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808b2dfd81dcbb7bbda2b24b3274bbdd13dad225cc15f9bc632fc21ecdc4ab7e | विश्व शांति की कामना के लिए चांद का पुरा अंबाह में आयोजित धार्मिक प्रवचन एवं संगीतमय श्रीराम कथा के तहत श्रोताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कथा वाचिका राधा शर्मा ने कहा कि संसार से सुख लेने की इच्छा ही दुःख का मूल है। देखा जाए तो इस संसार में कोई भी सुखी नहीं है, जिस सुख का हमें आभास हो रहा है वह वास्तविक नहीं है। अज्ञानी लोग इसे ही सुख मानकर इस में डूबे हुए हैं।
जन्म के साथ मरण, यौवन के साथ बुढ़ापा और विकास के साथ ह्रास जुड़ा हुआ है। इस जीवन में कब क्या घटित होगा इसका किसी को पता नहीं है। इसलिए आधुनिकता के इस दौर में दुनिया को स्थायी समाधान केवल अध्यात्म ही दे सकता है।
कार्यक्रम में भवानी सिंह तोमर ने कहा कि इंसान अपने जीवन में सारा श्रम भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति में ही लगा देता है। वह अपने सीमित जीवन में सभी कुछ पा लेना चाहता है। वह जितना भौतिक लाभ प्राप्त करता जाता है, उसकी सांसारिक तृष्णा उतनी ही बढ़ती जाती है। यह तृष्णा उसे शांति से बैठने नहीं देती संसार में जिसका जन्म हुआ उसका अंत निश्चित है।
यहां मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और योगेश्वर श्रीकृष्ण आए और वह भी चले गए, तो हम आम मनुष्य की क्या बिसात है? यह जीवन इंसान के पूर्व जन्मों का फल है। इसलिए इसके हर क्षण का सदुपयोग करना चाहिए। संसार में अधिक राग और मोह ईश्वर प्राप्ति में बाधक है। इसलिए त्याग ही उस परमसत्य को पाने का सहज और सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। कार्यक्रम के अंत में रामायण जी की महाआरती भी हुई इस अवसर पर बेनी सिंह तोमर माधव सिंह तोमर राजकुमार सिंह तोमर ने व्यवस्थाएं संभाली।
धार्मिक आयोजन में डॉ. आरएस चौहान ने कहा कि हमारे यहां त्याग की परंपरा पुरातनकाल से चली आ रही है। आसक्ति से विरक्त हो जाने वालों की यहां पूजा की जाती है। श्रीराम द्वारा अयोध्या के राज्य को एक क्षण में त्याग देने जैसे स्थापित किए गए आदर्श को संसार पूजता है। राज्य का त्याग कर और वन जाना स्वीकार करके उन्होंने समाज में उच्चतम मानदंड स्थापित किया।
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8096159b32b87839444a2483988c140f77396d8483fbeaca950baa62f0064cf2 | नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में उपद्रव मचाने के बाद किसान आंदोलनों के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। अब तक किसानों के नाम पर मिल रहे समर्थन की वजह से जो प्रशासन अब तक इनके सामने नतमस्तक था, अब वही इनके खिलाफ कड़े एक्शन करने के मूड में दिख रहे हैं। इसी के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने कृषि कानूनों के विरोध में लगभग दो महीनों ने यूपी गेट और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों को हटाने के लिए कमर कस ली है। यहां चल रहे किसानों के धरनास्थलों के बिजली-पानी को काट दिया गया है।
बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए यह साफ हो रहा है की किसानों के धरने का आज अंतिम दिन है। वहीं, राकेश टिकैत यहां से हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। लेकिन उनके भाषण में बल पूर्वक हटाए जाने का डर भी साफ दिख रहा है।
इतना ही नहीं किसान नेता आगे की रणनीति को लेकर बैठक कर रहे हैं। वहीँ खबर है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को हर हाल में धरना समाप्त कराने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना समाप कराने के लिए धारा-144 लगा दी है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर रास्ता दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए गाजियाबाद एडीएम सिटी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 133 (उपद्रव हटाने के सशर्त आदेश) के तहत किसानों को एक नोटिस दे दिया गया है।
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8097d09e3e0e4a5152e78fa12c68e385b16284c6c560a194083cb68e9adf69f0 | CCC Exam Result- हेलो दोस्तों एक बार फिरसे मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है ।
जी हां! आपने इस Tittle को सही पढ़ा ।
आज हम इस पोस्ट में CCC EXAM रिजल्ट के बारे में बात करेंगे और आपको बताऊंगा की आप किस तरीके से अपने परिणाम को आसान तरीके से देख सकते है ।
इसके Official पोर्टल पर जो छात्र/ छात्रा CCC के तहत पंजीकृत हैं। जो छात्र CCC Examination 2019 परीक्षा के लिए उपस्थित हुए हैं, वे वैध लॉगिन विवरण का उपयोग करके अपना परिणाम देख और प्रिंट कर सकते हैं।
तो बिना समय गवाए, मुख्य बात पर ध्यान देते है।
इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक पड़े।
1.3 How to Check CCC Exam Result 2019? CCC परीक्षा का परिणाम कैसे देखे ?
जहा तक हमको पता है आप अपने परीक्षा परिणाम को जानने के लिए बेचैन तथा थोड़े उत्सुक भी होंगे। हमने इस पोस्ट के निचे परिणाम देखने की डायरेक्ट वेबसाइट की लिंक दिया है जिससे छात्र/ छात्रा को बिना किसी दिक्कत का सामने करना पड़े।
Course Duration 90 Hours (3 Months)
Conducted By National Institute of Electronics & Information Technology (NIELIT)
आपको बताते हुए ख़ुशी हो रही है की May/June की परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुकी है । परीक्षा में उपस्थित सभी क्षात्रो अपना परिणाम NIELIT की आधिकारिक पोर्टल पर देख सकते है ।
आपको अपनी परीक्षा परिणाम को देखने के लिए निम्नलिखित सभी जानकारी आपके पास रहना अनिवार्य है ।
जैसे- उम्मीदवारों का नाम, पंजीकरण संख्या, डेट ऑफ़ बर्थ, परीक्षा वर्ष, उम्मीदवार का नाम आदि।
जैसा की आपको पता होगा की इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको 50% अंक लाना जरुरी होता है । अगर कोई क्षात्र 50% अंक नहीं लाता तो वो परीक्षा में फेल हो जायेगा और उसको कोई सर्टिफिकेट नहीं प्राप्त होगा ।
इस परीक्षा में निम्नलिखित तरीके से क्षात्रो को ग्रेड मिलता है ।
How to Check CCC Exam Result 2019? CCC परीक्षा का परिणाम कैसे देखे ?
हमने इस परीक्षा की परिणाम जानने हेतु सभी जानकारी निम्नलिखित स्टेप्स में दिए है ।कृपया आप इस निम्लिखित जानकारी को ध्यान पूर्वक पढ़े जिससे आपको अपने परिणाम को आसान तरीके से देख सकते है ।
2- आपको पहले वेबसाइट के सामने "VIEW रिजल्ट" की ऑप्शन दिख रही होगी, उस पर क्लिक करे ।
3- फिर आपको अपना कोर्स को सेलेक्ट करना है आप "CCC" पर क्लिक करे ।
4-फिर आपको अपनी सभी जानकारी दिए गए बॉक्स में भरना होगा जैसे- उम्मीदवारों का नाम, पंजीकरण संख्या, डेट ऑफ़ बर्थ, परीक्षा वर्ष, उम्मीदवार का नाम आदि।
5- फिर आपको "View" बटन पर क्लिक करना है ।
6- आपका रिजल्ट आपके स्क्रीन पर आ जायेगा ।
हमने इस वेबसाइट पर सिर्फ CCC Online Test In Hindi , CCC Online Test In English, CCC Mock Test, CCC Online Test को कवर किया है आप यहाँ इसके बारे में सारी जानकारी पा सकते है । जिससे आपकी पढ़ने की शक्ति & परीक्षा में अच्छा नंबर लाने में मदद करेगा ।
यदि आपके पास कोई मुद्दा है, तो कृपया नीचे टिप्पणी बॉक्स में एक टिप्पणी छोड़ दें। हमारी टीम आपसे 24 घंटे में संपर्क करेगी।
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CCC Online Test October 2019 (Updated)
1 thought on "Download CCC Exam Result (NIELIT) 2019"
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809f02b3193e3a8cd2a75f35b10782b951b02dd97d5badfc4ef6a7764b80c53f | माउंट एवरेस्ट की सफाई के लिए नेपाल सरकार के एक अभियान में 11, 000 किलोग्राम कचरा और चार शव मिले हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर दो महीने तक चलने वाले सफाई अभियान में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर, टेंट, प्लास्टिक की बोतलें, बैटरी, खाद्य अपशिष्ट और मानव मल मिला. नेपाल सरकार ने कहा कि कुछ कचरे को एनजीओ ब्लू वेस्ट को सौंप दिया गया, जो बुधवार को नेपाल की सेना प्रमुख जनरल पूर्णचंद्र थापा की मौजूदगी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर काठमांडू में एक समारोह के दौरान अपशिष्ट उत्पादों को रिसाइकिल करेगा." उन्होंने कहा "हम अपने सफाई अभियान के तहत अगले साल भी सफाई जारी रखेंगे."
पर्यटन विभाग के महानिदेशक दांडू राज घिमिरे ने रायटर को बताया "अप्रैल और मई में लगभग 20 शेरपा पर्वतारोही सफाई में शामिल थे. उन्होंने बेस कैंप के ऊपर कई साइटों से 5,000 किलो कचरा इकट्ठा किया और नीचे के क्षेत्रों से 6,000 किलोग्राम कचरा इकठ्ठा किया". घिमिरे ने कहा, "दुर्भाग्य से दक्षिण क्षेत्र में बैगों में एकत्र किए गए कुछ कचरे को खराब मौसम के कारण नीचे नहीं लाया जा सका."
1 of 4 माउंट एवरेस्ट नहीं है दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत!
2 of 4 क्यों पैसे और जान जोखिम में डालकर लोग करते हैं माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई?
बर्फ से पिघले हुए चार शवों को काठमांडू के एक अस्पताल में भेज दिया गया. दो शवों की पहचान एक रूसी पर्वतारोही और एक नेपाली पर्वतारोही के रूप में की गई थी, लेकिन अन्य दो की पहचान नहीं की जा सकी है. 1953 में पहली बार विजय प्राप्त करने के बाद से एवरेस्ट पर 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
मार्च और मई के बीच यह चढ़ाई का मौसम सबसे घातक था, क्योंकि कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी. मई में एवरेस्ट के नेपाली किनारे पर नौ पर्वतारोहियों की मौत हो गई, जबकि दो की तिब्बती क्षेत्र में मृत्यु हो गई.
भीड़भाड़ के कारण पर्वतारोही शिखर पर एक कतार में फंस गए, जो पहाड़ पर सबसे ऊंचे आधार शिविर से 8,000 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है. इस क्षेत्र को "डेथ ज़ोन" के रूप में जाना जाता है क्योंकि पर्वतारोही अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के बिना वहां कुछ मिनटों से अधिक समय नहीं बिता सकते हैं.
इस वर्ष चढ़ाई के मौसम के लिए नेपाल द्वारा प्रत्येक के लिए $ 11,000 की लागत के रिकॉर्ड 381 परमिट जारी किए गए थे, जिससे हाल ही के वर्षों में पर्यटन की खातिर सुरक्षा से समझौता किया जा रहा था.
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80a10eafeb02cd7016444f3809322bc7912378103a3489ecbd771f039dc3a050 | रिलेशनशिप में जाने से पहले खुद से पूछे ये5सवाल!-Don't commit before you get answers to these5questions- www.newsstate.com\nरिलेशनशिप में जाने से पहले खुद से पूछे ये5सवाल!\nरिलेशनशिप के लिए अच्छा तालमेल और सबसे बड़ी बात कि आप कमिटमेंट के लिए तैयार हो। अक्सर किसी भी रिश्तें में जाने से पहले हम इस बारे में सोचते नहीं है।\nNews State Bureau । Updated On : July 27, 2018 06:26 PM\nकिसी से बात करना भले ही अच्छा लगता हो पर उसके साथ रिलेशनशिप भी सफल रहे, यह जरुरी नहीं होता है। रिलेशनशिप के लिए अच्छा तालमेल और सबसे बड़ी बात कि आप कमिटमेंट के लिए तैयार हो। अक्सर किसी भी रिश्तें में जाने से पहले हम इस बारे में सोचते नहीं है। ऐसे में अगर आप भी किसी रिश्तें में जाने के बारे में सोच रहे हो तो खुद से ये पांच सवाल जरूर पूछे।\nअकेलापन तो नहीं है कारण!\nकई बार, लोग अकेलेपन से बचने के लिए रिलेशनशिप में चले जाते है। यह सच बात है कि हमें किसी से बात करना और साथ बिताना अच्छा लगता है। लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आप किसी रिश्तें में चले जाए। यदि आपको वास्तव में व्यक्ति पसंद है, और सिर्फ अकेलापन दूर करने का जरिया नहीं है तो ही अपने रिश्ते को आगे बढाने के बारे में सोचे।\nआप तैयार है?\nहमारे जीवन में विभिन्न बिंदुओं पर, हम विभिन्न परिस्थितियों में जाते हैं। जैसे कि पढाई या नौकरी या कुछ अन्य व्यक्तिगत कारणों के लिए शहरों को बदलना। एक नए व्यवसाय या नौकरी में आने का मतलब है कि आपको बहुत समय लगाना पड़ सकता है। इन जंक्शनों में, आपके पास रिश्ते में निवेश करने का समय नहीं हो सकता है और इसलिए किसी को करने से पहले अपनी प्राथमिकताओं को जानना चाहिए।\nक्या आप अभी भी अपने एक्स के बारे में सोचते हैं?\nकभी कभी अपने एक्स के बारे में सोचना ठीक है, पर अगर आप अभी तक उससे उबर नहीं पाये हों तो किसी भी नए शुरुआत ना करे। क्योंकि फिर आप नए रिश्तों के साथ ईमानदार नहीं हो पाएंगे। ऐसा करना आपके वर्तमान साथी के लिए अनुचित होगा।\nक्यों जाना है नए रिश्ते में ?\nआप किसी रिश्ते में क्यों जाना चाहते है, यह सवाल खुद से जरुर पूछे। सिर्फ अकेलापन दूर करने, या किसी प्रेशर में आकर अगर आप रिश्ते में जाना चाह रहे तो यह आपकी गलती है। ऐसे में रिश्ते के प्रति जिम्मेदारी और गंभीरता कम होती है।\nरिश्तों में सम्मान की कितनी जगह है?\nआपके साथी को आपका सम्मान करना चाहिए और उपलब्धियों के लिए आपको बढ़ावा देना चाहिए । उन्हें आपकी खुशी में हिस्सा लेना चाहिए और जो भी आप प्राप्त करते हैं उससे ईर्ष्या न करें। एक व्यक्ति जो आपके साथ भावनात्मक रूप से या शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार करता है वह आपके लिए बिल्कुल अच्छा साथी नहीं है।\nइसे भी पढ़ेंः India Couture Week 2018 के रैंप पर करीना, कंगना और अदिति राव हैदरी ने बिखेरा जलवा\nFirst Published: Friday, July 27, 2018 06:09 PM\nRELATED TAG: Relationship Tips, Relationship Rules, Love Tips,\nबॉलीवुड की इस फेमस एक्ट्रेस की फोटो हुई वायरल, क्या पहचान पाएं आप?
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80a97ffe6ead53465a7322833e25932ff6ce3ed74200d593c524960ccafe1e3b | पवन कल्याण (Pawan Kalyan) कोरोना पॉजिटिव (Pawan Kalyan Corona Positive) निकले हैं। पवन कल्याण ने खुद को अपने फार्महाउस पर आइसोलेट कर लिया है और डॉक्टर्स उनका इलाज कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और फिल्मी दुनिया के सितारे इसकी चपेट में आ रहे हैं। अब साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन कल्याण (Pawan Kalyan) भी कोरोना पॉजिटिव (Pawan Kalyan Corona Positive) निकले हैं। पवन कल्याण ने खुद को अपने फार्महाउस पर आइसोलेट कर लिया है और डॉक्टर्स उनका इलाज कर रहे हैं।
ऐक्टर से पॉलिटीशियन बने पवन कल्याण को लेकर पहले ये खबर आई थी कि उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव है और सिर्फ लंग्स में इंफेक्शन लेकिन बाद में पवन कल्याण की टीम ने पुष्टि की है कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं।
पवन कल्याण ने तिरुपति में पदयात्रा में हिस्सा लेने के बाद 3 अप्रैल को हैदराबाद वापसी की थी। उन्हें कुछ दिक्कत महसूस हुई तो सलाह पर उन्हें कोरोना टेस्ट करवाया और रिपोर्ट निगेटिव आई थी। फिर भी डॉक्टर्स की सलाह पर पवन कल्याण ने खुद को फार्महाउस को आइसोलेट कर लिया और दो दिन टेस्ट कराने के बाद अब वह कोरोना पॉजिटिव आए हैं। बताते चलें कि पवन कल्याण 4 अप्रैल को फिल्म 'वकील साब' के प्री रिलीज इवेंट में शामिल हुए थे।
पवन कल्याण की टीम ने बताया कि उनके भाई चिरंजीवी और पत्नी सुरेखा उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। फॉर्महाउस में ही पवन के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। उनके शरीर में दर्द बना हुआ है। हालांकि पवन कल्याण ने खुद भी स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया, 'मैं ठीक हूं और स्थिति अच्छी है। मैं इससे लड़ूंगा और बहुत जल्द ठीक हो जाऊंगा।'
पवन कल्याण ने हाल ही में फिल्म 'वकील साब' से कमबैक किया है। वेणु श्रीराम के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म 9 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में पवन कल्याण के अलावा निवेता थॉमस, अंजली, अनन्या नगल्ला, प्रकाश राज और श्रुति हसन महत्वपूर्ण किरदारों में हैं।
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80b69e2f085dab48578b063be94a10cf227130f48dbd077d85ccb9609e6be31f | NDTV इंडिया पर एक दिन के प्रतिबंध के आदेश के मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं शिवसेना मंगलवार को यहां तक कहा गया कि इसने आईएंडबी मंत्रालय के हिंदी चैनल के खिलाफ आदेश देने के फैसले का स्वागत किया। "हम NDTV इंडिया पर प्रतिबंध के आदेश को रखने के लिए गए निर्णय का स्वागत करते हैं। एकमात्र चिंता यह है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, "पार्टी के मुखपत्र। सामना' के एक संपादकीय में कहा गया।
"कुछ फैसले राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हैं और इस तरह उनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। यदि वे हैं, तो इसका समर्थन नहीं किया जा सकता है। बुरा व्यवहार स्वतंत्रता के लिए बहाना नहीं हो सकता है, "पार्टी ने कहा।
कुछ लोग चाहते हैं कि स्वतंत्रता बोलने के लिए, सड़क पर कहीं भी थूकें, दूसरों को भ्रष्ट आचरण से आजादी चाहिए और कुछ चाहते हैं कि पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने की स्वतंत्रता हो।
"इस तरह की स्वतंत्रता राष्ट्र को अस्थिर कर देगी," यह कहा। शिवसेना ने कहा कि आजकल समाचार चैनलों को यह नहीं लगता है कि समाचार को तोड़ने के लिए वे किस स्तर पर उतरते हैं।
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए संपादकीय में कहा गया कि उसके नेताओं को आजादी के बारे में बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि आपातकाल के दौरान इसने सभी तरह की आजादी की 'हत्या' कर दी थी। "राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सेंसरशिप लगाई गई और कई संपादकों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। कई अखबारों को ऑपरेशन बंद करना पड़ा।
एक बड़ी नाराजगी के बीच, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाने के 2 नवंबर के आदेश को 'होल्ड पर रखने' का फैसला किया था, ब्रॉडकास्टर ने अनुरोध किया कि फैसले की समीक्षा की जाए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, NDTV के सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय ने सोमवार को I & B मंत्री एम से मुलाकात की वेंकैया नायडू और आदेश से संबंधित मुद्दे पर चर्चा की। मंत्री ने कहा कि NDTV के नेतृत्व ने उनके सामने एक अपील पेश की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी नज़र होगी और फिर फैसला किया कि प्रक्रिया पूरी होने तक सरकार का निर्देश जारी रहेगा।
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80b9cb60d713418e514d14bd8ca8b7c215198ab8f023635ec7c1c9595fe6d8a9 | खेल मंत्रालय ने 29 अगस्त को खेल दिवस के मौके पर दिए जाने वाले नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए सिलेक्शन पैनल की शुक्रवार को घोषणा की। इसमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के अलावा मेंस हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह को शामिल किया है। 12 मेंबर्स वाले इस सिलेक्शन पैनल के मुखिया सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एम. शर्मा होंगे। यह पैनल राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद अवॉर्ड, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार, तेनजिंग नॉर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड और मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी के विजेताओं का सिलेक्शन करेगी।
खेल मंत्रालय के सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पिछले साल की तरह इस बार भी खिलाड़ियों और कोच के लिए एक ही सिलेक्शन पैनल रखा गया है। एक से ज्यादा पैनल परेशानी खड़ी करते हैं और इससे विवाद बढ़ते हैं। द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए सिलेक्शन पैनल के चेयरमैन दो अतिरिक्त सदस्यों को शामिल कर सकता हैं, जो इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हों।
इस साल नेशनल स्पोर्ट्स अवार्ड सेरेमनी को कोरोनावायरस के कारण एक या दो महीने के लिए टाला जा सकता है। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आखिरी फैसला राष्ट्रपति भवन लेगा। राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रपति द्वारा दिए जाते हैं। यह सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है। कोरोना के कारण इस बार खेल पुरस्कारों के लिए पहली बार ई-मेल के जरिए आवेदन मंगाए गए। आमतौर पर नॉमिनेशन प्रोसेस अप्रैल में ही शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण मई में आवेदन मांगे गए थे।
इस बार क्रिकेटर रोहित शर्मा, एथलीट हिमा दास और रेसलर विनेश फोगाट का नाम खेल रत्न के लिए भेजा गया है। इनके अलावा नीरज चोपड़ा (जेवेलिन थ्रो), मोनिका बत्रा (टेबल टेनिस) और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का नाम भी खेल रत्न के लिए भेजा गया है। वहीं, पिछले साल पैरालिंपियन दीपा मलिक और पहलवान बजरंग पूनिया को यह पुरस्कार मिला था। (फोटो प्रतीकात्मक)
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80bcafe981161c666a36c3db79e6130080eb6f39d59b4a3cb664061e1c3257fe | यूरोपीय संघ में तीन महीने के लिए, एक प्रशासनिक शाखा बनाई गई है, जो विशेष रूप से रूस के साथ सूचना युद्ध के लिए बनाई गई है। समूह का आधिकारिक नाम ईस्ट स्ट्रैटकॉम टीम है, जो पूर्वी रणनीतिक संचार टीम के लिए छोटा है। रूसी में - "पूर्वी सामरिक संचार समूह।" समूह का उद्देश्य, खुले दस्तावेजों में घोषित किया गया है, यह यूरोपीय संघ की अपनी पूर्वी सीमाओं और उससे आगे की नीतियों और गतिविधियों का सक्रिय संचार है। अंग्रेजी में मूलः पूर्वी पड़ोस में और उससे आगे।
यह जान लेने के बाद कि एकजुट यूरोप ने न केवल निकटवर्ती बल्कि पूर्वी (यानी हमारी पश्चिमी) सीमाओं पर भी किसी प्रकार की रणनीतिक घटना शुरू कर दी है, पूर्वी व्यक्ति नाराज और असहज हो जाता है। यह "अगला" कहां है? 1821 वर्ष में मैनचेस्टर में स्थित आधिकारिक ब्रिटिश अखबार द गार्डियन, यह बताता है कि आर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, जॉर्जिया, मोल्दोवा और यूक्रेन यूरोपीय संघ की सीमाओं के पास "पास" हैं और रूस खुद "अगला" है। - खुद रूस, 25 जून 2015 से जारी)। अब तक, आर्मेनिया, अजरबैजान और जॉर्जिया की यूरोपीय संघ के साथ कोई आम सीमा नहीं है। लेकिन वह पहले से ही उन्हें अपनी पैतृक संपत्ति के रूप में मानता है और घर से अलग तरीके से उनका निपटान करने जा रहा है, लेकिन, आइए हम कहते हैं, एक सास की तरह। विशेष रूप से, यूरोपीय संघ इन देशों में "यूरोपीय मूल्यों" के प्रचार के माध्यम से "रूस के प्रचार का विरोध" करने जा रहा है।
ड्रंग नच ओस्टेन (ड्रंग नाह ओस्टेन, "पूर्व की ओर दौड़") यूरोप का नीला सपना है। पिछली दस शताब्दियों में, कम से कम एक सदी में, यूरोप के लोग इकट्ठा होते हैं और युद्धों के साथ पूर्व में जाते हैं। मध्य युग में, पश्चिमी लोगों ने पूर्वी लोगों को बस लूट लिया, मार डाला और जला दिया। बाद में उन्होंने भी ऐसा ही किया, लेकिन पश्चिम में 1812 के बाद से, इस विश्वास ने जड़ पकड़ ली है कि "एक प्रबुद्ध यूरोप सभ्यता लाता है" रूसियों के लिए। 1814 और 1945 में "सभ्यताओं" के लिए रूसी लोगों के लिए यूरोप के "सभ्य" प्रयासों का बहुत दुख हुआ। लेकिन रूसी भी व्यर्थ नहीं है। क्या यह फिर से है?
यह जानने के लिए कि इस समय यूरोप ने हमारे लिए क्या तैयार किया है, हम मूल स्रोत की ओर मुड़ते हैं। यह इंडेक्स रिफ के साथ अंग्रेजी में यूरोपीय संघ का एक आधिकारिक दस्तावेज है। एरेस (2015) 2608242 - 22 / 06 / 2015। प्रकाशन की तारीख खतरनाक है, ठीक उसी दिन से जब यूरोपीय रेक पूर्व में गया था। इस दस्तावेज़ को अनुवाद में सामरिक संचार पर कार्य योजना कहा जाता है - रणनीतिक संचार के लिए कार्य योजना।
आइटम 1। स्थिति। मास मीडिया के उपयोग ने पिछले डेढ़ साल में यूरोपीय संघ के पूर्वी पड़ोसियों को प्रभावित करने वाली राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 20 मार्च 2015, यूरोप की परिषद ने मान्यता दी और रूस के निरंतर विघटन अभियानों की चुनौती को स्वीकार करने की आवश्यकता पर बल दिया और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों और यूरोपीय संघ प्रशासन के साथ सहयोग के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के लिए संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति (फेडेरिका मोघेरिनी - लेखक का नोट) के उच्च प्रतिनिधि को बाध्य किया। सामरिक संचार जून के बाद नहीं।
आइटम 2। सामरिक संचार का मूल्य। रणनीतिक संचार के मूल्य में पूर्वी यूरोप के देशों में सुधारों के लिए आपसी हितों और सतत समर्थन के आधार पर लोकतंत्र, विकास और स्थिरता के एक सामान्य क्षेत्र का निर्माण, सहयोग को गहरा करना शामिल है।
आइटम 3। उद्देश्य।
1। पूर्वी यूरोपीय देशों में यूरोपीय संघ की नीतियों और मूल्यों का प्रभावी स्पष्टीकरण और संवर्धन।
2। मीडिया के प्रभाव को मजबूत करना और स्वतंत्र (रूस से समर्थन के लिए। - लगभग। लेखक) प्रकाशन।
3। बाहरी स्रोतों से गलत सूचना के संबंध में दर्शकों की आलोचनात्मकता बढ़ाना और इस तरह की गतिविधि का मुकाबला करने की यूरोपीय संघ की क्षमता में सुधार करना।
आइटम 4। प्रमुख सिद्धांत।
पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात इस क्षेत्र में यूरोपीय संघ की नीति के संबंध में मीडिया में सकारात्मक और प्रभावी संदेशों का निर्माण है।
उपरोक्त योजना के पहले चार बिंदु हैं (बड़े संक्षिप्ताक्षर के साथ)। लेकिन सामान्य विचार को समझना आसान है। संयुक्त यूरोप एक बार फिर उच्चतम स्तर पर हमारे साथ आ गया है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम "चकमा" कैसे जारी रखते हैं, अगले "सभ्यता" हम बच नहीं सकते। कम से कम मीडिया, एनजीओ, सोशल नेटवर्क और इंटरनेट के माध्यम से। यह समझने के बाद कि हम फिर से सक्रिय हो जाएंगे (शब्द "जबरन") "सभ्य" के लिए एक व्यंजना, यह पता लगाना आवश्यक है कि इस बार हमें क्या इंतजार है। हम किस तरह के "मूल्यों" का टीकाकरण करेंगे और एकजुट यूरोप को पीसेंगे?
किसी भी राज्य में, राजधानी न केवल प्रशासनिक है, बल्कि देश का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है। पूंजी राज्य का एक दर्पण है, जो आकार में छोटा है, लेकिन इसकी सामग्री में कोई कम क्षमता नहीं है। लोगों की भावना, इसकी परंपराएं, निरंतरता और संस्कृति किसी भी पूंजी में मौजूद हैं। यूरोपीय संघ में सबसे बड़ा और सबसे विकसित राज्य जर्मनी है। इसकी राजधानी बर्लिन है। 16 जून 2001 से दिसंबर 11 2014 बर्लिन के नियम बर्गोमस्टर क्लाउस वोवेरिट - जर्मन राजनेता, 2001 में जर्मनी की संघीय परिषद के अध्यक्ष - 2002, समलैंगिक। 1993 के साथ, Wowereit खुले तौर पर अपने "मित्र" Jorn Kubitsky के साथ रहते हैं। यह "यूरोपीय मूल्य" है, नागरिक विवाह के लिए समलैंगिकों का अधिकार।
यह कुछ ऐसा लगता है कि यह एक तिपहिया है। कौन परवाह करता है कि चादर पर घर पर कौन क्या करता है? अंतरंग जीवन प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है। लेकिन नागरिक विवाह समाज की नींव है। सिविल विवाह बच्चों को गोद लेने और उनकी परवरिश का अधिकार देता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि समलैंगिक कितनी भी कोशिश कर लें, वे स्वाभाविक तरीके से बच्चे पैदा नहीं कर सकते। और कृत्रिम गर्भाधान और सरोगेट "मातृत्व" हर साधारण मनोरोगी के लिए उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन यूरोपीय संघ में, एक किशोर न्याय प्रणाली का आविष्कार किया गया था। सामान्य परिवारों से बच्चों को वापस लेने और उन्हें इसके साथ शिक्षा के लिए त्यागने के लिए।
एक और यूरोपीय मूल्य दौड़ की शुद्धता के लिए संघर्ष है। अब तक केवल चिड़ियाघरों में, लेकिन कौन जानता है कि आगे क्या होगा। आखिरकार, पश्चिमी यूरोपीय लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि स्लाव लोग थे। उन्होंने हमारे बारे में एक विशेष "वैज्ञानिक" परिभाषा का भी आविष्कार किया, "सबमन्स" (अनटर्मेंसच)। 1941 में, थर्ड रीच के बैनर तले, यूरोपीय सेनाओं की भीड़ के बाद, Einzatzkommando ("लक्ष्य समूह") और Sonderkommando ("विशेष समूह") पूर्व में चले गए। उनका लक्ष्य "सबहुमन्स" का भौतिक विनाश था। USSR को भौगोलिक सिद्धांत के अनुसार गठित चार Einsatz समूह मिलेः समूह "A" - बाल्टिक देश; "बी" - स्मोलेंस्क और मॉस्को; "सी" - कीव का क्षेत्र; "डी" - यूक्रेन का दक्षिणी भाग। समूह "ए" निर्वासित 249 420 लोग, "B" - 45 467; "C" - 95 000; "D" - 92 000।
पिछले साल, यूरोपीय नौकरशाहों ने सोचा था कि जिराफ मारियस दौड़ की शुद्धता पर यूरोपीय नियमों के दृष्टिकोण से अस्वीकार्य संभोग के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आया था। फरवरी 9 की सुबह, कोपेनहेगन (डेनमार्क) के एक चिड़ियाघर में 2014 को राई की रोटी के एक टुकड़े के साथ बुलाया गया था, और जब उसने भरोसा करके अपना चेहरा उसकी ओर खींचा, तो उसे राइफल से सिर में गोली मार दी गई। तब मारियस को बीनकर 4 - 5-year-olds के सामने शेरों को खिलाया गया।
आप लंबे समय तक यूरोपीय मूल्यों के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन इसके लायक नहीं। "विशेषज्ञ" बनने की कोशिश करने और खाद की किस्मों को छाँटने का कोई मतलब नहीं है। और यह इतना स्पष्ट है कि रूस में यूरोपीय मूल्यों को शायद टोलोकोनिकोव, पावलेन्स्की और उनके जैसे अन्य लोगों द्वारा स्वीकार किया जाएगा। जैसे ही उसे पता चलता है कि वह किस बारे में बात कर रहा है, कोई भी सामान्य व्यक्ति आखिरी अवसर पर यूरोपीय मूल्यों का सख्त विरोध करेगा। फिर भी, एकजुट यूरोप पहले से ही Einzatskommandu को इकट्ठा किया था, "Gruppenführer" नियुक्त किया और स्पष्ट रूप से पूर्व का रास्ता दिखाया।
भगवान हमारी मदद करें!
