葬完毕便除丧服。 |
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古文:非五服之常,则谓之无服。 |
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现代文:不是五服以内身份的人,就称之为无丧服关系。 |
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古文:从之。 |
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现代文:孝武帝依从了徐邈的议论。 |
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古文:宋孝武大明五年闰月,皇太子妃薨。 |
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现代文:宋孝武帝大明五年的闰月,皇太子的妃子逝世。 |
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古文:樟木为榇,号曰樟宫。 |
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现代文:用樟木做棺材,称之为樟宫。 |
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古文:载以龙輴。 |
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现代文:用车辕画有龙的辅车运载。 |
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古文:造陵于龙山,置大匠卿断草,司空告后土,谓葬曰山茔。 |
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现代文:在笼山建造陵墓,设置大匠卿以断草,司空告祭土地神。称墓葬为山茔。 |
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古文:祔文元皇后庙之阴室,在正堂后壁之外,北向。 |
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现代文:将她拊祭于文元皇后庙的阴室裹,在正堂的后墙外,朝向北方。 |
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古文:御服大功九月,设位太极东宫堂殿。 |
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现代文:皇帝为太子妃服大功丧九个月,设灵位在左极殿束宫的殿堂裹。 |
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古文:中监、黄门侍郎、仆射并从服。从服者,御服衰乃从服,他日则否。 |
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现代文:中监、黄门侍郎、仆射等官员也为皇太子妃服丧这些参与服丧的官员,当皇上穿衰服时便参与服丧,其他的时间就不参与服丧。 |
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古文:宫臣服齐衰三月,其居宫者处宁假。 |
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现代文:太子宫的宫臣服齐衰丧三个月,居住太子宫中的人作为告假服丧。 |
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古文:大明五年闰月,有司奏: 依礼皇太后服太子妃小功五月,皇后大功九月。 |
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现代文:左明五年的闰月,主事官员上奏说: 按照礼制皇太后给皇太子妃要服小功丧服五个月,皇后要服大功丧服九个月。 |
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古文:右丞徐爰参议: 宫人从服者,若二御哭临应著衰时,从服者悉著衰,非其日如常仪。 |
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现代文:右丞徐爰参与议论说: 皇太子宫的宫人参与服丧的,如果是皇上和皇后来举行哀悼时,就应该全部穿衰服,如果不是这个日子,就按平时的仪度。 |
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古文:太子既有妃期服,诏见之日,还著公服。 |
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现代文:太子既为妃子服丧一年,当皇上召见的时候,就要返穿朝廷的官服。 |
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古文:若至尊非哭临日幸东宫,太子见亦如之。 |
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现代文:如果皇上不是在举行哀悼的日子来到太子所居束宫,太子拜见皇上也是穿朝廷的官服。 |
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古文:宫臣见至尊,皆著硃衣。 |
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现代文:宫内的臣子拜见皇上,都穿朱色的朝服。 |
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古文:大明五年闰月,有司奏: 皇太子妃薨,至尊、皇后并服大功九月,皇太后小功五月,未详二御何当得作鼓吹及乐? |
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现代文:大明五年的闰月,主事官员上奏说: 皇太子妃逝世,皇上及皇后都要服大功丧服九个月,皇太后服小功丧服五个月。不知道皇上及皇后当在何时才可以举行演奏鼓吹乐和乐曲? |
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古文:博士司马兴之议: 案《礼》, 齐衰大功之丧,三月不从政。 今临轩拜授,则人君之大典,今古既异,赊促不同。 |
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现代文:博士司马兴之议论说: 按《礼》制, 服齐衰大功的丧服,三个月不处理政务,现在在前殿授任官职,是君主举行的重大典礼,古今既有差别,情势事态也有所不同。 |
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古文:愚谓皇太子妃祔庙之后,便可临轩作乐及鼓吹。 |
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现代文:我认为太子妃拊祭于文元皇后庙之后,便可在前殿奏乐曲及鼓吹乐。 |
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古文:右丞徐爰议: 皇太子妃虽未山茔,临轩拜官,旧不为碍。 |
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现代文:右丞徐爰议论说: 皇太子妃虽然还没有下葬,在前殿授任官职,以前也不认为有什么妨碍。 |
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古文:梓棺在殡,应县而不作。 |
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现代文:樟木棺材还在停柩中,应该悬挂钟磬乐器而不演奏。 |
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古文:祔后三御乐,宜使学官拟礼上。 |
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现代文:拊祭以后皇帝、皇后及太后宫中的乐器的演奏等事,应该让学官们拟定礼制上奏。 |
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古文:兴之又议: 案礼,大功至则辟琴瑟,诚无自奏之理。 |
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现代文:司马兴之又议论说: 依据礼制,遇有大功丧服就要避用琴瑟,实在没有自行演奏的道理。 |
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古文:但王者体大,理绝凡庶。 |
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现代文:但是帝王尊高,理当与凡民不同。 |
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古文:故汉文既葬,悉皆复吉,唯县而不乐,以此表哀。 |
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现代文:所以汉文帝安葬之后,全都恢复行吉礼,衹是悬挂钟磬乐器而不奏乐曲,以这样的处理来表示哀伤。 |
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古文:今准其轻重,侔其降杀,则下流大功,不容撤乐以终服。 |
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现代文:现在依准当时的仪度法规,取准当时丧礼的降减节度,那么对后辈的人服大功丧服,不可以停止奏乐以至服丧完毕。 |
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古文:夫金石宾飨之礼,箫管警涂之卫,实人君之盛典,当阳之威饰,固亦不可久废于朝。 |
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现代文:演奏钟磬飨宴宾客的礼仪,呜吹管箫以示途中的警卫,实在是君主盛大的典礼,是君主的威仪,当然不可以在朝廷长时被废止。 |
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古文:又礼无天王服嫡妇之文,直后学推贵嫡之义耳。 |
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现代文:又礼制没有天子给正嫡儿媳妇服丧的记载,造衹不过是后来的学者们推崇尊贵正嫡的用意而已。 |
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古文:既已制服成丧,虚悬终窆,亦足以甄崇冢正,标明礼归矣。 |
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现代文:既已制定丁服丧,又悬窆落葬,也就足以尊重正嫡儿媳,表明丧礼的意旨了。 |
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古文:爰参议,皇太子期服内,不合作乐及鼓吹。 |
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现代文:徐爰参与议论说,皇太子在服丧一年之内,不应该演奏乐曲及鼓吹曲。 |
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古文:明帝泰始中,陈贵妃父金宝卒,贵妃制服三十日满,公除。 |
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现代文:明帝泰始年间,陈贵妃的父亲陈金宝去世。陈贵妃服丧满三十天,便因公除丧服。 |
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古文:晋穆帝时,东海国言哀王薨逾年,嗣王乃来继,不复追服,群臣皆已反吉,国妃亦宜同除。 |
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现代文:晋穆帝时,束海国上奏说,哀王逝世过了一年多,继嗣的国王才来继位,因此不再追行服丧,臣子们都已返穿吉服,国王的妃子也应该一同除丧服。 |
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古文:诏曰: 朝廷所以从权制者,以王事夺之,非为变礼也。 |
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现代文:晋壁壶下诏令说: 朝廷实行权宜丧制的原因,是王朝事务所需而强令除丧服,不足改变礼制。 |
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古文:妇人传重义大,若从权制,义将安托? |
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现代文:妇人传嗣恩谊重大,如果妇人也依照权宜的丧制而除丧服,那恩谊又将怎样托付呢。 |
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古文:于是国妃终三年之制。 |
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现代文:于是国王的妃子服丧三年。 |
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古文:孙盛曰: 废三年之礼,开偷薄之源,汉、魏失之大者也。 |
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现代文:孙盛说: 废除服丧三年的礼制,是开启取巧浇薄的根源,这是汉朝和曹魏失误最大的事情。 |
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古文:今若以丈夫宜夺以王事,妇人可终本服,是为吉凶之仪,杂陈于宫寝;彩素之制,乖异于内外,无乃情礼俱违,哀乐失所乎! |
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现代文:现在如果以为因朝廷事务需要丈夫应该除丧服,妇人可服满三年的丧服,这就让吉礼和凶礼的礼仪,混杂地实施于宫廷中,让彩服和白色丧服的服制,在宫廷内外不相一致,造不是人情和礼制都被逮弃,哀乐失当吗? |
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古文:蕃国寡务,宜如圣典,可无疑矣。 |
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现代文:藩国事务少,应该遵行圣人的礼制,是无疑问的了。 |
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古文:宋文帝元嘉四年八月,太傅长沙景王神主随子南兗州刺史义欣镇广陵,备所加殊礼下船。 |
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现代文:宋文帝元嘉四年八月,太傅、长沙景王的神主随他的儿子直查业刺史刘盏挞镇守庐堕,安排皇上所恩赐的特殊礼仪将神主送到船上。 |
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古文:及至镇,入行庙。 |
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现代文:到了卢堕,便将神主送进行庙。 |
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古文:大司马临川烈武王神主随子荆州刺史义庆江陵,亦如之。 |
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现代文:大司马、临川烈武王的神主随他的儿于克州刺史刘盏庆到辽陆,也是如此。 |
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古文:元嘉二十三年七月,白衣领御史中丞何承天奏:尚书刺: 海盐公主所生母蒋美人丧。 |
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现代文:元嘉二十三年七月,白衣领御史中丞何承天上奏说:尚书呈奏说: 海盐公主的生母蒋美人去世。 |
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古文:海盐公主先离婚,今应成服,撰仪注参详,宜下二学礼官博士议公主所服轻重。 |
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现代文:海盐公主先已离婚,现在应该行成服之礼。已撰写仪制参酌详实,应该交付国学和太学的礼官博士议定公主所要服丧的轻重。 |
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古文:太学博士顾雅议: 今既咸用士礼,便宜同齐衰削杖,布带疏履,期,礼毕,心丧三年。 |
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现代文:大学博士顾雅议论说: 现今既然都用士礼,就应该同于服齐衰和执削杖,布带白麻布鞋,服丧一年,礼毕后,行心丧礼三年。 |
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古文:博士周野王议又云: 今诸王公主咸用士礼。 |
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现代文:博士周野王的议论又说: 现在各王国和公主都用士礼。 |
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古文:谯王、衡阳王为所生太妃皆居重服,则公主情礼,亦宜家中期服为允。 |
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现代文:谯王、衡阳王为自己的生母太妃都服重丧,那么按公主的情理,也应该在家中服丧一年为允当。 |
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古文:其博士庾邃之、颜测、殷明、王渊之四人同雅议;何惔、王罗云二人同野王议。 |
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现代文:太学博士庾邃之、醒测、墼塱、王达造四人赞同题延的议论;何恢、王罗云雨人赞同周野王的议论。 |
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古文:如所上台案。 |
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现代文:照录所奏上的尚书台呈文。 |
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古文:今之诸王,虽行士礼,是施于傍亲及自己以下。 |
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现代文:现今的各位藩王,虽然实行士礼,这衹是施行于旁亲及自己以下晚辈的人。 |
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古文:至于为帝王所厌,犹一依古典。 |
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现代文:至于为帝王所抑降丧服期的人,还是一概依从古代的礼制。 |
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古文:又永初三年九月,符修仪亡,广德三主以余尊所厌,犹服大功。 |
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现代文:又永初三年九月,符修仪去世,广德三公主以已故皇君所抑降丧服,还是服大功丧服。 |
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古文:海盐公主体自宸极,当上厌至尊,岂得遂服?台据《经》、传正文,并引事例,依源责失。 |
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现代文:海盐公主身体出于皇上,应该以皇上而抑降丧服,怎么可以不抑降丧服而尽意服丧呢。尚书台依据丧礼的经、传正文,并引据事例,依据丧礼的本源督责疏失。 |
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古文:而博士顾雅、周野王等捍不肯怗,方称 自有宋以来,皇子蕃王,皆无厌降,同之士礼,著于故事。 |
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现代文:然而博士顾雅、周野王等人抗拒而不服,还声称: 自刘宋王朝建立以来,皇子藩王,都没有抑降丧服的事,与士礼相同,显见于旧事前例。 |
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古文:缌功之服,不废于末戚,顾独贬于所生,是申其所轻,夺其所重;夺其所重,岂缘情之谓? |
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现代文:鳃麻、大功、小功丧服,对后代亲属都不废止,却衹对亲生的母亲抑降丧服,这是伸扬丧礼的轻丧服,强行弃除丧礼的重丧服。强行弃除丧礼的重丧服,难道就叫做顺乎人情吗? |
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古文:台伏寻圣朝受终于晋,凡所施行,莫不上稽礼文,兼用晋事。 |
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现代文:尚书台认为,考察我刘宋朝廷是承接白晋朝,一切施行的制度,没有不是上考礼书的记载,兼用置塑礼制。 |
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古文:又太元中,晋恭帝时为皇子,服其所生陈氏,练冠縓缘,此则前代施行故事,谨依礼文者也。 |
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现代文:又左五年间,置苤壶当时是皇子,他为生母陈氏服丧,穿用布冠和缉边麻衣,造就是前代所施行的旧制,是认真依据了礼书记载而施行的。 |
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古文:又广德三公主为所生母符修仪服大功,此先君余尊之所厌者也。 |
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现代文:又广德三公主为自己的生母钟堡仪服大功丧服,这是为已故皇帝而抑降丧服的事例。 |
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古文:元嘉十三年,第七皇子不服曹婕妤,止于麻衣,此厌乎至尊者也。 |
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现代文:元嘉十三年,第七皇子不为曹婕妤服丧,衹穿麻衣,这是因为皇上而减降丧服的事例。 |
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古文:博士既不据古,又不依今,背违施行见事,而多作浮辞自卫。 |
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现代文:博士既不依据古代的礼制,又不依据现代的丧服事例,违背现在施行的事,而多作虚浮的言论以卫护自己。 |
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古文:乃云五帝之时,三王之季。 |
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现代文:却说五帝之时如何如何,三王之时如何如何。 |
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古文:又言长子去斩衰,除禫杖,皆是古礼,不少今世。 |
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现代文:又说什么长子去除斩衰、除去掸杖,都是古礼,现代没有。 |
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古文:博士虽复引此诸条,无救于失。 |
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现代文:博士虽然一再称引这些条款,但对他们的失误没有补救。 |
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古文:又诘台云 蕃国得遂其私情,此义出何经记? |
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现代文:他们又质问尚书台说: 藩国可尽他们的私情而服丧,这事的本义出于哪一部经典? |
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古文:臣案南谯、衡阳太妃并受朝命,为国小君,是以二王得遂其服,岂可为美人比例? |
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现代文:我们考察南谯和衡阳太妃都是接受了朝命的,为藩国的太妃,因此南谯和衡阳两王能够依礼服丧满期,怎么可为美人所比照。 |
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古文:寻蕃王得遂者,圣朝之所许也。 |
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现代文:考察藩王可以服丧满期,是我皇朝所允许的。 |
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古文:皇子公主不得申者,由有厌而然也。 |
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现代文:皇子和公主不能尽情意服丧到满期,是由于有抑降丧服的事体使然。 |
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古文:台登重更责失制不得过十日,而复不酬答。 |
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现代文:尚书台进而更责备违背制度不得超过十日,而博士们又不作出答覆。 |
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古文:既被催摄二三日,甫输怗辞。 |
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现代文:既而推托了两三日,才交出认罪之辞。 |
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古文:虽理屈事穷,犹闻义耻服。 |
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现代文:他们虽已是理屈辞穷了,却还是听到了止理而耻于认罪。 |
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古文:臣闻丧纪有制,礼之大经;降杀攸宜,家国旧典。 |
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现代文:我们听说,丧事有制度,是礼制的重要准则;减降丧服的标准,是国家旧有的典制。 |
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古文:古之诸侯众子,犹以尊厌;况在王室,而欲同之士庶。 |
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现代文:古代的诸侯之子,都还是因有尊亲在世而抑降丧服;更何况是身在君王之家,而想与士庶平民服同等的丧服呢。 |
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古文:此之僻谬,不俟言而显。 |
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现代文:这样的乖僻谬误,不待明言而显然可见了。 |
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古文:太常统寺,曾不研却,所谓同乎失者,亦未得之。 |
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现代文:太常寺的主管官员,竟不研讨,所说的与谬误的意见相同,也没有得到正礼。 |
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古文:宜加裁正,弘明国典。 |
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现代文:应该给予裁断改正,以弘扬明示国家的典制。 |
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古文:谨案太学博士顾雅、国子助教周野王、博士王罗云、颜测、殷明、何惔、王渊之、前博士迁员外散骑侍郎庾邃之等,咸蒙抽饰,备位前疑,既不谨守旧文,又不审据前准,遂上背经典,下违故事,率意妄作,自造礼章。 |
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现代文:我们敬谨地考察太学博士顾雅、国子助教周野王、博士王罗云、壁塱、何毯、王述挂、前博士迁员外散骑侍郎庾邃之等人,都受到了皇上的厚待,充任前疑的官职,他们既不严守旧有的礼文,又不认真依据以前的准则,便上违经典,下违旧事前例,随意妄作,自造礼法制度。 |
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古文:太常臣敬叔位居宗伯,问礼所司,腾述往反,了无研却,混同兹失,亦宜及咎。 |
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现代文:太常寺臣敬担任职宗伯,是主管礼制咨询的官吏,他反复上奏,却完全没有研究,混淆了这一失误,也应该追究他的过失。 |
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古文:请以见事并免今所居官,解野王领国子助教。 |
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现代文:请求以现有的失误一并免除他现任官职,解除周野王领国子助教的官职。 |
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古文:雅、野王初立议乖舛,中执捍愆失,未违十日之限。虽起一事,合成三愆,罗云掌押捍失,三人加禁固五年。 |
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现代文:顾雅、周野王最初提出的议论乖谬错误,中间又坚持卫护自己的过失,没有违背十日的期限,虽然是起于一件事,但合并成三大过失,王罗云坚持卫护过失,这三个人应该给予禁锢五年的处分。 |
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古文:诏敬叔白衣领职。 |
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现代文:皇帝下诏令让敬叔以白衣身份领自己的职事。 |
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古文:余如奏。 |
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现代文:其余的同意何承天的奏文。 |
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古文:元嘉二十九年,南平王铄所生母吴淑仪薨。 |
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现代文:元嘉二十九年,南平王刘铄的生母吴淑仪逝世。 |
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古文:依礼无服,麻衣练冠,既葬而除。 |
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现代文:按照礼制不服丧,刘铄穿麻衣戴粗布冠,吴淑仪下葬后他便除去丧服。 |
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古文:有司奏: 古者与尊者为体,不得服其私亲。 |
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现代文:主事官员上奏说: 古代与自己的尊长为一体的人,不可以为自己的私亲服丧。 |
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古文:而比世诸侯咸用士礼,五服之内悉皆成服,于其所生,反不得遂。 |
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现代文:然而近代的诸侯都用士礼,凡是五服之内的人,全都行成服之礼,现在对于生身之母,反而不能服丧。 |
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古文:于是皇子皆申母服。 |
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现代文:于是皇子都为生母服丧。 |
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古文:孝武帝孝建元年六月己巳,有司奏: 故第十六皇弟休倩薨夭,年始及殇,追赠谥东平冲王。 |
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现代文:孝武帝耋建元年六月己巳曰,主事官员上奏说: 已故第十六皇弟刘休倩夭折,年龄刚到八岁的殇亡年岁,追赠谧号为束平冲王。 |
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古文:服制未有成准,辄下礼官详议。 |