संरचनात्मक संचार पर कार्रवाई योजना (अंग्रेजी में)
यह नोट किया गया है। 20 मार्च 2015, "जोर दिया कीटाणुशोधन अभियान वह रणनीतिक संचार के प्रभारी थे। "
यूरोपीय परिषद आगे "संचार टीम की स्थापना" को "इस संबंध में पहला कदम" के रूप में संदर्भित करती है। एक स्टार्ट-अप टीम (ईस्ट स्ट्रैटकॉम टीम) अब स्थापित हो गई है (बिंदु 5.a देखें)
यूरोपीय संघ के समग्र नीति उद्देश्यों को आगे बढ़ाने में रणनीतिक संचार एक महत्वपूर्ण उपकरण है। यूरोपीय संघ की साझेदारी के साझेदारी उद्देश्यों को हाल ही में एक साझेदारी के रूप में बुलाया गया हैः
"आम यूरोपीय साझेदारी पर निर्माण" मौलिक स्वतंत्रता, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांत।
और इसके आधार परः
यूरोपीय संघ ... "
इसे संक्षेप में प्रस्तुत किया जा सकता हैः
1.Effective यूरोपीय संघ की नीतियों और पूर्वी पड़ोस की ओर मूल्यों;
स्वतंत्र मीडिया के लिए समर्थन सहित समग्र मीडिया परिवेश का 2.Strengthening;
3. बाहरी अभिनेताओं और संभावित गतिविधियों द्वारा गतिविधियों के विघटन के बारे में सार्वजनिक जागरूकता में वृद्धि।
क्षेत्र के लिए यूरोपीय संघ के रणनीतिक संचार। यह, समय के साथ, उनके दैनिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह संदेश नहीं देखा जाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि नियमों की व्याख्या करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
यह एक सकारात्मक आख्यान है। जहाँ आवश्यक हो, EU को EU से संबंधित कीटाणुशोधन का पूर्वानुमान लगाने और प्रतिक्रिया देने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
यूरोपीय संघ 2015 के साथ इनलाइन, ईईएएस के भीतर एक स्टार्ट-अप टीम की स्थापना की गई है, जिसमें ईयू संस्थानों का योगदान है। 1 सितंबर 2015।
ईयू पूर्वी साझेदारी में अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। टीम कीटाणुशोधन अभियानों के अधीन होगी। ईयू के सदस्य राज्य और यूरोपीय संघ के सदस्य देश।
यह स्थानीय मुद्दों सहित विशिष्ट मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह यूरोपीय संघ के सामुदायिक प्रयासों और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों के साथ सुसंगत होगा।
यह ईस्ट स्ट्रैटकॉम टीम का एक मुख्य वक्ता है। नेटवर्क, विनिमय उत्पादों और विचारों के लिए प्रासंगिक हितधारकों के लिए एक मंच प्रदान करना चाहिए संचार संदेशों बढ़ाना, और उनकी गतिविधियों का समन्वय करने के। पूर्वी पड़ोसी को सौंपा।
यह कई ऐसे देश होंगे जिन्हें यूरोपीय संघ ने मंजूरी दी है। समानांतर में, वह क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। सिविल सोसाइटी एक्टर्स के साथ भी संपर्क बनाए रखा जाएगा।
यूरोपीय संघ के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नीतियों और गतिविधियों को समझना। परियोजनाओं। स्ट्रैटकॉम टीम ने पहचान की।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, यह नहीं है। यूरोपीय संघ अभिव्यक्ति, विधानसभा और संघ की स्वतंत्रता के संबंध में एक साथ मिलकर काम करेगा।
यह कोई समस्या नहीं है। "यह एक समस्या नहीं है।" यूरोपीय संघ। इरास्मस प्लस कार्यक्रम के लिए समर्थन।
यूरोपीय संघ पर्यावरण और Nenets-2015 के समुदाय के विकास का समर्थन करेगा। यह व्यवसाय प्रथाओं का आदान-प्रदान करना आसान बनाने का अवसर होगा। यह महत्वपूर्ण है कि यूरोपीय संघ इस पर विचार करेगा। जमीन पर समन्वय। यह आपको अपने स्थानीय सुधार प्रयासों का ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
यूरोपीय संघ यह सुनिश्चित करेगा कि संचार स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध हो। लोकतंत्र के लिए यूरोपीय बंदोबस्ती पर विचार किया जाएगा (EED)
रूसी भाषा मीडिया पहल पर व्यवहार्यता अध्ययन। कई सदस्य राज्य हैं इस बीच, यह एक समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह नागरिक समाज के मंच पर एक नज़र रखना चाहेंगे।
आम जनता के बीच कीटाणुशोधन गतिविधियों के बारे में जागरूकता। यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य और भागीदार सभी स्तरों पर हैं। यह मीडिया साक्षरता का एक क्षेत्र है। अभिनेताओं को चाहिए मीडिया के स्व-नियमन को प्रोत्साहित करना।
ऑडियोविजुअल मीडिया सर्विसेज (ईआरजीए) के यूरोपीय नियामकों की बैठक के दौरान।
आप लंबे समय तक यूरोपीय मूल्यों के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन इसके लायक नहीं। "विशेषज्ञ" होने और खाद को छाँटने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।
चूँकि हमारे महाद्वीप अस्सिया (दैवीय भूमि) का नाम बदलकर अफ्रीकी भाषा में "यूरोप" शब्द रखा गया था, जिसका अर्थ "पश्चिम" है, इस अर्थ में कि केवल सूर्य ही नहीं बल्कि कुछ और भी अधिक गिरता है, रिश्तों में मानवता के बारे में बात करना और बड़े हो गए हैं बस निरर्थक। लाभ, पहली नजर में अवधारणाओं का एक अस्वीकार्य प्रतिस्थापन, ऐसी घटनाओं की ओर जाता है जो हम सभी अब देख रहे हैं।
आसिया (दैवीय भूमि) एक अफ्रीकी भाषा में जिसका अर्थ है "पश्चिम"
"पश्चिम", डूबने के अर्थ में और केवल सूर्य ही नहीं, बल्कि कुछ और,
प्रिय व्याचेस्लाव! लोक इतिहास को सामान्य और भ्रमपूर्ण स्वघोषित शिक्षाविदों वी.ए.चुडिनोव और ए.आई. आसोव (बाराशकोव) विशेष रूप से नहीं पढ़ें। इन लोगों की खोज, अनुपचारित मानसिक बीमारियों की इच्छा से, उनके व्यवसाय के बारे में जाना, अद्भुत हैं! और दार्शनिकता में भी। "वेस्ट" वह जगह है जहां कुछ "डूबता है", और "कोलबोक" - क्योंकि जब आटा गूंध होता है, तो उन्हें पबियों में दबाया जाता है, और स्लाविक रन ताजा प्लास्टर पर निकलते हैं।
एक विशाल पर लिखा है - "विशाल", और एक घोड़े पर लिखा है "पतला"! यहाँ से रूसी शब्द आया "कोरकोडाइल।" क्योंकि शब्द-निर्माण योजना एक ही है - "कॉर्टिकल पतला" - एक क्रस्ट से एक घोड़ा, और एक क्रस्ट - तराजू। इसलिए, हमारे पास एक विकृत अंग्रेजी या लैटिन शब्द नहीं है, लेकिन, इसके विपरीत, लैटिन शब्द एक विकृत रूसी हैः यह एक "कोडोडल" था, लेकिन यह एक "मगरमच्छ" बन गया।
नहीं मैं साथ आया मुझे पाश्चात्यवाद, उदारवाद और रसोफोबिया के साथ फिर से दबाना बेहद मुश्किल है, लेकिन खोने के लिए सामान्य ज्ञान आवश्यक नहीं है!
और आगे। पश्चिम, पूर्व - अवधारणाएं, जैसा कि आप जानते हैं, बहुत, बहुत सशर्त हैं। यह हमारे लिए जापान - उगते सूरज का देश है। और खुद जापानी लोगों के लिए, ऐसा संयुक्त राज्य है। और यूएसए के लिए - ठीक है, उदाहरण के लिए, फ्रांस। लेकिन इस सभी सम्मेलन के साथ - अफ्रीका के लिए पश्चिम में एशिया (एशिया) कैसे समाप्त हुआ - मैं कभी नहीं समझूंगा।
सामान्य रूप से, लेख की चर्चा को छद्म वैज्ञानिक भाषाई बूथ में बदल न दें।
ठीक। साथ ही, निस्संदेह।
आप लंबे समय तक यूरोपीय मूल्यों के बारे में बात कर सकते हैं,
ठीक है, इन मूल्यों को यूरोप के क्षेत्र पर रहने दें, आप देखते हैं और हमारे बीच कोई विशेष समस्या नहीं होगी।
खैर, व्यक्ति ने अपनी राय व्यक्त की, इस विषय में अपनी समझ को जोड़ा। यदि यूरोप और रूस के बीच टकराव का विषय उठाया जाता है, तो किसी को यह याद रखना चाहिए कि हालांकि हिटलर को सोवियत संघ के खिलाफ बोल्शेविज्म के विरोधी के रूप में सत्ता में लाया गया था, तीसरा रीच वर्तमान यूरोपीय संघ की तुलना में बहुत अधिक स्वतंत्र था, पूरी तरह से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा नियंत्रित था। तीसरे रैह और यूरोपीय संघ के मानचित्रों के लिए, नेपोलियन के साम्राज्य के नक्शे को जोड़ना आवश्यक है, और इससे पहले भी, प्राचीन रोम का साम्राज्य। हालांकि, एक बात है, अगर हम न केवल "एकजुट यूरोप" के क्षेत्र के बारे में बात कर रहे हैं। नेपोलियन ने एंग्लो-सैक्सन की दुनिया को चुनौती दी जब "दादी ने दो में कहा" जो विश्व पूंजीवाद का मास्टर बन जाएगा। एंग्लो-सैक्सन ने जीत हासिल की। कैसर के जर्मनी, जर्मन पूंजीवाद, ने एंग्लो-सैक्सन्स के लिए दूसरी चुनौती को फेंक दिया, फिर पूंजीवाद का नेता कौन बनेगा, यह सवाल भी बना रहा। एंग्लो-सैक्सन ने फिर से अपने लिए दूसरों को प्रतिस्थापित किया, गठबंधन किया और जीत का नेतृत्व किया। जर्मनी को पराजित किया गया, उसके बाद तीन और साम्राज्य हुए, ओटोमन, ऑस्ट्रो-हंगेरियन और रूसी। एंग्लो-सैक्सन ने फिर से जीत हासिल की, और अगर रूस में सत्ता के एक नए ध्रुव का उदय, शक्तिशाली शक्ति का उदय, यूएसएसआर नहीं हुआ, तो यह जापान, अंतिम साम्राज्य, अंतिम प्रतिस्पर्धी को खत्म करने के लिए बना रहा। सोवियत संघ को नाजी जर्मनी के हाथों से नष्ट करना संभव नहीं था, इसके अलावा, शक्ति का नया ध्रुव, जो पहले से ही अंतरराष्ट्रीय पूंजी के नियंत्रण से परे था, न केवल एक महाशक्ति के रूप में यूएसएसआर के चेहरे को मजबूत किया गया था, बल्कि समाजवाद के शिविर द्वारा भी पूरक था। अब रूस पूंजीवाद में, हमारे बुर्जुआजी, कठपुतली यूरोप की तरह, विश्व पूंजी द्वारा नियंत्रित होते हैं, जिसके मालिक एंग्लो-सैक्सन्स हैं, जिनका पूरा कार्य समाजवाद के पुनरुद्धार को रोकना है। इसलिए, यदि हम रूस के खिलाफ "एकजुट यूरोप" के बारे में बात करते हैं, तो हमें एक निर्देशित यूरोप और रूस के नियंत्रित कुलीन वर्गों के बारे में बात करनी चाहिए। यूएसए और इंग्लैंड, जो हमेशा इंग्लिश चैनल के पार यूरोप को देखना चाहते थे, उन्हें न तो यूरोप में एक मजबूत केंद्र की जरूरत है, न ही एक नए जर्मनी के साथ, और न ही रूसी पूंजीपतियों के सपने एक "बहुध्रुवीय दुनिया" के रूप में "समानांतर पूंजीवाद" को जन्म देने के लिए। निर्णय, यूरोपीय संघ और रूस को कमजोर करना, टकराव, तीसरी ताकतों की पीढ़ी, यह आईएसआईएस हो, नव-मंज़ूर बांदेरा या कुछ और, और एंग्लो-सैक्सन्स कोशिश करेंगे, पहले की तरह, इंग्लिश चैनल और अटलांटिक के पीछे बैठने के लिए, अपने खेल और अग्रणी, जब आवश्यक हो, जीत। ... संक्षेप में, रूस के खिलाफ अब कोई "एकजुट यूरोप" नहीं है, स्वतंत्रता के अवशेष के खिलाफ एंग्लो-सैक्सन्स की दुनिया है, शक्ति का एक विश्व ध्रुव है, जिसमें रूस और उसके आश्रित कुलीन वर्ग स्थित हैं। एंग्लो-सैक्सन्स को केवल उनकी शक्ति को छोड़ने से हराया जा सकता है, अपने विश्व नियमों द्वारा खेलना बंद कर सकते हैं, और इसके लिए जर्मनी को समाजवादी बनना होगा, या रूस को समाजवाद (अधिमानतः दोनों) वापस करना होगा। आरेख पर, नेपोलियन का साम्राज्य, जिसने इंग्लैंड को हराया था और रूस के साथ गठबंधन किया था, Anlo-Saxon "छिपकलियों" के नेतृत्व के बिना, एक पूरी तरह से अलग दुनिया पैदा कर सकता था।
कई दिनों तक "वेन्या" की टिप्पणियों को देखा और कोई अवैज्ञानिक बकवास नहीं पाया। सामान्य टिप्पणियां आपकी तुलना में बदतर नहीं हैं। लेकिन आपने जो लिखा है वह पाठक को नाराज करने का एक प्रयास है। यह साइट नियमों द्वारा निषिद्ध है। प्रशासक और मध्यस्थ कहां देख रहे हैं?
अनुस्मारक के लिए धन्यवाद, उस समय मैं व्यस्त था और आपने सक्रिय रूप से अपने नाज़ी नाज़ी विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक बातचीत का संचालन करना जारी रखा, जिसने मुझे बहुत आश्चर्यचकित किया, क्योंकि हम वीओ साइट पर हैं। मुझे आपको याद दिलाने के लिए, विषय बेलारूसी भाषा की उत्पत्ति के बारे में था। मैंने इसे अन्य साइटों पर नहीं देखा है, लेकिन यहां आपने बस मुझे झटका दिया है, और बिल्कुल सभी प्रतिभागियों ने मेरे वैज्ञानिक रूप से पुष्टि और व्यापक स्थिति का समर्थन किया है। अब अन्य मुद्दों पर आपकी सही स्थिति और स्पष्ट हो गई है।
भाषाविद्! कम से कम रूसी में त्रुटियों के बिना लिखें, और उसके बाद ही कुछ और सीखना शुरू करें।
आपकी पोस्ट के लिए धन्यवाद, मुझे लगता है कि यह बहुत प्रासंगिक है, भाषा विज्ञान के क्षेत्र में कम से कम कई गलतफहमियां मेरे लिए स्पष्ट हो जाती हैं। क्रम मेंः मैं वास्तव में प्रेज़ सिद्धांत का एक प्रबल समर्थक हूं। एएन आरआई ए। शीशकोव तथ्य यह है कि अन्य वैज्ञानिक अपने कार्यों में अपने विचारों का उपयोग करते हैं, इस विषय की प्रासंगिकता से अलग नहीं होते हैं। आइए "पश्चिम" की अवधारणा से शुरू करें - दुनिया के उस हिस्से की दिशा जहां सूरज क्षितिज के नीचे डूबता है। "पूर्व" वह दिशा भी है जहां सूरज क्षितिज से उगता है। कृपया, हमारी स्वयं की तार्किक सोच के तरीकों की बहाली के साथ, छोटे से शुरू करें (1956 में स्कूल में "तर्क" विषय को रद्द कर दिया गया था, इसलिए कई समस्याएं हैं), और मुझे लगता है कि इसके लिए रास्ता मुश्किल होगा। और आपको यहां प्राधिकरण या विरोधी अधिकार का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है, मैं आपसे विनती करता हूं, शांत हो जाओ, अपने लिए सोचने की कोशिश करो, अपने दम पर, यह कई अन्य समस्याओं को हल कर सकता है।
पुनश्चः कंडक्टर"जब वेन्या अपने वैज्ञानिक विरोधी प्रलाप के साथ प्रकट होता है, तो किसी भी लेख की चर्चा कुछ समझ में नहीं आती है। "Etruscologist", mlyn ..."कृपया यह व्यक्तिगत वैज्ञानिक बकवास प्रदान करें, मुझे इंतजार है।
खैर, ईयू का आविष्कार किसने किया था? जर्मनी, इटली और फ्रांस। बाकी लोगों को यह पसंद नहीं है और पूर्व की ओर कोई अभियान नहीं होगा। कम से कम अब तक यूरोपीय यूरोप के मालिक हैं। यह अभियान तभी हो सकता है जब यूरोपीय खलीफा दिखाई दें।
हाँ बिलकुल। अगला द्रांग नच ओस्टेन, तार्किक रूप से और ऐतिहासिक रूप से सही ढंग से, एक और अभेद्य "नाच वेस ड्रेप" के साथ समाप्त होगा। और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इस अभियान में कौन भाग लेगा - यूरोपीय संघ से पुराने पीला-सामना वाले "गे यूरोपियन" या यूरो-कैलिपेट (या जो भी वहां कहा जाएगा) से एफ्रो-एशियाई सुविधाओं के साथ "नए यूरोपीय"। नतीजा वही होगा, बर्लिन में (और संभवतः पेरिस में) पदयात्रा पर केवल टी -34 को नए टी -90 से बदल दिया जाएगा (यदि "आर्मटा" को स्मारकों में जाने के लिए एक दया होगी!)।
यह सच है, यह कल्पना करना डरावना है कि यह हमारे लोगों को क्या बलिदान देगा।
आइए "पश्चिम" की अवधारणा से शुरू करें - दुनिया के उस हिस्से की दिशा जहां सूरज क्षितिज के नीचे डूबता है। "पूर्व" वह दिशा भी है जहां सूरज क्षितिज से उगता है। कृपया, अपनी छोटी तार्किक सोच (1956 में स्कूल में "तर्क" विषय को पढ़ाने से रद्द कर दिया गया था, इसलिए बहुत सारी समस्याएं हैं) के तरीकों की बहाली के साथ, छोटी शुरुआत करें, और मुझे लगता है कि इसके लिए रास्ता मुश्किल होगा। और आपको यहां प्राधिकरण या विरोधी अधिकार का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है, मैं आपसे विनती करता हूं, शांत हो जाओ, अपने लिए सोचने की कोशिश करो, अपने दम पर, यह कई अन्य समस्याओं को हल कर सकता है।
Etruscans रूसियों के पूर्वज हैं, क्योंकि "इट्रस्केन" का शाब्दिक अनुवाद "यह रूसी है"
मेरे लिए समर्पण, एडनाका, कि इतिहास दोहराया जाता है, एडनाका! हाँ।
उन्हें एक प्रकार का नया हिटलर नहीं मिला, इसलिए उन्होंने इसके बिना अगले अल्ट्रा-वेहरमैच को अंधा करने का फैसला किया! और फिर हिटलर, अदनाका को लाओ!
मजाक, खुद को अभद्र, तो सक्सोंस खुद ही अपनी संतान से मर जाएंगे, जैसा कि वे अब यिडिश से हैं, और सत्तर साल पहले जैसा ही होगा, और अपनी लूट को बचाने और अपने गधे को बचाने के लिए!
मेरा शिविर पहले से ही मुद्रण कर रहे हैं!
क्षेत्र बनाया, अब वे बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं!
इस बारे में नहीं कि वे क्या सोचते हैं, जबकि हम अभी भी नवीनतम साज़िशों की साजिश रच रहे हैं, नरसंहार उनके स्थान पर शुरू होगा।
खैर, मेरी ओर से क्या कहा जा सकता है। उन्होंने जो कुछ उठाया और पोषित किया, वह बढ़ता गया। यह केवल शुरुआत है।
यही कारण है कि उन्हें सम्मानित वी.वी. पुतिन मिला, कृपया रूसी वायु सेना को आदेश दें कि इस बदमाश यूरोप पर एक दो तीन बम बम गिराएं, इसे शांत होने दें।
कौन सा? खैर, ज़ाहिर है - हम, टीके। केवल हम स्वयं ही हमसे अधिक शांत हैं, और कौन है? यह हास्यास्पद है कि इस तरह के बकवास को उत्साह के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन यह नाज़ीवाद है, सम्मानित - खुद को असाधारण घोषित करने और शारीरिक रूप से "हीन" को नष्ट करने के लिए।
तब हमारे वंशज हजारों और हजारों वर्षों तक जीवित रहेंगे,
सहस्त्राब्दी रीच में बदबू आ रही थी।
"यह राज्य अब अपने युवाओं के समय का अनुभव कर रहा है। सदियों से, यह परिपक्वता तक पहुंच जाएगा, और आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं - यह एक हजार से अधिक वर्षों तक जीने के लिए किस्मत में है!" यह 1934 में शीकल के भाषण से है। बधाई।
आप मत कहिए, लीबिया, इराक, यूगोस्लाविया, सीरिया, यूक्रेन। कौन है अगला, लोकतांत्रिक आप हमारा?
उनका मतलब था कि कोई भी देश ऐसा नहीं था जो रूस में युद्ध करने के लिए जाता हो, और ठीक है। 45 मीटर पर, हमारे दादाजी ने कई जर्मनों को शारीरिक रूप से तबाह कर दिया था, जो अभी भी ठीक नहीं हो पाए हैं, यहां तक कि देश के पुनर्निर्माण के लिए 50 के दशक के बाद लाए गए तुर्क, चूंकि कोई भी पुरुष नहीं बचा था, लेकिन ठीक ही इसलिए, क्योंकि विदेशी लोगों के अपनी आबादी को नष्ट करने वाले देश में चढ़ने के लिए नहीं। उन्हें जो चाहिए था वो उन्हें मिला है। अब जर्मन युद्ध के बारे में नहीं बोल रहे हैं। एक और बात यह है कि यह अन्य देशों को नहीं सिखाता है। उदाहरण के लिए अमेरिकियों। अर्थव्यवस्था को गिराने के लिए अपने देश के खिलाफ प्रतिबंधों की शुरुआत किसने की? सांता क्लॉज़? Geyropa के साथ अमेरिका! रूबल और सस्ते तेल को किसने गिराया? Geyropa के साथ अमेरिका! यूक्रेन में, रूस के अंडरबेली ने वहां तख्तापलट और युद्ध क्यों किया? Geyropa के साथ अमेरिका! किसने किर्गिस्तान में हुए दंगे को खत्म किया, अब ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान और नागोर्नो-कराबाख में पानी खत्म हो गया है? Geyropa के साथ अमेरिका! कोकेशियान आतंकवादियों का वित्तपोषण किसने किया और लंदन और वाशिंगटन में अपने नेताओं से मिले? Geyropa के साथ अमेरिका! प्लस खाड़ी अरबों! अब सीरिया में इस्लामवादियों की धुनाई कौन रोक रहा है? Geyropa के साथ अमेरिका! और वास्तव में यह आईजीएल कहां से आया, जिसने इसे इराक की राख पर बनाया था? Geyropa के साथ अमेरिका! बहुत सारे शरणार्थी हैं, क्यों आतंकवादी हमले होते हैं, जिन्होंने इन शरणार्थियों के देशों को नष्ट कर दिया, अब वे उनसे इसका कारण पूछने आए हैं? Geyropa के साथ अमेरिका! और आखिरकार, एर्दोगन ने किस विमान को गिराया? इसके अलावा एक geyropa के साथ अमेरिका! क्या आपका कोई सवाल है?
बस मैंने जो लिखाः
मेरी राय में, इसे व्याख्याओं की आवश्यकता नहीं है।
आप को? हां, सामान्य तौर पर, वहाँ नहीं था। मुझे स्कूल में समान स्तर की राजनीतिक जानकारी से प्यार हो गया।
क्या आपको लगता है कि अगर पश्चिम हमारे पास आता है, तो वे आपको संजोएंगे? वे उन्हें जिंदा जलाएंगे, जैसा कि ट्रेड यूनियनों के घर में, बंदरों ने लोगों को जला दिया, और जिन्हें वे छोड़ते हैं, उन्हें अंगों में जाने की अनुमति होगी। यह युद्ध कुल विनाश के लिए होगा, किसी और चीज की अपेक्षा न करें, पश्चिम को चाटने से आपको कोई फायदा नहीं होगा।
यह ग्रह के चेहरे से इंग्लैंड को मिटा देने के लिए पर्याप्त है, और पहले से ही दुनिया में गंदे चाल की हिस्सेदारी को कम कर दिया है ताकि आप रह सकें और शांति से काम कर सकें।
अमेरिडिपा खुद झुक जाएगी - इसे मदद करने की आवश्यकता नहीं है।
खैर, यह तथ्य है कि रूसी स्लाव से अधिक शुद्ध और अधिक बुद्धिमान देश किसी भी शिक्षित व्यक्ति को नहीं पता है।
किसी को भी शिक्षित आदमी को।
आप कितने प्यारे हैं, शिक्षित हैं, या बल्कि अधिक शिक्षित , लोगों ने स्थान दिया।
साधारण राष्ट्रवाद। ऐतिहासिक असंतोष, इच्छाधारी सोच की पृष्ठभूमि के खिलाफ।
अब बुद्धिजीवी सोएंगे। आप जानते हैं, मेरा मानना है कि उनमें से किसी ने भी Reductio ad Hitlerum की तार्किक चाल के बारे में नहीं सुना है, लेकिन वे अपनी विशिष्टता के संबंध में नियमित रूप से इसका उपयोग करते हैं।
ये छद्म देशभक्त मजाकिया होते हैं। वे पश्चिम पर गंदे तरीकों का आरोप लगाते हैं, हालांकि वे खुद को बिल्कुल उसी तरीके से प्रस्तावित करते हैं, जो अपनी "विशिष्टता" द्वारा खुद को सही ठहराते हैं। कुछ भी Ukrainians याद दिलाता है।
अक्सर रेन-टीवी देखते हैं?
मैं सहमत हूं, लेकिन हमें ओलों के पीछे आगजनी करने वालों के साथ शुरू करने की आवश्यकता हैः अन्यथा हम कोई शांति नहीं देखेंगे। वे तब तक इंतजार करेंगे जब तक हम कचरे को नष्ट करके ताकत को समाप्त नहीं करेंगे, और फिर विनाश की लालसा, और उनका महान सपना सच हो जाएगा ... कोई रूसी नहीं होगा।
हम्म, आप सीधे गोएबल्स हैं। यह दुखद है कि इतने सारे लोग इसे एक अच्छा विचार मानते हैं।
प्रिय वी। वी। पुतिन, रूसी एयरोस्पेस फोर्सेस को ऑर्डर दें, इस बदमाश यूरोप पर दो बम बम गिराएं, इसे शांत होने दें।
90 के दशक की शुरुआत में, जब नास्त्रेदमस हमारे साथ बहुत ही फैशन में थे, उन्होंने एक भविष्यवाणी की थी कि "एक युवा बाघ पूर्व से आएगा"
हाँ, मुझे याद है, मुझे सॉसेज की कीमत और सामान्य रूप से समायोजन के बारे में नोस्ट्रेडम के उचित उद्धरणों को लहराते हुए, भविष्यवाणी और आईडॉटोव के लिए सनक याद है। यह उत्सुक है - एक निश्चित बोगदान लिसिट्सिया है, जिसकी जातीयता कोई संदेह नहीं छोड़ती है, एक अन्य क्रेटिनस-दुभाषिया डी नोस्त्रडम के साथ एक स्विडोमो पूर्वाग्रह, और इसी तरहः
दिलचस्प है, उदाहरण के लिए, पावेल ग्लोब, अब 90 के दशक की शुरुआत की अपनी भविष्यवाणियों को पढ़ने में शर्म नहीं आती?
मुझे शर्म आती है। वह बैठता है, पैसे पर विचार करता है, और उसे शर्म आती है।
व्यंग्य करो, क्षमा करो घोड़े की तरह।
मुझे लगता है कि रूस में, अधिकांश लोग लंबे समय से समझ गए हैं कि यूरोपीय मूल्य क्या हैं। हमें उम्मीद है कि इस बार यूरोप इन मूल्यों के साथ रूसियों को बेहतर ढंग से परिचित करने में सफल नहीं होगा, जैसा कि 1914 और 1941 में हुआ था।
दुर्भाग्य से, बहुमत नहीं। युवा पहले से ही पश्चिमी प्रचार की सुई पर दृढ़ता से बैठे हैं। आपको पता है कि बॉक्स में क्या चल रहा है। और वैचारिक रूप से प्रो-वेस्टर्न परवरिश एक बदतर दवा होगी।
मुझे बॉक्स के सामने बैठे युवाओं को दिखाएं। युवाओं को टीवी देखने के लिए नहीं दिया गया था। 20 में मैंने बॉक्स को बिल्कुल नहीं देखा, कोई समय नहीं था।
युवाओं के लिए यह सामान्य रोना है - "खो गया ..", "गलत युवा चला गया ...", "अब हमारे समय में ...", "यह जरूरी था कि" ... और अन्य बड़बड़ाते हुए।
सभी को समझ नहीं आया।
फिर, हमारे पास इतने उदार और सहयोगी कहां हैं?
विषय का विस्तार करें। हां, इस तरह के कथानक के साथ, आपको तुरंत एक त्रासदी लिखने के लिए बैठना चाहिए, कहना चाहिए .. मिमीम .. "फ़ॉस्टमैन" (या "फॉस्टोविच", पसंद पर)! चालीस साल - और आप अपना नाम अमर कर देंगे। अधिक सटीक, उपनाम।
1) चिड़ियाघरों में, जानवरों को सार्वजनिक रूप से काट दिया जाता है, बच्चों को जिगर दिखाया जाता है;
2) बहुत से शरणार्थियों को लॉन्च किया, जिन्होंने कुछ भी नहीं देखा;
3) सहिष्णुता के आदी;
बच्चों से भृकुटि कैसे बनानी है? सभी के सामने सुंदर निर्दोष जानवरों को मारना और उनकी देखभाल करना, उनकी यौन पहचान को बदलना। सप्ताह में एक या दो बार। कचरे के रूप में खिलौने के साथ खेलते हैं और बहुत कुछ .. क्या बतख? 2 साल में किस तरह के बच्चे होंगे? वे शायद अपने माता-पिता के आग्रह पर अनुमान लगाते हैं। अच्छा है और खेलने के लिए बेकार है। यह घृणित है।
यह महत्वपूर्ण है कि यूरोप में, माता-पिता ने खुद ही बच्चों को ऐसी धमकाना दिखाना शुरू कर दिया। यह पता चला है कि वयस्क पहले से ही खराब हो गए हैं, और वयस्क बनने वाले बच्चे और भी अधिक डरावना जीवों में बदल जाएंगे। आखिरकार, वे अपने उत्परिवर्ती माता-पिता के साथ दैनिक संवाद करते हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि यूरोप में माता-पिता स्व बच्चों को ऐसी बदमाशी दिखाने लगा।
И मैं समझ पाती कि क्या ऐसे माता-पिता खुद बड़े होते हैं। लेकिन 70-80 के दशक में मध्य यूरोप में यह कल्पना करना असंभव है! तो यह कहाँ से है? रोमन साम्राज्य सूर्यास्त 2.0? और मैन्युअल रूप से?
और यहां मैं आपसे असहमत हूं। गाँव में बढ़ते हुए, बचपन से मैंने देखा कि कैसे सूअर, बछड़े, मुर्गियों का कत्ल किया जाता था। लेकिन - मैं समझ गया (या शायद दादा और दादी ने समझाया) कि यह आवश्यक है, क्योंकि इसके लिए उन्हें उगाया जाता है। इसलिए, मुझे पता है कि थैलों में दूध पेड़ों पर नहीं उगता है। और - अजीब तरह से, उसने अपने जीवन में किसी को नहीं मारा। लेकिन, फिर से, चूंकि दोनों दादाजी फ्रंट-लाइन सैनिक हैं, यदि आवश्यक हो ("अगर दुश्मन अचानक हमला करना चाहता है"), तो "शूट करने या न करने" के लिए कोई समस्या नहीं होगी। इस तथ्य के बावजूद कि उम्र मसौदे से दूर है।
(शायद दादाजी और दादी ने समझाया) यह आवश्यक है,
यहाँ, यहाँ, उन्होंने समझाया। मकसद अलग है और, तदनुसार, सिर में, अलग तरह से फिट बैठता है। यह आपके लिए सही है, लेकिन इन लोगों के लिए यह स्पष्ट नहीं है कि क्या है। हम, उनके लिए, जिराफ़ से अधिक मूल्यवान या सामान्य रूप से कुछ भी नहीं होगा।
यहां तक कि पुराने नियम में यह कहा गया है कि जानवरों को मनुष्य को दिया जाता है, ताकि वह उन्हें मार डाले, मांस, खाल ले जाए। लेकिन एक आदमी जो जानवरों को बेकार में मारता है या पीड़ा का कारण बनता है और उन्हें पीड़ित करता है ठीक वैसे ही जैसे वह लोगों को मारता है या पीड़ा देता है। यूरोप में, कुछ भी मानव नहीं बचा था।
मैं शायद ही कभी टीवी देखता हूं। और इस साल यह किसी भी तरह हुआ - मेरी दादी ने दौरा किया --- 3 बार मैंने यह सब देखा --- पूरी तरह से जिफ के बारे में। कुछ जानवरों के बारे में अधिक भयानक जो कुछ द्वीपों पर शुद्ध क्रोध से मारे जाते हैं। छोटे से बड़े तक सब कुछ। ऐसी छुट्टियां उनके पास होती हैं। शेर के बारे में भी। मुझे नहीं पता कि बूढ़ी औरत कार्यक्रम के लिए क्या देख रही थी। एक लंबे समय के लिए मुझे असहज महसूस हुआ। हां, और अब भी।
कुछ द्वीपों पर नहीं! यूरोपीय देशों में सीधे मॉक जानवर! उदाहरण के लिए, पुर्तगाल में, तटीय शहरों में से एक में, वे डॉल्फिन किनारे के पास समुद्र के एक टुकड़े को ड्राइव करते हैं, जो कि एक नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। फिर उन्हें सुदृढीकरण के साथ पीटा जाता है, जब तक कि नग्न कंकाल उनसे नहीं रहते। बस मजा लो। बच्चों के साथ, शहर की ऐसी छुट्टी। मैं इस तस्वीर को अपने जीवन के अंत तक नहीं भूलूंगा !!! यूरोपीय संस्कृति! वे भी जंगली नहीं हैं, उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया होगा। वे जानवर नहीं हैं, वे भोजन के लिए मारते हैं। ये सिर्फ जीव हैं। विले।
। उन्हें अपने मूल्यों के साथ Urals में आने दें ... 14 साल के बच्चे उन्हें डब के साथ डबिंग करेंगे, और एक वयस्क बस बीमार हो जाएगा, जैसे।
उन्हें अपने मूल्यों को एक स्थान पर रटने दें, यह उनके लिए अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया है।
खैर, उन्हें फिर से कोशिश करने दें।
जेकेईडीएमआई (इजरायल की सेवा "नेटिव" के पूर्व प्रमुख): "पश्चिम एक सदी में एक बार रूस के खिलाफ युद्ध के लिए जाता है, तो यह छिद्रित हो जाता है और शांत हो जाता है! क्या यह उनके लिए एक परंपरा है?"
इसमें हम जोड़ सकते हैंः घरेलू युद्धों के अनुभव से पता चलता है कि जैसे ही रूसी पश्चिमी सीमाओं को पार करते हैं, हमारे पास सहयोगी दलों का एक समूह है।
मुझे लगता है कि अग्रिम रूप से कार्य करना आवश्यक है ... अगर यह स्पष्ट है कि इससे बचना संभव नहीं होगा, तो यह आवश्यक है कि वे हमारे पास न आएं और असभ्य हों, लेकिन खुद को अपमानित करें।
केवल एक निष्कर्ष है - आरएफ सशस्त्र बलों को तैयार रखने के लिए। और नवीनतम हथियारों को लगातार बढ़ाने के लिए, अन्यथा कोई अन्य बाधा नहीं है।
यूरोप के लोगों की नैतिक स्थिति के बारे में क्या कहा जा सकता है?
एक जानवर में बदल रहे व्यक्ति की सामान्य स्थिति।
यह उनकी निर्भरता और लालच है। खैर, दुनिया को चलाने की इच्छा। मुझे उम्मीद है कि अरब उन्हें पूरी तरह से सभ्य करेंगे।
दौड़ की पवित्रता के लिए संघर्ष की स्थिति यूरोप में जहां अफ्रीका और एशिया के शरणार्थियों का एक समूह किसी तरह हास्यास्पद लगता है।
और यूरोप के मूल्य भी संदिग्ध हैं। कोई भी प्रचार यहां मदद नहीं करेगा। मुझे अभी भी समझ नहीं आया कि मैदान क्या था? और फिर 200 UAH के लिए बेघर लोग थे। प्रति दिन, निः शुल्क hawchik और मादक gulls? क्या ये मूल्य हैं? ओह, उन्हें स्नान में अच्छी तरह से!