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现代文:而给他服丧的制度却没有现成的标准,即交付礼官们详加商议。 |
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古文:太学博士陆澄议: 案礼有成人道,则不为殇。 |
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现代文:太学博士陆澄议论说: 按礼制有成年人身份的人,就不能称之为殇服。 |
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古文:今既追胙土宇,远崇封秩,圭黻备典,成孰大焉。 |
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现代文:现在既已给他追赐给藩王的邦土,并追尊他而封官赐禄,给予的玉圭和黻衣仪制周备,他比成年人哪个大呢。 |
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古文:典文式昭,殇名去矣。 |
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现代文:经典记载已明示,殇服的名称已被去除了。 |
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古文:夫典文垂式,元服表身,犹以免孺子之制,全丈夫之义。 |
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现代文:经典记载垂范,冠服表明身份,还是要免去为儿童服丧的制度,而成全成人的名义。 |
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古文:安有名颁爵首,而可服以殇礼! |
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现代文:哪裹有名字颁布在封爵的前列,而可用殇礼为他服丧的呢。 |
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古文:有司寻澄议无明证,却使秉正更上。 |
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现代文:主事官员考察陆运的议论没有明证,却让他保持公正无私再行上奏。 |
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古文:澄重议: 窃谓赠之为义,所以追加名器。 |
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现代文:些瞪便又再次议论说: 我认为赠的含义,是用来表示追加名分和器物。 |
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古文:故赠公者便成公,赠卿者便成卿。 |
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现代文:所以赠称公的,便成为公爵,赠称卿的,就成为卿。 |
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古文:赠之以王,得不为王乎? |
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现代文:赠给他王的称号,能不为王吗? |
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古文:然则有在生而封,或既没而爵,俱受帝命,不为吉凶殊典;同备文物,岂以存亡异数? |
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现代文:那么有的人在世时已受封,有的人死了之后才封给爵号,他们都接受了皇帝的赐封诏令,不因为其在世或死亡而礼典不同;他们同样享有名分和器物,怎么会因在世或亡故而礼制不同呢? |
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古文:今玺策咸秩,是成人之礼;群后临哀,非下殇之制。 |
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现代文:现在束干王已是玉玺和册命文书都受颁赐,是成人的礼遇;臣子们为之致哀,这不是殇服的制度。 |
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古文:若丧用成人,亲以殇服,末学含疑,未之或辨。 |
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现代文:如果是丧服用成人之礼,亲人却行殇服制度,我们浅学之辈内心疑惑,对此我们不能辨明。 |
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古文:敢求详衷如所称。 |
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现代文:请求依我们所说的意见详加裁断。 |
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古文:左丞臣羊希参议: 寻澄议,既无画然前例,不合准据。 |
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现代文:左丞臣羊希参与议论说: 考察陆澄的议论,既没有明显可见的前例,不应该作为根据。 |
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古文:案《礼》,子不殇父,臣不殇君。 |
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现代文:按礼书裹说,儿子不能让父亲行殇服,臣子不为君王行殇服。 |
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古文:君父至尊,臣子恩重,不得以幼年而降。 |
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现代文:君王最尊高,臣子恩谊重,不能以幼年而减降丧服。 |
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古文:又曰, 尊同则服其亲服 ,推此文旨,旁亲自宜服殇,所不殇者唯施臣子而已。 |
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现代文:礼书裹又说 尊高的地位相同,就为自己的亲人服丧 ,推论礼书裹的这段文义,旁亲自然应该行殇服,所不行殇服的衹是施及臣子而已。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝诏令同意羊希的议论。 |
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古文:孝建元年六月,湘东国刺称 国太妃以去三十年闰六月二十八日薨。 |
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现代文:孝建元年六月,湘东国所上刺书说: 我湘束国太妃于去年元嘉三十年闰六月二十八日逝世。 |
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古文:未详周忌当在六月? |
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现代文:不知道她的周年忌日是当在六月呢? |
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古文:为取七月? |
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现代文:还是应取七月呢? |
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古文:勒礼官议正 。 |
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现代文:请求命令礼官议定。 |
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古文:博士丘迈之议: 案吴商议,闰月亡者,应以本正之月为忌。 |
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现代文:博士丘迈之议论说: 根据吴商的议论,在闰月死亡的,应该以所从闰的正本之月为忌日。 |
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古文:谓正闰论虽各有所执,商议为允。 |
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现代文:我认为以闰月或以正本之月为忌日的论点各有所据,但以吴商的议论为允当。 |
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古文:宜以今六月为忌。 |
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现代文:应该以今年六月为周年忌。 |
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古文:左仆射建平王宏谓: 迈之议不可准据。 |
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现代文:左仆射建平王刘宏说: 丘迈之的议论不可作为依据。 |
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古文:案晋世及皇代以来,闰月亡者,以闰之后月祥。 |
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现代文:考察晋代到我皇朝以来,凡是在闰月死亡的,以闰月的后一个月举行祥祭。 |
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古文:宜以来七月为祥忌。 |
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现代文:应该以死后的次年七月为祥祭忌。 |
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古文:及大明元年二月,有司又奏: 太常鄱阳哀王去年闰三月十八日薨。 |
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现代文:到了大明元年二月,主事官员又上奏说: 太常鄱阳哀王于去年闰三月十八日逝世。 |
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古文:今为何月末祥除? |
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现代文:现在应当在哪个月的月末祥祭除服呢? |
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古文:下礼官议正。 |
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现代文:于是交付礼官议定。 |
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古文:博士傅休议: 寻《三礼》,丧遇闰,月数者数闰,岁数者没闰,闰在期内故也。 |
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现代文:博士傅休议论说: 稽考《三礼》的记载,遇到闰月而丧亡的,以月数来计算就会计算闰月,以年来计算就没有闰月,是因为闰在一周年之内的缘故。 |
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古文:鄱阳哀王去年闰三月薨,月次节物,则定是四月之分,应以今年四月末为祥。 |
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现代文:鄱阳哀王在去年闰三月逝世,闰月安排在季节变换之时,那么一定是四月的时分,应该以今年四月末为祥祭。 |
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古文:晋元、明二帝,并以闰二月崩,以闰后月祥,先代成准,则是今比。 |
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现代文:晋朝的五、塱两帝,都是在闰二月逝世的,以闰月的后一个月祥祭,这是前代的成规,也就是今天的例子。 |
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古文:太常丞庾蔚之议: 礼,正月存亲,故有忌日之感。 |
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现代文:太常丞庾蔚之议论说: 按礼制,在本正之月思念亲人,故所以有忌的伤感。 |
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古文:四时既已变,人情亦已衰,故有二祥之杀。 |
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现代文:一年四季既已流逝变迁,人们的哀情也已经减弱,所以有大祥祭小祥祭的减哀。 |
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古文:是则祥忌皆以同月为议,而闰亡者,明年必无其月,不可以无其月而不祥忌,故必宜用闰所附之月。 |
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现代文:那么祥祭忌日都是以同月为论,而在闰月丧亡的,到第二年一定没有这个闰月,但不可以因为没有这个闰月而不举行忌日祥祭,所以一定应该用闰月所依附的本正之月。 |
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古文:闰月附正,《公羊》明议,故班固以闰九月为后九月,月名既不殊,天时亦不异。 |
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现代文:闰月依附本正之月,《公羊传》有明确论断,所以坦固把闰九月称为后九月,这样月名既没有差别,季节也没有不同。 |
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古文:若用闰之后月,则春夏永革,节候亦舛。 |
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现代文:如果用闰月的后一个月,那么春夏永远被革除,季节也错乱。 |
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古文:设有人以闰腊月亡者,若用闰后月为祥忌,则祥忌应在后年正月。 |
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现代文:假设有人在闰腊月死亡,如果用闰月的后一个月为祥祭忌日,那么这样祭忌日就应该在后年的正月。 |
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古文:祥涉三载,既失周期之义,冬亡而春忌;又乖致感之本。 |
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现代文:这样祥祭历涉三年,既失去了周年忌日祥祭的本义,成为冬季死亡而忌在春季,而且又违背了忌日引为伤感的本质。 |
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古文:譬今年末三十日亡,明年末月小,若以去年二十九日亲尚存,则应用后年正朝为忌,此必不然。 |
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现代文:譬如有人在今年末三十死亡,而明年末月小,如果那时以为去年二十九日亲人还在世,那么就应以后年正月初一为忌日,这一定是不能这样。 |
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古文:则闰亡可知也。 |
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现代文:那么闰月死亡的忌日该在哪一个月便可明白了。 |
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古文:通关并同蔚之议,三月末祥。 |
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现代文:官员们经过互相商量都同意庾蔚之的议论,鄱阳哀王在三月末举行祥祭。 |
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古文:大明五年七月,有司奏: 故永阳县开国侯刘叔子夭丧,年始四岁,傍亲服制有疑。 |
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现代文:大明五年七月,主事官员上奏说: 已故永隧题开国侯型圭迂夭折,年龄刚到四岁,旁系亲属为他服丧的制度有疑问。 |