"यूक्रेन में यूरोप का निर्माण करें" - यूक्रेन में आप केवल रूस या जंगली क्षेत्र का निर्माण कर सकते हैं। इतिहास से साबित हुआ। डॉट।
ओह हाँ, मैं भूल गया - यह योजना और सोचना सामान्य है, हम नहीं जानते कि कैसे, बस ट्रायंडेट और कूद - पहले एक "दूसरा फ्रांस" था, फिर एक "दूसरा पोलैंड", अब एक "दूसरा गैबॉन"। हालांकि वे कहते हैं कि गैबॉन ठंडा है, और मैं सहमत होने के लिए इच्छुक हूं - पहला फ्रांस यूरोगबोन के गैर-राष्ट्रपति से एक चूतड़ के रूप में मिलता है, जो कि वास्तव में, अपने चुराए हुए धन के बावजूद है, और पहला पोलैंड "दूसरा" काटने की तैयारी कर रहा है। EuroGabon की जय!
यहाँ यूक्रेन यूरोप में पहले से ही है, जैसा कि वे शायद अच्छा महसूस करते हैं))) और यह मज़ेदार और पापपूर्ण है, लेकिन थोड़ा खेद नहीं है।
आज उन्होंने बच्चों को दिखाया कि जिराफ क्या होता है।
यहूदी या स्लाव में क्या होता है।
वास्तव में, nichrome उनकी भड़कीली विश्वदृष्टि में नहीं बदला है।
इसलिए पश्चिम के साथ बात करते समय, आपको हमेशा एक छड़ी तैयार रखनी चाहिए।
यह उनकी निर्भरता और लालच है।
उनके पास नैतिक निर्देशांक के पूर्ण विस्थापन से है, प्राथमिक नींव की अस्वीकृति जो सदियों से विकसित हुई है और एक विकृत, लेकिन आज्ञाकारी झुंड का प्रबंधन करने के लिए एक निश्चित अभिजात वर्ग की इच्छा है।
वैसे यू पर एक दिलचस्प f.lm है..जो 20 तथ्यों के बारे में नहीं धोया जाता है Ev .. pe अत्यधिक अनुशंसा करते हैं। आप लंबे समय तक हंसेंगे।
आखिरकार, सौ साल बीत जाएंगे, और वे फिर से हमें लूटने के लिए आएंगे!
और चाकू के साथ उस गंदगी पर एक बंदूक को इंगित करें - यह होने वाला है। वे सभी अब मृत जानवरों पर बहादुर हैं, वे मीडिया के माध्यम से पावर डि प्रसारण का दावा करते हैं, और अरब आए - कम से कम किसी ने कुछ लिया?
हमारे खिलाफ तरल पदार्थ यूरोपिय .., उत्पीड़ित ग्लूटोनस ।।
"हिटलर यूरोपीय संघ का आविष्कार करने वाला पहला व्यक्ति था, लेकिन अन्य किसी तरह इसे पसंद नहीं करते थे" - +++! ))
तो, सिर्फ कायरों से, सबसे अच्छा दंड प्राप्त किया जाता है।
पानी में मत देखो!
एफ्रो-एशियाई किसी भी अच्छे के लिए नहीं जाएंगे, और उन्हें मौत की धमकी भी दी जाती है।
क्या गायरोपा के मूल्य हैं? मैंने नहीं सुना।
बेशक है! Geyropeytsy ने अपने सभी अस्तित्व को ग्रह के लोगों को लूट लिया और सब कुछ अपने आप को डिब्बे में खींच लिया।
बहुत सारी चीजें हैं .... खासकर छोटे ब्रिटेन में।
कब्रिस्तानों में जगह तैयार करना आवश्यक है। जैसा कि वे आते हैं और दफनाना। Geyropeans अभी भी शांत नहीं हुए हैं। आखिरकार स्वर्ण अरब के मुद्दे को हल करना आवश्यक है। स्वच्छ यूरोप और amers।
यह निंदनीय लग सकता है, लेकिन किसी कारण से मुझे यूरोपीय मूल्यों के इन वाहक की तुलना में मारियस के लिए अधिक खेद है। और अगर कोई विकल्प है जो भविष्य के युद्ध, जिराफ या किसी व्यक्ति को मारना है, तो कोई समस्या नहीं होगी।
नैतिक वहाँ पहले से ही अंदर बाहर कर दिया गया है, पारंपरिक (इसकी प्रकृति के बारे में) मूल्यों को एक कोने में संचालित किया जाता है, जबकि कृत्रिम मूल्यों को पोषित और पोषित किया जाता है। अजीब और स्पष्ट नहीं।
और मुझे ऐसा लगता है कि अंत में उन्हें अपनी सभी चालों का जवाब मिल जाएगा।
मूल्यों के बिना एक व्यक्ति एक उदासीन व्यक्ति है, वह अब एक व्यक्ति नहीं है! पश्चिमी सभ्यता इस से संपर्क कर रही है। वे खुद को नष्ट कर रहे हैं। इतिहास ने साबित कर दिया है कि अनैतिक क्षेत्र लंबे समय तक मौजूद नहीं हैं। यूरोप और पश्चिम में कोई संभावना नहीं है। हम पश्चिम के पतन का गवाह बन सकते हैं, या शायद। यह मानव जीवन की लंबाई में नहीं जाएगा, लेकिन यह अपरिहार्य है।
इसलिए वे पहले ही विघटित हो चुके हैं ... हालांकि सबसे अधिक संभावना उनके अभिजात वर्ग की है।
परंतु! उद्योग किसी भी कीमत पर काम करता है। और इसका सम्मान होना चाहिए। मैं जर्मनों का सम्मान करता हूं। फ्रांसीसी वही हैं जो हम हैं।
द्रांग नच ओस्टेन (द्रांग नच ओस्टेन, "पूर्व की ओर आकर्षित")
मेरे गाँव में - पश्चिमी बेलारूस में, युद्ध के बाद, उन्होंने एक बुलडोजर चलाया और सभी जर्मन कब्रिस्तान को तोड़ दिया, जो चर्च के ठीक बगल में एक पहाड़ी पर स्थापित था। इसलिए उन्होंने क्षत-विक्षत लाशों के साथ, पृथ्वी को उठा लिया। और फिर उन्होंने इसे निकाल लिया। और कहां - किसी को पता भी नहीं है। दर्दनाक रूप से, लोग कब्जे के बाद गुस्से में थे और गाँव के बीच में ऐसा "पड़ोस" नहीं चाहते थे।
और इस कब्रिस्तान के स्थान पर एक गड्ढा था।
यही मैं कहना चाहता थाः प्रिय यूरोपीय, जब आप अपने ड्रंग नच ओस्टेन को शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो याद रखें - मेरे गांव में आप में से कुछ के लिए एक छेद खोदा गया है और इंतजार कर रहा है। इसके अलावा, इस जगह का परीक्षण आपके पूर्वजों द्वारा पहले ही किया जा चुका है।
लेख (ईयू) की शुरुआत में चित्र आकृति के साथ एक बिच्छू जैसा दिखता है, बल्कि एक बिल्ली का बच्चा। और रूस (रूस, रूसी साम्राज्य, आरएसएफएसआर, यूएसएसआर) के खिलाफ अभियान बेपर्दा थे। सब कुछ यूरोपीय और अमेरिकियों के लिए सुन्न है (द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने न केवल हमारे साथ सहयोग किया, बल्कि हिटलर को अच्छी तरह से मदद भी की)।
नहीं, जो आप चाहते हैं, लेकिन मैं खुद को उनके लिए नहीं दूंगा। मैं किन कानूनों (आंतरिक) में रहता था, और मैं इस तरह से जीऊंगा। मैं तुलना नहीं करता, उनके नियम अधिक सही हैं या हमारा "भालू को टैगा छोड़ दें ..."
बर्बरीक यूरोप लगातार रूस में अपने दाँत पीसता है, लेकिन केवल हमने लंबे समय तक उनके नुकीले टुकड़े किए हैं, वे चाहते हैं, लेकिन वे केवल येल्प कर सकते हैं, और वे जल्द ही खुद को खा लेंगे, उनके पित्त में डूब जाएंगे, और शरणार्थी अंततः इस यूरोपीय गेमपेयर को खत्म कर देंगे।
इतिहास उन्हें कुछ नहीं सिखाता ... एक अफ़सोस!
यह समझने के लिए कि यूरोप, डी। एबिला की ज़िद के कारण, रूस को पकड़ने और गुलाम बनाने की कोशिश कर रहा है, किसी को एंग्लो-सैक्सन के विचारों को समझना होगा। दमित्री मिखेव के कुछ बयान संयुक्त राज्य अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के पूर्व वरिष्ठ साथी हैं।
ये विचार - वे सभी यहां रखे गए हैं। अपने आप से, ये बिंदु, रोजमर्रा की भाषा में, जैसा कि वे एंग्लो-सैक्सन संस्कृति के बारे में कहते हैं, जिसमें अमेरिकी वैश्वीकरण पूरी दुनिया में रोल करता है। हमारे पास कई चीजें हैं जो इसे दर्शाती हैंः "आदमी से आदमी एक भेड़िया है" - थॉमस होब्स (थॉमस हॉब्स) से विशिष्ट एंग्लो-सैक्सन आता है।
- "जीवन अस्तित्व के लिए एक क्रूर संघर्ष है" - हॉब्स भी।
- "लड़ाई में खुशी"।
- "आपकी शर्ट आपके शरीर के करीब है।"
- "शक्ति, सामाजिक स्थिति और सीमित भौतिक संसाधनों के लिए एक बेरहम संघर्ष।"
- "भौतिक वस्तुएं होने का सार है।"
- "मजबूत कमजोर को जीतता है।" यह प्रगति है। कमजोर मर जाते हैं, छोड़ देते हैं, गिर जाते हैं। मैराथन की तरहः हम सभी भागते हैं, धक्का देते हैं, कोई गिरता है।
वे एक रेक पर कदम रखते हैं, और इसलिए हम करते हैं। सवाल यह है कि क्या नरक है, हम लगातार यूरोप के साथ दोस्ती करना चाहते हैं! हम उनसे क्या चाहते हैं? वे हमें घृणा करते हैं, हमें बर्बर, एशियाई मानते हैं। क्या, हम वहाँ चढ़ रहे हैं! हां, मैं गर्व से कहना चाहता हूं "मैं एशियाई हूं!" मेरे पूर्वज तातार हैं और यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कौन है! आखिरकार, फारसी, चीनी, अरब, भारतीय पास में रहते हैं। सरकार, ठीक है, चलो एक समान, समान एशियाई के साथ दोस्ती करते हैं। उन्हें अपने यूरोप में जो कुछ भी करना है, करने दें।
जैसा कि मैं समझता हूं और आपका समर्थन करता हूं। काश हर कोई ऐसा सोचता।
यह निश्चित रूप से मेरी निजी राय है, लेकिन किसी तरह हम इस पूरे मुद्दे पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं। "नाटो की राय के बारे में", "ओबामा के बयान इस बारे में", "मर्केल और मिन्स्क संधि के अनुपालन के बारे में उनका दृष्टिकोण।" हमारे पास सबसे बड़ा और सबसे अमीर देश है, जिसकी आबादी डेढ़ सौ मिलियन लोगों के साथ है, हमारे पास व्यावहारिक रूप से सभी संसाधन हैं। ओबामा और मर्केल पर नाटो को स्कोर करने के लिए हाँ। हमारे देश और मैत्रीपूर्ण लोगों के जीवन को दिलचस्प और हमारे करीब रहने के लिए, सेना और नौसेना की शक्ति को मजबूत करने के लिए, आबादी के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए। और नाटो, ओबामा, हर मिनट डॉलर की दर और अन्य बकवास के बारे में, जो लोग इसके लिए भुगतान किए जाते हैं उन्हें सोचने दें, और आबादी को मीडिया से उनके बारे में सुनने की ज़रूरत नहीं है, ताकि भूख न बिगड़ जाए। जो परवाह करता है, वह इसे इंटरनेट पर खुद ढूंढ लेगा, और बाकी को टीवी से इस डोंगी के साथ लोड नहीं किया जाना चाहिए।
वे यूएसएसआर में उस तरह रहते थे, जब तक कि गोरबी ने अपनी मातृभूमि नहीं बेच दी। कोई आश्चर्य नहीं कि उन्होंने लंदन में सालगिरह मनाई (एक छोटे से पत्र के साथ) और रानी से पदक प्राप्त किया।
क्या नॉर्वे के लिए पर्याप्त नीला पेंट नहीं था? या नाटो से बाढ़ आ गई है?
या उनके मूल्य बहुत यूरोपीय नहीं हैं?
कृपया पेंट करें।
नाटो नहीं, बल्कि यूरोपीय संघ और नॉर्वे अभी तक इसके सदस्य नहीं हैं।
हां, कॉमरेड परवाह नहीं करते हैं - नाटो, यूरोपीय संघ, वेल्टलिगा फर सेक्सुअलफॉर्म, द यूनियन ऑफ यूरोपियन चीज मेकर्स ... पेंट ओवर एंड दैट इट।
नॉर्वे नाटो का सदस्य है, यूरोपीय संघ का नहीं।
स्वीडन ईयू का सदस्य है, लेकिन नाटो (अभी के लिए) नहीं।
पश्चिम नाटो या संयुक्त राज्य अमेरिका नहीं है, लेकिन "गोल्डन बिलियन" है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय एकाधिकार है। सिद्धांत रूप में, "पश्चिम" की अवधारणा में "पुरानी" औपनिवेशिक शक्तियां शामिल हैं। पूर्वी यूरोप और तुर्की केवल रूस के अंतिम विनाश के लिए उपभोग्य हैं।
खैर, उन्हें पूर्व की ओर जाने की कोशिश करें .... क्या वे जानते हैं कि यह कहाँ है ??? इस यूरोप से थक गए .... यहां तक कि नाम भी जाहिरा तौर पर zh.p.a. शब्द से शिक्षित है !!!
यूरोप ज़ीउस द्वारा चोरी और बलात्कार करने वाली एक महिला है। एक शर्मनाक पर्याप्त कहानी।
लेख में पहले से गलत पोस्ट किया गया है। हिटलर को रूस के खिलाफ यूरोपीय ताकतों को एकजुट करने की प्रधानता क्यों दी गई? यहाँ लेखक स्पष्ट रूप से FUN नहीं है। आइए हम रूसी साम्राज्य के खिलाफ अपने अभियान में नेपोलियन यूरोप के नक्शे और महान सेना की संरचना की तुलना करते हैं, हमें यहां दिए गए नक्शों की तरह लगभग वही आकृति मिलेगी। इसलिए नेपोलियन के पास कोई चैम्पियनशिप है। बाल्टिक और अन्य स्लावों की भूमि पर धर्मयुद्ध के लिए पोप के बुल्स के अनुसार छोटे गठबंधन थे।
लेख उत्कृष्ट है! और यह अच्छा है कि बुल्गारिया के लेखक ने लिखा है। पूर्व की ओर क्रूसेड यूरोपीय लोगों का एक पसंदीदा विषय है, और उनकी यौन अभिविन्यास की परिभाषा जीत हासिल करने में उनकी अक्षमता को दर्शाती है? रूस को पुराने यूरोप के विघटन को जारी रखने के लिए एशियाई देशों से "शरणार्थियों" के प्रवास को रोकने की आवश्यकता है? !
और यह अच्छा है कि लेखक ने बुल्गारिया से लिखा है।
रूस की तुलना में यूरोपीय संघ के भीतर से कुछ चीजें बेहतर दिखाई देती हैं, और दुनिया को अलग-अलग आंखों से देखना हमेशा दिलचस्प होता है, हालांकि हर कोई विदेशी के विचारों से सहमत नहीं होता है।
हाँ ... यह सही है। मैं पूरी तरह से सहमत हूं।
Satanovsky एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं! उनके निबंध हमेशा प्रभावशाली होते हैं!
"यूरोपीय संघ इन राज्यों में" यूरोपीय मूल्यों "को बढ़ावा देकर" रूसी प्रचार का प्रतिकार करने जा रहा है। अधिक सटीक रूप से, एलजीबीटी समुदाय के मूल्य।
"एडोल्फ हिटलर के मीन कम्पफ (मेरा संघर्ष), जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से जर्मनी में प्रकाशित नहीं हुआ है, नए साल के तुरंत बाद जनवरी 2016 में पुनः प्रकाशित किया जाएगा।" क्या बताये? तीन-चौथाई रूसी नागरिकों ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए आवश्यक माना, इज़वेस्टिया समाचार पत्र लेवाडा केंद्र द्वारा एक अध्ययन के परिणामों का हवाला देते हुए लिखता है। समाजशास्त्री जोर देते हैं कि सितंबर 75 के बाद से 2014% उच्चतम दर है।
रसोफोबिया की तरह यूरोफोबिया, समान रूप से खतरनाक फोबिया हैं। सभी "फोबियास" वास्तविकता के लिए एक अपर्याप्त प्रतिक्रिया हैं। अब यूरोप में, हिटलर को स्मारकों को बहाल करने के लिए कभी भी किसी को नहीं होता है, और "नेपोलियन" शांत रूप से संग्रहालयों में है। एक अच्छा लेख एलेक्जेंडर के बारे में VO में एक अच्छा लेख था। और नेपोलियन। वास्तव में, दोनों "यूरोसेंट्रिस्ट" थे और, सिद्धांत रूप में, "पोंटून पुल" पर, वे सहमत हुए, लेकिन अंग्रेज रूस को फ्रांसीसी-विरोधी कार्यों में खींचने में कामयाब रहे। लेखक सही था - फ्रांस और रूस के बीच संघ के मामले में, वे आसानी से दबा सकते थे। विश्व क्षेत्र में "- ब्रिटिश साम्राज्य और जो जानता है कि रूसी साम्राज्य तब कैसा होगा, या जैसा कि अब है, ब्रिटिश राष्ट्रमंडल है और रूसी एक नहीं है।
या शायद एक निवारक बड़े पैमाने पर परमाणु हड़ताल यूरोपीय संघ के साथ समस्या का समाधान करेगा?
यह उनके सभी मूल्यों को उत्प्रेरित करने और उन्हें डालने के लिए आवश्यक है जहां पैर अपनी सुंदरता खो देते हैं और दूसरे में बदल जाते हैं। इसके अलावा, जिरोपा हमेशा इसे पसंद करते थे ...।
यदि आपको लगता है कि 13-15% भूमि (और बहुत कुछ!) को अनदेखा किया जाएगा, तो आप गहराई से और स्थायी रूप से गलत हैं!
ये नहीं होंगे, दूसरे दिखाई देंगे। और कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारे पास क्या व्यवस्था है। आदमी इतना व्यवस्थित है, हाथों को रगड़कर!
जैसे ही वह समझता है कि क्या दांव पर है, कोई भी सामान्य व्यक्ति आखिरी संभावित अवसर के लिए यूरोपीय मूल्यों का सख्त विरोध करेगा।
... और वह सब जो हाथ आता है।
रूस यूरोप के साथ लड़ने के लिए पहली बार नहीं है .... हम इस तरह का जवाब देंगे कि यह पर्याप्त नहीं होगा।
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80bd5625fa2db16e19105414b9a949ca8f681c100df04a32dfd9e9611cad5704 | हैदराबाद : मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आरटीसी की हड़ताल कर रहे तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों को काम पर लौट आने को लेकर दी गई मौलत (5 नवंबर) मंगलवार रात 12 बजे खत्म हो गई।
इसी क्रम में अधिकारियों ने शाम 7 तक प्रदेश में 208 कर्मचारी काम पर लौट आने की जानकारी दी। इसके बाद में इनमें से कुछ कर्मचारी फिर से हड़ताल में शामिल हो की खबर है।
अधिकारियों ने यह भी विश्वास व्यक्त किया है कि देर रात तक और कर्मचारी काम पर लौट आने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि 3 नवंबर को 17, 4 नवंबर को 34 और आज शाम 157 कर्मचारी काम पर लौट आये हैं।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री केसीआर ने हाल ही में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि मंगलवार रात 12 बजे तक कर्मचारी लौट आये। इसके बाद उत्पन्न होने वाले परिणामों के लिए कर्मचारी खुद जिम्मेदार होंगे। साथ ही यह भी कहा है कि सभी रूटों का निजीकरण कर दिया जाएगा।
दूसरी ओर आरटीसी जेएसी ने मात्र समस्याओं का हल होने तक हड़ताल जारी रहने की घोषणा की है। साथ ही चर्चा के लिए बुलाने की मांग की। चर्चा के बाद हड़ताल को समाप्त करने का भी प्रस्ताव रखा।
इसी क्रम में इधर सरकार और उधर आरटीसी जेएसी दोनों अपने अपने फैसलों पर अड़े हैं। सीएम द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त होने पर तेलंगाना के परिवहन विभाग और कर्मचारियों की भविष्य का क्या होगा इस ओर सब की नजरे लगी हुई है।
गौरतलब है कि आरटीसी की हड़ताल आज 32वें दिन भी जारी रही है। इसके चलते अनेक लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।
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80c7b2d9bc76ba75c953257982d553e090523e6bf019b5b65c4ae79f49ab6917 | नई दिल्ली। कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कोरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने अपने परिचालन के डिजिटलीकरण के लिए खासतौर से ई-कैटरिंग, ई-टिकटिंग और पर्यटन खंड में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का फैसला किया है। आईआरसीटीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. एके मानोचा ने बताया, "भारत तेजी से कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री की नोटबंदी की नवीनतम पहल से इस प्रक्रिया को गति मिलेगी। हमने सरकार के 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम के तहत अपने कई खंडों को पहले ही डिजिटल बना लिया है और हम आगे प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके और अधिक आक्रामक तरीके से अपने यात्रियों के अनुकूल उपायों को बढ़ावा देंगे।"
हाल ही में आईआरसीटीसी ने ई-कैटरिंग सेवा 'फू़ड ऑन ट्रैक' की शुरुआत की है जिसे बड़ी सफलता मिली है। क्योंकि इससे रेल यात्री अपनी पसंद का खाना ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यात्री भोजन का भुगतान ऑनलाइन करते हैं और उन्हें नकदी लेकर चलने की जरूरत नहीं है।
इस सेवा के लिए आईआरसीटीसी ने डोमिनोज, हल्दीराम, केएफसी और सरवन भवन जैसे लोकप्रिय रेस्तरांओं से साझेदारी की है, ताकि यात्री अपनी पसंद का भोजन खा सकें। यही नहीं यात्रियों को क्षेत्रीय भोजन मुहैया कराने के लिए आईआरसीटीसी ने नाबार्ड के सहयोग से महिला स्वयंसहायता समूहों से हाथ मिलाया है। कोंकण क्षेत्र में एमएएचइआर, एमएवीआईएम, ल्यूपिन ह्यूमन वेलफेयर रिसर्च फाउंडेशन जैसी महिला स्वयंसहायता समूह यात्रियों को ट्रेन की सीट पर स्वादिष्ट कोंकणी भोजन परोसती हैं।
डॉ. मानोचा ने कहा, "ग्रामीण आबादी को ई-कैटरिंग के माध्यम से कैशलेस लेनदेने से जोड़ने के लिए यह आईआरसीटीसी की महत्वपूर्ण पहल है। इसमें समूह की महिलाओं को ऑनलाइन भुगतान किया जाता है। कोंकण रेलवे ने यह पायलट परियोजना शुरू की है।"
मार्गन स्टेनले की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का इंटरनेट आधारित बाजार फिलहाल 16 अरब डॉलर का है जो साल 2020 तक 159 अरब डॉलर का हो जाएगा, जोकि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स अर्थव्यवस्था है।
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80cee763ba256254a136c71e64064a31135fde19566b6370cc20a9cc3e2f5829 | गिलोय की खास बात है इसकी ना केवल पत्तियां बल्कि जड़ और तने भी औषधीय गुणों से युक्त होते हैं। लेकिन ज्यादा इस्तेमाल कई परेशानियों का कारण भी बन सकता है।
आयुर्वेदिक कई जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कोरोना काल में लोगों ने किया। इन जड़ी बूटियों की मदद से ना केवल लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हुआ बल्कि इसका इस्तेमाल सेहत संबंधी कई दिक्कतों को दूर करने में कारगर सिद्ध हुआ। गिलोय की खास बात है इसकी ना केवल पत्तियां बल्कि जड़ और तने भी औषधीय गुणों से युक्त होते हैं। गिलोय का ठीक तरह से सेवन करने से बुखार, अर्थराइटिस, अपच में फायदेमंद होती है। लेकिन ज्यादा इस्तेमाल कई परेशानियों का कारण भी बन सकता है। जानिए गिलोय का ज्यादा इस्तेमाल करने से कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं।
गिलोय का ज्यादा इस्तेमाल करने से पेट से संबंधित समस्या हो सकती है। जिसमें कि कब्ज की समस्या के अलावा पेट में जलन की समस्या भी शामिल है।
अगर किसी व्यक्ति को पेट से संबंधित समस्या हो तो वो गिलोय का सेवन करने से बचें। इससे अपच की दिक्कत हो सकती है। साथ ही पेट में मरोड़ भी हो सकती है।
कई लोगों को ब्लड शुगर लेवल कम होने की दिक्कत होती है। ऐसे में अगर वो गिलोय का सेवन अधिक कर लें तो इससे समस्या और भी बढ़ सकती है। इसलिए अगर आप लो ब्लड शुगर लेवल के समस्या से ग्रसित हों तो गिलोय का सेवन करने से बचें।
गर्भवती महिलाएं गिलोय के सेवन करने से बचें। ऐसा करने से उनकी सेहत पर हानिकारक असर पड़ता है। इसके साथ ही जिन लोगों की सर्जरी हुई है या फिर सर्जरी करवाने वाले हैं वो भी इसके इस्तेमाल से परहेज करें।
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80d312c7729ad609861f33a6242d1db7cb0c50ae100ff3c098f3cd9d06ef106e | क्या आपको भी दिखते है रोज ये नंबर 11:11 या 12:12 ?
अगर आपको कोई विशेष नंबर बार बार दिखाई दे और हर एक ऐसे जगह दिखाई दे जहा आपको लगे की ये कोई साधारण बात नहीं है तो समाझिये की आपको एंजेल नंबर दिखाई दे रहे है, और इसकी कोई न कोई विशेष बात जरूर है , हमे ऐसे नंबर को ignore नहीं करना चाहिए बल्कि इसके मकसद और मतलब को ढूंढकर अपनी जिंदगी को और सरल बनना चाहिए।
क्या कहता है ज्योतिष ?
ज्योतिष के अनुसार हम सभी के जीवन में एक मूलांक और एक भाग्यांक होता है जो हमारे स्वभाव को तथा हमारे आने वाले भविष्य के बारे में हमें संकेत करता है हमारे भविष्य में क्या होगा कैसे होगा हम किस फील्ड में जायगे?
सब कुछ हमे हमारे नंबर बस से पता चल जाता है, पर हम बात करे अगर एंजेल नंबर की तो इन नंबर को ज्यादातर सच्चाई से दूर रखा गया है या यू कहलो की अभी तक ये सिर्फ एक काल्पनिक ही है जिसपर लोग विस्वास करते भी है और नहीं भी..
क्यों दिखते है हमे ये नंबर ?
बड़े बड़े नुमेरोलॉजिस्ट का कहना है की जब हम अपनी जिंदगी के ऐसे मकाम में हो जब हमे किसी अपने की जरूरत हो या हम कुछ ऐसा करने जा रहे हो जों हमे हमे खुद भी नहीं मालूम तब ऐसे नंबर हमे दिखना शुरू हो जाते है, जब हमे किसी अपने की बेहद जरूरत हो जब हम या तो बहुत निराश हो या जब हम कुछ नया स्टेप लेने वाले हो तब हमे ऐसे नंबर देखने मिलते है, जिसे हम साधारणः नजरअंदाज कर देते है..
क्या ये सिर्फ एक इत्तेफ़ाक़ है ?
नही .. ये कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं है , हममे से बहुत सारे लोग ऐसे है जो इनसब चीजों में भरोसा नहीं करते ,और यही वजह भी है की वो लोग इन नंबर को ignore भी कर देते है ,पर बहुत सारे ऐसे लोग है जिन्हे ये नंबर दिखे है और इसके बाद उनकी जिंदगी मे कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद उनकी जिंदगी बदल गयी या यू कहलो की उनके जिंदगी मैं कुछ ऐसे बदलाव आये जिनसे उनको खुसी मिली है।
जब ये नंबर दिखे तो क्या करे ?
जब भी ऐसे कोई नंबर दिखे तो शांत बैठ जाए और आंखे बंद करके अपने लिए कुछ ऐसी विश मांगे जो आपको आपके भविष्य में जरुरत हो जिसे पाकर आपको खुसी मिले ,जो आप वाकई में चाहते हो, ज्यादातर देखा गया है की नंबर 11:11 के दिखने मैं लोग जिन्हे इसकी जानकारी है वो यही करते है ,
दुनिया भर में बहुत सारे लोग ऐसे है जो ये मानते है की ये सच्चाई है जिन्होंने काबुला है की उनकी विश पूरी भी है और उन्हें इसपर भरोसा भी है।
क्या चाहते है ये नंबर ?
मेरे विचार :- ये सब मानना न मानना अपने अपने विचारो के ऊपर निर्भय करता है ,उससे ही अपनी सोच समझ का आंकलन होता है , ये बाते सिर्फ उसकी समझ आएगी जिसको दुनिया की वास्तविक चीजों को जानने में उसका पता लगाने में दिलचस्पी होगी।। और इसलिए ही मेने ये blog बनाया है ताकि हम सब अपनी भाषा में ऐसे ऐसे टॉपिक पर बात कर सके जिसको आम लोग जानने में दिलचस्पी नहीं रखते।।
नोट :- ये ब्लॉग किसी भी वास्तविक घटना ,सच्चाई या किसी भी अन्धविश्वाश को बढ़ावा नहीं देता है , ये केवल और केवल अपने अपने विचारो के प्रकट करने हेतु लेखन शैली पर आधारित है, और अगर इसका किसी ने दुरुपयोग कर इसको गलत समझकर इससे किसी भी प्रकार की हानि उठाएगा तो इसका जिम्मेदर वो स्वंय ही होगा।।
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80df8934d2c0aa79f8cb1fdee16c843602fbea292a237e7d2b7045abb41fcabb | इस क्यूट वीडियो में आप देख सकते हैं कि समायरा घास पर घुटनों के बल चल रही हैं और रोहित शर्मा भी उनका साथ देने के लिए घुटनों के बल आ गए हैं।
टीम इंडिया के ओपनर और उपकप्तान रोहित शर्मा का क्यूट वीडियो उनकी पत्नी रितिका सजदेह ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इस वीडियो में रोहित शर्मा अपनी बेटी के साथ घुटनों के बल चलते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो बेहद क्यूट है और फैन्स को भी काफी पसंद आ रहा है। हालांकि, यह वीडियो कब का है। इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि रोहित फिलहाल भारतीय टीम के साथ न्यूजीलैंड के दौरे पर हैं।
रितिका सजदेह ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम से रोहित और समायरा के इस क्यूट वीडियो को शेयर किया है। बता दें कि धोनी की बेटी जिवा जब घुटनों के बल चलना सीख रही थी, तब धोनी ने भी जिवा और अपना एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया था।
इस क्यूट वीडियो में आप देख सकते हैं कि समायरा घास पर घुटनों के बल चल रही हैं और रोहित शर्मा भी उनका साथ देने के लिए घुटनों के बल आ गए हैं। रोहित और समायरा दोनों घुटनों के बल धीरे-धीरे चल रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैन्स को काफी पसंद आ रहा है।
बता दें कि पहले अंतरराष्ट्रीय टी-20 मुकाबले में मेजबान न्यूजीलैंड पर शानदार जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम के हौसले काफी बुलंद हैं। सीरीज का दूसरा मैच 26 जनवरी को खेला जाएगा। पहले टी-20 में टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा सस्ते में आउट हो गए। लेकिन वह शानदार फॉर्म में हैं और उम्मीद है कि रविवार को दूसरे मैच में उनके बल्ले से जोरदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
रोहित के जोड़ीदार केएल राहुल भी जबरदस्त बल्लेबाजी कर रहे हैं। विकेट के पीछे भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। कप्तान विराट कोहली के साथ उनकी साझेदारी काफी अच्छी रही और दोनों के अर्धशतक की बदौलत ही भारतीय टीम 200 रन का विशाल लक्ष्य हासिल करने सफल रही।
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80e273b65a6824bbadbd7b682e9035789e1649015ce92a0791b9b11293278fcf | जयपुर।हमारे शरीर के ब्लड शुगर के अनियंत्रित होने से डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है।इससे हमारे शरीर में कई घातक बीमारियों की संभावनाएं भी बढ़ने लगती है।इसलिए डायबिटीज से बचने के लिए आप खानपान के साथ कुछ खास बातों का भी विशेष ध्यान रखें जिससे डायबिटीज की बीमारी कंट्रोल में रहें।
डायबिटीज के रोगी इन बातों का ध्यान रखकर शरीर के ब्लड शुगर को नियंत्रित बनाए रख सकते है।
नियमित व्यायाम डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए बेहद लाभदायक होता है।डायबिटीज के रोगी एरोबिक और प्रतिरोध व्यायाम का अभ्यास कर इंसुलिन का नियंत्रित रख सकते है।जिससे डायबिटीज की बीमारी कंट्रोल में रहती है।
ग्रीन टी का सेवन करना हमारी सेहत के लिए लाभदायक होता है।ऐसे में डायबिटीज के रोगी ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए ग्रीन टी का सेवन अवश्यक करें।
सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का खतरा अधिक रहता है।जिससे वायरल संक्रमण और बैक्ट्रीरियल संक्रमण की बीमारियां बढ़ सकती है।वहीं डायबिटीज के रोगियों को इस मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना आवश्यक है।
व्यायाम का हर रूप हमारे स्वास्थ्य लाभदायक होता है, लेकिन कुछ खास शारीरिक गतिविधियां डायबिटीज के रोगियों को नहीं करना आवश्यक है।डायबिटीज के रोगी पैरों में तनाव बढ़ाने वाले व्यायाम का अभ्यास ना करें।डायबिटीज के रोगी हैवी वर्कआउट, दौड लगाना जैसी शारीरिक गतिविधियों से दूर रहें।डायबिटीज के रोगी ध्यान योग, एरोबिक और प्रतिरोधक व्यायाम का अभ्यास कर सकते है।
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80e9f33565152c4159411b6b5d9b3b4528a33b7fae7754852501b65015fb32b2 | 1. अगर किसी व्यक्ति को भगवान (इश्वर) को मानने से ( माथा टेकने से, टिका लगाने से या धागा बांध लेने से ) जीने की उम्मीद मिलती है तो तुम कौन होते हो उसकी इस उम्मीद को छिनने वाले ?
2. अगर लोगों से तुम उसका भगवान छिन लेना चाहते हो तो यह बताओ उसके बदले में तुम उन्हें क्या दोगे ??