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古文:太学博士虞龢、领军长史周景远、司马硃膺之、前太常丞庾蔚之等议,并云 宜同成人之服。 |
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现代文:太学博士虞稣、领军长史周景远、司马朱膺之、前任太常丞庾蔚之等人议论时,都说 应该与为成年人服丧的制度相同。 |
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古文:东平冲王服殇,实由追赠,异于已受茅土 。 |
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现代文:束乎冲王用殇服,实在是由于他是追蹭的谧号,同已受封爵而死亡的人不同 。 |
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古文:博士司马兴之议: 应同东平殇服。 |
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现代文:博士司马里芝议论说: 刘拯王应该同束乎冲王一样用殇服。 |
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古文:左丞荀万秋等参议: 南面君国,继体承家,虽则佩觿,未阙成人,得君父名也,不容服殇,故云 臣不殇君,子不殇父 。推此,则知傍亲故依殇制。 |
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现代文:左丞荀万秋等人参与议论说: 皇帝治国,嫡子继承家业,虽然还是佩鳍的童子,但也不缺少成年人的品德,父王名分明正,臣子不可以为刘叔子行殇服,所以说 臣不可以为君王行殇服,儿子不能为父亲行殇服,推论这话的意思,就可以知道旁系亲属本当依从殇服制度。 |
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古文:东平冲王已经前议。 |
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现代文:束平冲王行殇服已经在以前论定。 |
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古文:若升仕朝列,则为大成,故鄱阳哀王追赠太常,亲戚不降。 |
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现代文:如果是升任为朝臣,就是有大的成就,所以鄱阳哀王被追赠为太常,亲属们不减降丧服。 |
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古文:愚谓下殇以上,身居封爵,宜同成人。 |
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现代文:我认为八至十一岁下殇以上的年龄殇亡的人,身有封爵的,应该与成年人的丧服礼相同。 |
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古文:年在无服之殇,以登官为断。 |
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现代文:年龄在八岁以下没有殇服的人以所受任的官职而论。 |
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古文:今永阳国臣,自应全服。至于傍亲,宜从殇礼。 |
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现代文:现在永阳国的臣子,自然应当按礼制服丧满期,至于旁系亲属,应该依从殇服制度。 |
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古文:诏: 景远议为允 。 |
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现代文:皇帝命令 以周景远的议论为允当 。 |
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古文:后废帝元徽二年七月,有司奏: 第七皇弟训养母郑修容丧。 |
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现代文:后废帝墓邀二年七月,主事官员上奏说: 第七皇弟的教养母翅卫缠丧亡。 |
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古文:未详服制,下礼官正议。 |
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现代文:不知道为她服丧的制度怎样,交付礼官们议定。 |
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古文:太学博士周山文议: 案庶母慈己者,小功五月。 |
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现代文:太学博士周山塞议论说: 考察为抚养自己的庶母,服小功丧服五个月。 |
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古文:郑玄云: 其使养之不命为母子,亦服庶母慈己之服。 |
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现代文:郑玄说: 让她去教养而不称为母子关系的,也按抚养自己的庶母一样的丧礼服丧。 |
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古文:愚谓第七皇弟宜从小功之制。 |
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现代文:我认为第七皇弟应该依从小功丧服的制度。 |
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古文:参议并同。 |
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现代文:参与议论的人都与周山文的议论相同。 |
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古文:汉、魏废帝丧亲三年之制,而魏世或为旧君服三年者。 |
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现代文:汉朝和营魏废除了皇帝为自己的父母亲服丧三年的制度,而曹魏时有为已故皇帝服丧三年的制度。 |
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古文:至晋太始四年,尚书何桢奏: 故辟举纲纪吏,不计违适,皆反服旧君齐衰三月。 |
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现代文:到了晋代泰始四年时,尚书何桢上奏说: 已故皇帝举用的公府主簿等官吏,不管是去职的官员或前往别处任职的官员,都要为已故皇帝反服齐衰丧服三个月。 |
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古文:于是诏书下其奏,所适无贵贱,悉同依古典。 |
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现代文:于是皇帝颁下诏书将何桢的奏议交付朝廷施行,前往别处任职的官员不分职事贵贱,全都遵照古代的礼制实行。 |
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古文:魏武以正月崩,魏文以其年七月设伎乐百戏,是魏不以丧废乐也。 |
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现代文:魏武帝在正月时逝世,魏文帝在当年的七月便陈设音乐舞蹈和杂技,这是曹魏不因为丧事而废止音乐歌舞。 |
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古文:晋武帝以来,国有大丧未除,正会亦废乐。 |
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现代文:从晋武帝以来,遇到国家皇帝丧亡而没有除丧服时,元旦时皇帝举行的朝会也要废止音乐歌舞。 |
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古文:太安元年,太子丧未除,正会亦废乐。 |
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现代文:太安元年,当太子丧亡还没有除丧服时,元旦的朝会也同样废止音乐歌舞。 |
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古文:穆帝永和中,为中原山陵未修复,频年会,辄废乐。 |
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现代文:穆帝丞和年间,因为中原的陵墓还没有修复,连年的元旦朝会,都同样废止音乐歌舞。 |
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古文:是时太后临朝,后父褚裒薨,元会又废乐。 |
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现代文:当时太后临朝理政,皇后的父亲褚哀逝世,元旦朝会又废止音乐歌舞。 |
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古文:晋世孝武太元六年,为皇后王氏丧,亦废乐。 |
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现代文:晋世孝武太元六年,为皇后工区的丧事,亦废止音乐歌舞。 |
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古文:宋大丧则废乐。 |
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现代文:刘宋时遇有国家的大丧事便废止音乐歌舞。 |
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古文:汉献帝建安末,魏武帝作终令曰: 古之葬者,必在瘠薄之地,其规西原上为寿陵。 |
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现代文:汉献帝至迭末年,魏武帝自己写好了临终遣命说: 古代的安葬,一定是在贫瘠硗薄的地方,我现在规划在西原上预造陵墓。 |
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古文:因高为基,不封不树。 |
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现代文:依靠高地作为墓基,不起坟不栽种树木。 |
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古文:《周礼》,冢人掌公墓之地,凡诸侯居左右以前,卿大夫居后。 |
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现代文:据《周礼》记载,冢人官掌管公墓的土地,凡是诸侯的墓建造在公墓土地左、右方的前面,卿大夫的墓在后面。 |
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古文:汉制亦谓之陪陵。 |
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现代文:汉朝的制度裹也叫做陪陵。 |
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古文:其公卿大臣列将有功者,宜陪寿陵。 |
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现代文:凡是公卿大夫及将军建有功勋的,应该在皇帝预建的陵墓旁建造陪陵。 |
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古文:其广为兆域,使足相容。 |
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现代文:划出宽广的面积作为墓地的界域,使之足以容纳建造的陵墓。 |
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古文:魏武以送终制衣服四箧,题识其上,春秋冬夏日有不讳,随时以敛;金珥珠玉铜铁之物,一不得送。 |
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现代文:魏武帝为送终制定衣服四小箧,在小箧上写了标签,无论是在春秋冬夏哪个时曰逝世,随时都可以将衣服入殓。金珥珠玉钢铁等饰物,一概不得送以入殓。 |
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古文:文帝遵奉,无所增加。 |
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现代文:魏文帝遵循武帝的遣令,没有增加送葬的物品。 |
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古文:及受禅,刻金玺,追加尊号。 |
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现代文:当魏文帝接受汉朝的禅让时,刻制了金玺,给武帝追加尊号。 |
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古文:不敢开埏,乃为石室,藏玺埏首,示陵中无金银诸物也。 |
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现代文:他不敢打开武帝陵墓的墓道,于是砌丁一个石室,把金玺藏在墓道前头的石室中,以表示陵墓裹没有金银等饰物。 |
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古文:汉礼明器甚多,自是皆省矣。 |
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现代文:按汉朝的礼制随葬的冥器很多,白此之后冥器都被省略了。 |
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古文:文帝黄初三年,又自作终制: 礼,国君即位,为椑,存不忘亡也。 |
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现代文:魏文帝黄初三年,又自己写了临终遣命说: 按礼制,国君即位时,便制作棺材,是在世时不忘记自己会死亡。 |
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古文:寿陵因山为体,无封无树,无立寝殿,造圆邑,通神道。 |
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现代文:预造的陵墓,依山势为墓基,不作坟不植树,墓内不建立寝殿,不建造守陵的园邑,不通墓道。 |
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古文:夫葬者,藏也。欲人之不能见也。礼不墓祭,欲存亡之不黩也。 |
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现代文:葬,就是藏,是想让别人不能看见按照礼制不祭墓,是想保持死而不贪。 |
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古文:皇后及贵人以下,不随王之国者,有终没,皆葬涧西,前又已表其处矣。 |
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现代文:皇后及贵人以下嫔妃,凡是不随王子前往藩国的,她们死亡的时候,都安葬在涧西,在她们死亡前便已经标明丁她们安葬的地点丁。 |
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古文:此诏藏之宗庙,副在尚书、秘书三府,明帝亦遵奉之。 |
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现代文:造遣诏藏在宗庙裹,副本存放在尚书、秘书三府内,魏明帝也足遵循这遣诏。 |
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古文:明帝性虽崇奢,然未遽营陵墓也。 |
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现代文:毯塱壶的性情虽是崇尚奢侈,但也没有急速地营建陵墓。 |
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古文:晋宣帝豫自于首阳山为土藏,不坟不树,作顾命终制,敛以时服,不设明器。 |