PK इस सवाल का जवाब नास्तिकता से खुद को बिलकुल अलग रखते हुए निराकार एकेश्वरवाद से देता है और प्रचलित मानव निर्मित इश्वरीय स्वरुपो को झूठा क़रार देता है। पर इस सवाल के जरिए धर्म अपने सबसे सकारात्मक और मजबूत पक्ष को आपके सामने लाता है। मेरे विचार से इस सवाल का जवाब हर नास्तिक को देना चाहिय।
मेरा यह मानना है कि प्रश्न कर्ता ने अपने प्रश्न में खुद ही ईश्वर को मानने की बड़ी वजह मनुष्य की दुर्बलता को बताया है। प्रश्न जब जीने का हो या यु कहे की Survival का हो तो प्रकृति का बड़ा सीधा सा नियम है वो सबकुछ आजमाओ जिससे तुम्हारी या तुम्हारे कुनबे की जान बच सकती हैं वो हर चीज़ उचित है जो तुम्हारे या तुम्हारे कुनबे की जान बचा सकती है और अनुचित वो हर चीज़ है जो तुम्हारे Survival के chances कम करती हो। अगर किसी के अन्दर Survive करने की उम्मीद अपने आँगन में खड़े पेड़ को देखने से बढती है या गाँव के पहाड़ी के सामने हाँथ जोड़ने से या किसी ईश्वर के मंदिर में माथा टेकने से बढती है तो यह सारे माध्यम भी अनुचित नहीं दिखाई पड़ते। तो फिर किसी कल्पना पर विश्वास करना कब अनुचित बन जाता है। इस प्रश्न का उत्तर भी प्रकृति देती है- जब किसी कल्पना पर विश्वास आपके Survival के chances को कम करने लगता है या यु कहे की आपके और आपके कुनबे के उतोरोत्तर विकास में बाधक बन जाता है तब उस कल्पना पर विश्वास करना आपके और आपके कुनबे के लिए अनुचित बन जाता है। यह बिलकुल कुछ ऐसा है की झूठ आपको थोड़े समय के लिए सहारा तो दे सकता है परन्तु उसे ही सत्य मान लेना आपको सही रास्ते से दूर ले जाता है जिससे आपका उतोरोत्तर विकास रुक सकता है। इसलिए कब किसी चीज़ से उम्मीद करनी चाहिए और कब छोड़ देनी चाहिय इसका उत्तर इस प्रकार दिया जा सकता है और एक इंशान होने के नाते मेरा फ़र्ज़ है की मैं लोगो को यह बात बताऊ।
अब रहा दूसरा प्रश्न तो मेरा मानना है की ईश्वर की अवधारणा मात्र एक आकार या निराकार परिकल्पना नहीं है बल्कि एक वस्तृत दर्शन का अंग होता है। यह दर्शन आपके अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करता है। आप के लिय एक संस्कृति का निर्माण भी करता है और बतलाता है की आपके जीवन जीने का ढंग कैसा होना चाहिए। इस इश्वरीय दर्शन जिसे धर्म भी कहते है ने आरंभिक काल में मानव सभ्यता के विकास में अपनी भूमिका भी अवश्य निभाई होगी। परन्तु वर्तमान समय में क्या यह दर्शन मानव सभ्यता के विकास की असीम संभावनाओ मूर्त रूप दे सकता है ?? क्या इसमे ऐसी क्षमता दिखती है ??
जब हम इन प्रश्नों का विश्लेषण करते है तो पाते है इस दर्शन ने मध्यकाल से लेकर वर्तमान समय तक अनेको जाने ले ली है। इतना ही नहीं आज हम देखते है विश्व में वे समाज या देश ही मानव सभ्यता को नई उचाईयो तक ले जा रहे है जिन्होंने खुद को धार्मिक मामलो में सबसे ज्यादा उदार और सहिशुष्ण रखा है और जो देश या समाज इन मामलों में सबसे ज्यादा कट्टरपंथी है वहां सभ्यता का विकास रुक सा गया है और कही-कही तो विपरीत दिशा में जा रहा है जिसकी सबसे बड़ी वजह है झूठ की बुनियाद से चिपके रहना। अतः इस दर्शन को मानवता जो मनुष्य होने का सबसे बड़ा दर्शन है से replace कर देना चाहिए । मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए मनुष्य का नैतिक प्रयास ही काफी है किसी ईश्वर की जरुरत नहीं है अतः मानवतावादी संस्कृति में नैतिकता का वही स्थान होता है जो ईश्वर का धर्मो में होता है।
(न्याय की उम्मीद ही असली उम्मीद है जब न्याय नहीं मिलता तब ईश्वर की तरफ इंसान बढ़ता है .ठीक है करो जो करना है पर धम्म के राज में धर्म एक व्यक्तिगत मामला होगा सार्वजानिक नहीं, कोई भीड़ कोई पूजाघर कोई शोरशराबा नहीं चाइये सिर्फ न्याय व्यस्था चाहिए\ठीक है आप संबैधानिक न्याय और ईश्वर में से एक को चुनने के लिए आज़ाद हो, अगर ईश्वर चुनोगे तो आपको कोई भी संवेधानिक सरक्षण नहीं मिलेगा जो भी लेना है अपने ईश्वर से लो )
(हम देंगे धम्म या संविधान )
ईश्वर है या नहीं इस सवाल पर सदियों से चर्चा और लड़ाइयां हो रही हैं, ईश्वर अभी तक तो नहीं मिला। हाँ इस विवाद में कई इंसानों और जीवों ने अतः दुःख भोग है , क़त्ल किये गए हैं। जब तक ईश्वर नहीं मिलता तब तक हमें मिल जुल कर अपनी समस्याओं का समाधान करते हुए अच्छा जीवन बिताना चाहिए यही है इन सवालों का जवाब। किसी के घर में आग लगी हो तो वो पहले आग बुझाएगा या उस आग लगाने वाले को ढूंढेगा, इसी तरह मानवता को बहुत से दुःख हैं तो हमें उन दुखों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए न की इन दुखो के तथाकथित करता धर्ता ईश्वर को खोजने में निकलना चाहिए। इतनी सदियों से नहीं मिला तो अब क्या मिलेगा। दुनियां के धर्म कहते हैं की ईश्वर ने दुनिया को बनाया पर बौद्ध धम्म में हम जानते और तब मानते हैं की इंसान की बुद्धि ने ईश्वर को बनाया और कमल की बात देखिये ध्यान रहे "जिन्होंने ईश्वर को बनाया है उनका ईश्वर भी बिल्कुम उनके जैसा है वे अन्यायी हैं तो उनका ईश्वर भी अन्यायी है वे मजलूम जैन तो उनका ईश्वर भी मजलूम है "
2 thoughts on "बहुजन विचरचरा या बौद्ध धम्म की विचाधारा - "ईश्वर और धर्म मुक्त नया युक्त समाज" के विषय को उठाती बॉलीवुड फिल्म 'PK' में उठाये गए दो सवालों पर एक समीक्षा ....Bharat Aman"
1.jhoothi ummid insaan ko ishwar k rup me kyu de rahe ho??kisi bhi baat ka aadhar ager jhooth hai toh us se insaaniyat ka nuksaan hi hoga.bhale abhi lage ki fayeda hai but aage manavata ka nuksaan hai is jhoothi ummid se.
2.ishwar k badle me hum naitik rup se shshakt free insaan de sakte hai jo naitikta aur manavata k saayh hoga.insaan ko aap free toh chhod k dekhe.abhi bhi insaan ne apni budhhi ka pura istemaal nahi kiya hai aur insaan ki swatantrata me sabse bada badhak god,ishwar ,allah hi gai.
एलियन #पीके तर्क करके बुद्धि का उपयोग करता है इसीलिए उसके पीछे सभी धर्मो के ठेकेदार पड़े हुए है. लेकिन आपने देखा होगा एक सीन में पीके को बौद्ध भिक्षु के साथ सफर करते हुए दिखाया है. इसका मतलब यही हुआ कि मात्र धम्म पे चलने वाले लोग ही पीके का समर्थन कर रहे है.......
भगवान का अस्तित्व दिखाना यह डायरेक्टर की मज़बूरी है. क्योंकि भगवान की संकल्पना को मानाने वाले मुस्लिम,
लेकिन मात्र बौद्ध के अनुयाई ही भगवन की संकल्पना को नहीं मानते और हर चीज़ को विज्ञान की कसौटी पर तौलते है, ये बात इस मूवी से स्पस्ट होती है और इसे सभी ने माना. आज एक बार फिर ये साबित हुवा "सत्यमेव जयते" इसका अर्थ है : सत्य ही जीतता है । सत्य की ही जीत होती है । 250 ई.पू. में सम्राट अशोक द्वारा बनवाये गए सिंह स्तम्भ के शिखर से लिया गया यह वाक्य साबित करता है की धम्म ही सत्य है.
और अगर तुम्हे सत्य के मार्ग पर चलना है, तो PK जैसे ही हर किसी को धम्म पर चलने वाले बौद्ध भिक्षु के साथ सफर करना होगा....
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80ee769d8a010b3c01cb91c0f72de898c8e08e214234c4029eb501fea98b01fb | ऐसे कई बातें हैं, जो ये निर्धारित करती हैं, कि हमें देवी-देवताओं की पूजा कैसे करनी चाहिए। उन्हीं बातों में से एक बात है, दिशा। हर देवी-देवता के लिए एक दिशा निश्चित की गई है। अर्थात, उनकी प्रतिमा या तस्वीर को उसी निर्धारित दिशा में रख कर ही, उनकी अराधना करना ज़्यादा शुभ होता है। उदाहरस्वरूप, महादेव के शिवलिंग के वेद का मुख हमेशा उत्तर दिशा के ओर ही इशारा करता है। सनातन धर्म में यही नियम है, की उनका मुख उत्तर दिशा के ओर ही होना चाहिए। इसका अर्थ यह है, कि शिव जी उत्तर दिशा में अपनी ऊर्जा को प्रकाशित करते हैं। ऐसे ही, और भी कई देवी व देवताओं के लिए निर्धारित दिशाएं हैं।
माता दुर्गा को इस पूरे सृष्टि का आदि शक्ति माना गया है। उन्हें देवी आद्या शक्ति भी कहा जाता है। इसके साथ, यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव, भगवान नारायण, ब्रह्माजी या अन्य देवतागण उन्हीं के शक्ति का प्रयोग कर, सब कार्य करते हैं। इनके लिए भी दिशा निर्धारित है। इनकी पूजा दक्षिण दिशा में ही करें। दक्षिण दिशा में ही, संकटमोचन हनुमान की भी पूजा करनी चाहिए। इसलिए इन दोनों को दक्षिण मूर्ति भी बुलाया जाता है।
यदि आपको धन में भगवान का आशीर्वाद चाहिए, तो यह समझ लीजिए कि उत्तर दिशा, धन की दिशा है। इसलिए धन की देवी माता लक्ष्मी, देवता कुबेर या फिर भगवान गणपति की पूजा उत्तर दिशा में ही करें।
देवो के देव, महादेव के शिवलिंग की पूजा ईशान कोण में करनी चाहिए। ईशान कोण को हिन्दू धर्म और वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह कोण उत्तर व पूर्व दिशा के मध्य बनता है। मान्यता है, कि घर में पूजा रूम को भी इसी कोण में बनाना चाहिए।
भगवान विष्णु की आराधना पूर्व दिशा में की जाती है। यही बात, उनके अवतार में आए श्री राम के दरबार पर भी लागू होती है। उनकी पूजा भी पूर्व के ओर करते हुए, की जाती है। वहीं, राधा-कृष्ण की आराधना भी आप पूर्व दिशा में ही करते हैं। सूर्य की उपासना के लिए भी इसी दिशा का चयन करें।
यदि आपको किसी शत्रु से परेशानी हो रही है, तो उनसे निजात पाने के लिए, आठवीं महाविद्या, मां बगलामुखी को याद करें। उनकी पूजा करने के लिए, उनकी पीठ को दक्षिण के ओर और अपने मुख को भी दक्षिण दिशा में रखकर, उनकी पूजा करें। यही बात, अगर आप दिक्कतों या शत्रुओं से निजात पाने के लिए, भैरव की आराधना करते समय लागू करें तो बेहतर होगा। अपने मुख को दक्षिण दिशा में रखकर ही भैरव की पूजा करें।
यदि आप रात्रि में तांत्रिक कारणों से देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, तो ऐसे में उनके पीठ और अपने मुख को पश्चिम दिशा में रखकर ही पूजन करें।
अगर आपकी कोई भी साधना, प्रेम के सानिध्य को प्राप्त करने के लिए करते हैं, तो संभवतः आप भगवान कृष्ण या मोहन या उनके किसी स्वरूप जैसे कामदेव की आराधना करते हैं। ऐसे मामले में, उनकी पूजा करते समय, अपने मुख को उत्तर-पश्चिम की ओर ही रखें। इसके साथ ही, यदि आप वशीकरण के लिए भी साधना कर रहे हैं, तो अपना मुख उत्तर-पश्चिम दिशा में ही रखें।
यदि आप ऐसी कोई विशिष्ट पूजन करने जा रहे हैं जिसका उद्देश्य काम का सुख प्राप्त करना हो, तो आप अकसर माता पार्वती और भगवान शिव, या राधा-कृष्ण या फिर देवी रति और कामदेव की पूजा करते हैं। यदि आप इनकी पूजा करते हैं, तो इस उद्देश्य से कर रहे हैं, तो इनकी पीठ और अपने मुख की दिशा दक्षिण-पूर्व रखिएगा। इसके अलावा, यदि कोई भी और पूजा शक्ति अर्जित करने या ऊर्जा प्राप्त करने की इच्छा से की जा रही हो, तो दक्षिण-पूर्व दिशा का पालन करता है।
अनिष्ट करने वाले देवता जैसे यमराज या किसी अन्य ऐसे देवता के पूजन के दौरान, अपना मुख दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर रखें।
हर देवी या देवता के सौम्या व उग्र रूप होते हैं। अर्थात, अगर कोई देवता अपने रौद्र रूप में आ जाए, तो उसके उस रूप को उग्र रूप माना जाता है। देवी महाकाली रूद्र रूप में उग्र देवी हैं परन्तु वास्तविकता में माता वैषणनवी हैं। ऐसे ही, कुछ देवताओं के उग्र रूप को ही ज़्यादा जाना जाता है। उदाहरण के तौर पर, महाकाल के उग्र रूप काल भैरव हैं। संकट मोचन हनुमान के भी रूद्र रूप हैं। यदि आप काल भैरव, लाल भैरव, यम या किसी भी उर्ग देवता का पूजन कर रहें हैं, तो दक्षिण मुखी होकर ही करें।
यदि गलती से घर में भगवान के किसी मूर्ति या चित्र को गलत दिशा में रखा है, तो क्या करें?
यदि आपने भूलवश किसी देवी या देवता के तस्वीर या मूर्ति को गलत दिशा में स्थापित किया है, तो इस भूल को सुधारने के लिए, अपने घर के ब्रह्म केंद्र यानी सेंटर प्वाइंट में एक कांच के कटोरे में छोटा सा पारद शिवलिंग स्थापित कर दीजिए। वास्तु शास्त्र हो या और कोई अन्य शास्त्र, सब परमेश्वर भगवान शिव को केंद्र का भी केंद्र मानती हैं। इसलिए इस उपाय को करने से, सभी देवताओं या देवियों की ऊर्जा केंद्र में समाहित हो जाएगी। इससे यह फर्क नहीं पड़ेगा कि आपने उन देवी या देवता की मूर्तियों को किन दिशाओं में रखा है।
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80f0e9f8e59f1fc8e3960c2b2186bda3ea55c5cbec9738cfb09cd4a74f3dbbc0 | गुड़ भारतीय घरों में प्रयोग होने वाली एक देसी चीज़ है। गुड़ (Jaggery) का मीठा स्वाद सभी को पसंद आता है चाहे बड़े हो या फिर बच्चे। कई पारम्परिक मिठाइयों में मिठास बढ़ाने के लिए गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है। तो वहीं, गुड़ की चाय (Jaggery Tea) पीने से सर्दियों में किसी एनर्जी बूस्टर से कम नहीं है। गर्मियों में गुड़ के साथ (Eating Jaggery in Summer) ठंडा पानी पीने से जहां तन और मन को ठंडक मिलती है तो वहीं, सर्दियों में गुड़ का सेवन करने से शरीर को स्वस्थ रखने में (Eating Jaggery in Winter) बहुत ही सहायता होती है। आइए जानते हैं सर्दियों में गुड़ की चाय पीने से क्या क्या फायदे (Health Benefits of Jaggery in Hindi) होते हैं।
विधि : एक टी पैन में एक कप पानी डालें। गर्म पानी में इलायची, सौंफ, काली मिर्च पाउडर, कुटी अदरक और चाय की पत्ती डालकर अच्छे से उबाल लें। जब चाय उबलने लगे, तो उसमें दूध डालकर एक उबाल और लगाएं। अब इसमें गुड़ डालें और उसमें चाय को छान लें। इसे अच्छी तरह से मिलाएं जिससे कि गुड़ चाय में घुल जाएं। तो लीजिये तैयार है गुड़ की चाय। इस बात का धायण जरूर रखें कि गुड़ डालकर चाय को ज्यादा न उबालें, वरना चाय फट जाएगी।
जिन लोगों को गुड़ खाना पसंद नहीं है, उनके लिए तो इसकी चाय किसी वरदान से कम नहीं है। उन्हें सर्दियों में कम चीनी का प्रयोग करेंगे तो सेहतमंद रहेंगे।
गुड़ की चाय पीने से पाचन क्रिया ठीक रहती है असल में गुड़ में बहुत ही कम आर्टिफिशल स्वीटनर होता है। इसमें ढेरों विटमिन और मिनरल होते हैं जो सेहत का ध्यान रखते हैं।
यदि माइग्रेन या फिर सिरदर्द हो तो गाय के दूध में गुड़ की चाय बनाकर पीने से दर्द कम हो जाता है।
खून की कमी हो, तो फिर गुड़ खाना या इसकी चाय पीना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। असल में, गुड़ में आयरन होता है और शरीर को आयरन की आवश्यकता होती है क्योंकि यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।
गुड़ की तासीर बहुत गर्म होती है इसलिए इसका सीमित मात्रा में ही प्रयोग करें। इससे न केवल वजन बढ़ सकता है, बल्कि नाक से खून भी बहना शुरू हो जाता है। साथ ही ज्यादा सेवन से पाचन सिस्टम में भी परेशानी हो सकती है।
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80f127614f55cd462073e21182d21491434aa32899cce7b764587c78a3237ad6 | By: Abhishek Tiwari । Updated Date: Thu, 14 Feb 2019 16:11:18 (IST)
नर्इ दिल्ली (पीटीआर्इ)। न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी टी-20 हारने पर दिनेश कार्तिक की काफी आलोचना हुर्इ थी। कार्तिक ने आखिरी आेवर में एक रन नहीं लिया था जिसके बाद उन्हें इस हार का जिम्मेदार माना गया। इस मैच को खत्म हुए करीब चार दिन हो गए, कार्तिक के सिंगल न लेने की असल वजह का अब खुलासा हुआ। भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाल दिनेश कार्तिक ने उस मैच को याद करते हुए कहा, 'मुझे लगा था मैं सिक्स मारकर भारत को जिता दूंगा। मैं आैर क्रुणाल अच्छी बैटिंग कर रहे थे। हमने गेंदबाजों पर लगभग दबाव बना दिया था। हम सिर्फ टीम को जितान के बारे में सोच रहे थे। उस वक्त जब मैंने सिंगल लेने से मना किया तब मेरे दिमाग में छक्का मारने की बात चल रही थी।' खैर दिनेश का ये सपना तो पूरा नहीं हो पाया था आैर भारत को मैच के साथ-साथ सीरीज भी हाथ से गंवानी पड़ी थी।
पिछले कुछ सालों से एक बेहतर फिनिशर के रूप में उभरे कार्तिक ने आगे कहा, 'बतौर मध्यक्रम बल्लेबाज, आपको दबाव में रहते हुए बड़े शाॅट खेलना आना चाहिए। इसी के साथ आपको अपने पार्टनर पर भी पूरा भरोसा रखना होता है। हालांकि कभी-कभी एेसा नहीं होता मगर ये क्रिकेट में जायज है। कभी किस्मत आपके साथ होती है आैर चौका लग जाता है तो कभी गेंदबाज अच्छी गेंद फेंक जाता है। उस मैच में आपको टिम साउदी की तारीफ करनी होगी जिन्होंने शानदार याॅर्कर डाली।'
फरवरी के आखिरी में कंगारु टीम भारत दौरे पर रहेगा। आॅस्ट्रेलिया को यहां दो टी-20 आैर पांच वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है। वर्ल्ड कप से पहले भारत का यह आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला होगा। इंग्लैंड में होने वाला 2019 विश्व कप 30 मर्इ से शुरु हो जाएगा। एेसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट वर्ल्ड कप के लिए अपनी बेस्ट टीम तैयार करना चाहेंगे। गेंदबाजों के अलावा निचले क्रम में बैटिंग में रिषभ पंत आैर दिनेश कार्तिक के बीच जंग छिड़ी है। इसके अलावा केएल राहुल को बतौर तीसरा आेपनर टीम में शामिल किया जा सकता है। राहुल ने हाल ही में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ अनअफिशल टेस्ट में काफी अच्छी पारियां खेली हैं।
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80f40bdc84954793f9f2a1dfb0963990ed57031870650586b31bcabf62b5d31e | Clashes between two communities in Welcome area of Delhi, FIR against 4 and interrogation of 37-दिल्ली के वेलकम इलाके में दो समुदाय में झड़प, 3 के खिलाफ एफआईआर और 37 से पूछताछ । Delhi News (दिल्ली समाचार)
दिल्ली के वेलकम इलाके में दो समुदाय के लोग आपस मे भिड़ गए। वेलकम इलाके में 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 37 लोगों से पूछताछ जारी है।
दिल्ली के वेलकम इलाके में बच्चों के झगड़े के बाद दो समुदाय के सदस्य आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ। दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार लोगों के खिलाफ दंगे की धाराओं में एफआईआर की है जिसमें तीन की गिरफ्तारी हुई है। इसके अलावा 37 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्क में दो समाज के लड़के आपस में खेल रहे थे। किसी बात पर बच्चे आपस में झगड़ा करने लगे। बच्चों ने थोड़ी देर में अपने अभिभावकों को जानकारी दी और कुछ देर के बाद दो समुदाय के लोग एक दूसरे के आमने सामने हो गए। एक दूसरे ने जमकर पत्थरबाजी की। मौके पर कुछ बुजुर्गों ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। लेकिन सारी कवायद बेकार गई।
दिल्ली पुलिस को बुधवार रात 10 बजे के करीब सूचना मिली कि फोटो चौक के एक पार्क में हंगाम हो गया है। जानकारी मिलते ही भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई।मौके पर पहुंचे टाइम्स नाउ नवभारत संवाददाता ने दिखाया कि किस तरह से जिम करने वाली जगह पर पत्थर अभी भी बिखरे हुए हैं। पत्थरों की संख्या को देखते हुए अंदाज लगाया जा सकता है कि पत्थरबाजी कितनी ज्यादा हुई होगी।
इलाके के लोगों से जब इस संबंध में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ खास नहीं बता सकते। लेकिन कुछ लोगों ने बात इतनी बड़ी नहीं थी कि विवाद इस हद तक बढ़ जाए। लड़कों के बीच का झगड़ा था और दोनों समाज के लोग एक दूसरे के आमने सामने आ गए। कोई भी शख्स एक दूसरे की बात सुनने के लिए तैयार नहीं था। तू तू मैं मैं इतनी बढ़ी कि पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस घटना को देखकर ज्यादातर लोगो अपने घरों में कैद हो गए।
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80fca89816afd5cb572696decefe446256e2bdfbda6e41429df04d0bf9bc7290 | वर्ल्ड की सबसे बड़ी बिल्डिंग को बड़ा और लंबा बनाने के लिए क्या करना होगा?
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है ओंकार और मेरी वेबसाइट OKTECHGALAXY.COM पर गत है । आज के इस आर्टिकल का टाइटल देखकर आपको पता चल गया होगा कि आज हम बात करेंगे की सबसे ऊंची और बड़ी से बड़ी बिल्डिंग किस तरह से बनाई जा सकती है और इसके लिए क्या करना होता है और World's 10 Biggest, Highest Buildings skyscrapers को आज हम आर्टिकल द्वारा जानने की कोशिश करेंगे ।
साथ में पैसे कमाना भी Highest Building बनाने में काफी जरूरी है जितनी बड़ी बिल्डिंग बनाई जाएगी उतने एक्सपेंसिव लोग वह खरीदने की कोशिश करेंगे । साथ में बिल्डिंग में रूम बुक करके भी पैसा कमाया जा सकता है ।
इसीलिए काफी बड़ी बड़ी बिल्डिंग ऊंचाई को आसमान तक ले जाए वही बनाना आज जरूरी हो चुका है और कई सारे देश जिसमें Dubai, Japan, China भी शामिल है, वह यह करके दिखा रहे हैं ।
तो दोस्तों इस आर्टिकल में हम जानने की कोशिश करेंगे कि वर्ल्ड की सबसे बड़ी Building की लिस्ट? किसी भी बिल्डिंग को बड़ा और लंबा बनाने के लिए क्या करना होगा? क्या बुर्ज खलीफा से बड़ी और लंबी बिल्डिंग बनाई जा सकती है?
> Black, White List नंबर ऐड रिमूव करें?
दोस्तों यह बिल्डिंग भी Guangzhou, China में स्थित है और यह एक फाइनेंस सेंटर है , जो कि काफी बड़ा है । इसके फ्लोर की बात करें तो इसके अंदर आपको 111 फ्लोर देखने को मिल सकते हैं , और 5 अंडर ग्राउंड भी है ।
दोस्तों अगर इस बिल्डिंग की ऊंचाई की बात करें तो यह बिल्डिंग 530 मीटर की है । इस बिल्डिंग का काम 29 September 2009 को शुरू हुआ था और October 2016 में यह सबके लिए शुरू कर दी । इस बिल्डिंग में 95 Lifts/elevators है ।
दोस्तों यह बिल्डिंग भी चाइना में ही स्थित है Tianjin, China मैं इस बिल्डिंग को देखने को मिल सकता है । इस बिल्डिंग की ऊंचाई 530 मीटर है और सभी फ्लेवर की बात करें तो इसमें 9 7 फ्लोर्स इस बिल्डिंग में है ।
इस बिल्डिंग को 2011 में बनाना शुरू कर दिया था और इस्तेमाल करने के लिए फिर या फिर सबके लिए 2019 में शुरू कर दी । इसका टॉप फ्लोर 439 मीटर पर हैं । इस बिल्डिंग में 81 Lifts/elevators भी है ।
दोस्तो यह बिल्डिंग वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का काम करती है और इसने ऑफिस और कम्युनिकेशन का काम किया जाता है । यह बिल्डिंग न्यूयॉर्क सिटी , यूएस में स्थित है और 1,776 ft (541.3 m) कि इसकी ऊंचाई है ।
अगर इसके कंट्रक्शन की बात करें तो यह बिल्डिंग April 27, 2006 मैं बनना शुरू हो चुकी थी और November 3, 2014 मैं इसका काम पूरा हुआ और May 29, 2015 यह सब के लिए ओपन हो चुकी थी । इस बिल्डिंग में 94 फ्लोर्स है और 5 अंडर ग्राउंड फ्लोर भी है । इस बिल्डिंग में 73 Lifts/elevators भी है ।
दोस्तों यह बिल्डिंग वर्ल्ड की चौथी सबसे ऊंची बिल्डिंग मानी जाती है और यह बिल्डिंग Shenzhen, Guangdong, China मैं बनी हुई बिल्डिंग है । इस बिल्डिंग की ऊंचाई 555.1 m (1,821 ft) है ।
अगर इस बिल्डिंग के निर्माण की बात करें तो 2010 में यह बिल्डिंग बनने को शुरू हो गई और 2017 में यह बनकर तैयार हो गई । अगर फ्लोर की बात इस बिल्डिंग की करें तो इस बिल्डिंग में 115 फ्लोर है और 5 अंडर ग्राउंड फ्लोर है ।इस बिल्डिंग में 80 Lifts/elevators भी है ।
दोस्तों यह जो क्लॉक टावर है उसे रॉयल क्लॉक टावर भी कहा जाता है और यह Mecca, Saudi Arabia मे स्थित है । और इस बिल्डिंग को होटल और रेसिडेंटल की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है ।
इस बिल्डिंग को बनाने का काम 2004 में शुरू हुआ था और 2012 में पूरा हो गया । उसके बाद 2012 में ही इसे सबके लिए ओपन कर दिया था । अगर ऊंचाई की बात करें तो 601 मीटर ऊंचाई इस बिल्डिंग की है जिसमें 120 प्लेयर है और 96 Lifts/elevators है ।
दोस्तों यह बिल्डिंग ऊंचाई के मामले में दुनिया में दो नंबर पर आती है और अगर इसकी ऊंचाई की बात करें तो यह 632 metre (2,073 ft) ऊंची बिल्डिंग है और यह बिल्डिंग Lujiazui, Pudong, Shanghai मैं स्थित है । यानी वहां पर बनी है ।
इस बिल्डिंग का काम 29 November 2008 को शुरू हुआ और September 2014 को पूरी तरह तैयार होकर यह बिल्डिंग इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो गई ।
दोस्तों बुर्ज खलीफा बिल्डिंग को कौन नहीं जानता है । अगर किसी को भी पूछो किस दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग कौनसी होगी तो उसके मुंह से यह बुर्ज खलीफा ही निकलेगा ।
जी हां दोस्तों बुर्ज खलीफा ही दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग मानी जाती है और अगर इसकी ऊंचाई की बात करें तो यह बिल्डिंग सबसे ऊंची मंजिल 832.5 मीटर (1,918 फीट) मैं है और Architectural 828 m (2,717 ft) का है ।
इस बिल्डिंग में 154 फ्लोर और 9 मेंटेनेंस फ्लोर है । इसमें अंडर ग्राउंड फ्लोर नहीं है । यह बिल्डिंग दुबई में स्थित है और इस बिल्डिंग में 57 में Lifts/elevators है ।
दोस्तों यह सवाल काफी इंटरेस्टिंग होता है की बुर्ज खलीफा से बड़ी बिल्डिंग बन सकती है या नहीं ? और इसका जवाब है हां बुर्ज खलीफा से बड़ी और ऊंची बिल्डिंग बन सकती है ।
क्योंकि अगर दुबई जैसी जगह पर जहां पर सिर्फ रेत ही रेत होती है और पानी मिलने का सवाल ही नहीं होता वहां पर अगर ऐसी वर्ल्ड की सबसे लंबी और बड़ी बिल्डिंग बन सकती है , तो कहीं और जगह पर इससे बड़ी बिल्डिंग बनना तो आसान बात है ।
इसके लिए बहुत ही बड़े इन्वेस्टर होना जरूरी है , टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल , Weather कि सटीक जानकारी , जगह के लिए सरकार की परमिशन और काफी लंबी चौड़ी खाली जगह होना भी जरूरी है ।
हमने ऊपर दी गई लिस्ट में देखा की सबसे ऊंची लंबी बिल्डिंग ज्यादातर चाइना या फिर दुबई जैसे ही देश में बन रही है । तो मैं आपको आने वाले समय में इससे भी कहीं ज्यादा बड़ी बिल्डिंग देखने को मिल जाएगी ।
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81030272de7084aa0bb2491ade813b27c110ef76183b028ae6740493300e7802 | ICC T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup)
वेस्टइंडीज (West Indies Cricket Team) के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल (Chris Gayle) ने अपने रिटायरमेंट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वो अभी संन्यास नहीं लेना चाहते हैं। क्रिस गेल के मुताबिक वो जमैका में फेयरवेल मैच चाहते हैं।
कई सारे फैंस का मानना था कि शायद टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज का आखिरी मुकाबला क्रिस गेल का आखिरी इंटरनेशनल मैच हो लेकिन उन्होंने अभी संन्यास लेने से इंकार कर दिया है। हालांकि गेल ने संन्यास की किसी भी तरह की खबरों से इंकार कर दिया है।
ऑस्ट्रेलिया vs वेस्टइंडीज मुकाबले के बाद आईसीसी के फेसबुक लाइव में क्रिस गेल ने अपने रिटायरमेंट को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
मेरा करियर काफी शानदार रहा है। मैंने रिटायरमेंट का ऐलान नहीं किया है लेकिन उन्होंने मुझे जमैका में संन्यास लेने का मौका दिया है ताकि मैं अपने लोगों के सामने क्रिकेट को गुडबॉय बोल सकूं। देखते हैं क्या होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर मैं काफी समय के बाद इसका ऐलान करूंगा और डीजे ब्रावो को ज्वॉइन करूंगा।
क्रिस गेल को टी20 का महान खिलाड़ी माना जाता है लेकिन यह दिग्गज मौजूदा टूर्नामेंट में पूरी तरफ से फ्लॉप नजर आया है। गेल के खराब प्रदर्शन के कारण उनकी टीम को भी खामियाजा भुगतना पड़ा है। गेल ने इस वर्ल्ड कप में अपनी टीम के लिए सभी मैच खेले और 5 मैचों में महज 45 रन ही बनाये। गेल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले पांच सालों में 27 पारियों में केवल एक अर्धशतक लगाया है। टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड में उनके चयन पर कई सवाल भी खड़े हुए थे।
क्रिस गेल इससे पहले आईपीएल में भी फ्लॉप रहे थे। उनका परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं रहा था और इसके बाद वो टी20 वर्ल्ड कप में भी फ्लॉप रहे।
ICC T20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम (West Indies Cricket Team) क्रिस गेल (Chris Gayle)
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810e341f24f667c0773694ddb377b65873b2fb35565801b167107fef67772ae0 | पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ की चांदखुरी पुलिस एकेडमी, जो राजधानी रायपुर से मुश्किल से पच्चीस किलोमीटर दूर स्थित है, पिछले दिनों गलत कारणों से सुर्खियों में रही, जब तक वहां के इंचार्ज पुलिस अधिकारी के नारीद्रोही आचरण का खुलासा नहीं हुआ। मालूम हो कि डीएसपी रैंक का उपरोक्त अफसर वहां प्रशिक्षण हासिल कर रही बत्तीस महिला पुलिस अधिकारियों से उनके मासिक धर्म के बारे में बात करता था। वह आरोप लगाता था कि वे मासिक धर्म के बहाने होने वाली पीड़ा का बहाना बना कर छुटटी करती हैं या परेड में आनाकानी करती हैं।
इस सिलसिले का भंडाफोड़ अचानक हुआ जब राज्य महिला आयोग की टीम वहां अपनी रुटीन मुलाकात के लिए पहुंची और महिला पुलिस अधिकारियों ने आपबीती सुनाई। आनन-फानन में आरोपी पुलिस अफसर का तबादला कर दिया गया है। यह सोचने की बात है कि तबादला कोई सजा न होने के बावजूद ऐसा क्यों किया गया, जबकि कार्यस्थल पर यौन प्रताडऩा के कानून के तहत उपरोक्त अधिकारी दंड का पात्र था।
पुलिस बल में महिला कांस्टेबलों या अन्य अधिकारियों को जो झेलना पड़ता है, उसकी यह महज ताजा बानगी है। कुछ समय पहले कोल्हापुर, महाराष्ट्र के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के दौरान यौन उत्पीडऩ की एक बड़ी घटना का पता चला। प्रशिक्षण अवधि के दौरान ग्यारह प्रशिक्षु महिला कांस्टेबलों के गर्भवती हो जाने के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए तथा ट्रेनिंग इन्स्ट्रक्टर की गिरफ्तारी की गई। बताया गया कि ट्रेनिंग के दौरान पुलिस के बड़े अधिकारी भी महिला प्रशिक्षुओं के यौन उत्पीडऩ में शामिल रहे हैं। उन्हीं दिनों हरियाणा के करनाल के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में ही महिला प्रशिक्षुओं परयौन अत्याचार की खबर आई थी, मगर बाद में इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया था। ध्यान देने वाली बात यह है कि जितनी महिलाओं का यौन उत्पीडऩ हुआ होगा, वे सभी गर्भवती नहीं हुई होंगी यानी घटना की शिकार सिर्फ वही ग्यारह युवतियां नहीं रही होंगी जिनके मेडिकल टेस्ट में गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। अन्य हो सकता है कि अपनी 'इज्जत' बचाने के चक्कर में या किसी तरह ट्रेनिंग पूरी कर हाथ में नौकरी आ जाए इसलिए अपना मुंह न खोलें, लेकिन घटना की गंभीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
ऐसी ही एक और खबर राजस्थान के जोधपुर से आई थी, जब पता चला कि महिला प्रशिक्षु कांस्टेबलों को उन्हीं के विभाग के पुलिस अधिकारियों ने अपनी हवस का शिकार बना डाला। आम अपराधी की तरह ही वे हॉस्टल में घुस कर लड़कियों को दूसरे हॉस्टल ले गए जहां कोई दूसरा पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था और वहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। पीडि़तों ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी लिखा है कि उन्हीं पुलिस अधिकारियों के खिलाफ यौन अत्याचार की शिकायत पहले भी लिखाई गई थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसीलिए बेखौफ होकर उन्होंने दुबारा ऐसी घटना को अंजाम दिया। यह भी गौर करने लायक है कि पुलिस विभाग में महिला पुलिस अधिकारी उपलब्ध होने के बावजूद ऐसे पुरुष अधिकारियों को हॉस्टल इंचार्ज बनाया गया। जोधपुर के डीजीपी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। (डेक्कन हेराल्ड, 29 अप्रैल 2012)
मामला सिर्फ जोधपुर या राजस्थान या छत्तीसगढ़ पुलिस का नहीं है बल्कि ऐसी छिटपुट घटनाओं की खबर देश के अलग-अलग हिस्सों से आती रहती है कि कैसे पुलिस मौका पाकर अपराधी 'मर्द' की भूमिका में आ जाती है।
यदि मान लें कि मीडिया में खबर बन जाने के कारण तथा ठोस सबूत के कारण चाहे जोधपुर की महिला प्रशिक्षुओं का मामला हो या कोल्हापुर का मामला हो, कुछ कार्रवाई हो भी जाती है, लेकिन इसके बावजूद अहम मुद्दा यह है कि पुलिस विभाग का वातावरण कब बदलेगा जिसमें धौंस जमाना, दादागीरी तथा मर्दानगी दिखाई जाती है। इस नौकरी में श्रेणीबद्धता इतनी अधिक है कि अपने से ऊंचे ओहदे वाले कर्मचारी या अधिकारी का हर गुनाह और हर निर्देश कबूल कर लेना होता है, वरना अनुशासनहीनता का मेमो लेटर मिल जाता है। थानों का वातावरण पहले से ही ऐसा बना दिया जाता है कि पीडि़त का हौसला पहले से ही पस्त हो जाए। माना तो यह जाता है कि इससे अपराधी डरें, पर अपराधी स्वयं थाने नहीं जाता बल्कि पीडि़त न्याय के लिए वहां जाता है इसलिए माहौल को सहज और सुलभ बनाना चाहिए। लैंगिक भेदभाव तथा पुरुष प्रधानता को कई तरह से देखा जा सकता है, मसलन पुलिस वाले यौनिक गाली-गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग धड़ल्ले से करते हैं।
कुछ साल पहले मुंबई में जेंडर पर आयोजित एक कार्यशाला के दौरान, जिसमें महिला पुलिसकर्मी व उनकी वरिष्ठ महिला अधिकारी भी शामिल थीं, महिलाओं ने अपने अनुभवों को साझा किया था और बताया था कि किस तरह थानों का समूचा वातावरण 'मर्दानगी' भरा रहता है जिसकी वजह से उनके सहज काम में बाधा आती है। कई महिला पुलिसकर्मियों ने यह भी बताया था कि कुछ पुरुष तो उनके सामने ही अपनी ड्रेस बदलने लगते हैं, जिससे वे बेहद असहज महसूस करती हैं। पुरुषप्रधान वातावरण बने रहने का एक कारण यह भी है कि पुलिस विभाग में महिलाकर्मियों की संख्या काफी कम है। अगर दिल्ली की बात करें तो सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की 71,631 की कुल संख्या में महिला पुलिस मात्र 5,069 यानी सात प्रतिशत है। सैंतीस आला पदों पर एक भी महिला नहीं है। और तैंतीस डीसीपी में तीन सिर्फ महिला डीसीपी हैं। इसी तरह हर स्तर के पदों पर भारी अंतर मौजूद है, सिर्फ चतुर्थ श्रेणी में तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति है। यानी वहां महिलाओं की उपस्थिति 18.66 प्रतिशत है। केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय पहले ही राज्य सरकारों को लिख चुका है कि महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए। मंत्रालय ने इसकी वजह बताते हुए कहा था कि महिलाओं व बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों तथा आपराधिक घटनाओं में महिलाओं की भागीदारी के कारण ऐसा करना जरूरी है। राष्ट्रीय पुलिस आयोग ने भी नवंबर, 1980 में ही सिफारिश की थी कि हर पुलिस स्टेशन पर महिलाकर्मियों की संख्या दस प्रतिशत की जानी चाहिए।
हाल में भारत सरकार की रिपोर्ट में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि हरियाणा में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या कम हो रही है तथा विभाग में भर्ती के लिए प्रेरित करने की खातिर कोई उपाय भी नहीं किया जा रहा है। यहां कुल पुलिसकर्मी 41,683 हैं जिनमें महिलाएं 1,691 हैं। पुलिस विभाग में महिलाओं की जो नियुक्तियां होती हैं उनके पीछे की एक मजबूरी यह होती है कि महिला अपराधियों की धरपकड़ में या उनसे पूछताछ के लिए कानूनन महिला पुलिस का साथ में होना जरूरी होता है।
लिहाजा, हर थाने में कुछ महिला सिपाही भी रखनी होती हैं। इस विवशता से आगे जाकर, महिलाओं को नियुक्तियों में बराबर का अवसर मिले यह सोच कहीं से भी नहीं होती है। कुल मिला कर देखें तो पुलिस विभाग के अंदर लैंगिक गैर-बराबरी तथा यौन हिंसा का मसला गंभीर है। औरत अपनी शिकायत तथा न्याय की अपेक्षा लेकर पुलिस थाने तक पहुंचने का साहस ही कैसे कर सकती है जब पता हो कि स्वयं थाने के पुरुष उत्पीडक़ और हिंसक हैं। कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में कार्रवाई और सजा की दर कम होने की एक प्रमुख वजह महिला पुलिसकर्मियों की कमी है। ऐसे मामलों में महिलाएं ही पीडि़त होती हैं, फिर बहुत-से मामले यौनहिंसा व यौन उत्पीडऩ के होते हैं। अगर पीडि़तों का साबका महिला पुलिसकर्मियों से हो, तो वे अपनी व्यथा-कथा ज्यादा बेझिझक होकर बता सकती हैं और ऐसे मामलों की जांच के तर्कसंगत परिणति तक पहुंचने की ज्यादा उम्मीद की जा सकती है। इसलिए इस मसले पर तत्काल विचार किए जाने की जरूरत है।
समाधान की बात करें तो महिला पुलिस अधिकारियों तथा महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती तो अधिक से अधिक होनी ही चाहिए, क्योंकि एक तो इससे पुलिस महकमे के भीतर का पुरुष वर्चस्व टूटेगा तथा मर्दवादी वातावरण खत्म होगा। दूसरे, महिलाओं को यह अधिकार भी है कि उन्हें हर क्षेत्र में बराबर का अवसर मिले। इसलिए उपाय तो अपराधी को लक्षित करके, उसे सजा दिला कर तथा उसकी आपराधिक मानसिकता को दूर करके ही निकलेगा। ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में रहेंगे तो वे अपने लिए शिकार तलाशते रहेंगे और समाज में महिलाएं मौजूद हैं तो कोई न कोई हाथ लग ही जाएगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि पुलिस विभाग के एजेंडा में यह मसला मौजूद है या नहीं। देखना यह है कि सभी कर्मचारियों में जेंडर संवेदनशीलता पैदा करना तथा औरत के प्रति उनका नजरिया ठीक हो इसके लिए क्या कोई नीतिगत स्तर की योजना है या नहीं? पुलिस की भर्ती में शारीरिक सौष्ठव और दम-खम एक अनिवार्य कसौटी रहती है। भर्ती के बाद प्रशिक्षण में शारीरिक चुस्ती, अपराधी की पहचान और उसकी धर-पकड़ आदि के कौशल सिखाए जाते हैं। पर इसी के साथ-साथ पुलिस के प्रशिक्षण में सामाजिक आयाम, खासकर जेंडर संवेदनशीलता को भी शामिल किया जाना चाहिए।
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810e7ef95c09ba8bcf6ef19e1e5bce2589905ff10a7c46a15264cc87d0974a95 | सैमसंग ने शुक्रवार को पोर्टेबल ब्लूटूथ स्पीकर्स 'लेवल बॉक्स स्लिम' और 'बॉटल ऐंड स्कूप स्पीकर्स' भारतीय बाजार में लॉन्च किए।साथ ही कंपनी ने 'लेवल ऐक्टिव' और 'रेक्टैंगल' हेडसेट्स भी पेश किए। सैमसंग लेवल बॉक्स स्लिम की कीमत 6,699 रुपये, बॉटल स्पीकर की कीमत 4,999 रुपये और स्कूप स्पीकर की कीमत 2,799 रुपये है।
'लेवल बॉक्स स्लिम' 8 वॉट के ब्लूटूथ स्पीकर्स और पॉवरबैंक को दोहरा कॉम्बिनेशन है। यह डिवाइस आईपीएक्स 7 जल प्रतिरोधी और हल्की बारिश को झेल सकता है। यह 2,600 एमएएच की बैटरी के साथ आता है जो 30 घंटों तक म्यूजिक प्लैबैक कर सकता है। वायरलेस स्पीकर 'बॉटल' 360 डिग्री सराउंड साउंड की क्षमता से लैस है और यह बेहतर सुनने के अनुभव के लिए मूड लाइटिंग मुहैया कराता है।
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81142b45ec5f0df8b1fc8587eb3e6d839f5cb377627fdc0cf47f834d9ec5fa59 | नई दिल्ली। आज से गुजरात सरकार के ऐलान के मुताबिक सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को 10 फीसदी आरक्षण दिलाने वाले संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी।
दरअसल प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, "14 जनवरी को उत्तरायण शुरू होने के साथ सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।" इसमें कहा गया है कि आरक्षण की नई व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों के लिए भी प्रभावी होगी जिनके लिए विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी हुआ हो लेकिन वास्तविक प्रक्रिया शुरू न हुई हो। ऐसे मामलों में दाखिला प्रक्रिया और नौकरियों के लिये नए सिरे से घोषणाएं की जाएंगी।
इसके साथ ही विज्ञप्ति में कहा गया कि भर्ती या दाखिला प्रक्रिया - परीक्षा या साक्षात्कार- 14 जनवरी से पहले शुरू हो चुके हैं तो 10 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होगा। गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा ने इस घोषणा की निंदा करते हुए कहा कि इससे भ्रम फैलेगा।
सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 जनवरी को मुहर लगाई जिसके बाद आरक्षण व्यवस्था को लागू करने के लिए 8 जनवरी को लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया था। लंबी बहस के बाद यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया।
इसके अगले दिन राज्यसभा में इस संशोधन विधेयक को पेश किया गया और लंबी बहस के बाद यहां भी पास कर दिया गया। दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति कोविंद के पास भेजा गया। जहां राष्ट्रपति कोविंद ने भी बिल पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे दी।
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8117c6c34fdbbb6487b927f86d002d910155fff0792f82587c36444335d7d651 | लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव Shivkaran Singh शिवकरन सिंह ने प्रदेश सरकार के सूबे को गड्ढामुक्त करने के दावे की पोल खोलते हुये कहा कि प्रदेश की सड़कों में इतने भारी भरकम गड्ढे हो गये है जिससे यातायात तो बाधित हो ही रहा है साथ ही सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गयी है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव शिवकरन सिंह ने कहा कि बनारस से जौनपुर होते हुए सुल्तानपुर, फैजाबाद अयोध्या मार्ग तथा प्रदेश की राजधानी लखनऊ आने के लिए सड़क पूर्ण रूप से गड्ढा युक्त है। दुर्भाग्य है कि देश के प्रधानमंत्री के क्षेत्र से उत्तर प्रदेश की राजधानी को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण मार्ग कब बनेगा देखने योग्य है। इसकी फोटोग्राफी सरकार स्वयं करा ले क्योंकि यह सड़क एक नमूना है। ऐसी ही सैकड़ों की संख्या में सडके है जिनकी स्थित जर्जर है और गड्ढा मुक्त के नाम पर जनता के धन का बंदरबांट किया जा रहा है। यह बजट कहां इस्तेमाल हो रहा है उत्तर प्रदेश की जनता जरूर जानना चाहती है। सरकार बताएं इतना अधिक टैक्स लेने के बाद भी सड़कों की जर्जर स्थित क्यों है। सरकार ने स्वयं गड्ढा मुक्त की घोषणा शपथ लेते ही किया था, अब तो शपथ लिए हुए डेढ़ वर्ष हो गये है।
श्री सिंह ने आगे कहा कि लखनऊ राजधानी के अंदर भी पारा रोड, चिनहट पुल के पास तथा जेल रोड जिस पर हजारों गाडि़यां दिन भर में निकलती हैं गडढायुक्त देखी जा सकती है। 2019 में जनता सरकार को धक्के मारकर निकाल देगी और उत्तर प्रदेश सरकार की कलई खुल जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान और भूतपूर्व सैनिक तथा बेरोजगार युवा दुखी है।
बंद कारखाने को देख कर लोग पुरानी सरकारों को याद करते हैं। भूतपूर्व सैनिकों से आम जनता से भी अधिक टैक्स व सैनिक प्रांगण की दुकानों का किराया वसूला जा रहा है। आम व्यापारी वाले अधिकार भूतपूर्व सैनिक को नहीं मिल रहे हैं। 26 जनवरी से प्रदेश के भूतपूर्व सैनिक अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन शुरू करेंगे। राष्ट्रीय लोक दल भूतपूर्व सैनिकों को पूरा समर्थन करता है।
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8119ac7f2a8e5cee5ee764cebbf41e6366bed17a7da1340ef581cea016354a0d | नूंह (ब्यूरो) : क्षेत्र में कोरोना वायरस के चलते लगा लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए शासन.प्रशासन एक मिशन के तौर पर लगा हुआ है लेकिन जिला के नूंह, तावडू, पुन्हाना, नगीना, पिनगवा व फिरोजपुरझिरका आदि क्षेत्रों में खुले बैंकों पर सामाजिक पैंशन लेने के लिए उमड़ रहे लोग प्रशासन की इस मुहीम को पलीता लगा रहे हैं। बैंकों के बाहर एक भीड़ के तौर पर लोग पैंशन लेने जुट रहे हैं।
हालांकि, बैंक प्रबंधक ने ऐसे लोगों की लाईन लगाकर सोशल डिस्टेंस के जरिये सेवा उपलब्ध की जा रही हैं। लेकिन इसके बावजूद भी नियमों को तोड़ा जा रहा हैं। इस बारे में नूंह के बैंक ऑफ बड़ोदा बैंक प्रबंधन ने माना कि उपभोक्ताओं की भीड़ को काबू करने के लिए लाईनों से निश्चित दूरी बनाकर सेवाऐं उपलब्ध की जा रही हैं, ताकि किसी को परेशानी न हो।
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811b41c4bb0017dac11e814da670dc5feab3717b36685b13aca59d23be9c4fd1 | नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि सितंबर, 2020 तक प्राप्त खबरों के मुताबिक, देश के 63 जिलों में कोई ब्लड बैंक नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से यह पूछा गया कि क्या सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाया है या कदम उठाएगी कि देश के सभी जिलों में कम से कम एक ब्लड बैंक हो। इस सवाल के लिखित जवाब में चौबे ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, राज्य का विषय है और राज्य सरकारों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार ब्लड बैंकों की स्थापना सुनिश्चित करें।
चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर मौजूदा ब्लड बैंकों को मजबूत करने / नए ब्लड बैंक स्थापित करने सहित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली को मजबूत करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। बिना ब्लड बैंक वाले 63 जिलों में अरुणाचल प्रदेश के 14 जिले, असम और बिहार के 5-5 जिले, मणिपुर के 12 जिले, मेघालय के सात जिले और नागालैंड के नौ जिले शामिल हैं।
चौबे ने कहा कि नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल, एमओएचएफडब्ल्यू ने ब्लड बैंक नीति तैयार की है, जिसके अनुसार हर जिले में कम से कम एक ब्लड बैंक होना चाहिए। ब्लड बैंक स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियमों के तहत रखा गया है, जिसके तहत ब्लड बैंक चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
देश में लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंकों की संख्या 3,321 है जिन्होंने 2019-20 में 1.27 करोड़ ब्लड यूनिट का संग्रह किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश में सक्रिय इन बैंकों में रक्त की कमी की खबरें हैं, चौबे ने कहा कि रक्त आपूर्ति में कमी के बारे में ऐसे कोई उदाहरण नहीं मिले हैं।
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812066499364c7d0f4b5d3d28248c37b9cf7613133a323f77120ef269412edca | उपमंडल राजगढ़ के राहुल तोमर और पल्लवी मेहता का चयन एमबीबीएस के लिए हुआ है। सरकारी स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले दोनों ने नीट परीक्षा पास कर राजगढ़ क्षेत्र का नाम रोशन किया है। राहुल तोमर राजगढ़ की सैर जगास पंचायत के पबियाना गांव से है और वह पीजीआई में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त पदम श्री डॉ जगत राम के भतीजे है और उनके पिता किसान है। राहुल तोमर ने बताया कि विरासत को आगे बढ़ाने का निर्णय उन्होंने दसवीं कक्षा में ही ले लिया था। जब भी वह अपने ताया डॉ जगत राम को लोगों की सेवा करते देखते थे, तो उसी वक्त मन में ठान लिया था की आगे चल कर वह भी डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करेंगे और अंत में सफल भी हो गए। राहुल तोमर का चयन मेडिकल कॉलेज नाहन के लिए हुआ है।
वहीं, राजगढ़ की कोटि पधोग पंचायत के ग्राम कुफर की पल्लवी मेहता भी चिकित्सक बनकर क्षेत्र का नाम रोशन करेगी। पल्लवी ने भी अपनी शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ से ग्रहण की है। पल्लवी स्वतंत्रता सेनानी तुलसीराम की पढ़पोती है। उनके पिता नरेंद्र मेहता किसान व माता शकुंतला मेहता गृहणी है। पल्व्वी ने दो वर्ष कोचिंग ली और तीसरे प्रयत्न में नीट की परीक्षा उतीर्ण की।
उन्होंने कहा जो बच्चे नीट की तैयारी कर रहे हैं, वे मेहनत के साथ सयंम भी रखे और हतोत्साहित न हो। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष थोड़ी सी कमी रह गयी थी, लेकिन मेहनत और सयंम के साथ उन्होंने इस वर्ष यह परीक्षा उतीर्ण की। पल्लवी ने कहा कि यह सफलता उनके लक्ष्य की और पहला कदम है। उन्होंने इस सफलता में योगदान देने वाले सभी का आभार प्रकट किया। सरकारी स्कूल में पड़े दोनों बच्चों की सफलता से यह सिद्द हो गया कि यदी सही दिशा में मेहनत की जाए, तो स्कूल मायने नही रखता और कोइ भी लक्ष्य प्राप्त कर सकता है।
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81265a4c089f7dd4f3fd74583fe50341dcd27005222d54847cb79a58c44134cc | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है।
नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र की सरकार हर मोर्चे पर फेल रही है। उन्होंने कहा कि देश में इसे लेकर गौर करना चाहिए और विचार करना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में शैक्षणिक आजादी छीन ली गयी है और तो और विश्वविद्यालयों में माहौल खराब किये जा रहे हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि देश को वैकल्पिक विमर्श करने को लेकर विचार करना चाहिए। मनमोहन सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की पुस्तक 'शेड्स ऑफ ट्रुथ' का विमोचन करने के दौरान दिये गये अपने भाषण में ये बातें कहीं।
मनमोहन ने कहा कि बीजेपी सरकार में किसान और नौजवान परेशान हैं और दलित, अल्पसंख्यक अपने आप को असुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा मनमोहन सिंह ने पुस्तक के बारे में भी बात की और कहा कि गहरे शोध के बाद इस ये पुस्तक लिखी गयी है। इस मोदी सरकार के बारे में विस्तृत विश्लेषण किया गया है। जो सरकार विफलताओं को दिखाता है। पुस्तक में ये बताया गया है कि सरकार ने चुनाव के दौरान जो वादे किये वो पूरा नहीं किये।
मनमोहन सिंह ने कहा कि देश कृषि संकट से जूझ रहा है और हर तरफ आंदोलन किया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया कि औद्योगिक उत्पादन और प्रगति रुक गयी है। इसके अलावा उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने कारोबारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी सरकार को घेरे में लिया और कहा कि वो अगर वह दूसरे देश में होते तो उनको इस्तीफा देना पड़ता। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से जीएसटी लागू हुआ उससे देश को काफी नुकसान पहुंचा है। विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार फेल रही है। इन 4 सालों में पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध और खराब हुए।
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813269a8f851a98f434042e835c7fe8fd9841cc121a5b1b6de2479fa7099dbcc | नई दिल्ली. PNB फ्रॉड के बाद RBI ने तय किया है वह सरकारी बैंकों का विशेष ऑडिट कराएगा। इसके तहत वह ट्रेड फाइनेंस में जारी की गई लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) पर विशेष ध्यान देगा। आरबीआई ने सभी सरकारी बैकों से इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
आरबीआई ने सभी सरकारी बैंकों से LoU के डिटेल मांगे हैं। इसमें जारी LoU और आउटस्टैंडिंग अमाउंट की जानकारी देने को कहा है। आरबीआई ने साथ ही कहा है कि वह जब क्रेडिट गांरटी उपलब्ध कराएं तो अपने पास जरूरी कैश जरूर रखें।
हाल में हुए ज्यादातर बैंकिंग फ्रॉड ट्रेड फाइनेंस से जुड़े हुए हैं। पीएनबी में हुआ फ्रॉड भी ऐसा ही है। इसके अलावा ज्यादातर विलफुल डिफाल्टर भी ट्रेड फाइनेंस से जुड़े हुए हैं। ऐसा ही हाल में हुए फ्रॉड में पीएनबी के साथ भी हुआ है। पीएनबी में LoU के माध्यम से 12646 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस फ्रॉड में फर्जी तरीके से LoU जारी किए गए थे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने नए सिरे से जांच शुरू की है।
पीएनबी फ्रॉड के तुरंत बाद ओरियंटल बैंक से जुड़ा हुआ एक फ्राॅड सामने आया है। इस बैंक से ज्वैलर द्वारका दास सेठ ने गलते तरीके से 389.85 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। यह मामला 2007-12 के बीच का है।
इसी तरह दिल्ली के कारोबारी ने भी बैंका ऑफ बड़ौदा से 2015 में फ्रॉड किया था। यह फ्रॉड 6 हजार करोड़ रुपए का है। इस मामले की जांच में सामने आया है कि ट्रेड लोन देने में कई तरह से मानकों का पालन नहीं किया गया है।
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81414e56309a66e6aa98147b35edd7d88cb4d8b2f4338ef5b309411d36bc9ae2 | जानकारी मिली है कि पाकिस्तान अपने पायलटों को राफेल फाइटर प्लेन (Rafale Fighter Plane) उड़ाना सिखा रहा है.
भारत पाकिस्तान के बीच पुलवामा हमले के बाद से जारी तनाव अब कुछ हद तक शांत है. लेकिन इसी बीच भारत के लिए एक चिंता भरी खबर आ गई है. जानकारी मिली है कि पाकिस्तान अपने पायलटों को राफेल फाइटर प्लेन (Rafale Fighter Plane) उड़ाना सिखा रहा है. हालांकि विमान बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार किया है कि एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कतर ने पाकिस्तानी वायुसेना के पायलटों को राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग दी है. फ्रेंच एंबेसडर अलेक्जेंड्रे जिग्लर (Alexandre Ziegler) ने इसे फेक न्यूज बताया है.
एविएशन से संबंधित खबरें देने वाली स्वतंत्र वेबसाइट ainonline.com ने एक खबर छापी है, जिसके मुताबिक पाकिस्तानी पायलटों के पहले बैच को नवंबर 2017 में ट्रेनिंग दी गई थी. कतर को पहला राफेल फाइटर प्लेन 6 फरवरी को सौंपा गया था. दसॉल्ट एविएशन के मुताबिक कतर ने मई 2015 में 24 राफेल विमान खरीदने के लिए समझौता किया था. इसके बाद सितंबर 2017 में कतर ने 12 विमानों का ऑर्डर दिया.
आपको बता दें कि कई दशक पहले से ही पाकिस्तान सेना के अधिकारियों को मध्य पूर्व के देशों में सेनाओं के संचालन के लिए भेजता रहा है. इसके अलावा सेना से जुड़े सामानों की आपूर्ति भी इन्हीं देशों से होती रही है. इनमें जॉर्डन ने F-16 A/B फाइटर प्लेन पाकिस्तान को सौंपा था. माना जा रहा है कि हाल ही में भारत के ऊपर किए गए हमले में पाकिस्तान ने इन विमानों का इस्तेमाल किया था.
जनवरी 2018 में पाकिस्तान से संचालित वेबसाइट www.thenews.com.pk ने रिपोर्ट छापी थी कि कतर एयरफोर्स के कमांडर ने इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी एयरफोर्स के मुख्यालय का दौरा किया. इसके बाद दोनों देशों के सैन्य समर्थन और सैन्य अभ्यास की भी बात कही गई थी. राफेल भारत विवादों से घिरा है लेकिन इस प्लेन का पहला बैच इस साल सितंबर में मिल जाएगा.
लेकिन पाकिस्तानी वायुसेना के पायलटों को ट्रेनिंग देने वाली खबर भारत को परेशान करने वाली है. क्योंकि जो राफेल विमान भारत को सौंपे जा रहे हैं. वही विमान कतर को भी सौंपे गए हैं. अगर पाकिस्तानी वायु सेना के पायलट राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग लेते हैं तो उन्हें यह तो पता चल ही जाएगा कि राफेल के हमले से किस तरह बचाव किया जा सकता है. राफेल विमान की सबसे बड़ी खासियत इसकी रडार है.