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现代文:晋宣帝自己在苴厘山预先建造了土墓,不起坟不植树,写好了临终遣命,以平常的衣服入殓,不设置随葬冥器。 |
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古文:文、景皆谨奉成命,无所加焉。 |
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现代文:晋文帝、景帝都尊奉成命,没有增加随葬的东西。 |
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古文:景帝崩,丧事制度,又依宣帝故事。 |
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现代文:晋景帝逝世时,丧事的制度,又都依照晋宣童的先例。 |
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古文:武帝泰始四年,文明王皇后崩,将合葬,开崇阳陵。 |
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现代文:武帝泰始四年,左塱王皇后逝世,将要合葬,打开崇阳陵。 |
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古文:使太尉司马望奉祭,进皇帝密玺绶于便房神坐。 |
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现代文:武重派遣太尉司越前去祭祀,将皇帝刻制的蜂蜡玺印送到便房的神位牌前。 |
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古文:魏氏金玺,此又俭矣。 |
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现代文:萱垄时用的是金质玺印,这蜂蜡玺印又更是俭约了。 |
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古文:泰始二年,诏曰: 昔舜葬苍梧,农不易亩;禹葬会稽,市不改肆。 |
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现代文:泰始二年,武壶下诏令说: 古代舜帝安葬在董扭,农民不停止耕作;夏禹安葬在会稽,市肆没有停止交易。 |
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古文:上惟祖考清简之旨,外欲移陵十里内居人,一切停之。 |
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现代文:追想我已故祖父及父亲的俭约的意旨,朝廷官员想把陵墓十里之内的居民迁移出去的事,现在一概都要停止。 |
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古文:江左元、明崇俭,且百度草创,山陵奉终,省约备矣。 |
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现代文:束晋元帝、明查崇尚节俭,而且各种制度都在创制,建陵墓以送终,履行节约做得十分周到。 |
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古文:成帝咸康七年,杜后崩。 |
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现代文:成帝咸康七年,皇后杜氏逝世。 |
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古文:诏外官五日一入临,内官旦一入而已。 |
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现代文:皇帝命令宫外的官员每五天进宫临丧致哀一次,宫内的官员每天早晨进宫内临丧致哀一次而已。 |
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古文:过葬虞祭礼毕止。 |
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现代文:到安葬过后举行虞祭礼完毕时为止。 |
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古文:有司奏; 大行皇后陵所作凶门柏历,门号显阳端门。 |
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现代文:主事官员上奏说: 大行皇后陵墓所设置凶门柏历,凶门的门号为显阳端。 |
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古文:诏曰: 门如所处,凶门柏历,大为烦费,停之。 |
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现代文:皇帝下诏令说: 门如同居处的门,凶门柏历,太过耗费,应停止设置凶门柏历。 |
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古文:案蔡谟说,以二瓦器盛死者之祭,系于木表,以苇席置于庭中近南,名为重。 |
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现代文:根据蔡谟的说法,用土烧制的两个器皿,盛上祭祀死者的东西,悬系在木标杆上,用苇席裹上,安放在庭院中靠近南边的地方,称之为重。 |
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古文:今之凶门,是其象也。 |
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现代文:现在的凶门,就是它遗留下的形状。 |
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古文:《礼》,既虞而作主。 |
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现代文:礼书裹说,安葬虞祭完毕之后便制作神主。 |
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古文:今未葬,未有主,故以重当之。 |
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现代文:现在还没有安葬,还没有神主,所以用重来充当。 |
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古文:《礼》称为主道,此其义也。 |
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现代文:礼书裹所说制作神主的道理,这就是它的本义。 |
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古文:范坚又曰: 凶门非古,古有悬重,形似凶门。 |
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现代文:范坚又说过: 凶门不是古代的东西。古代有悬重,形状像凶门。 |
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古文:后人出之门外以表丧,俗遂行之。 |
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现代文:后人把它移出到门外以表示丧制,民间便这样施行。 |
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古文:薄帐,既古吊幕之类也。 |
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现代文:凶门的薄帐,就是古代吊幕之类的东西。 |
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古文:是时又诏曰: 重壤之下,岂宜崇饰无用。 |
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现代文:当时皇帝又下诏令说: 在深土的下面,怎么可以装饰无用的东西呢。 |
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古文:陵中唯洁扫而已。 |
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现代文:陵墓中衹需扫除清洁而已。 |
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古文:有司又奏,依旧选公卿以下六品子弟六十人为挽郎,诏又停之。 |
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现代文:主事官员又奏请,依照旧例,挑选公卿以下六品官员子弟六十人作为挽郎。皇帝又下命令停止选挽郎。 |
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古文:孝武帝太元四年九月,皇后王氏崩。 |
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现代文:孝武帝太元四年九月,皇后:工区逝世。 |
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古文:诏曰: 终事唯从俭速。 |
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现代文:皇帝下诏令说: 丧事衹能从速从俭。 |
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古文:又诏: 远近不得遣山陵使。 |
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现代文:皇帝又命令说: 远近各地宫府不准派遣山陵使前来。 |
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古文:有司奏选挽郎二十四人,诏停。 |
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现代文:主事官员奏请挑选挽郎二十四人。 |
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古文:宋元帝元嘉十七年,元皇后崩,诏亦停选挽郎。 |
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现代文:皇帝命令停止挑选挽郎。宋文帝元嘉十七年,元皇后逝世,皇帝也命令停止挑选挽郎。 |
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古文:汉仪五供毕则上陵,岁岁以为常,魏则无定礼。 |
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现代文:选塑的仪制是在五祭举行完毕之后便前往陵墓拜谒,每年都以此为常制。曹魏时却没有一定的制度。 |
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古文:齐王在位九载,始一谒高平陵,而曹爽诛,其后遂废,终魏世。 |
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现代文:查王宣盖在位九年,才谒拜产赵一次,而苴垄被诛杀。这之后便废止了谒拜陵墓,直至曹魏灭亡。 |
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古文:晋宣帝遗诏: 子弟群官,皆不得谒陵。 |
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现代文:晋宣帝的遣诏说: 皇家子弟和百官,都不准谒拜陵墓。 |
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古文:于是景、文遵旨。 |
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现代文:于是晋景帝和塞重都遵行遣韶。 |
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古文:至武帝犹再谒崇阳陵,一谒峻平陵,然遂不敢谒高原陵。 |
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现代文:到置武帝时衹谒拜崇阳陵两次,谒拜些王壁一次,然而却不敢谒拜高原陵。 |
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古文:至惠帝复止也。 |
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现代文:到晋惠帝时又停止谒拜陵墓。 |
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古文:逮江左初,元帝崩后,诸公始有谒陵辞陵之事,盖由眷同友执,率情而举,非洛京之旧也。 |
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现代文:到塞置初,置豆童逝世后,各公卿才有拜谒陵墓辞别陵墓的事,这是由于他们与元帝的恩谊如同知心朋友,是徇私情而举行的,不是酉置的旧制。 |
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古文:成帝时,中宫亦年年拜陵,议者以为非礼,于是遂止,以为永制。 |
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现代文:盛童时,皇后也年年拜谒陵墓,议论的人以为不合礼制,于是便废止拜谒陵墓,作为永久的制度。 |
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古文:至穆帝时,褚太后临朝,又拜陵,帝幼故也。 |
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现代文:到了穆帝时,褚太后临朝治理政事,又拜谒陵墓,这是因为皇帝还年幼的缘故。 |
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古文:至孝武崩,骠骑将军司马道子命曰: 今虽权制释服,至于朔望诸节,自应展情陵所,以一周为断。 |
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现代文:到孝武帝逝世时,骠骑将军司马道子命令说: 现在虽是实行权宜的丧制释除丧服,至于到了朔望各节令之时,自当到陵墓舒展哀念之情,以一周年为断限。 |
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古文:于是至陵变服单衣夹,烦渎无准,非礼意也。 |
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现代文:于是仅到陵墓时改穿单蛤衣,繁琐复杂没有标准,不是礼制的原意。 |
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古文:至安帝元兴元年,尚书左仆射桓谦奏曰: 百僚拜陵,起于中兴,非晋旧典。 |
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现代文:到了安帝元兴元年,尚书左仆射桓谦上奏说: 百官拜谒陵墓,起于束晋时,不是西晋的旧制。 |
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古文:积习生常,遂为近法。 |
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现代文:积习变成为常制,便成为近时的礼法。 |
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古文:寻武皇帝诏,乃不使人主诸王拜陵,岂唯百僚。 |
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现代文:考察武皇帝的诏令,是不让君主和各藩王拜谒陵墓,哪裹是衹限于百官呢? |
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古文:谓宜遵奉。 |
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现代文:我认为应该遵从武皇帝的诏令。 |
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古文:于是施行。 |
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现代文:于是照桓谦的上奏施行。 |
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古文:及义熙初,又复江左之旧。 |
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现代文:到义熙初年,又恢复束晋的旧制。 |
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古文:宋明帝又断群臣初拜谒陵,而辞如故。 |
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现代文:宋明帝又禁止群臣初次拜谒陵墓,然而辞别陵墓照旧实行。 |
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古文:自元嘉以来,每岁正月,舆驾必谒初宁陵,复汉仪也。 |
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现代文:自从元嘉年以来,每年正月,皇帝都一定拜谒初宁陵,恢复了汉朝的仪制。 |
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古文:世祖、太宗亦每岁拜初宁、长宁陵。 |
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现代文:世祖和太宗也是每年拜谒初宁陵、长宁陵。 |
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古文:汉以后,天下送死奢靡,多作石室石兽碑铭等物。 |
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现代文:从汉朝以后,天下各地办理丧葬大事奢侈靡费,大多造作石室、石兽、立碑刻铭等物。 |
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古文:建安十年,魏武帝以天下雕弊,下令不得厚葬,又禁立碑。 |
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现代文:建安十年,魏武帝以天下已是衰败不堪,下令不准厚葬,又禁止立碑。 |
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古文:魏高贵乡公甘露二年,大将军参军太原王伦卒,伦兄俊作《表德论》,以述伦遗美,云 祗畏王典,不得为铭,乃撰录行事,就刊于墓之阴云尔 。 |
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现代文:曹魏高贵乡公曹髦甘露二年。大将军参军太原王伦去世,王伦的兄长王俊撰作《表德论》,以表述王伦生前留下的美德,文章中说 恭敬畏惧朝廷的法令,不能撰作碑铭。于是撰录王伦平生行事,刊刻在墓碑的背面 。 |
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古文:此则碑禁尚严也,此后复弛替。 |
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现代文:这是禁止立碑的规定还严厉的时候。在这之后禁令又松弛了。 |
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古文:晋武帝咸宁四年,又诏曰: 此石兽碑表,既私褒美,兴长虚伪,伤财害人,莫大于此;一禁断之。 |
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现代文:晋武帝噬空四年,又下诏令说: 这石兽碑铭,既私自褒奖赞美,助长虚夸诈伪,伤财害民,没有比这更严重的,今后一概禁绝。 |
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古文:其犯者虽会赦令,皆当毁坏。 |
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现代文:凡是触犯禁令的,虽遇宽赦的命令,都应当将碑铭全部毁坏。 |
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古文:至元帝太兴元年,有司奏: 故骠骑府主簿故恩营葬旧君顾荣,求立碑。 |
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现代文:到了元帝太兴元年,主事官员上奏说: 前骠骑将军府主簿的旧交安葬他的先君顾荣,请求准予立碑。 |
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古文:诏特听立。 |
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现代文:皇帝命令特准立碑。 |
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古文:自是后,禁又渐颓。 |
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现代文:从此之后禁令又逐渐废弛。 |
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古文:大臣长吏,人皆私立。 |
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现代文:大臣和高官,人人都私自立碑。 |
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古文:义熙中,尚书祠部郎中裴松之又议禁断,于是至今。 |
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现代文:义毖年间,尚书祠部郎中裴松之又建议禁止,于是禁令施行至今。 |
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古文:顺帝升明三年四月壬辰,御临轩,遣使奉玺绶禅位于齐王,悬而不乐。 |
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现代文:宋顺帝是塱三年四月壬辰曰,顺帝坐于前殿,派遣使臣奉皇帝玺印禅让帝位给齐王,悬挂钟磬等乐器而小奏乐。 |
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古文:宋明帝泰始二年九月,有司奏: 皇太子所生陈贵妃礼秩既同储宫,未详宫臣及朝臣并有敬不?妃主在内相见,又应何仪? |
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现代文:宋明帝泰始二:年九月,主事官员上奏说: 皇太子的生母陈贵妃的礼仪品级既与皇太子相同,不知道宫廷的臣子及朝廷的臣于是否都要向她致敬礼与贵妃在宫内相见,又应该行怎样的礼仪? |
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古文:博士王庆绪议: 百僚内外礼敬贵妃,应与皇太子同。 |
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现代文:博士王庆绪议论说: 百官在宫内外向陈贵妃致敬的礼仪应该与向皇太子致敬的礼仪相同。 |
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古文:其东朝臣隶,理归臣节。 |
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现代文:皇太子柬宫的臣仆,按情理应该遵行臣子的礼节。 |
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古文:太常丞虞愿等同庆绪。 |
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现代文:太常丞虞愿等人与王庆绪的议论相同。 |
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古文:尚书令建安王休仁议称: 礼云,妾既不得体君,班秩视子为序。 |
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现代文:尚书令建童工刘休仁议论说: 按礼制裹说,妃妾既不能与君主同体,她的职位品级应该参照她儿子的地位而排定位次。 |
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古文:母以子贵,经著明文。 |
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现代文:母亲以儿子的显贵而显贵,经书里着有明文。 |
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古文:内外致敬贵妃,诚如庆绪议。 |
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现代文:宫廷内外百官向陈贵妃致敬的礼仪,诚如王庆绪议论的那样。 |
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古文:天子姬嫔,不容通音介于外,虽义可致虔,不应有笺表。 |
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现代文:天子的姬妾嫔妃,不可向外面通信息,虽然依情理可以向她们表示虔诚,但不应该有笺记表奏。 |
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古文:参详休仁议为允。 |
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现代文:臣子们通过参酌商议认为刘休仁的议论允当。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下诏令同意。 |
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古文:泰豫元年,后废帝即位,崇所生陈贵妃为皇太妃。 |
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现代文:泰豫元年,壁废查即位,尊称自己的亲生母陈贵妃为皇太妃。 |
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古文:有司奏: 皇太妃位亚尊极,未详国亲举哀格当一同皇太后? |
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现代文:主事官员上奏说: 皇太妃的地位仅次于皇太后,不知道皇帝的母亲皇太妃陈压服丧的仪制是与皇太后相同呢? |
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古文:为有降异? |
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现代文:或者有减降或差异? |
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古文:又于本亲期以下,当犹服与不? |
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现代文:又对亲生父母服期丧以下的人,是不是仍应服丧? |
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古文:前曹郎王燮之议: 案《丧服传》, 妾服君之党,得与女君同 。 |
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现代文:前曹郎王型议论说: 依据《丧服鳓, 妾为夫君的亲属服丧,应与正妻相同 。 |
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古文:如此,皇太妃服宗与太后无异。 |
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现代文:这样,皇太妃为亲属服丧与太后没有差别。 |
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古文:但太后既以尊降无服,太妃仪不应殊,故悉不服也。 |
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现代文:但是太后既以尊高而抑降不服丧,皇太妃的仪制也不应该有差别,所以皇太后和皇太妃都不服丧。 |
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古文:计本情举哀,其礼不异。 |
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现代文:而依情理致哀,这礼节没有不同。 |
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古文:又《礼》, 诸侯绝期 。 |
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现代文:又《礼》书襄说: 诸侯绝除期服。 |
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古文:皇太妃虽云不居尊极,不容轻于诸侯。 |
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现代文:皇太妃虽说不在皇太后的位置上,但地位不比诸侯轻。 |
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古文:谓本亲期以下,一无所服。有惨自宜举哀。 |
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现代文:可以认为生身之亲期服以下的人,一概都不行丧服当然有丧事就应该照例致哀。 |
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古文:亲疏二仪,准之太后。 |
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现代文:在亲疏两种仪制中,皇太妃应依准于皇太后。 |
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古文:兼太常丞司马燮之议: 《礼》, 妾服君之庶子及女君之党 。皆谓大夫士耳。 |
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现代文:兼太常丞司马燮之议论说: 《礼》书裹说: 妾为夫君的庶子及正妻的亲属服丧,这都说的是大夫士而已。 |
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古文:妾名虽总,而班有贵贱。 |
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现代文:妾的名分称呼虽然都是一致的,然而妾的次序等级却有贵贱之分。 |
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古文:三夫人九嫔,位视公卿。大夫犹有贵妾,而况天子! |
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现代文:皇帝的三夫人九嫔妃,她们的职位身份与公卿同等大夫尚且有贵妾,更何况是天子呢。 |
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古文:诸侯之妾为他妾之子无服,既不服他妾之子,岂容服君及女君余亲。 |
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现代文:诸侯的妾对别的妾之千不行丧服。既然不为别妾之子服丧,怎能够为夫君及正妻遗留下来的亲属服丧呢。 |
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古文:况皇太后妃贵亚相极,礼绝群后,崇辉盛典,有逾东储,尚不服期,太妃岂应有异。 |
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现代文:况且皇太后皇太妃是极贵与亚贵相辅为尊,她们的名分地位超过所有的后妃,崇高的荣耀盛大的恩典,超过了皇太子,皇太子尚且不行期服,难道皇太妃还要与此不同吗。 |
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古文:若本亲有惨,举哀之仪,宜仰则太后。 |
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现代文:如本生之亲有丧亡,那致哀的仪制,应该以皇太后为依准。 |
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古文:参议以燮之议为允。 |
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现代文:大臣们参酌议论后认为以王燮之的意见为允当。 |
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古文:太妃于国亲无服,故宜缘情为诸王公主于至尊是期服者反,其太妃王妃三夫人九嫔各举哀。 |
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现代文:皇太妃对皇上不服丧,故所以该依情理为各藩王及君主对皇上应行期服的反服,皇太妃及王妃三夫人九嫔各行致哀之礼。 |
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古文:宋孝武帝孝建三年八月戊子,有司奏: 云杜国解称国子檀和之所生亲王,求除太夫人。 |