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815350c01efb23a0fb8d19fe7e7272451b0e8a864b73f77f93c9789f1d4a03c9 | भारतीय योगी और रहस्यवादी जग्गी वासुदेव जी को सबसे अधिक आज का युवा पसंद करता है हर युवा की पहली पसंद आध्यात्मिक क्षेत्र में जग्गी वासुदेव है। हर स्टूडेंट हर नौजवान के दिलो दिमाग मे इनकी खुमारी रहती है, सद्गुरु वासुदेव जी अधिकतर स्कूल कालेज यूनिवर्सिटीज में अलग अलग तरह से छात्र छात्राओं को अवेरनेस प्रोग्राम करते रहते है जिसकी वजह से युवाओं की पहली पसंद बनें रहते हैं। सबसे बड़ी यह बात है कि वह बच्चों से बच्चों के मन की बात करते है और उनकी समस्याओं के निदान के लिए उनको प्रशिक्षित करते हैं।जग्गी वासुदेव जी का जन्म 5 सितम्बर 1957 को कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में एक यादव परिवार में हुआ। इनका परिवार बड़ा ही धार्मिक था। जग्गी वासुदेव जी किबधर्मिक मान्यता हिन्दू धर्म की है।यह भारतीय मूल के संत परम्परा के प्रचारक है, इनके पिता जी का नाम डॉ वासुदेव व माता जी का नाम श्री मती सुशीला वासुदेव है। इनके पिता जी पेशे से एक चिकित्सक थे। जग्गी वासुदेव का पूरा नाम सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी महाराज है यह शिव जी के उपासक है यह एक योगी हैं। सद्गुरु द्वारा लाभरहित मानव सेवी संस्थान चलाए जाते है जिसमे लग भाग 250000 से अधिक स्वयं सेवी हैं। सद्गुरु जी ने 8 अलग अलग भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकों का लेखन किआ है, भारत सरकार ने सन 2017 में उनको पद्म विभूषण से नवाजा है। यह भारतीय योगी व रहस्यवादी प्रवृत्ति के संत हैं।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी का जन्म 5 सितम्बर 1957 में कर्नाटक राज्य के शहर मैसूर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ वासुदेव यादव के यहां हिन्दू धर्म मे हुआ। सुरुवात के दिनों से ही जग्गी वासुदेव जी को प्रकृति के साथ साथ सापों से बेहद लगाव था । अक्सर जब वे शाम को जंगल से वापस घर को लौटते तो उनकी झोली में बहुत सारे साँप होते जिनके साथ वे खेलते रहते।जब वे घर से जंगल की तरफ जाते तो कई कई दिन वापस नही आते थे, जंगल मे ही पेड़ के शाखों पर बैठ कर प्राकृतिक हवाओं की मनोरम अनुभूति महसूस करते करते युही अंतर्ध्यान हो जाते और उनको पता भी नही चलता था।साँपो को पढ़ने में उन्हें महारत सी हासिल है। सद्गुरु ने अपने बालापन में ही योगाभ्यास सुरु कर दिया था। जब वे योगभ्यास सुरु किए तब उनकी उम्र महज 11 वर्ष ही बताई गयी है। सद्गुरु के योग गुरु मल्लाडिहल्ली स्वामी जी है जिनका दूसरा नाम श्री राघवेन्द्र राव है। कुछ दिन इन्होंने फ़िल्म जगत में भी काम किया है इनकी फिल्म है- ONE : THE MOVIE जसमे ये मुख्य अभिनय का किदार निभाए हैं।
सद्गुरु स्वामी की शिक्षा दीक्षा मैसूर से ही हुई है। हाइस्कूल व इंटर मीडिएट की पढ़ाई इन्होंने डिमांस्ट्रेशन स्कूल मैसूर से 1973 में पूरी करने के पश्चात स्नातक की पढ़ाई के लिए मैसूर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और अंग्रेजी साहित्य में स्नातक किआ।
जग्गी वासुदेव जी की प्रेमिका का नाम विजयकुमारी(विज्जी) था और इनकी शादी भी इनकी प्रेमिका से ही हुई। इनका विवाह शिवरात्रि के दिन सन 1984 में हुआ था। और कुछ दिन बाद इनकी पत्नी का आकस्मिक निधन हो जाता है जिसकी वजह से यह विवादों में आते हैं। इनकी पत्नी की मृत्यु 23 जनवरी 1997 में हो हुआ था। यह मृत्यु एक घटना के रूप में उभर कर आई जिसकी वजह से जग्गी वासुदेव ओर कई तरह के आरोप प्रत्यारोप भी लगे। जग्गी वासुदेव की एक बेटी है जिसका नाम राधे जग्गी है जो वर्ष 1990 के दसक में पैदा हुईं। राधे जग्गी का विवाह कर्नाटक शास्त्रीय गायक संदीप नारायण से हुई है। परिवार में माता पिता पत्नी बेटी के अलावा एक भाई व 2 बहने भी हैं।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव के जीवन एक ऐसा भी दौर आया जब उनका जीवन विवादों में फस गया चारो तरफ उनकी आलोचनाएं आने लगी। यह तब होना सुरु हुआ जब उनकी पत्नी की मृत्य हो गयी। सन 1997 में पत्नी की मृत्यु के बाद उनके खिला बेंगलुरू के एक पोलिस स्टेशन में FIR दर्ज होती है, जिसमें उनपर पत्नी को दहेज के एवज में हत्या करने व प्रताड़ित करने के परिपेक्ष्य में आरोप लगाया गया था। जिसकी वजह से तमिल की प्रिंट मीडिया टेलीविजिन मीडिया में उनके खिलाफ एक जबरजस्त रोष पैदा किया गया। साथ ही उनके विरोध प्रदर्शन में लाल झंडे (खूनी के रूप में संदर्भित करना) भी दिखाए गए। साथ ही वे अधिक विवादों के घेरे में तब प्रदर्शित हुई जब उनके खिलाफ तमिलनाडु जिला अदालत में एक याचिका दायर हुई, जिसमे उनपर यह आरोप लगाया गया कि उनके ईशा योगकेन्द्र के कोयम्बटूर योगाश्रम में दो महिलाओं को बंदी बनाकर रखागया है। इसके साथ ही कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओँ के साथ कई पर्यावरणविदों ने यह भी दावा किया कि ईशा योगकेन्द्र वन्य भूमि पर अथपित किया गया है, और वे वेल्लीयानिरी हिल्स के पश्चिमी घाट में स्थित एलिफेंट कॉरिडोर (हाथियों का क्षेत्र) पर अतिक्रमण कर रहा है, जिसकी वजह से हाथियों को क्षति पहुच रही है वे प्रताड़ित होकर मर रहे हैं।
जब उनको आध्यात्मिक ज्ञान का बोध हुआ या अध्यात्म महसूस हुआ तब उनकी उम्र लगभग 25 वर्ष की थी। वह दौर 1982 का था। पहले की भांति वे जंगल मे जाते और कभी पेड़ो पर कभी पहाड़ी पर घूमते टहलते प्रकृति की सुंदरता को महसूस करते हुए अंतर्ध्यान हो जाते ऐसा ही उस समय उनके साथ तब हुआ जब जग्गी वासुदेव मैसूर में स्थित चामुंडा की पर घूमने के लिए चढ़े थे, घूमते-घूमते वह जाकर एक चट्टान पर बैठ गए। उस समय वह पूरे होशोहवाश में थे उनकी चक्षु पूर्ण रूप से खुली हुई थी। अचानक से उनको अजीब सा महसूस होने लगा जिससे उनको गहन आत्म की अनुभूति महसूस होने लगी, वह अचानक से खुद को शरीर से परे महसूस करने लहे उनको ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे मानो वो सर्वत्र फैले हो कुछ इस तरह जैसे हवाएं सर्व व्यापी हो। इस तरह की अनुभूति उनको एक अलग ही आनंद में छोड़ जाती जिससे उनको यह अनुभूति होती कि वे सर्वत्र है पेड़ो में चट्टानों में हवाओ में पृथ्वी में हर जगह खुद को महसूस कर रहे थे। इस तरह का अनुभव उनको कई बार हुआ और जब जब इस तरह का अनुभव महसूस करते उनको परमानंद की अनुभूति होती। इस विचित्र घटना ने उनकी पूरी जीवन शैली बदल कर रख दिया जिससे प्रभावित होकर अपने इस महान दैवीय अनुभव को बांटने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने का प्रण लिया। इसी उद्देश्य से ईशा फाउंडेशन की स्थापना हुई, और ईशा योग साधना के कार्यक्रम की शुरुवात हुई और इस यौगिक संभावना को विश्व को अर्पित करने की शुरुवात की गई।
ईशा फाउंडेशन की स्थापना स्वयं सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी ने किया है। ईसका उद्देश्य लोगो की शारीरिक मानसिक और आंतरिक कुशलता को मजबूत व सुदृढ़ बनाना है। यह एक लाभ रहित मानव सेवा संस्थान है। ईशा फाउंडेशन दो लाख पचास हजार से अधिक स्वयं सेवकों द्वारा चलाया जाता है। ईशा फाउंडेशन के कई प्रस्ताव है, जो देश व मानव के हिट के लिए संचालित किए जाते हैं। ग्रीन हैंड्स परियोजना यह ईशा फाउंडेशन की पर्यावरण से रिलेटेड परियोजना है। जिसका उद्देश्य पूरे तमिलनाडु में 16 करोड़ वृक्षारोपण करना है।एभी तक इस परियोजना के माध्यम से तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में 85 लाख पौधों का रोपण 20 लाख से अधिक लोगो द्वारा अलग अलग 1800 से अधिक समुदायों में आयोजित किया जा चुका है। इस परियोजना को एक बड़ी उपलब्धि भी हासिल हो चुकी है, जो यह है की 17 अक्टूबर 2006 में तमिलनाडु के 27 जिलों में एक साथ 8.52 लाख वृक्षारोपण करके गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड अपनी किया था। इस परियोना को पर्यावरण में अमूल्य योगदान के लिए इंदिरागांधी पर्यावरण पुरस्कार भी 2008 में मिल चुका है। नदी संरक्षण के लिए ईशा फाउंडेशन द्वारा रैली फार रिवर परियोजना चलाई जा रही है। जिसका उद्देश्य नदियों का विस्तार व जल स्वच्छता है। इसका मुख्यालय ईशा योग केंद्र कोयम्बटूर में है।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी की इतनी उपलब्धियां है कि एक सामान्य इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है। उनमें से कुछ उपलब्धि के बारे में यहां बताया गया है। ईशा फाउंडेशन के माध्यम से भारत के साथ साथ अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया व अन्य देशों में योग कार्यक्रम के साथ साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास की योजनाओं पर काम करते हैं। जो पूरी तरह से मानव हित में होती हैं। विशेष उलब्धि में सद्गुरु जग्गी वासुदेव जो कोसंयुक राष्ट्र अमेंरिका में संयुक्त राष्ट्र और सामाजिक परिषद (ECOSOC) में विशिष्ट सलाहकार की पदवी दी गयी है। यह सब देखते हुए भारत सरकार ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी को 2008 में इंदिरागांधी पर्यावरण पुरुस्कार व 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया है।
ईशा फाउंडेशन के संरक्षण में ईशा योग केंद्र संचालित किया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है सभी लोगो को निःशुल्क शारीरिक मानसिक और आंतरिक कुशलता का विकास करना है। यह योग केंद्र बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है जिसका क्षेत्रफल 150 एकड़ में फैला हुआ है। यह योगकेन्द्र पूरी तरह से हरा भरा है जिसमे हर तरह के पौधे लगाए गए हैं ईशा योग केंद्र घने वनों से घिरा हुआ केंद्र है, जिसके चारों तरफ हरियाली युक्त पेड़ पौधे घने जंगल के रूप में घेरे हुए है जो किसी के भी मन को मोह लेने वाले दृश्य को महसूस कराते हैं। चुकी सद्गुरु जी को प्रकृति से बेहद लगाव है और इसी वजह से उन्होंने इसे इस तरह बनाया है। ईशा योग केंद्र नीलगिरि जीवमंडल का अहम हिस्सा है। जहाँ पर सम्पूर्ण वन्य जीवन उपलब्ध है। मनुष्य के शारीरिक मानसिक व आंतरिक विकाश के लिए बनाया गया यह शक्तिशाली योग स्थान योग के चारों मुख्य मार्गों (ज्ञान, क्रिया, कर्म, भक्ति) को आम जन तक पहुचाने के लिए समर्पित है। सन 1999 में ध्यानलिंग योग मंदिर की स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा सद्गुरु जी ने इसी परिसर में किया था।
ध्यानलिंग योग मंदिर की स्थापना सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने 1999 में ईशा योग केंद्र कोयम्बटूर के परिसर में स्वयं किया था। ध्यानलिंग की ऊँचाई 13 फिट 9 इंच की है यह अपनई तरह का पहला ध्यानलिंग है। जो बश्व का सबसे बड़ा पारा पर आधारित जीवित लिंग है, यहां पर किसी भी धर्म या समुदाय के लोगो को प्रतिबंधित नही किया गया है यहां हर धर्म हर मत हर मजहब के लोग आकर ध्यान लगा सकते हैं। इस मंदिर की खास विशेषता यह है कि इसके मेन गेट पर सर्व धर्म का चिह्न विद्यमान है। जिससे यह प्रतीत होता है कि इसके दरवाजे सभी के लिए खुले है चाहे वह हिन्दू हो चाहे मुस्लिम हो चाहे सिख हो या इशाई हो या किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो इसका मकसद धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर सम्पूर्ण मानवता को आमंत्रण देना है। यहां पर पूजा पाठ के लिए कोई भी भी विधि विधान की जरूरत नही होती है न ही प्रार्थना या पूजा की जाती है। मंदिर का मुख्य उद्देश्य है कि जो लोग ईश्वर के ध्यान से वंचित रह जाते हैं या नही कर पाते हैं वे यहां आकर 2 मीन की ध्यान साधना के बाद ध्यान की गहरी अवस्था का अनुभव कर एक्ट हैं। यह अपनी तरह का पहला ध्यान लिंग है जिसकी प्रतिष्ठा योग विज्ञान के सार से पूरी हुई है।
आदियोगी शिव जी की प्रतिमा की स्थापना सद्गुरु जग्गी वादमसुदेव जी द्वारा 24 फरवरी 2017 को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के गरिमामयी उपस्थिति में महाशिवरात्रि के शुभावसर पर उध्दृत किया गया। जिसका उद्दघाटन माननीय प्रधानमंत्री जी ने किया । आदियोगी शिव प्रतिमा भगवान शंकर की 112 फीट (34मीटर) ऊंची विशाल प्रतिमा है, जिसकी स्थापना कोयम्बटूर में सद्गुरु द्वारा किया गया है। इस प्रतिमा की अभिकल्पना रूपरेखा स्वयम सद्गुरु जी ने किया है। उनका यह मानना है कि इस प्रतिमा के माध्यम से लोगो मे योग के प्रति प्रेरणा मिलेगी इसी परिपेक्ष्य में इस प्रतिमा का नाम आदियोगी शिव है। आदियोगी शिव प्रथम योगी है जिन्होंने योग को प्रतिपादित किया और उनको यानी भगवान शिव को योग का प्रवर्तक कहा गया है। इसलिए उन्हें आदियोगी कहा जाता है। यह प्रतिमा इस्पात से बनाई गई है। और यह भगवान शिव को समर्पित है।
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815590e0dc1c95fcabb753cdcafc4ecdb586aeace6e596f43db72837a0012580 | लखनऊ ट्रिब्यून दिल्ली ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि "सुप्रीम कोर्ट किसी संचालक का दरबार नहीं है। कम से कम संविधान में ऐसे संचालक की शक्ति का जिक्र नहीं है।लेकिन व्यवहार में शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण के मामले में प्रत्यक्ष रूप से प्रबंधन जैसा काम होता है। साथ ही, देश में उच्च न्यायालयों और अधीनस्थ न्यायालों के स्तर पर न्याय प्रशासन के विविध पहलुओं के संबंध में कानून बनाने में यही दस्तूर है।"
उन्होंने आगे कहा कि उदार लोकतंत्र बना रहे, इसके लिए निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायपालिका बहुत ज़रूरी है। मुझे लगता है कि इसके बिना उदार लोकतंत्र नहीं फल-फूल सकता। जस्टिस चेलामेश्वर दिल्ली में आयोजित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान ये बातें कही। जिस किताब का विमोचन हुआ उसका नाम है 'सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडियाः द बिगनिंग्स'
उन्होंने आगे कहा कि समाधान अवश्य ढूंढना चाहिए। सच में समस्या है। समस्या के समाधन के तरीके व साधनों को तलाशने की जरूरत है। भारत की आबादी के आठवें से लेकर छठे हिस्से को सीधे तौर पर न्यायापालिका से वास्ता पड़ता है। आपको बता दें कि जस्टिस चेलामेश्वर सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में एक हैं जिन्होंने 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अनियमितता को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से नाराज़गी जताते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था।
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815a7af9da3e79a0c2817ce4290c451bb9a1c19cf3bd0663a92cfa346445f3c0 | हरियाणा सरकार आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकारी महकमों को बहुत सोच समझ कर ही बजट आवंटित करेगी। बजट खर्च में पिछड़े रहने वाले महकमों के बजट में कटौती तय समझी जा रही है। बजट आवंटन के समय वित्त विभाग सभी महकमों के 2019-20 के कुल बजट और उसमें से खर्च की गई राशि का भी पूरा ध्यान रखेगा। जनहित से जुड़े विभागों के बजट में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो सकते हैं।
कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाने वाला नई सरकार का पहला बजट बीते वर्षों की तुलना मे अनेक मायनों में अलग होने वाला है। चूंकि, इस बार वित्त विभाग ने सभी विभागों को बजट डिमांड भेजने के लिए प्रफार्मा भेजा था, उसके अनुसार ही बजट की मांग करनी थी। वित्त महकमे के पास तय डेडलाइन में विभागों के मांग पत्र पहुंचना शुरू हो गए हैं।
नए बजट में सरकारी कर्मियों को ही वेतन उद्देश्य हेड से अदायगी की जाएगी। कई बार देखने मे आया है कि विभाग अनुबंध कर्मियों, दैनिक वेतन भोगियों व अन्य कच्चे कर्मियों को भी इसी हेड से मानदेय व वेतन जारी कर देते हैं, जो कि नियमों के विरुद्घ है। अनुबंध कर्मियों को उद्देश्य कोड-69, आईटी पेशेवरों को उद्देश्य कोड-33 व अन्य कच्चे कर्मियों को उद्देश्य कोड-2 से मानदेय की अदायगी होगी।
राजस्व विभाग को भूमि राजस्व की कुल प्राप्ति, राज्य एक्साइज डयूटी, स्टांप ब्याज, सिंचाई व अन्य प्राप्तियां भेजने के लिए दस जनवरी 2020 की डेडलाइन तय की गई है। कुछ विभाग देरी कर रहे हैं, जिन्हें रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं।
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815c51916661596898ec83d351d12984ef4f1562a2757814cec5ab6be19cf62a | जामताड़ा। प्रतिनिधि। शनिवार को शहरडाल पंचायत अंतर्गत रंगाडीह तेलेयपाड़ा में युवा कांग्रेस की बैठक हुई। मुख्य अतिथि दुमका लोकसभा युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष मो मुस्तफा अंसारी उपस्थित थे। मौके पर वे ग्रामीणों की मूलभूत समस्याओं से अवगत हुए। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल, आंगनबाड़ी भवन, सिंचाई तथा पीसीसी सड़क की व्यवस्था नहीं है। जिससे कारण बारिश के मौसम में कच्ची सड़क पर चलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मो मुस्तफा अंसारी ने बताया कि यह गांव पूर्णतः आदिवासी बहुल है।
लेकिन आदिवसियों की ओर न तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और न ही जिला प्रशासन का ध्यान है। इन सब समस्याओं से झारखंड प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अनूप सिंह को अवगत कराया जाएगा। गांव में मूलभूत सुविधा प्रदान करने की मांग की जाएगी।
ताकि गांव के लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। बैठक की अध्यक्षता सत्येन्द्र टुडू ने की। इस अवसर पर मोकोरी किस्कु, माकू किस्कु, गोराबी किस्कु, नीरोती सोरेन, सुकुमार किस्कु, गोरोबी किस्कु, वीरेन्द्र टुडू, रविन्द्र किस्कु, लोबेसन किस्कु, महेन्द्र किस्कु आदि उपस्थित थे।
भारतीय जनता पार्टी में मंगलवार की रात दिल्ली से लेकर रांची तक हाईवोल्टेज ड्रामा चला। इसके क्लाइमेक्स में रात लगभग एक बजे लातेहार प्रत्याशी नारायण भोक्ता को बदल दिया गया जिसका फरमान केंद्रीय नेतृत्व ने सुनाया। इस पूरी घटना को लेकर रात दो बजे तक दिल्ली से लेकर रांची तक पार्टी के आला नेताओं में विचार-विमर्श का गहन दौर चला। भोक्ता को टीपीसी का पूर्व जोनल कमांडर बताया जाता है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट है।
नए उम्मीदवार के तौर पर सुबह पांच बजे भाजपा कार्यालय से पलामू के पूर्व सांसद ब्रजमोहन राम को फोन किया गया। उस समय वह रांची में अपने घर में सो रहे थे। उन्हें भाजपा कार्यालय बुलाया गया और कहा गया कि वह लातेहार जाकर नामांकन दाखिल करें। पार्टी सिंबल भी सुबह ही भेजा गया। समय खत्म होने से दस मिनट पहले (2:50 बजे) राम ने नामांकन दाखिल किया। उधर, नारायण भोक्ता गिरफ्तारी के डर से फरार हो गये हैं। पुलिस मंगलवार की रात से ही गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
रात एक बजे तक प्रदेश अध्यक्ष डॉ रवींद्र राय दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में बैठे थे। केंद्र ने रात में ही फैसला सुनाया कि उम्मीदवार बदलना होगा। रात में ही संगठन महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह को सूचना दी गई। रात लगभग डेढ़ बजे राजेंद्र सिंह ने रघुवर दास से फोन पर बात की। उसके बाद तय हुआ कि ब्रजमोहन राम को उम्मीदवार बनाया जायेगा।
नारायण भोक्ता को लेकर प्रदेश नेतृत्व ने केंद्र को अंधेरे में रखा। सूचना है कि सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से भोक्ता के मामले में रिपोर्ट भेजी गई थी। उसके बाद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हुआ। प्रदेश नेतृत्व के साथ चतरा सांसद, लातेहार जिलाध्यक्ष की भूमिका को लेकर केंद्र नाराज है। कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में प्रदेश के कई नेताओं को फटकार लगी है।
जब मीडिया ने नारायण भोक्ता को टिकट मिलने पर उनकी पृष्ठभूमि पर सवाल किया था तो रवींद्र राय ने कहा था कि भोक्ता पर कोई आरोप नहीं है। वह सारे मामलों से बरी हो चुके हैं।
रांची। उग्रवादग्रस्त पलामू के एसपी वाईएस रमेश को बदला जा सकता है। मां की बीमारी की वजह से वह लंबी छुप्ती पर हैं। पुलिस मुख्यालय ने यह तय किया है कि वहां नए एसपी के रूप में किसी अधिकारी को भेजा जाए। गृह विभाग ने बुधवार को पलामू में नए एसपी के लिए आइपीएस मयूर पटेल, विपुल शुक्ला और मनोज कुमार सिंह का नाम भेजा है। इन तीन अधिकारियों के पैनल में किसी एक को पलामू के एसपी के रूप में पदस्थापित किया जा सकता है या फिर चुनाव आयोग चाहे तो इनमें से किसी एक को पलामू का प्रभार दिया जा सकता है।
रांची। झामुमो ने डालटनगंज और छतरपुर के प्रत्याशियों को बदल दिया है। अब डालटनगंज से संजीव कुमार तिवारी और छतरपुर से विरेन्द्र कुमार पासवान चुनाव लड़ेंगे। पहले क्रमशः कैप्टन संजय सिंह और उमेश कुमार पासवान को टिकट दिया गया था। इसके अलावा 14 सीटों के लिए प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की गई है।
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81650abe743874e8b644091df56f053a4c0a7012fddc094e37a45c52d7a1f898 | नई दिल्ली (21 जनवरी): ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी यामाहा 25 फरवरी को भारत में अपनी बहुप्रतिक्षित Aerox 155 स्कूटर लॉन्च करने जा रही है। यामाहा के इस स्कूटर का भारत में पिछले कई महीनों से इंतजार था।
यामाहा Aerox 155 कंपनी की एमटी मोटरसाइकल रेंज पर बेस्ड है। इममें एलईडी हेडलैम्प, 25 लीटर का अंडर सीट स्टोरेज, फ्यूल टैंक कैप, 5.8 इंच एलसीडी, स्मार्ट की सिस्टम और मोबाइल चार्जिंग पोर्ट आदि चीजें शामिल हैं।
यामाहा Aerox 155 में 155.1 सीसी सिंगल सिलिंडर लिक्विड कूल्ड फ्यूल इंजेक्टेड इंजन दिया गया है। यह इंजन 14.6bhp का पावर और 13.8Nm टॉर्क जेनरेट करता है। भारत में लॉन्च होने के बाद यह देश में पहला ऐसा स्कूटर होगा जो कि लिक्विड कूल्ड और फ्यूल इंजेक्टेड इंजन से लैस होगा।।
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8167a90c096521bdf6f3132fd93738fbe05a41c57227a652a18d60790f6e9a25 | हरिद्वार। आज के समय में माता-पिता अपने नाबलिग बच्चों की जिद के आगे झुककर उन्हें ड्राइव करने के लिए वाहन मुहैया करवा देते हैं, लेकिन ऐसा करने का का खामियाजा हरिद्वार के एक शख्स को भुगतना पद गया। दरअसल पुलिस ने रेगुलर चेकिंग के दौरान एक किशोरी को रोका। इसके बाद उससे पूछताछ किए जाने पता चला कि वह नाबालिग (Minor) है। जिसके बाद उसकी गाड़ी का चालान (Challan) काट दिया गया।
वहीं चालान को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिल वोहरा की अदालत में भेजा गया। इस चालान के निस्तारण के दौरान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने नाबालिग बेटी को दोपहिया वाहन दिए जाने को गंभीर मामला मानते हुए पिता को तलब किया। शुक्रवार को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान किशोरी के पिता ने अपराध स्वीकार किया। इसके बाद एमवी एक्ट के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने पिता पर 27,500 रुपए का अर्थदंड लगाने के साथ ही एक दिन की सजा भी सुनाई। सजा के अंतर्गत किशोरी के पिता को दिनभर कोर्ट के कटघरे में खड़ा रहना पड़ा।
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8169e59ff0c84f0e0c7d17650ca4541eef958a338a51998b13fdbf1d10097789 | Vodamox T डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली दवा है, जो ड्रौप के रूप में उपलब्ध है। इस दवाई Vodamox T को अन्य दिक्कतों में भी काम लिया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Vodamox T की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह खुराक मरीज की परेशानी और दवा देने के तरीके पर निर्भर करती है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है।
इन दुष्परिणामों के अलावा Vodamox T के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हैं, जिनके बारे में आगे बताया गया है। सामान्य तौर पर Vodamox T के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और बिगड़ जाते हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
इसके अलावा Vodamox T को गर्भावस्था के दौरान लेने पर प्रभाव मध्यम होता है और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए इसका प्रभाव गंभीर है। Vodamox T से जुड़ी चेतावनी कि इसका लिवर, हार्ट और किडनी पर क्या असर होता है, इसके बारे में नीचे बताया गया है।
यदि किसी व्यक्ति को गुर्दे की बीमारी, मायस्थीनिया ग्रेविस, न्यूरोपैथी जैसी कोई समस्या है, तो उसे Vodamox T दवा नहीं लेनी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Vodamox T लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं।
Vodamox T के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। नीचे ऐसी दवाओं की पूरी लिस्ट दी गई है।
उपरोक्त सभी जानकारीयों के साथ-साथ यह भी ध्यान रखें कि ड्राइविंग करते समय Vodamox T दवा लेना असुरक्षित है। यह भी ध्यान रखें कि इस दवा की लत नहीं लग सकती है।
यदि Vodamox T का कोई दुष्प्रभाव प्रेग्नेंट महिला के स्वास्थ्य पर होता है तो इसका सेवन करना तुरंत बंद कर दें। इसके बाद चिकित्सक से सलाह के लेने पर ही इसको दोबारा शुरू करें।
Vodamox T के स्तनपान कराने वाली स्त्रियों पर घातक दुष्प्रभाव होते हैं। इस कारण डॉक्टर से पूछे बिना इसका सेवन न करें।
Vodamox T से आपके लीवर पर कोई दबाव नहीं पड़ता है और यह लीवर के लिए सुरक्षित भी है।
कुछ मामलों में Vodamox T हृदय पर साइड इफेक्ट दिखा देती है। लेकिन यह प्रभाव मामूली रूप से होगा।
Vodamox T की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
एक ही समय पर शराब व Vodamox T को साथ में लेने से आपको इसके हल्के दुष्प्रभाव होंगे। इसलिए आप दवा लेते समय सावधानी बरतें।
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8171cb29073e93d64ec84bca8d8d770efa395c324964820a983d9dc2b765171e | हेलो स्टूडेंट्स, यहां हमने राजस्थान बोर्ड Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 8 नागार्जुन (Old book) सॉल्यूशंस को दिया हैं। यह solutions स्टूडेंट के परीक्षा में बहुत सहायक होंगे । Student RBSE solutions for Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 8 नागार्जुन (Old book) pdf Download करे। RBSE solutions for Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 8 नागार्जुन (Old book) notes will help you.
1. ग्रीष्म की धूल में कौन नहाते थे ?
(घ) मेढ़क।
(घ) ब्रजभाषा।
कल और आज कविता की व्याख्या प्रश्न 3.
उषा की लाली' कविता में किस समय का वर्णन हुआ है?
इस कविता में प्रातःकाल को वर्णन हुआ है।
कल और आज कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए प्रश्न 4.
खेतों की मिट्टी पथराई हुई क्यों थी?
भीषण गर्मी के कारण खेतों की मिट्टी पत्थर जैसी कठोर हो गई थी।
उषा की लाली कविता का शिल्प सौंदर्य लिखिए प्रश्न 5.
कवि ने आसमान को बदरंग क्यों बताया है?
गर्मी के कारण आकाश में दूर-दूर तक कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। धूप और धूल के कारण आसमान बदरंग लग रहा था।
RBSE Solutions For Class 10 Hindi Chapter 8 प्रश्न 6.
'उषा की लाली' कविता के अनुसार कवि को क्या डर लग रहा था?
उषाकाल का दृश्य पल-पल बदल रहा था। अतः कवि को डर था कि कहीं वह सुन्दर दृश्य शीघ्र ही अपनी सुन्दरता को न खो दे।
नागार्जुन पाठ के प्रश्न उत्तर प्रश्न 7.
कविता 'उषा की लाली' में हिमगिरि किसे कहा गया है?
कविता में हिमगिरि हिमालय को कहा गया है, जिसकी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं।
Class 10 Hindi Nagarjun प्रश्न 8.
वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?
सारे जगत को अपने ताप से तपाती ग्रीष्म ऋतु को वर्षा ऋतु ने बाहर कर दिया। वर्षा ऋतु आते ही आकाश में घटाएँ घुमड़ने लगीं। बदरंग आसमान श्याम रंग में रंग गया। बूंदें बरसते ही प्यासी धरती तृप्त हो गई। किसानों के मुख पर मुस्कान थिरकने लगी। रातें झींगुरों की झंकार से गूंजने लगीं। वीरान वनों में भौरों की मधुर कुँकें सुनाई देने लगीं। सूखी जा रही दूब फिर से हरी हो गई। वर्षा को राज्य आते ही गर्मी अपना सारा सामान समेट कर चलती बनी।
हिंदी के प्रश्न उत्तर कक्षा 10 प्रश्न 9.
उषा की लाली' कविता का शिल्प सौन्दर्य लिखिए।
कवि 'नागार्जुन' की काव्यकला इस छोटी-सी रचना में मनमोहक रूप में सामने आई है। कवि ने सटीक शब्दावली का उपयोग करते हुए, अपनी शब्द-चित्र सँजोने की कला का पूरा प्रदर्शन किया है। भाषा-शैली के कुशल प्रयोग से कवि ने उषाकालीन प्राकृतिक दृश्यावली को पाठकों के सामने साकार-सा कर दिया है। आगे बढ़ा शिशु-रवि' में मानवीकरण का सुन्दर उपयोग है। कवि के साथ इस कविता के पाठक भी कवि की कल्पना एवं कैंची से उभारे गए शिल्प सौन्दर्य को अपलक देखते रह जाते हैं।
RBSE Class 10 Hindi Solutions प्रश्न 10.
'कल और आज' कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
'कल और आज' कविता में कवि ने अपने प्रकृति प्रेम का परिचय कराया है। ग्रीष्म ऋतु के झुलसा देने वाले ताप के पश्चात् सजल एवं शीतल वर्षा ऋतु के आगमन से होने वाले सुखद प्राकृतिक परिवर्तन का कविता में चित्रण हुआ है। कवि ने दो ऋतुओं के माध्यम से सामाजिक जीवन के दो पक्षों को प्रस्तुत किया है। ग्रीष्म की मार से प्रकृति को कोसते किसान, बेचैन पक्षियों का धूलिस्नान, खेतों की मिट्टी की पथरायी काया, गर्मी के प्रकोप से धरती के भीतर छिपे बैठे मेंढक और उदासी बरसाता बदरंग आसमान-ये सभी दृश्य समाज के संकटग्रस्त जन-जीवन के प्रतीक हैं।
दूसरी ओर कवि ने वर्षा ऋतु के रूप में सुशासन से प्रसन्न जन-जीवन का चित्र प्रस्तुत किया है। आसमान से अब आग नहीं शीतल बूंदें बरस रही हैं। बादलों के तंबुओं ने धूप को रोककर सर्वत्र छाया कर दी है। गर्मी की वीरान रातें अब झींगुरों का शहनाई बजा रही हैं। भौंरों के शोर से जंगल पूँज रहे हैं। इस प्रकार परिवर्तन की बयार ने ग्रीष्म के कुशासन का अंत कर दिया है। कवि ने 'कल और आज' कविता में प्रकृति-चित्रण के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का संदेश देना चाहा है।
RBSE Solutions For Class 10 प्रश्न 11.
आप भी अपने जीवन में प्रकृति के अनुपम दृश्यों को देखते होंगे। किन दृश्यों को देखकर आपका हृदय कवि की तरह प्रफुल्लित हो उठता है? अपने शब्दों में लिखिए।
प्रकृति और मनुष्य का सदा से अटूट सम्बन्ध चला आ रहा है। प्रकृति के विविध मनोहारी दृश्यों ने सदा मानव मन को आकर्षित और प्रफुल्लित किया है। मुझे भी प्रकृति-दर्शन का बड़ा चाव रहा है। नगर के बीच रहते हुए प्रकृति के सुन्दर स्वरूप के दर्शन के अवसर कम ही मिल पाते हैं। फिर भी जब भी ऐसा अवसर आता है मैं उसका पूरा-पूरा आनन्द लेने का प्रयत्न करता हूँ। पिछली गर्मियों में मुझे हरिद्वार जाने का अवसर मिला। वहाँ गंगा की गम्भीर और विस्तृत धारा को देख मैं कुछ समय के लिए अपने आप को भूल-सा गया। जब देवी दर्शन के लिए उड़नखटोले में बैठकर धरातल से पर्वत शिखर की ओर चला तो पहले डर लगा। किन्तु ऊँचाई पर पहुँचकर नीचे का विहंगम दृश्य देखा तो आश्चर्यचकित रह गया। धीरे-धीरे मन में अपूर्व प्रफुल्लता भरती चली गई। प्रकृति की विराटता, वन-उपवन और नए-नए स्वरूपों और श्रृंगारों को देखकर मैं भी कवि 'नागार्जुन' की भाँति 'अपलक' उन दृश्यों को निहारता रहा।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 8 प्रश्न 12.
(क) और आज .................. झींगुरों की शहनाई अविराम।
प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित, कवि नागार्जुन की कविता 'कल और आज' से लिया गया है। कवि इस अंश में वर्षा ऋतु के आगमन पर होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों और दृश्यों के सजीव बिम्ब प्रस्तुत कर रहा है।
(ख) डर था, प्रतिफल .................. हिमगिरि के कनक शिखर।
प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित कवि नागार्जुन की लघु कविता 'उषा की लाली' से लिया गया है। कवि ने इन पंक्तियों में उषाकाल का मनोहारी चलचित्र अंकित किया है।
(घ) साधु।
(घ) पक्षियों का चहकना।
(घ) झुलसी हुई दूब में।
(घ) प्रातःकाल की बदलती छवि को।
हिंदी पास बुक 10th क्लास प्रश्न 1.
किसान प्रकृति को क्यों कोस रहे थे?
प्रकृति द्वारा लाई गई भयंकर ग्रीष्म ऋतु के कारण उनके खेत सूखे पड़े थे। इसलिए किसान प्रकृति को कोस रहे थे।
RBSE 10th Hindi Book प्रश्न 2.
गौरैयों का धूल में नहाना क्या संकेत करता है?
गौरैयों का धूल में नहाना वर्षा के आगमन और ग्रीष्म ऋतु के विदा होने का संकेत माना जाता है।
RBSE 10th Class Hindi Book Solution प्रश्न 3.
ग्रीष्म ऋतु के समय मेंढक कहाँ थे?
मेंढक ग्रीष्म ऋतु के ताप से बचने के लिए धरती में छिपे हुए थे।
ऊपर ही ऊपर तंबू तनने का क्या आशय है? स्पष्ट कीजिए।
इसका अर्थ है-आकाश में बादलों का छा जाना।
RBSE Class 10th Hindi Solutions प्रश्न 5.
'पावस रानी' कौन है और वह क्या कर रही है?
वर्षा ऋतु ही पावस रानी है। वह बूंदों रूपी पायले बजाती हुई नाच रही है।
Class 10th RBSE Hindi Solution प्रश्न 6.
कवि ने 'उषा की लाली कविता में शहनाई किसे बताया है?
कृवि ने झींगुरों की निरन्तर होने वाली ध्वनि को शहनाई के समान बताया है।
कौन नाचते-थिरकते दिखाई दे रहे हैं?
वर्षा ऋतु के आगमन पर मोर नाचते-थिरकते दिखाई दे रहे हैं।
Class 10th RBSE Solution Hindi प्रश्न 8.
दूब में फिर से जान आ जाने से क्या आशय है?
इसका आशय है, वर्षा में भीगने से झुलसी हुई दूब का फिर से हरी हो जाना।
10th Class RBSE Hindi Solution प्रश्न 9.
हिमालय के शिखर उषा की लाली में कैसे दिख रहे हैं?
हिमालय के सुनहले शिखर उषा की लाली में निखरे हुए दिखाई दे रहे हैं।
कल और आज कविता प्रश्न 10.
कवि किसे अपलक देखता रह गया?
कवि उषाकाल की बदलती छवि को अपलक देखता रह गया।
उषा की लाली प्रश्न 11.
कवि ने उषाकालीन आभा को कैसा बताया है?
कवि ने उषाकालीन आभा को मंद पड़ती हुई और जादूभरी बताया है।
RBSE Class 10 Solution प्रश्न 12.
उषा की लाली' कविता में किस समय का वर्णन है?
उषा की लाली' कविता में सूर्योदय होने के समय का वर्णन है।
किसान प्रकृति को कोस क्यों रहे थे?
प्रकृति के नियमों के अन्तर्गत ही ऋतु परिवर्तन होता है। जब भयंकर गर्मी पड़ने लगी तो खेतों की सिंचाई के लिए पानी का अभाव हो गया। खेतों में फसलें सूखने लगीं। धान की बुआई नहीं हो पा रही थी क्योंकि गर्मी के कारण खेतों की मिट्टी सूखकर कठोर हो गई थी। इससे किसान बड़े हताश हो रहे थे। परिवार के पालन की चिंता सता रही थी। इसी कारण वे प्रकृति को कोस रहे थे।
RBSE Hindi Solution Class 10 प्रश्न 2.
ग्रीष्म की भयंकरता से क्या-क्या दृश्य दिखाई दे रहे थे?
ग्रीष्म ऋतु के कारण गोरैयाँ धूल में नहाती थीं। खेतों की मिट्टी सूखकर पत्थर जैसी कठोर हो गई थी। किसान वर्षा न होने से बहुत चिन्तित और निराश थे। मेंढक धरती के भीतर छिपकर ग्रीष्म के ताप से बचाव कर रहे थे। बादल न होने से धूप तथा धूल से युक्त आसमान बड़ा भद्दा लग रहा था।
RBSE Solution Class 10 Hindi प्रश्न 3.
वर्षा ऋतु का आगमन होने से दृश्यों में क्या-क्या परिवर्तन होने लगे? 'कल और आज' कविता के आधार पर लिखिए।
वर्षा ऋतु आने पर बदरंग आकाश में बादलों के तंबू तन गए। चारों ओर शीतल छाया छा गई। बादलों से बरसती बूंदों की ध्वनि के कारण ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वर्षा रानी नृत्य कर रही है और उसकी पायलों की छम-छम ध्वनि सुनाई दे रही है। रातों में झींगुरों के स्वर सुनाई देने लगे। इस प्रकार वर्षा प्रारम्भ होते ही प्रकृति का सारा रूप ही बदल गया।
Class 10 RBSE Hindi Solution प्रश्न 4.
वर्षा के आगमन को मोरों पर, दूब पर और गर्मी पर क्या प्रभाव हुआ?
वर्षा आरम्भ होने पर बहुत दिनों से चुप रहने वाले मोर जोर-जोर से केंकने लगे। वे बादलों को देखकर प्रसन्नता से नाचने लगे। भीषण गर्मी के कारण जो घास झुलस गई थी वह भी वर्षा की बूंदें पड़ते ही फिर से हरी-भरी हो गई। ग्रीष्म ऋतु को टिकने के लिए कोई स्थान नहीं बचा और संसार पर आग बरसाने वाली ग्रीष्म ऋतु अपनी सेना सहित चुपचाप खिसक गई।
'उषा की लाली' कविता के आधार पर बताइए कि कवि 'अपलक' क्या देखता रह गया?
इस कविता में कवि ने उषाकालीन प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है। कवि कहता है कि सूर्योदय से पहले ही हिमालय की बर्फ से ढंकी चोटियों का सुनहरा रंग उषा की लाली से और भी निखर गया। इसके बाद शिशु जैसा लगने वाली सूर्य आकाश में थोड़ा-सा उठा। इसके साथ ही सारे दृश्य की शोभा बदल गई। प्रकृति के इस पल-पल परिवर्तित हो रहे दृश्य पर मुग्ध होकर कवि उसे एकटक देखता रह गया।
RBSE Solutions Class 10 Hindi प्रश्न 6.
कवि ने 'उषा की लाली' कविता में 'जादुई आभा' किसे और क्यों कहा है?
कवि ने निरंतर रूप बदल रहे सूर्योदय के समय के प्रकाश को जादुई आभा कहा है। उषा काल के समय वह लाल था। सूर्य जब क्षितिज से झाँका तो वह सुनहला हो गया। यह दृश्य किसी जादू के खेल जैसा प्रतीत हो रहा था। इसी कारण कृवि ने इसे 'जादुई आभा' कहा है।
RBSE 10th Class Hindi Solution प्रश्न 1.
'कल और आज' कविता में कवि नागार्जुन ने प्रकृति के, ऋतु के अनुसार बदलते रूपों का वर्णन किया है। इस ऋतु वर्णन की विशेषताएँ बताइए।
'कल और आज' कविता में कवि ने ग्रीष्म के तीव्र ताप से तपती धरती, आकाश और जीव-जगत का सजीव और स्वाभाविक चित्रण किया है। इसके पश्चात् वर्षा ऋतु के आगमन से सारे परिदृश्य के बदल जाने का भी शब्द-चित्र प्रस्तुत किया है। ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी से किसान निराश और चिंतित होकर प्रकृति को कोस रहे हैं। गौरैयाँ धूल में नहा रही हैं। खेतों की मिट्ट घोर गर्मी से सूखकर पत्थर जैसी हो गई है। आकाश बदरंग दिखाई दे रहा है। इस प्रकार इस ग्रीष्म वर्णन में ग्रीष्म के सारे प्रमुख उपादान मौजूद हैं। कवि की दृष्टि में कोई भी दृश्य छूटा नहीं है।
यही विशेषता वर्षा ऋतु के वर्णन में भी है। वर्षा के आते ही आकाश का रूप बदल जाता है। अब आकाश झुलसा देने वाली धूप की जगह शीतल बूंदें बरसा रहा है। झींगुर झंकार कर रहे हैं, मोर कूकते हुए नाच रहे हैं। दूब की झुलसी शिराओं में फिर से हरा रक्त दौड़ने लगा है।
इसके साथ ही कवि ने इस प्रकृति-चित्रण में आलंकारिक शैली का भी उपयोग किया है। वर्षा को छम-छम करती नर्तकी का रूप दे दिया गया है। झींगुर शहनाई बजा रहे हैं।
इस प्रकृति-चित्रण की मुख्य विशेषता ऋतु परिवर्तन का बहुत सजीव प्रस्तुतीकरण है।
RBSE Solution Class 10th Hindi प्रश्न 2.
आपने अपनी पाठ्य-पुस्तक में कवि सेनापति का वर्षा-वर्णन भी पढ़ा है। सेनापति तथा नागार्जुन के वर्षा वर्णन में क्या अन्तर है? लिखिए।
रीतिकालीन कवि सेनापति तथा प्रगतिवादी कवि नागार्जुन के वर्षा-वर्णन में शिल्प तथा भाव पक्ष दोनों की दृष्टि से बहुत अन्तर है। सेनापति की रचना पर रीतिकालीन परंपराओं का पूरा प्रभाव है। छंद में दामिनी दमक रही है, इन्द्रधनुष चमक रहा है, श्यामघटा झमक रही है। कवि ने दमक, चमक और झमक द्वारा ध्वनि सौन्दर्य उत्पन्न करके पाठकों को लुभाया है। 'कोकिला कलापी कल कुजत' में अनुप्रास की बहार है। यह प्रकृति को विषय बना रची गई रचना नहीं है।
यह तो नायक-नायिका के प्रेम-व्यापार के लिए सजाया गया मंच है। कवि का लक्ष्य प्रकृति वर्णन नहीं है। संयोग श्रृंगार का 'मदन-सरसाबन' उदाहरण प्रस्तुत करने का प्रयास है।
नागार्जुन की वर्षा-वर्णन परंपरागते वर्षा-वर्णन से भिन्न है। यहाँ प्रकृति चित्रण ही कवि का लक्ष्य है। मोरों का कूक पड़ना, दूब की झुलसी शिराओं में जान आ जाना और ग्रीष्म का अपना लाव-लश्कर समेट कर चल देना, सादगी से पूर्ण किन्तु नवीनता से चकित करने वाला है। यहाँ नायिका नहीं बल्कि स्वयं वर्षा रानी बूंदों की पायल छमकाती नृत्य कर रही है। झींगुर शहनाइयाँ बजा रहे हैं।
एक ओर पावस का कृत्रिम शब्द-चित्र सजाया गया है और दूसरी ओर प्रकृति का मानवीकरण करके मानव-मन को प्रकृति-प्रेमी बनाने का प्रयास किया गया है।
RBSE 10 Hindi Solutions प्रश्न 3.
'कल और आज' तथा 'उषा की लाली' दोनों ही कविताओं का विषय प्रकृति वर्णन है। आपको कौन-सी कविता अधिक प्रभावित करती है और क्यों?
दोनों कविताओं के अध्ययन से यह तो स्पष्ट है कि नागार्जुन एक प्रकृति-प्रेमी कवि हैं। पहली कविता 'कल और आज' में कवि द्वारा ऋतु परिवर्तन से होने वाले परिदृश्य के बदलाव को रोचक, सजीव और स्वाभाविक भाषा-शैली में प्रस्तुत किया गया है। दूसरी रचना 'उषा की लाली' में प्रकृति के एक सुपरिचित दृश्य को सटीक शब्द-चयन और सूक्ष्मनिरीक्षण से मनोरम रूप प्रदान किया गया है। मुझे यह कविता कुछ अधिक प्रभावित करती है। ऐसा लगता है जैसे कोई चित्रकार उषा काल और सूर्योदय का चित्र बना रहा हो। शब्दों और कहने के अंदाज द्वारा कवि ने नेत्रों के सामने प्रातः काल का एक मनोरम चित्र साकार कर दिया है। कवि ने उस जादुई दृश्य के लाल, सुनहरे और केसरी रंगों का जादू पाठको के नेत्रों द्वारा उनके अन्तःकरण पर अंकित कर देने में सफलता पाई है।
नागार्जुन की रचना 'उषा की लाली' कवि द्वारा शब्दों से मनचाहा प्रभाव उत्पन्न करा लेने की कला का प्रमाण है।" कविता से पुष्ट करते हुए इस कथन पर अपना मत लिखिए।
ग्रामीण परिवेश के निवासी प्रातःकालीन उषा के दृश्य का प्रायः अवलोकन करते रहते हैं। कवि ने भी इसे देखा है। किन्तु एक कवि के देखने में और एक सामान्य व्यक्ति के देखने में बड़ा अन्तर होता है। कवि ने उषा की लालिमा के इस दृश्य को नई-नई छवियों में प्रस्तुत किया है किन्तु इसके लिए सहज-सरल शब्दावली ही अपनाई है। हिमगिरि के कनक शिखर 'निखर' गए हैं। 'निखरना' शब्द से जो शब्द-चित्र सामने आता है वह कुछ अलग ही छवि प्रस्तुत करता है। इसी प्रकार, 'अपरूप', 'जाए न बिखर', 'भले ही उठे' आदि शब्दों से कवि ने मनचाहे अर्थ प्रस्तुत करने में सफलता पाई है। यही कारण है कि कवि ने थोड़े-से शब्दों में उषाकालीन विराट विम्ब को संजो दिया है।
कवि परिचय जीवन परिचय-कवि ऋतुराज का जन्म राजस्थान में भरतपुर जनपद में सन् 1940 में हुआ। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से अँग्रेजी में एम. ए. की उपाधि ग्रहण की। उन्होंने लगभग चालीस वर्षों तक अँग्रेजी-अध्यापन किया। ऋतुराज के अब तक प्रकाशित काव्य संग्रहों में 'पुल पर पानी', 'एक मरणधर्मा और अन्य', 'सुरत निरत' तथा 'लीला मुखारविन्द' प्रमुख हैं। अपनी रचनाओं के लिए ऋतुराज परिमल सम्मान, मीरा पुरस्कार, पहल सम्मान, बिहारी पुरस्कार आदि से सम्मानित हो चुके हैं।
साहित्यिक परिचय-ऋतुराज ने हिन्दी की मुख्य परम्परा से हटकर उन लोगों को अपनी रचनाओं का विषय बनाया है। जो प्रायः उपेक्षित रहे हैं। उनके सुख-दुःख, चिन्ताओं और चुनौतियों को चर्चा में स्थान दिलाया है। सामाजिक जीवन के व्यावहारिक अनुभवों को कवि ने सच्चाई के साथ शब्दों में उतारा है। आम जीवन में व्याप्त चिन्ताओं, विसंगतियों और सामाजिक जीवन की विडम्बनाओं की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है। लोक प्रचलित भाषा के द्वारा आम जीवन की समस्याओं को विमर्श के केन्द्र में लाकर कवि ने सामाजिक न्याय की भावना को बल प्रदान किया है।
साहित्य जगत में 'बाबा' नाम से प्रख्यात हिन्दी और मैथिली के सम्मान्य कवि और लेखक नागार्जुन का जन्म सन् 1911 में गोकुलनाथ मिश्र के यहाँ बिहार के दरभंगा जिले के तरौनी गाँव में हुआ था। इनके बचपन का नाम वैद्यनाथ मिश्र था। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा संस्कृत पाठशाला में हुई। आपने वाराणसी और कोलकाता में उच्च शिक्षा ग्रहण की। 1936 ई. में आप श्रीलंका गए और वहाँ बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया। आपने स्वाध्याय से संस्कृत, पाली, मगधी, मराठी और बंगाली आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। सन् 1998 में आपका देहावसान हो गया। साहित्यिक परिचय-'बाबा' नागार्जुन फक्कड़ और घुमक्कड़ स्वभाव के साहित्यकार थे। आपने प्रगतिशील और जनवादी आन्दोलनों से प्रभावित साहित्य की रचना की। आपके साहित्य में देश के आमजन; किसानों और मजदूरों के जीवन का चित्रण हुआ है। आपने गीत, छन्दबद्ध रचनाएँ तथा मुक्त-छन्द रचनाएँ लिखी हैं। रचनाएँ-नागार्जुन की प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं-युगधारा, प्यासी पथराई आँखें, सतरंगे पंखों वाली हजार-हजार बाँहों वाली, तुमने कहा था, पुरानी जूतियों का कोरस, आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने, ऐसे भी हम क्या, ऐसे भी तुम क्या, मैं मिलिट्री का बूढ़ा घोड़ा, भस्मांकुर आदि।
'कल और आज' कविता ग्रीष्मऋतु की नीरसता, तपन और अरुचिकर वातावरण के पश्चात् आने वाली ऋतु की छाया, शीतलता, छमकी बूंदों, झींगुरों की झंकार, मोरों की कूक और दूबे में प्राणों के संचार का चित्र प्रस्तुत करती है। कवि ने ग्रीष्म ऋतु को समाज के शोषित, अभावग्रस्त, चुनौतियों से जूझते वर्ग का प्रतीकं बनाया है। वर्षा ऋतु समाज में आए सुखद परिवर्तन का प्रतीक प्रतीत होती है। 'ऊषा की लाली' रचना में कवि ने प्रातःकालीन मनोरम दृश्य का शब्द-चित्र प्रस्तुत किया है। भाषा-शैली की सुगढ़ती और सटीकता से कवि ने सवेरे के सुनहले संसार को शब्दों से साकार कर दिया है।
गोरैयों के झुण्ड,
पथराई हुई थी।
धरती की कोख में।
उदास और बंदरंग था आसमान!
शब्दार्थ-खेतिहर = किसान । हताश = निराश, दुखी। गौरैयों = एक घरेलू चिड़िया। पथराई = कठोर, पत्थर जैसी। घनहर = धान के। माटी = मिट्टी। कोख = गर्भ, अन्दर। दुबके = छिपे हुए। बदरंग = कुरूप, अप्रिय रंग वाला।
संदर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित 'नागार्जुन' द्वारा रचित कविता 'कल और आज से लिया गया है। इस अंश में कवि ने वर्षा के आगमन से पूर्व दिखाई पड़ने वाले ग्रीष्म ऋतु के परिदृश्यों का सजीव चित्रांकन किया है।
व्याख्या-कवि प्रकृति या भगवान को सम्बोधित करते हुए कहता है कि इस मनोहारी वर्षा ऋतु के आगमन से पहले, भीषण गर्मी से हताश किसान खेती को सूखती देखकर तुम्हें कोस रहे थे। वर्षा के आगमन की सूचना देती हुई गौरैया चिड़िया धूल में नहा रही थीं। कुछ दिन पहले धान उगाने वाले खेतों की मिट्टी भीषण गर्मी से सूखकर पत्थर जैसी कठोर हो रही थी। आज इधर से उधर फुदकते और टर्र-टर्र की ध्वनि से रातों को पूँजाने वाले मेंढक धरती के भीतर छिपे हुए थे। आज का यह मेघों से घिरा हुआ सजल आकाश, कुछ दिन ही पहले वीराने, उदास सा और फीका-फीका-सा दिखाई दे रहा था। किन्तु वर्षा ऋतु के आते ही अब सारा परिदृश्य बदल गया है। चारों ओर शीतल, सजल और मन को तरंगित करने वाले दृश्य दिखाई दे रहे हैं।
(1) भीषण गर्मी से व्याकुल जीव-जगत का सजीव चित्रण है।
(2) हताश किसान, धूल में नहाते पक्षी और पथराई मिट्टी वाले खेतों के साथ सुनसान और बदरंग आसमान ग्रीष्म ऋतु के चैन छीन लेने वाले प्रभावों का साक्षात्कार करा रहा है। (3) कवि ने ग्रीष्म के चित्रण द्वारा समाज के संसाधन विहीन वर्ग की कठिनाइयों का परिचय भी कराया है।
(4) भाषा सरल है। देशज शब्दों का प्रयोग है।
(5) शैली ठेठ देसी ढंग की प्रस्तुति का चमत्कार दिखा रही है।
झींगुरों की शहनाई अविराम,
शब्दार्थ-ऊपर-ही-ऊपर = आकाश में। तंबू = डेरा, शिविर, यहाँ 'बादल' अर्थ में। छमका रही = छम-छम शब्द उत्पन्न कर रही। पावस = वर्षा ऋतु । बूंदा-बँदियों की = वर्षा की बूंदों की (ध्वनि)। चालू = आरम्भ। झींगुर = एक छोटा-सा बरसाती कीट, झिल्ली। शहनाई = मुँह से बजाया जाने वाला एक बाजा, यहाँ झींगुर द्वारा उत्पन्न की जाने वाली ध्वनि के अर्थ में। अविराम = निरन्तर, लगातार।।
प्राकृतिक परिवर्तनों और दृश्यों के सजीव बिम्ब प्रस्तुत कर रहा है।
व्याख्या-ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु के आते ही प्रकृति का सारा परिदृश्य बदल गया है। कल तक वीरान और बदरंग लगने वाले आसमान में अब बादलों के सजल तंबू तन गए हैं। साँवले-सलोने मेघों ने किसानों के उदास मुखों पर मुसकान बिखेर दी है। इस वर्षा-आगमन के उत्सव पर वर्षा रानी अपनी छमा-छम बरसती बूंदों की पायल बजाती हुई नृत्य कर रही है। गर्मी की सन्नाटे भरी रातें अब झींगुरों की अविरल झंकार से पूँज रही हैं। यह वैसा ही है जैसे पावस के स्वागत में सैकड़ों संगीतकार शहनाइयाँ बजा रहे हैं।
(1) कवि ने गर्मी के ताप से व्याकुल जीव-जगत और प्रकृति का सारा परिदृश्य ही बदल दिया है।
(2) अब तो ग्रीष्म के संताप से उदास और नीरस जगत के मंच पर बादलों के नँदोबों के तले नृत्य और संगीत की महफिल सजी हुई है।
(3) भाषा सरल है। देसी प्रयोगों से सशक्त है।
(4) शैली-बिम्ब-विधायिनी-शब्द-चित्रांकन करने वाली है।
(5) 'ऊपर ही ..................................... तंबू' में रूपक का चमत्कारपूर्ण प्रयोग है।
(6) 'पावस रानी', 'बूंदा-बँदियों की अपनी पायल' तथा 'झींगुरों की शहनाई' में भी रूपकों की सजावट ने पावस की आनंददायिनी झाँकी प्रस्तुत की है।
और आज विदा हुआ चुपचाप ग्रीष्म,
शब्दार्थ-जोरों से = ऊँची ध्वनि में। कूक पड़े = बोल रहे। वापस = लौटकर, दोबारा। जान = जीवन, प्राण। दूब = एक घास का नाम। झुलसी = भीषण गर्मी से जली हुई। शिराओं = नसे, रक्त ले जाने वाली नाड़ियाँ। ग्रीष्म = गर्मी की ऋतु। लाव-लश्कर = सेना, ताम-झाम।
सन्दर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित कवि नागार्जुन की कविता 'कल और आज' से लिया गया है। इन पंक्तियों में कवि वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति और जीव-जगत में आए परिवर्तनों का दृश्यांकन कर रहा है।
व्याख्या-कवि कहता है कि कल तक ग्रीष्म ऋतु से उजड़े और उदास वनों में अब मोरों की मनमोहक कूके (ध्वनियाँ) सुनाई दे रही हैं। अपने प्रिय घनश्याम के आकाश में छा जाने पर मोर मस्त होकर नाच रहे हैं। जिस दूब की कोमल काया को गर्मी ने अपने ताप से झुलसा दिया था। आज वर्षा की बूंदें पड़ते ही उसकी नसों में फिर से रक्त-संचार हो उठा है। दूब फिर से हरी-भरी हो गई है। अपने उत्ताप से सारे जगत को तपा देने वाली ग्रीष्म ऋतु, वर्षा के आते ही अपना सारा ताम-झाम, सेना और शस्त्र समेट कर चुपचाप खिसक गई है। वर्षा से पराजित गर्मी लज्जित होकर अब संसार से विदा हो गई है।
(1) हमारे देश में वर्षा ऋतु का कोई भी चित्रण मेघों के गर्जन के साथ, मोरों की कूक और नर्तन के बिना अधूरा ही रहता है। कवि नागार्जुन भी इस तथ्य को भूले नहीं हैं।
(2) गर्मी से जली-झुलसी घास में फिर से प्राणों का संचार होना, कवि के सूक्ष्म निरीक्षण युक्त वर्षा-वर्णन का प्रमाण दे रही है।
(3) कवि ने अपनी भाषा में तत्सम शब्दों से लेकर तद्भव, देशज और अन्य भाषाओं के शब्दों का सहज भाव से प्रयोग किया है। 'ग्रीष्म', 'शिरा', 'मोर' तथा 'लाव-लश्कर' ऐसे ही शब्द हैं।
(4) और आज ............................ लाव-लश्कर' में मानवीकरण अलंकार है।
हिमगिरि के कनक-शिखर।
शब्दार्थ-गए निखर = स्वच्छ हो गए, रंग में निखार आ गया। हिमगिरि = हिमालय, बर्फ से ढका पर्वत । कनक-शिखर = सुनहरे रंगवाली चोटियाँ। शिशु-रवि = ऊषा काल का सूर्य, छोटे बच्चे जैसी सूरज । छवि = शोभा, दृश्य। अपलक = एकटक, बिना पलक झपकाए, चकित।
सन्दर्भ तथा प्रसंग-प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित कवि नागार्जुन की लघु कविता 'उषा की लाली' से लिया गया है। कवि ने इन पंक्तियों में उषाकाल का मनोहारी चलचित्र अंकित किया है।
व्याख्या-कवि कहता है कि यद्यपि अभी दिन का प्रकाश नहीं फैला है फिर भी पर्वतों की हिम में मंडित चोटियाँ, उषा की ललिमा पड़ने से, अभी से ही सुनहले रंग में निखरी-निखरी सी दिखाई दे रही हैं।
जैसे ही छोटा सूर्य आकाश में आगे बढ़ा, प्रकृति का दृश्य ही बदल गया। प्रातःकालीन इस रोमांचक दृश्य को सामने पाकर कवि आश्चर्यचकित होकर उसे एकटक देखता रह गया।
(1) कवि ने थोड़े से शब्दों में ही, उषा काल और भोर की मनमोहक शोभा का विराट चित्र अंकित कर दिया है।
(2) 'अभी से गए निखर' में संकेत है कि सूर्य के स्वागत के लिए पर्वतों के शिखर मानो पहले से ही तैयार हो गए हैं।
(3) आगे बढ़ा..........कवि' पंक्तियों में एक चलचित्र-सा आँखों के सामने चलता प्रतीत होता है।
(4) 'शिशु-रवि' में रूपक तथा आगे बढ़ा शिशु-रवि' में मानवीकरण अलंकार है। (5) भाषा सरल और शैली शब्द-चित्रात्मक है।
हिमगिरि के कनक शिखर।
शब्दार्थ-प्रतिपल = क्षण-क्षण में, निरंतर। अपरूप = असुंदर, सुंदरताविहीन खो रही। जादुई = जादू करने वाली, चमत्कारपूर्ण। आभा = प्रकाश। जाए ना बिखर = छिन्न-भिन्न हो जाए, अदृश्य हो जाए।
सन्दर्भ तथा प्रेसंग-प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित कवि 'नागार्जुन' की कविता 'उषा की लाली' से लिया गया है। प्रातःकालीन दृश्य की पल-पल क्षीण हो रही सुन्दरता से कवि को इसका लोप हो जाने का डर सता रहा है।
व्याख्या-कवि मन ही मन डर रहा था कि ऐसा सुन्दर प्राकृतिक दृश्य कहीं अदृश्य न हो जाय। ज्यों-ज्यों सूर्य आकाश में ऊँचा उठ रहा था, उषाकालीन रंगों की छटा कम होती जा रही थी। कवि नहीं चाहता था कि ऐसा अनूठा दृश्य शीघ्र ही लुप्त हो जाय। वह प्रकाश का सम्पूर्ण अद्भुत नजारा एक जादू के खेल जैसा लग रहा था। कवि चाहता था कि वह दृश्य अभी और देखने को मिले। शीघ्र बिखर न जाए।
उषा की लालिमा पड़ने से पर्वतों के शिखर बड़े सुहावने लग रहे थे। उनका रूप निखर उठा था। वे सोने के जैसे लगने वाले शिखर कवि के मन को मुग्ध कर रहे थे।
(1) कवि ने इस छोटी-सी कविता में 'उषा काल' के प्राकृतिक सौन्दर्य को अपनी भाषा-शैली के बल पर साकार कर दिया है।
(2) लगता है जैसे हमारी आँखों के सामने से प्रातःकाल के समय का कोई चलचित्र, धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा है।
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8173f1b8acbb6d90998326cef95c3eed539fbec896fe21c7911b940514188711 | नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने मंगलवार को वैक्सीन निर्माताओं ( vaccine manufacturer ) से देश के लोगों को कम से कम समय में टीकाकरण करने के लिए उत्पादन क्षमता को लगातार बढ़ाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के वैक्सीन निर्माताओं से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इन टीका निर्माताओं की उपलब्धियों और उनकी व्यावसायिक कुशलता के लिए सराहना की। मोदी ने कहा कि हमारे वैक्सीन उद्योग की सबसे बड़ी ताकत इसका सामथ्र्य, संसाधन और सेवा भाव है और यही वे गुण हैं जो इसे दुनिया का वैक्सीन लीडर बनाते हैं।
देश के वैक्सीन निर्माताओं की क्षमता पर विश्वास करते हुए, मोदी ने कहा कि सरकार ने अब 1 मई से प्रत्येक वयस्क के लिए टीकाकरण कार्यक्रम की अनुमति दी है। उन्होंने टीका निर्माताओं से देश के लोगों को कम से कम समय में टीकाकरण करने के लिए उत्पादन क्षमता को लगातार बढ़ाने का आग्रह किया और नए टीकों के विकास में हमारे वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों और अध्ययनों की भी सराहना की। पीएम मोदी ने रिकॉर्ड समय में टीकों के विकास और निर्माण के लिए टीका निर्माताओं को श्रेय दिया। इस तथ्य पर ध्यान देते हुए कि यहां निर्मित टीके सबसे सस्ते हैं, पीएम मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि टीकों के विकास और निर्माण की इस पूरी प्रक्रिया में देश ने लगातार मिशन कोविड सुरक्षा के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी की भावना के साथ काम किया है और शुरू से अंत तक वैक्सीन विकसित करने के लिए एक इकोसिस्टम तैयार किया है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि सभी वैक्सीन निर्माताओं को न केवल सभी संभव मदद और लॉजिस्टिक सपोर्ट मिले, बल्कि वैक्सीन की मंजूरी की प्रक्रिया भी तेज और वैज्ञानिक हो। उन्होंने उन टीका निर्माण के उम्मीदवारों को भी हर संभव समर्थन और सुगम अनुमोदन प्रक्रिया का आश्वासन दिया, जो अभी परीक्षण के चरण में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे ने कोविड -19 के खिलाफ देश की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई है और आने वाले दिनों में निजी क्षेत्र टीकाकरण अभियान में और भी अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इसके लिए अस्पतालों और उद्योग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता होगी। वैक्सीन निर्माताओं ने 18 वर्ष की आयु से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति देने के सरकार के फैसले के लिए और अधिक प्रोत्साहन और लचीलापन प्रदान करने वाले विभिन्न कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने वैक्सीन विकास और उत्पादन की प्रक्रिया के दौरान भारत सरकार से प्राप्त समर्थन के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने उत्पादन, आगामी वैक्सीन उम्मीदवारों और नए वेरिएंट पर शोध करने के लिए अपनी योजनाओं पर भी चर्चा की।
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817accaef9a79fac2f47b70b14b9f4ae9a4d198a6f69bbc18d840c1158dce6a3 | The poison of dowry is still prevalent in India.\nदहेज प्रथा का ज़हर भारत में अभी भी वैसा ही व्याप्त है!\nभारत की दहेज प्रथा जिसे सामाजिक दृष्टि से अभिशाप के रूप में संदर्भित किया जाता है. भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में उसी तरह फल-फूल रही है जैसे कि पहले थी. यह वही दहेज़ प्रथा है जो महिलाओं के लिए घरैलू हिंसा यहां तक कि मृत्यु तक का कारण बनती है.\nविश्व बैंक (World Bank) द्वारा भारत में दहेज़ प्रथा को विषय बनाते हुए एक नया अध्ययन किया गया है, जिसके अनुसार पिछले कुछ दशकों में भारत के गांवों में दहेज लेन-देन की प्रक्रिया ठीक वैसी ही है जैसी पहले हुआ करती थी।\nइस दहेज़ प्रथा वाले अध्ययन में World Bank के शोधकर्ताओं ने साल 1960 से लेकर 2008 के बीच हुए ग्रामीण भारत के 40,000 विवाहों का अध्ययन किया है। अध्ययन में उन्होंने पाया कि भारत में साल 1961 से दहेज़ लेन-देन अवैध होने के बावजूद 95% विवाहों में दहेज दिया गया है।\nभारत की दहेज़ प्रथा जिसे सामाजिक दृष्टि से अभिशाप के रूप में संदर्भित किया जाता है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में उसी तरह फल-फूल रही है जैसे कि पहले थी। यह वही दहेज़ प्रथा है जो महिलाओं के लिए घरैलू हिंसा यहां तक कि मृत्यु तक का कारण बनती है।\nआपको बता दें, दहेज प्रथा (विवाह के वक्त दहेज़ का लेना और देना) दक्षिण एशियाई देशों की सदियों पुरानी परंपरा है। इसमें विवाह के दौरान दुल्हन (Bride) के माता-पिता दूल्हे (Groom) के माता-पिता को पैसे, कपड़े और गहने, फर्नीचर, आधुनिक उपकरण दान करते हैं। ये प्रथा अभिशाप तब बानी जब जहेज के लिए दूल्हे या दूल्हे के परिवार द्वारा दुल्हन को प्रताड़ित किया जाने लगा। दुल्हन के प्रति घरेलू हिंसा की जाने लगी, यहां तक कि हत्याएं तक की जाने लगीं। ये प्रथा समाज में ज़हर तब बनी जब दूल्हे के परिवार की तरफ से दहेज़ की मांग की जाने लागी। जिस दुल्हन के पिता के पास देने के लिए दहेज़ ना होता वो अपनी बेटी का विवाह ही नहीं कर पता। इसी चिंता में आत्महत्या जैसा कदम तक उठाने को मजबूर हो जाता। इस प्रथा को अपना अधिकार मान कर दूल्हा व दूल्हे का परिवार शादी के वक्त दहेज़ मिलने के बाद भी कई वर्षों तक लगातार दहेज़ की मांग करने लगे तब यह प्रथा अभिशापित हो उठी। और इसी ले चलते 1961 में इसे भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया लेकिन असल हालत कुछ और ही हैं। और हां, सिर्फ दहेज़ लेने वाले दोषी नहीं हैं, आज भी भारत में इस प्रथा की व्याप्ति के पीछे के सबसे ज़िम्मेदार दहेज़ देने वाले लोग हैं। (इस पेराग्राफ का स्टडी से कोई लेना-देना नहीं है, लेखक के अपने विचार हैं।)\nWorld Bank का यह अध्ययन 17 भारतीय राज्यों के दहेज के आंकड़ों पर आधारित है, जहां भारत की 96% आबादी रहती है। अध्ययन का केंद्रिभूत भारत के ग्रामीण क्षेत्र थे, क्योंकि अभी भी अधिकांश भारतीय गांवों में ही रहते हैं या फिर उनके तार बहुत गहराई से गांवों के साथ जुड़े हैं भले ही कुछ शहरों में रहने लगे हों।\nविश्व बैंक रिसर्च ग्रुप (World Bank Research Group) की अर्थशास्त्री (Economist) डॉ. अनुकृति ने कहा, 'आय के हिस्से के रूप में, दहेज समय के साथ कम हुआ है क्योंकि भारत में औसत ग्रामीण आय में वृद्धि हुई है।' उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ एक औसत दावा है क्योंकि 'प्रत्येक घर की आय के आधार पर दहेज़ में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है इसकी जानकारी के लिए हमें घरेलू आय व व्यय के डेटा की आवश्यकता होगी। लेकिन दुर्भाग्य से हमारे पार इस तरह का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।'\nइस स्टडी में अर्थशास्त्री (Economist) निशित प्रकाश, एस. अनुकृति और सुनघोह क्वोन ने शादी के दौरान प्राप्त किए गए व दिए गए उपहारों के नकद और वस्तु मूल्य को आधार बना कर जानकारी एकत्रित की है। उन्होंने "शुद्ध दहेज" की गणना दुल्हन के परिवार द्वारा दूल्हे या उसके परिवार को दिए गए उपहारों के मूल्य एवं दूल्हे के परिवार द्वारा दुल्हन के परिवार को दिए गए उपहारों के बीच के अंतर के रूप में की। तुलना का नतीजा ये रहा कि बहुत ही कम शादियों में दूल्हे के परिवार द्वारा दिए गए उपहारों की कीमत दुल्हन के परिवार द्वारा दिए गए उपहारों के ज्यादा निकली। अधिकतर शादियों में दुल्हन के परिवार द्वारा ही अधिक कीमत के उपहार दूल्हे के परिवार को दिए गए।\nअपितु अध्ययन में उन्होंने पाया कि 1975 से पहले और 2000 के बाद कुछ मुद्रास्फीति के साथ औसत शुद्ध दहेज समय के साथ उल्लेखनीय रूप से स्थिर बना रहा है। स्टडी में पाया गया कि दूल्हे का परिवार दुल्हन के परिवार को दिए जाने वाले उपहारों पर औसतन 5,000 रुपये खर्च करता है। जबकि दुल्हन का परिवार उपहारों पर आश्चर्यजनक रूप से सात गुना अधिक, लगभग 32,000 रुपये खर्च करता है। स्टडी का नतीजा ये रहा कि औसतन 27000 रुपये शुद्ध दहेज के रूप में दिए गए।\nएक घर-परिवार की जो आय और बचत होती है उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा सिर्फ दहेज पर खर्च किया जाता है- 2007 में, ग्रामीण भारत में औसत शुद्ध दहेज एक परिवार की वार्षिक आय के 14% के बराबर था।
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817b4575d522d536d685a7863c779c7f2ed62e1c7857d0ac41e2f16f66eda9d4 | आइए आज आपको बताते हैं एक्टर अजय देवगन के थ्रोबैक के इंटरव्यू के बारे में, जिसमें उन्होंने बताया था कि वो काजोल से पहली मुलाकात के बाद उन्हें दोबारा क्यों नहीं देखना चाहते थे।
एक्ट्रेस काजोल (Kajol) और अजय देवगन (Ajay Devgn) की जोड़ी को बॉलीवुड में सबसे ज्यादा प्यार मिलता है। दो विपरीत लोग भी एक-दूसरे की तरफ अट्रैक्ट हो सकते हैं, ये कपल इस बात का परफेक्ट उदाहरण है। काजोल अपने सेंस ऑफ़ ह्यूमर से पार्टी में जान डाल देती हैं, तो अजय अपनी कंपनी में भी शांत रहना प्रेफर करते हैं। दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं, लेकिन फिर भी एक साथ हैं और कपल गोल्स सेट करते नजर आते हैं। एक बार अजय ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि पहली मीटिंग के बाद उन्हें काजोल क्यूं नापसंद थीं और वो क्यों उनसे दोबारा नहीं मिलना चाहते थे। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में।
पहले आपको बता देते हैं कि 22 फरवरी 2021 को अजय और काजोल ने अपनी शादी के 22 साल पूरे किए थे। एक्ट्रेस ने अपने लविंग हसबैंड अजय के साथ एक थ्रोबैक फोटो शेयर की थी। ये फोटो एक क्रूज की लग रही है, जिसमें ऑरेंज कलर की साड़ी पहने काजोल नीचे बैठकर अजय को निहारती हुई नजर आ रही हैं। वहीं, एक्टर भी काजोल के चेहरे से अपनी नजरें नहीं हटा पा रहे हैं। इस फोटो को शेयर करते हुए काजोल ने कैप्शन में लिखा था, "और आप सर, आप बहुत अट्रैक्टिव हैं, इसलिए मैं आपको देखूंगी"- अज्ञात व्यक्ति और मैं। #22years #stillgoing #grateful #laughingalways।" (ये भी पढ़ेंः रितेश देशमुख की चर्च वेडिंग की अनदेखी फोटोज आईं सामने, व्हाइट ड्रेस में परी लग रहीं जेनेलिया)
अब आपको बताते हैं अजय देवगन के थ्रोबैक इंटरव्यू के बारे में। एक बार अजय ने बताया था कि वो काजोल से पहली मीटिंग के बाद उनसे मिलने में क्यूं दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। अजय ने 'पायनियर' को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं काजोल से 'हलचल' की शूटिंग के दौरान मिला था। सच बताऊं तो मैं उसके बाद उनसे मिलना नहीं चाहता था। जब आप उनसे पहली बार मिलेंगे, तो वो आपको लाउड, अभिमानी और बहुत बातचीत करने वाली व्यक्ति लगेंगी। हम दोनों पर्सनैलिटी के मामले में काफी अलग थे। लेकिन मुझे लगता है जो होना लिखा है, वही होगा।"
अजय ने ये भी बताया था कि उन दोनों के बीच कभी ऑफिशियल प्रपोजल हुआ ही नहीं था। अजय ने कहा था, "हम दोनों जल्दबाजी नहीं करना चाहते थे। आपको एक फैक्ट बताना चाहूंगा कि हम दोनों ने कभी एक-दूसरे को 'आई लव यू' नहीं बोला था। हमारे बीच में कभी ऑफिशियल प्रपोजल भी नहीं हुआ था। हम दोनों को प्यार हुआ और हम साथ में बड़े हुए। हमने अपना समय लिया जब तक हम श्योर नहीं हो गए कि हमें अपनी बाकी जिंदगी एक-दूसरे के साथ गुजारनी है। हमने मैरिज के बारे में भी कभी डिस्कस नहीं किया, लेकिन हमेशा दिमाग में थी। अब 10 सालों से ज्यादा का समय हो गया। और मैं अपनी सक्सेस का क्रेडिट उसे देना चाहता हूं। एक मैन के सक्सेसफुल होने के लिए ये काफी जरूरी है कि वो घर पर शांति से रहे।" (ये भी पढ़ेंः सामंथा अक्किनेनी पति नागा चैतन्य से पहली बार मिली थीं यहां, एक्ट्रेस ने पोस्ट में दिखाई थी जगह)
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बात करें इन दोनों की लव स्टोरी की तो, ये दोनों करीब 25 साल पहले 1995 में फिल्म 'हलचल' के सेट पर मिले थे। कहा जाता है कि यहीं से इन दोनों के प्यार की शुरुआत हुई थी। इसके बाद साल 1998 में अजय और काजोल की फिल्म 'प्यार तो होना ही थी' रिलीज हुई। इस फिल्म को तो दर्शकों ने प्यार दिया ही, साथ ही साथ इस फिल्म से ही अजय और काजोल का प्यार परवान चढ़ गया और दोनों के बीच इजहार-ए-इश्क हो गया, और फिर इन दोनों ने 1999 में महाराष्ट्रियन रीति-रिवाज से शादी की। इस शादी को इतना गुपचुप रखा गया था कि किसी को इसकी भनक भी नहीं पड़ी। इसके बारे में बात करते हुए अजय और काजोल दोनों ने ही बताया था कि, दोनों इस फंक्शन को बेहद निजी रखना चाहते थे। इसलिए दोनों ने अपनी शादी के बारे में किसी को भी नहीं बताया था।
अपनी शादी को लेकर एक इंटरव्यू के दौरान अजय देवगन ने बताया था कि 'मैं नहीं चाहता था कि शादी पर ज्यादा हंगामा हो इसलिए हमने सारी तैयारियां चुपचाप की थीं। लेकिन शादी से कुछ दिन पहले किसी को पता चल गया और ये पेपर में छप गया। फिर हम दोनों को ही शादी का वेन्यू बदलना पड़ा। इस बार शादी का वेन्यू मेरा घर हो गया।' उन्होंने बताया कि 'मेरी शादी में मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। मैं अपने कमरे से निकल कर छत पर गया, उधर शादी की और वापस अपने बेडरूम में आ गया।' (ये भी पढ़ेंः दीपिका कक्कड़ से प्रिंस नरूला तक इन 8 सितारों ने अपने पार्टनर्स के लिए बनवाया है टैटू, देखें फोटोज)
फिलहाल, अजय और काजोल मौजूदा समय में दो बच्चों (न्यासा और युग) के माता-पिता हैं और एक हैप्पी फैमिली लाइफ एन्जॉय कर रहे हैं। तो आपको दोनों की जोड़ी कैसी लगती है? हमें कमेंट में जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।
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8181160087dac3ed47897e7b4794fdf72a0394fb6e872f2eea9c0969bbc2c0b4 | उन्होंने दक्षिणी लेबनान से इस्राईली सैनिकों के निकलने की 20 वीं वर्षगांठ, इस्राईल ह्यूम समाचार पत्र से एक वार्ता में कहा कि लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन ने इस्राईली सेना के मुकाबले में अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया और उनकी रणनीति, हमारे सैनिकों के साथ छापामार युद्ध और थका देने वाली लड़ाई थी।
इस पूर्व इस्राईली जनरल ने बताया कि हिज़्बुल्लाह ने कुछ बेहद जटिल सैन्य अभियानों से इस्राईली सेना को परेशान कर दिया था इसी लिए हम लेबनान से निकलने पर मजबूर हुए और यह वही चीज़ थी जो हिज़्बुल्लाह चाहता था।
इस्राईल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री, भूतपूर्व रक्षा मंत्री और भूतपूर्व चीफ आफ आर्मी स्टाफ एहुद बाराक ने भी कुछ दिनों पहले रेडियो तेलअबीव से एक वार्ता में लेबनान से इस्राईली सैनिकों की वापसी पर चर्चा करते हुए कहा था कि तेलअबीव ने लेबनान पर क़ब्ज़े की योजना तैयार कर ली थी और वह फिलिस्तीनी शरणार्थियों को लेबनान से जार्डन भेजने का मन बना लिया था लेकिन काफी कठिन योजना होने की वजह से हमारा यह मिशन पूरी तरह से नाकाम हो गया।
उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कि जब वह इस्राईल के चीफ आफ आर्मी स्टाफ थे तो उस दौरान उन्होंने हिज़्बुल्लाह को खत्म क्यों नहीं किया? कहा कि " हिज़्बुल्लाह को खत्म करना संभव नहीं था। हिज़्बुल्लाह एक प्रतिरोध संगठन है जिसकी जड़ें लेबनान के नगरों में फैली हैं और उसके सदस्य आम जनता में फैले हैं इस लिए आप सूर व सैदा नगरों में घुस कर और वहां रह कर ही उन्हें खत्म कर सकते हैं। हमने अतीत में प्रयोग किये हैं मगर हमें विफलता मिली। जैसा कि हम पश्चिमी तट में फिलिस्तीनी " आतंकवादी" तत्वों को नहीं खत्म कर पाए। हमारे ख्याल में हिज़्बुल्लाह को पूरी तरह से खत्म करने का कोई रास्ता ही नहीं है। " Q.A.