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现代文:宋孝武帝孝建三年八月戊子,主事官员上奏说: 杜国报告说国子檀和之的亲生母王氏,请求进封为太夫人。 |
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古文:检无国子除太夫人先例,法又无科。 |
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现代文:考察没有发现国子的母亲晋封为太夫人的先例,而且法令上也没有这种条例。 |
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古文:下礼官议正。 |
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现代文:现在交付给礼官议定。 |
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古文:太学博士孙豁之议: 《春秋》, 母以子贵 。 |
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现代文:太学博士孙豁之议论说: 《春秋》裹记载: 母亲因儿子的显贵而显贵。 |
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古文:王虽为妾,是和之所生。 |
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现代文:王氏虽然是妾,但她是檀和之的生母。 |
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古文:案五等之例,郑伯许男同号夫人,国子体例,王合如国所生。 |
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现代文:按照五等爵位的条例,春秋时期郑国的国君为伯爵、姜国的国君为男爵,他们都称生母为夫人,国子的体例与之相同,王氏应与国君的生母相同。 |
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古文:太常丞庾蔚之议: 母以子贵 ,虽《春秋》明义,古今异制,因革不同。 |
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现代文:太常丞座芦之议论说: 母亲因儿子的显贵而显贵,虽是《春秋》裹的重要意旨,但是古今制度有差异,因有承续有变革而有所不同。 |
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古文:自顷代以来,所生蒙荣,唯有诸王。 |
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现代文:自从近代以来,亲生母亲能够因儿子而被尊崇的,衹有儿子是藩王的才可以。 |
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古文:既是王者之嫔御,故宜见尊于蕃国。 |
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现代文:既然是藩王的嫔妾,就应该在藩国裹受尊荣。 |
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古文:若功高勋重,列为公侯,亦有拜太夫人之礼。 |
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现代文:如果是儿子功勋高地位显要,被列为公侯爵位了,也有被封为太夫人的礼仪。 |
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古文:凡此皆朝恩曲降,非国之所求。 |
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现代文:但是凡属这种情况,都是帝王恩准俯允,而不是藩国所请求的。 |
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古文:子男妾母,未有前比。 |
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现代文:儿子是国子母亲是妾,没有被封为太夫人的先例。 |
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古文:祠部郎中硃膺之议以为: 子不得爵父母,而《春秋》有 母以子贵 。 |
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现代文:祠部郎中朱膺之议论以为: 儿子不得给父母加爵,然而《春秋》裹有 母亲因儿子显贵而显贵 的话。 |
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古文:当谓传国君母,本先公嫔媵,所因藉有由故也。 |
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现代文:适当是说的承传继位的国君的母亲,而且她本来是先王的嫔妾,她是有凭藉有因由的缘故。 |
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古文:始封之身,所不得同。 |
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现代文:刚受封国子的人,不应该与继嗣的国君等同。 |
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古文:若殊绩重勋,恩所特锡,时或有之,不由司存。 |
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现代文:假使有特殊的劳绩有很高的功勋,皇恩特别给予赏赐,有时可能有加封的情况,但这不由主事官吏作决断。 |
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古文:所议参议,以蔚之为允。 |
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现代文:所有这些议论,经过大臣们参酌商议后,认为庾蔚之的议论为允当。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下诏令表示同意。 |
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古文:大明二年六月,有司奏: 凡侯伯子男世子丧,无嗣,求进次息为世子。 |
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现代文:大明二年六月,主事官员上奏说: 凡是侯、伯、子、男各爵位的人,他们的世子丧亡,世子又没有继嗣之子,请求升第二个儿子为世子。 |
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古文:检无其例,下礼官议正。 |
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现代文:考察起来没有这样的先例,交付给礼官议定。 |
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古文:博士孙武议: 案晋济北侯荀勖长子连卒,以次子辑拜世子。 |
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现代文:博士孙武议论说: 考察晋代济北侯荀勖的长子荀连去世后,把次子荀辑任为世子。 |
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古文:先代成准,宜为今例。 |
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现代文:这是前代的法式,应成为今天的成例。 |
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古文:博士傅郁议: 《礼记》,微子立衍,商礼斯行。 |
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现代文:博士傅郁议论说: 《礼记》里记载,微子舍弃他的嫡孙不立而立弟弟衍为继嗣,商朝的制度因此而施行。 |
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古文:仲子舍孙,姬典攸贬。 |
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现代文:仲子舍弃嫡孙不寸而立次子为继嗣,为周朝的制度所贬斥。 |
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古文:历代遵循,靡替于旧。 |
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现代文:历代都遵循立次子为嗣的法式,在旧时没有被废止过。 |
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古文:今胙土之君在而世子卒,厥嗣未育,非孙之谓。 |
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现代文:现在受封的君王还在世而世子去世,世子又没有生育嗣子,造就不能叫做舍弃嫡孙了。 |
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古文:愚以为次子有子,自宜绍为世孙。 |
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现代文:我认为次子有了儿子,应该继任为世孙。 |
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古文:若其未也,无容远搜轻属,承纲继体,传之有由。 |
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现代文:如果不是这样,不容许另找支系旁属的人为世子,世子世孙承续国家体统立为继嗣,承传继统有缘由。 |
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古文:父在立子,允称情典。 |
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现代文:父亲在世立子为嗣,当可以说是合乎情分和礼制。 |
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古文:曹郎诸葛雅之议: 案《春秋传》云, 世子死,有母弟则弟,无则立长;年均则贤,义均则卜 。古之制也。 |
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现代文:曹郎诸葛雅之议论说: 据《春秋左传》裹说: 世子死亡后,世子有同母弟就立同母弟为世子,没有同母弟就立年长的其他儿子为世子,其他儿子年龄都相当就选择其中有贤明德义的人立为世子,如果贤明德义都不相上下,就通过占卜来选定世子,这是古代的礼制。 |
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古文:今长子早卒,无嗣,进立次息以为世子,取诸《左氏》,理义无违。 |
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现代文:现因长子早死,他又没有继嗣的儿子,就应该进立次子为世子,这是取白《春秋左传》的记载,在道理大义上没有违背。 |
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古文:又孙武所据晋济北侯荀勖长子卒,立次子,亦近代成例。 |
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现代文:又孙武所引据晋代济北侯荀显长子死后,立次子为世子,也是近代的成例。 |
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古文:依文采比,窃所允安。谓宜开许,以为永制。 |
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现代文:依据文字记载加以比较,我觉得允当合理,认为应该允许,并以此作为长远的制度。 |
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古文:参议为允。 |
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现代文:礼官们通过参酌审议认为允当。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下诏令表示同意。 |
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古文:大明十二年十一月,有司奏: 兴平国解称国子袁愍孙母王氏,应除太夫人。 |
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现代文:大明十二年十一月,主事官员上奏说: 兴芒国报告说,开国子袁愍孙的母亲王氏,应该封为太夫人。 |
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古文:检无国母除太夫人例。 |
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现代文:考察以前没有国子之母封太夫人的先例。 |
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古文:下礼官议正。 |
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现代文:交付礼官议定。 |
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古文:太学博士司马兴之议: 案礼,下国卿大夫之妻,皆命天子。 |
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现代文:太学博士司马兴之议论说: 根据礼制,下国卿大夫的妻子,都受命于天子。 |
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古文:以斯而推,则子男之母,不容独异。 |
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现代文:以此推论,那么开国子的母亲不当有特殊。 |
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古文:博士程彦议以为: 五等虽差,而承家事等。 |
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现代文:博士锤的议论以为: 五等爵位虽有等级差别,然而承继家业爵位的事却是相同的。 |
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古文:公侯之母,崇号得从,子男于亲,尊秩宜显。 |
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现代文:公侯的母亲,尊崇的名号便随之而称扬,开国子的母亲,尊崇的等级名分也应该显扬。 |
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古文:故《春秋》之义, 母以子贵 。 |
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现代文:所以《春秋》的大义说 母亲以儿子的显贵而显贵 。 |
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古文:固知从子尊与国均也。 |
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现代文:这就可以知道随自己的儿子而尊显与国家的封赐是一样的。 |
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古文:彦参议,以兴之议为允。 |
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现代文:我程彦参酌审议以为,以司马兴之的议论为允当。 |
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古文:除王氏为兴平县开国子太夫人。 |
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现代文:封王氏为兴平县开国子太夫人。 |
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古文:诏可。 |
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现代文:皇帝下命令表示同意。 |
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古文:大明四年九月,有司奏: 陈留国王曹虔季长兄虔嗣早卒,季袭封之后,生子铣以继虔嗣。 |
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现代文:大明四年九月,主事官员卜奏说: 陈留国国王曹虔秀的长兄曹虔嗣早死,曹虔秀袭封为国王之后,生的儿子曹铣过继曹虔嗣。 |
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古文:今依例应拜世子,未详应以铣为世子? |
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现代文:现在按照惯例应该封立世子,不知道是应该以曹铣为世子呢? |
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古文:为应立次子锴? |
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现代文:还是应该立次子曹钻为世子? |
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古文:太学博士王温之、江长议,并为应以铣为正嗣;太常陆澄议立锴。 |
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现代文:太学博士王一些议论,都认为应该以曹铣为正统的嗣子。太常陆澄的议论是应该立曹钻为嗣子。 |
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古文:右丞徐爰议谓: 礼后大宗,以其不可乏祀。 |
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现代文:右丞涂爰议论说: 按照礼制,传后嗣给嫡长子,是因为不可断绝祭祀。 |
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古文:诸侯世及,《春秋》成义。 |
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现代文:诸侯世代相承传,这是《春秋》里已有的大义。 |
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古文:虔嗣承家传爵,身为国王,虽薨没无子,犹列昭穆。 |
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现代文:曹虔嗣继承家世接续王的爵位,身为陈留国的国王,虽然逝世后没有儿子,仍应该列神位于宗庙昭穆的次序中。 |
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古文:立后之日,便应即纂国统。 |
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现代文:一旦立为后嗣,就应随即继承王位。 |
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古文:于时既无承继,虔季以次袭绍。 |
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现代文:当时既没有继承人,曹虔秀以次子的身份继承王位。 |
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古文:虔嗣既列庙飨,故自与世数而迁,岂容蒸尝无阙,横取他子为嗣! |
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现代文:曹虔嗣既入宗庙,便应按其世系次序而神主迁庙。怎么可以为使他的祭祀不绝,强取别人的儿子做他的继嗣呢? |
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古文:为人胤嗣,又应恭祀先父。 |
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现代文:做了人家的继嗣,又应该恭敬祭祀死去的先父。 |
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古文:案礼文,公子不得祢诸侯。虔嗣无缘降庙就寝。 |
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现代文:按照礼书的记载,公子不可以为诸侯立庙而祭祀蔓虔飓没有理由列入寝庙。 |
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古文:铣本长息,宜还为虔季世子。 |
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现代文:曹铣本来就是曹虔秀的长子,应该还身为曹虔秀的世子。 |
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古文:诏如爰议。 |
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现代文:皇帝下命令同意徐爰的议论。 |
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古文:宋文帝元嘉十三年七月,有司奏: 御史中丞刘式之议, 每至出行,未知制与何官分道,应有旧科。 |
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现代文:宋文帝元嘉十三年七月,主事官员上奏说: 御史中丞刘尽之议论说, 每当有公事出行的时候,不知道按制度应该与哪些官员分道而行,这应该有旧的条例。 |
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古文:法唯称中丞专道,传诏荷信,诏唤众官,应诏者行,得制令无分别他官之文,既无尽然定则,准承有疑。 |
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现代文:法令上衹是说御史中丞有专用道路,传达皇帝的命令承接皇帝的印信,按皇帝的命令召唤各部门官员,接受了皇帝命令的便奉命而行,所得到的命令没有关于御史中丞与别的官员分道的内容,既然没有明白规定的条例,承办的依据便有了疑问。 |
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古文:谓皇太子正议东储,不宜与众同例,中丞应与分道。 |
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现代文:据皇太子在束宫发表的公正的议论,认为御史中丞不应该与普通官员同例,应该与他们分道而行。 |
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古文:扬州刺史、丹阳尹、建康令,并是京辇土地之主,或检校非违,或赴救水火,事应神速,不宜稽驻,亦合分道。 |
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现代文:扬州刺史、丹阳尹、建康令,都是国都地方的主管官员,有时要检核违法事件,有时奔赴援救水火灾害,行事都应神速,不应拖延停留,也应该分道而行。 |
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古文:又寻六门则为行马之内,且禁卫非违,并由二卫及领军,未详京尹、建康令门内之徒及公事,亦得与中丞分道与不? |
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现代文:又考察六门都是在设置路障之内,况且禁止防卫违法事件,都由左右护卫军及领军管理,不知道京尹、建康令在门内的人及承办公事,是不是也应与中丞分道而行? |
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古文:其准参旧仪。告报参详所宜分道。 |
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现代文:希望依据参照旧有的仪制,报告参酌审议所定的应该分道的原则。 |
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古文:听如台所上,其六门内,既非州郡县部界,则不合依门外。 |
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现代文:同意御史台所上的议论,在六门之内,既不是州郡县的疆界,就不应该作为门外。 |
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古文:其尚书令、二仆射所应分道,亦悉与中丞同。 |
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现代文:尚书令、左、右仆射应该分道,也全都与御史中丞相同。 |
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古文:孝武帝大明六年五月,诏立凌室藏冰。 |
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现代文:孝武帝大明六年五月,皇帝命令建立凌室储藏冰。 |
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古文:有司奏,季冬之月,冰壮之时,凌室长率山虞及舆隶取冰于深山穷谷涸阴冱寒之处,以纳于凌阴。 |
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现代文:主事官员上奏说,到了腊月,冰冻得坚硬的时候,凌室长要率领山虞官及役隶到深山幽谷寒冰凝结的地方取冰,将冰送入深窖裹。 |
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古文:务令周密,无泄其气。 |
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现代文:冰窖一定要严密,不要泄漏冷气。 |
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古文:先以黑牡翙黍祭司寒于凌室之北。 |
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现代文:先用黑色的雄牲和黑黍米在凌室的北面祭祀司寒之神。 |
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古文:仲春之月,春分之日,以黑羔翙黍祭司寒。 |
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现代文:到了次年二月,在春分,用黑色的羔羊及黑黍米祭祀司寒之神。 |
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古文:启冰室,先荐寝庙。 |
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现代文:然后打开冰室,先祭寝庙。 |
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古文:二庙夏祠用鉴盛冰,室一鉴,以御温气蝇蚋。 |
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现代文:先祖先父庙在夏季祭祀时用鉴盛冰,每室放一鉴,以抵御热气和蚊蝇。 |
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古文:三御殿及太官膳羞,并以鉴供冰。 |
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现代文:皇宫三大殿及太官供应的膳食,都以鉴盛冰供给。 |
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古文:自春分至立秋,有臣妾丧,诏赠秘器。 |
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现代文:从春分日到立秋,有臣妾丧亡时,皇帝命令赠赐棺材。 |
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古文:自立夏至立秋,不限称数以周丧事。 |
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现代文:从立夏到立秋曰,不限数量地供冰以给丧事需要。 |
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古文:缮制夷盘,随冰借给。 |
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现代文:制造盛冰冰尸的夷盘,随冰供给。 |
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古文:凌室在乐游苑内,置长一人,保举吏二人。 |
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现代文:凌室建在乐游苑内,设凌室长一人,保举吏两人。 |
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古文:三公黄皞,前史无其义。 |
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现代文:三公官署漆黄色的门,古代的史书没有这样的内容。 |
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古文:史臣按,《礼记》 士韠与天子同,公侯大夫则异 。 |
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现代文:史臣沈约按,《礼记》裹记载 上的鞸服与天于的相同,公侯大夫的却有不同 。 |
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古文:郑玄注: 士贱,与君同,不嫌也。 |
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现代文:郑玄注说: 士的地位轻贱,与天子相同,没有嫌疑。 |
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古文:夫硃门洞启,当阳之正色也。 |
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现代文:朱红大门敞开,这是天子尊高的正色。 |
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古文:三公之与天子,礼秩相亚,故黄其皞,以示谦不敢斥天子,盖是汉来制也。 |
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现代文:三公与天子相比,礼仪等级较次,所以要把他们官署大门漆成黄色,以表示谦恭不敢冒犯天子,这大概是汉朝以来的制度。 |
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古文:张超与陈公笺, 拜黄皞将有日月 是也。 |
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现代文:张超给陈公的书札说, 拜黄阁当有月 说的正是遣事。 |
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古文:史臣按:今朝士诣三公,尚书丞、郎诣令、仆射、尚书,并门外下车,履,度门阃乃纳屐。 |
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现代文:史臣沈约按:现今朝士到三公官署去,尚书丞、郎到尚书令、仆射、尚书官署去。都是在官署门外一车,穿鞋进去,越过门槛时便穿上屐。 |
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古文:汉世朝臣见三公,并拜。 |
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现代文:汉代朝臣见二公,都一拜。 |
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古文:丞、郎见八座,皆持板揖,事在《汉仪》及《汉旧仪》,然则并有敬也。陈蕃为光禄勋,范滂为主事,以公仪诣蕃,执板入皞,至坐,蕃不夺滂板,滂投板振衣而去。 |
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现代文:尚书丞、郎见朝廷重臣,都手持笏板拱手行礼,造记载在《汉仪》及《汉售仪》中,因此叮知都是要致礼的陈蕃任光禄勋,范滂任上事,他以朝廷的礼仪去昆陈蕃,于执笏板进入陈蕃的官署,坐下后。陈蕃不夺范滂的笏板,范滂投弃笏板整衣而离开。 |
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古文:郭泰责蕃曰: 以阶级言之,滂宜有敬;以类数推之,至皞宜省。 然后敬止在门,其来久矣。 |
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现代文:郭泰责备陈蕃说: 以级别高低来说,范滂是应该致礼,但以官员问的情理推论,到了宫署后应叮免礼 自此之后致敬止于门,其由来已经很久了。 |
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