Video । सौ सेकेंड में दुनिया की ख़बरः अमरीकी सैनिकों की संख्या में कमी शुरू, दक्षिणी चीन सागर में अमरीका-चीन तनाव, ईरान के बारे में झूठ फैला रहा है अमरीका,
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8190598e15e950ac8cab849f462f3f6dce0a9b09d270a95faa8ff3d5954a7a73 | किशनगंज, 04 मार्च। कोविड-19 संक्रमण को जड़ से मिटाने के लिए जिले में पूरे जोर- शोर से वैक्सीनेशन महाअभियान जारी है। तीसरे चरण के वैक्सीनेशन अभियान में 60 वर्ष के सामान्य एवं 45 से 59 वर्ष के बीमार बुजुर्गों का टीकाकरण हो रहा है। इस चरण में स्वास्थ्य विभाग की पूरी कोशिश है कि एक भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने से वंचित नहीं रहें। -डीएम ने जिलावासियों से मास्क लगाने एवं टीकाकरण के लिए की अपीलः जिलाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने जिलावासियों से अपील की है कि वे मास्क अवश्य पहनें, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ न लगावें तथा दो गज की सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ ही 60 वर्ष के सामान्य एवं 45 से 59 वर्ष के बीमार बुज़ुर्ग लोग कोविड का टीका लेकर कोरोना मुक्त परिवार, समाज का निर्माण करें। यह टीका जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक केन्द्रों एवं सदर असपताल में निःशुल्क उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रथम चरण के स्वास्थ्य कर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स, पदाधिकारियों जो भी टीकाकरण के लिए छूट गए है वो भी स्वयं जाकर अपना टीकाकरण अवश्य करवाएं। सभी स्वास्थ्य कर्मी एवं फ्रंट लाइन वर्कर जो टीका ले चुके हैं अपने बुजुर्ग माता-पिता, सगे संबंधियों का भी टीकाकरण अवश्य करवाएं। टीका लगने के बाद 30 मिनट तक स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों की निगरानी करती है। उसे कोई समस्या आएगी तो उसका तत्काल निदान किया जाएगा। इसलिए कोरोना का टीका लेने में संकोच नहीं करें और जब आपकी बारी आए तो केंद्र पर जाकर जरूर टीका लगवाएं। । -टीका का बूस्टर डोज लेने से नहीं चूकेः जिलाधिकारी जिला पदाधिकारी ने बताया कि जिन लोगों ने कोरोना टीका का पहला डोज ले लिया है, वे आवश्यक तौर पर दूसरा डोज ले लें। अगर आप दूसरा डोज नहीं लेंगे तो आपके टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। ऐसा करने से कोरोना की चपेट में आने की संभावना रहेगी। इसलिए कोरोना टीका का दूसरा डोज अवश्य लें। उन्होंने बताया कि कोरोना का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। -निर्धारित समय पर पूरा होगा वैक्सीनेशन अभियान का लक्ष्यः- सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि तीसरे चरण का वैक्सीनेशन अभियान का लक्ष्य भी हर हाल में तय एवं निर्धारित समय पर पूरा कर लिया जाएगा। जिले के सभी पीएचसी प्रभारी को भी इसको लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। ताकि वैक्सीनेशन अभियान के सफल संचालन में किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। -वैक्सीन लेने के बाद लोगों में दिखा उत्साहः सीएस सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि जिले में कोरोना पॉजिटिव के रेट मात्र 1.47 % हैं। जिले में प्रथम चरण के स्वास्थ्यकर्मियों के 8134 के लक्ष्य के विरुद्ध 6646 का टीकाकरण एवं 7810 लक्ष्य के विरुद्ध में 5452, फ्रंटलाइन वर्करों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे डोज में 6646 के लक्ष्य के विरुद्ध 1662 लोगों का टीकाकरण किया गया है। वहीं ही 45 से 59 वर्ष के 10 बीमार लोगों का टीकाकरण तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के 78 नागरिकों का टीकाकरण किया गया है। तीसरे चरण के वैक्सीनेशन अभियान के दौरान वैक्सीन लेने वाले बुजुर्गों में काफी उत्साह दिखा। जो भविष्य के लिए शुभ संकेत है। सभी लोगों ने निर्धारित समय पर वैक्सीनेशन सेंटर पहुँचकर उत्साह के साथ वैक्सीन ली। -पूरी तरह सुरक्षित है वैक्सीनः सीएस सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि वैक्सीन लेने वाले बुजुर्गों ने कहा कि पूरी तरह वैक्सीन सुरक्षित है। मेरी बारी आई तो मैंने वैक्सीन ली और पूरी तरह स्वस्थ हूँ। इसलिए, आप भी अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवाएं। टीका लेने पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। मैंने लिया, मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ और अब मैं कोरोना के खतरे से मुक्त हूं। इसलिए आप भी कोरोना का टीका लेने में उत्साह दिखाएं। आप भी सुरक्षित हो जाएंगे। - कोविड-19 से स्थाई निजात का एकमात्र उपाय है वैक्सीन, इसलिए वैक्सीनेशन से नहीं करें परहेजः डीएम जिला पदाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 से स्थाई निजात का एकमात्र उपाय वैक्सीन ही है। इसलिए, वैक्सीनेशन से परहेज नहीं करें, बल्कि उत्साह के साथ वैक्सीनेशन कराएं। इससे आप तो स्वस्थ होंगे ही साथ ही आपका परिवार और समाज भी सुरक्षित रहेगा। इसलिए, इस मौका को छोड़े नहीं, बल्कि इसे अवसर समझकर इसका लाभ लें। ।
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819853872874b6207dd9ca65e3a49af061b2e7f1f395f4a66244cfb203e58782 | सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के तारपुरा गांव में दो दिन पहले शादी करने आया दुल्हा वरमाला के बाद गच्चा देकर फरार हो गया। घटना के बाद दुल्हन के भाई की आज होने वाली शादी भी रद्द हो गई। दुल्हन व परिजनों का आरोप है कि वरमाला व भोजन के बाद दुल्हे व उसके पिता ने अचानक दहेज की मांग कर ली। जिसे दे पाने में समर्थ नहीं होने पर दुल्हा बारात लेकर फरार हो गया। दुल्हन का ये भी आरोप है कि भगौड़ा दूल्हा आज उसके भाई की होने वाली दुल्हन से शादी रचाने जा रहा है। जिसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग को लेकर उसने ग्रामीणों के साथ एसपी से भी गुहार लगाई है।
ये है मामलाजानकारी के अनुसार तारपुरा निवासी किसान सुरजाराम जांगिड़ की बेटी सुबिता की तीन जुलाई को शादी थी। झुंझुनूं के बुगाला गांव का अजय जांगिड़ बारात लेकर आया था। दुल्हन सुबीता के मुताबिक बारात आने के बाद तोरण, वरमाला व खाने का कार्यक्रम हो गया था। इसके बाद दुल्हा व उसका पिता सुरजाराम को एक तरफ ले गए। जहां उन्होंने बाइक, गहने, कपड़े व नगदी रुपयों की मांग की। जिन्हें देने में असमर्थता जताने पर पहले तो दोनों गाली गलौच करने लगे। इसके बाद फेरों से पहले पेशाब करने का बहाना बनाकर घर के बाहर से गाड़ी में बैठकर फरार हो गए।
सजी धजी दुल्हन ने एसपी से लगाई गुहारमामले में सुबीता दुल्हन के वेश में ही ग्रामीणों के साथ सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंची। जहां उसने दादिया पुलिस पर भी सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। आरोप है कि पहले दिन तो दो परिवारों का आपसी मामला बताकर थाने में एफआईआर ही दर्ज नहीं की गई। दूसरे दिन रिपोर्ट दर्ज की तो उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते ही परिजनों को एसपी कार्यालय में ज्ञापन देने आना पड़ा।
भाई की शादी रद्द, उसकी दुल्हन से भगौड़े दूल्हे की शादीसुबीता की शादी रद्द होने पर सोमवार यानी आज होने वाली उसके भाई पंकज की शादी भी रद्द हो गई। परिजनों ने बताया कि आरोपी दूल्हे की रिश्तेदारी में ही पंकज की शादी तय हुई थी। जो भी सुबीता की बारात भागने के बाद रद्द हो गई। परिजनों का ये भी कहना है कि भगौड़े दूल्हा आज उसी लड़की से शादी करने जा रहा है, जिससे पंकज की शादी होनी थी।
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81a5e9decb1b16534477d8417af9504f9eb6b92f4c27185299cf34cb5f88e569 | सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों के मिले इनपुट के अनुसार विमान में बम मिलने की खबर थी, इसके बाद सभी चौकन्ने हो गए और विमान को दिल्ली में लैंड करने की परमिशन नहीं दी गई.
Bomb Threat Indian Airspace: खबर आई कि ईरान से चीन जा रहे एक विमान में बम हैं, जिसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर आ गईं. विमान की निगरानी के लिए एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने तुरंत उड़ान भर डाली. दिल्ली के एयरस्पेस में ये विमान घुस आया था. सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों के मिले इनपुट के अनुसार विमान में बम मिलने की खबर थी, इसके बाद सभी चौकन्ने हो गए और विमान को दिल्ली में लैंड करने की परमिशन नहीं दी गई.
ये विमान चीन जा रहा था. विमान के साथ इंडियन एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने अलर्ट शेयर किया किया था, तब ये विमान भारतीय एयरस्पेस में था. जिसके बाद विमान को इंटरसेप्ट करने के लिए भारतीय एयरफोर्स के Su-30MKI फाइटर जेट्स ने पंजाब और जोधपुर एयरबेस से उड़ान भर ली. अभी फिलहाल बम की धमकी की प्रकृति का पता नहीं चल पाया है. अभी तक ये पता चला कि विमान चीन की ओर चला गया. यह भारतीय एयरस्पेस से गुजरा है और तब तक जांच एजेंसियों ने पैनी नजर बना कर रखी हुई है. एयर ट्रैफिक कंट्रोल के हिसाब से तेहरान से आ रहे इस विमान को चीन के गुआंगज़ौ में लैंड होने वाला था. महान एयर ने दिल्ली एयरपोर्ट एटीसी को बम की धमकी मिलने के बाद तुरंत लैंडिंग के लिए बात की थी, लेकिन दिल्ली एटीसी ने विमान से जयपुर में लैंड करने के लिए बोला . पर विमान के पायलट ने साफ मना कर दिया और इंडियन एयरस्पेस को छोड़ा .
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81a6ce4c3397d47109c5c44cea200953a884d9486136e2173fa54f7c75cb7490 | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित एक ब्लिडिंग में आग लग गई है। आग लगने के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई है। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया है। रायपुर के रेलवे स्टेशन के पास संजय गांधी चौक स्थित रिलायबल इंजीनियरिंग कंपनी और रायपुर पाइप सेंटर में भीषण आग लगी थी। आग लगने की जानकारी मिलते ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और फैक्ट्री मालिक सहित स्थानीय पुलिस का बल मौके पर पहुंच गया।
इसके बाद फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची। घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया है। आग लगते ही इलाके में अफरातफरी मच गई थी। दरअसल, रायपुर रेलवे स्टेशन के पास गुरुद्वारे के पीछे संध्या गांधी चौक पर रायपुर पाइप सेंटर की दुकान में अचानक आग लगी थी। दुकान के तीसरे माले के गोदाम में लगी आग ने भयावह रूप धारण कर लिया। इसके बाद आसपास के इलाके को तत्काल खाली कराया गया है।
आशंका जताई जा रही है कि गणेश विसर्जन में जा रही रैली के दौरान पटाखों की चिंगारी के कारण यह आग लगी है, लेकिन इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आगजनी की घटना में लाखों का नुकसान हुआ है।
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81bcc9669e6cb0b0683a0843a78537d7ab99123eaf272e16f4821af5bbb4fe24 | भोपाल। सेन्ट्रल जेल से भागे सिमी के आठ आतंकियों का सोमवार को भोपाल पुलिस ने एनकाउंटर किया था। जहां एक ओर इस एनकाउंटर पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश पुलिस की लापरवाही भी देखने को मिल रही है।
सिमी के आठों आतंकियों को मारे जाने के एक दिन बाद ही घटना स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है। घटनास्थल एक तरह से लोगों के लिए पर्यटन स्थल हो गया है, जहां पर आकर लोग खूब तस्वीरें ले रहे हैं और सेल्फी खींच रहे हैं।
आपको बता दें कि भोपाल के नजदीक स्थित मनीखेड़ी पहाड़ी पर सिमी के आठों आतंकियों का एनकाउंटर किया गया था, लेकिन पुलिस की तरह से वहां पर न कोई बैरिकेट लगा है न ही किसी अन्य प्रकार की कोई सुरक्षा मौजूद है, जो वहां पर लोगों को आने से रोक सके।
वहां पर जाकर लोग आतंकियों के बिखरे पड़े उन कपड़ों की भी तस्वीरें ले रहे हैं, जो उन्होंने भोपाल सेन्ट्रल जेल में बंद रहने के दौरान पहने थे। वहीं दूसरी ओर, बहुत से लोग वहां घास पर बिखरे आतंकियों के खून के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं।
बहुत से लोग तो अपने बच्चों को भी साथ लेकर आ रहे हैं, मानो वहां मुठभेड़ न हुई हो, बल्कि कोई मेला लगा हो। एक गांव वाले व्यक्ति सुरेश ने बताया कि उन्होंने सोमवार को भी वहां जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया।
जब एसपी धर्मवीर सिंह से यह पूछा गया कि आखिर एनकाउंटर की जगह को पुलिस सुरक्षा में क्यों नहीं रखा गया है तो उनका कहना था कि पूरे एरिया की छानबीन करके सभी सबूत एकत्र कर लिए गए हैं, सिर्फ घास और चट्टानों पर आतंकियों के खून के दाग हैं।
वहां मौजूद बहुत से लोगों ने यह दावा किया कि उन्होंने पुलिस से पहले ही आतंकियों को देख लिया था। एक चश्मदीद संतोष के मुताबिक, पुलिस के आने से पहले ही गांव वालों ने सभी आतंकियों को घेर लिया था।
घटना के अगले दिन मंगलवार को भी संतोष घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि आतंकी कह रहे थे- 'हमको जो करना था कर दिया, अब मर भी जाएं तो फिकर नहीं।'
वहां पर ही मौजूद एक व्यक्ति ने बताय कि उनसे पूरे एनकाउंटर की वीडियो अपने फोन में बनाने की कोशिश की, लेकिन एक पुलिस वाले ने उनका फोन छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया और फोन को पूरे दिन अपने ही पास रखा। बाद में पुलिस से बार-बार गुहार लगाने के बाद उन्होंने फोन वापस दिया।
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81be062bb3cb4a81978e1e4e25a9863e336b8247c7d730c99e1472e06535a7db | सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) और पंजाब के कटरीना कैफ यानी शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) की जोड़ी का नया म्यूजिक वीडियो, देसी म्यूजिक वीडियो पर रिलीज होने वाला है.
मुंबई. बिग बॉस 13 (Bigg Boss 13) में यूं तो कई जोड़ियां बनीं, लेकिन एक जोड़ी ऐसी है, जिसको लोग आज भी बेहद मिस करते हैं और उन्हें साथ देखना चाहते हैं. बिग बॉस 13 के विनर रहे सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) और पंजाब के कटरीना कैफ यानी शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) एक बार फिर से साथ एक म्यूजिक वीडियो में दिखने वाले हैं. दोनों (सिडनाज) सिंगर टोनी कक्कड़ (Tony Kakkar) और अंशुल गर्ग (Anshul Garg) के नए म्यूजिक वीडियो (New Music Video) में नजर आने वाले हैं. इन सब के बीच सिद्धार्थ की एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है, जिसमें सना यानी शहनाज को रेड ड्रेस में देखकर सिद्धार्थ ऐसे फिदा हो गए कि अपनी नजरों से शहनाज से इधर-उधर नहीं कर सके.
दरअसल, जो तस्वीर वायरल हो रही है वह एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) ने खुद ही सोशल मीडिया पर शेयर की है. तस्वीर में सिद्धार्थ टकटकी लगाकर शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) की तरफ देखते नजर आ रहे हैं. तस्वीर को सिद्धार्थ ने इंस्टाग्राम पर शेयर की. इसमें सिंगर टोनी कक्कड़ (Tony Kakkar) और अंशुल गर्ग (Anshul Garg) भी साथ दिखाई दे रहे हैं.
सिद्धार्थ के इस पोस्ट पर लोग काफी कमेंट कर रहे हैं. टोनी कक्कड़ ने भी अपने इस प्रोजेक्ट के बार में जानकारी दी है.
देसी म्यूजिक वीडियो पर ये नया गाना रिलीज होने वाला है. गाने के नाम और रिलीज डेट पर फिलहाल पर्दा ही डला है. कयास लगाए जा रहे हैं कि ये वहीं गाना है, जिसके लिए शहनाज और सिद्धार्थ हाल ही में पंजाब गए थे. शूटिंग के दौरान सिद्धार्थ ने बैलगाड़ी हांकते और सरसों के खेतों में पोज देते अपनी फोटोज शेयर की थीं. इन तस्वीरों की वजह से गाने को लेकर भी काफी बज बन गया है.
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81ca98cf4f10fadad4dde8e525f4975f87986d29d4a21f6802911d20a49d8d3c | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 45वां जन्मदिन है. योगी का जन्मदिन 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव के एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ. योगी आदित्यनाथ अपना जन्मदिन नहीं मनाते, हालांकि बड़ी संख्या में लोग उनका जन्मदिन मनाते हैं.
उन्हें जन्मदिन की बधाई देने के लिए सुबह से लोग लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं.
1. उत्तराखंड के एक छोटे से गांव में पैदा हुए अजय सिंह बिष्ट योगी आदित्यनाथ कैसे बने यह कहानी काफी रोचक है. योगी आदित्यनाथ (अजय कुमार बिष्ट) का जन्म 5 जून 1972 को उत्तरकाशी पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव के एक गढ़वाली राजपूत में हुआ. 15 फरवरी 1994 को गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बने.
2.योगी आदित्यनाथ के पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे, तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।
3. उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है. योगी आदित्यनाथ का नाम लोकसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों की सूची में भी शामिल है. गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया जिसके बाद 1998 में वह सांसद चुने गए.
4. योगी आदित्यनाथ जब 12वीं लोकसभा में सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र मात्र 26 साल थी. इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने जाते रहे.
5. सितंबर 2014 में उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ के प्राण त्यागने के बाद वह गोरखपुर मंदिर महंत यानी पीठाधीश्वर बने.
6. योगी आदित्यनाथ भाजपा के सांसद होने के साथ साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं. हिन्दू युवा वाहिनी युवाओं का एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है.
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81cb7a1d4c67f7fa5c7c5466f7a82eae8a98e169016c308b0ffcbac1533d8b02 | रम में एक चम्मच काली मिर्च और2अंडों से होता है कोरोना ठीक - कांग्रेस पार्षद की सलाह\nBy एशियाविल डेस्क • 17/07/2020 at 12:41PM\nवीडियो के वायरल होने के बाद गट्टी को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है.\nदेश और दुनिया में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. ऐसे में दुनियाभर के लोगों को कोरोना की दवा या वैक्सीन का बेसब्री से इंतज़ार है. इस बीच कर्नाटक के एक पार्षद का वीडियो वायरल हो रहा है. पार्षद ने कोरोना के ख़ात्म के लिए एक ख़ास उपाय सुझाया है.\nमंगलुरु के पार्षद रविचंद्र गट्टी के मुताबिक रम के साथ काली मिर्च और दो अंडे, कोरोना से निपटने के लिए एक घरेलू नुस्खा है. इस वायरल वीडियो में गट्टी ने कहा, "बेंगलुरू और मेदिकरी में कई लोग रम पीते है. मैं ना रम पीता हूं ना मछली खाता हूं. आप बस एक चम्मच काली मिर्च के पाउडर को 90 मि.ली. में डालें. इसे अपने हाथों से अच्छी तरह से हिलाएं और पी लें. कोरोना को पूरी तरह से ख़त्म करने के लिए इसके साथ ही दो आधे उबले हुए आमलेट खाएं."\nगट्टी इतने पर भी नहीं रुके और आगे कहा, "मैंने कई दवाइयाँ आजमाईं, लेकिन सिर्फ यही काम किया. मैं एक नेता के रूप में नहीं बल्कि कोविड समिति के सदस्य के रूप में आपको ये सलाह दे रहा हूं."\nबता दें, गट्टी, उल्लाल शहर नगरपालिका परिषद में पार्षद है. उन्हें इस भ्रामक वीडियो और रम के एक ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से ट्रोल किया जा रहा है.\nइस वीडियों के वायरल होने के बाद मंगलुरु के विधायक यूटी खादर ने कहा कि ज़िला प्रशासन को पता लगाना चाहिए कि गट्टी ने ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर कैसे शेयर किया. उन्होंने बताया कि गट्टी 15 सालों से सामाजिक वर्कर के रूप में काम करते आए है. विधायक ने कहा कि वो पार्टी से बात कर आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे.\nकर्नाटक में गुरुवार को 4169 नए मामले दर्ज किए गए. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 51 हज़ार के पार चली गई. राज्य में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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81cee2c84a1ae63784c132d57d1042074beacdd5e0576184b0acfb4a7c8d1c7e | लंदन, आठ जनवरी (भाषा) ब्रिटेन की अदालत को बताया गया कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी एक "पोंजी जैसी योजना" की देखरेख कर रहा था जिसकी वजह से भारत के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ भारी धोखाधड़ी हुई।
नीरव मोदी के भारत को प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत में जारी अंतिम सुनवाई में यह कहा गया। मामले में ब्रिटेन की क्राउन अभियोजन सेवा (सीपीएस) भारतीय प्राधिकरण की ओर से बहस कर रही है। सीपीएस का जोर पहली नजर में धोखाधड़ी के मामले में पर है। इसके साथ ही मनी लांड्रिंग का मामले पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि मामले में न्याय हासिल किया जा सके।
मामले में दो दिन की सुनवाई के दूसरे दिन यह कहा गया। नीरव मोदी ने दक्षिण- पश्चिम लंदन स्थित वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये इस सुनवाई में भाग लिया।
जिला न्यायधीश सैमुएल गूजी ने मामले में सबूतों को देखा। ये सबूत इस मामले में पिछले साल हुई कई सुनवाइयों के दौरान पहले ही लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किये गये थे। अब मामले की अंतिम सुनवाई हो रही है जिसके इस सप्ताह पूरा होने की उम्मीद है।
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81d0e5f113f9eaf4cf336833a00950a960a5b9894b1b837390601e7cc3a1ec37 | 10x उत्तोलन के साथ मार्जिन ट्रेडिंग सहित कई विशेषताएं।
Gate.io 2013 के बाद से चीन के सबसे पुराने क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो एक्सचेंज में से एक है। 2017 में Gate.io को रीब्रांड किए जाने के बाद, यह एक प्रमुख प्रारंभिक एक्सचेंज ऑफरिंग (IEO) प्लेटफॉर्म के साथ सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टो प्लेटफॉर्म में से एक है। , कई क्रिप्टोकरेंसी, लीवरेज के साथ मार्जिन ट्रेडिंग, और अन्य उन्नत वित्तीय सेवाएं जैसे मार्जिन लेंडिंग या उधार।
एक शक्तिशाली ट्रेडिंग इंजन होने के बावजूद, प्लेटफ़ॉर्म इंटरफ़ेस कुछ अव्यवस्थित महसूस करता है क्योंकि आमतौर पर अनुभवहीन निवेशकों के लिए सबसे अच्छी शुरुआत नहीं होती है।
मूल कंपनीः गेट टेक्नोलॉजी इंक।
10x लीवरेज के साथ मार्जिन ट्रेडिंग सहित कई विशेषताएं।
क्रिप्टोकरेंसी की संख्या। Gate.io को एक altcoin एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है और एक सही कारण के लिए - इसमें 180 विभिन्न सिक्के और लगभग 400 विभिन्न क्रिप्टोकुरेंसी बाजार शामिल हैं। हालांकि, यह फिएट के साथ सौदा नहीं करता है।
मंच की कार्यक्षमता। Gate.io सुविधाओं के साथ परिपक्व है - आप क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजारों में व्यापार कर सकते हैं, 10x उत्तोलन के साथ मार्जिन व्यापार, मार्जिन उधार या उधार फंड, अवधि निवेश योजनाओं में भाग ले सकते हैं, IEO में इसके Gate.io स्टार्टअप प्लेटफॉर्म, स्थायी स्वैप अनुबंध और बहुत कुछ के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। .
अपेक्षाकृत कम शुल्क। अधिकांश altcoin एक्सचेंजों की तरह, Gate.io एक कम शुल्क वाली सेवा है। यह बाजार पर सबसे कम शुल्क वाली सेवा नहीं है, लेकिन विभिन्न छूट हैं। प्लेटफॉर्म पर एक ट्रेड पर कुल ऑर्डर राशि का 0.2% खर्च होता है।
सुरक्षा। Gate.io टीम सुरक्षा-प्रेमी है - इसे CER द्वारा साइबर सुरक्षा के मामले में शीर्ष एक्सचेंजों में से एक के रूप में दर्जा दिया गया था। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे उपयोगकर्ता अपने खातों को सुरक्षित कर सकते हैं, और प्लेटफ़ॉर्म में कई अंतर्निहित सुरक्षा तंत्र भी हैं।
ग्राहक सहेयता। सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध 24/7 लाइव चैट के अलावा, इसमें एक व्यापक समर्थन डेटाबेस भी है जिसमें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न अनुभाग के साथ-साथ नई उपयोग मार्गदर्शिका भी शामिल है । वैकल्पिक रूप से, आप अधिक विस्तृत चिंताओं के लिए समर्थन टिकट जमा कर सकते हैं।
Gate.io सबसे पुराने चीनी बिटकॉइन एक्सचेंजों में से एक है, जिसे 2013 में लिन हान द्वारा स्थापित किया गया था । 2015 में वापस, एक्सचेंज को 7,000 बीटीसी हैक का सामना करना पड़ा । उसके ठंडे पर्स से सिक्के चुराए गए थे।
2017 तक, एक्सचेंज को Bter.com कहा जाता था। हालाँकि, इसे Gate.io में रीब्रांड करने के लिए मजबूर किया गया था जब चीनी सरकार ने 2017 में फ़िएट-टू-क्रिप्टो ट्रेडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसने पुराने डोमेन को बंद कर दिया, फ़िएट क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग जोड़े को छोड़ दिया, और अपना ध्यान क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो और चीनी में बदल दिया। युआन ओटीसी ट्रेडों।
आज की स्थिति में, Gate.io मात्रा के मामले में एक अनियमित क्रिप्टो एक्सचेंज बना हुआ है और लगभग तरलता का बाजार करता है। प्रति दिन 3500 बीटीसी मात्रा। हाल की खबरों में, इसकी मूल कंपनी गेट टेक्नोलॉजी इंक ने आगामी गेटचेन विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज (डीईएक्स) परियोजना के लिए क्रिप्टो में $64 मिलियन जुटाए और एक सफल IEO प्लेटफॉर्म Gate.io स्टार्टअप लॉन्च किया ।
एक्सचेंज निम्नलिखित राज्यों के निवासियों और नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं हैः
अधिकांश क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो एक्सचेंजों की तरह, Gate.io कुछ प्रतिस्पर्धी शुल्क लेता है। यदि आप मंच पर व्यापार करना चुनते हैं, तो आप जमा के लिए कोई शुल्क नहीं देंगे, 0.2% स्पॉट और मार्जिन ट्रेडिंग शुल्क, और एक छोटा निकासी शुल्क जो प्रति क्रिप्टोकुरेंसी वापस ले लिया जा रहा है।
यहां बताया गया है कि Gate.io की निकासी शुल्क की तुलना उसके प्रतिस्पर्धियों द्वारा लिए गए निकासी शुल्क से कैसे की जाती हैः
जैसा कि आप देख सकते हैं, जब USDT, ETH या TRX जैसे व्यक्तिगत सिक्कों की बात आती है, तो Gate.io सबसे सस्ता एक्सचेंज है, लेकिन XMR, XRP या BTC को वापस लेने के लिए यह कुछ अधिक महंगा है।
जब खरीदार और निर्माता शुल्क की बात आती है, तो Gate.io क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो एक्सचेंजों के अधिक महंगे अंत में खड़ा होता है। बड़ी मात्रा में बिटकॉइन और altcoins का व्यापार करने के लिए HitBTC, Binance और KuCoin जैसे एक्सचेंज सस्ते हो सकते हैं। हालाँकि, यह अभी भी बिट्ट्रेक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग से सस्ता है।
इसके अलावा, Gate.io अपने सबसे सक्रिय व्यापारियों को उपयोगी ट्रेडिंग शुल्क छूट के साथ पुरस्कृत करता है। यहां उन व्यापारियों के लिए वॉल्यूम-स्तरीय छूट शुल्क अनुसूची है जो हर महीने 3 बीटीसी और अधिक मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी का आदान-प्रदान करते हैं । छूट मानक 0.2% ट्रेडिंग शुल्क पर लागू होती है।
वॉल्यूम-टियर छूट के अलावा, Gate.io ट्रेडिंग शुल्क के लिए पॉइंट प्लान छूट भी प्रदान करता है। आप अपने स्वामित्व वाले प्रत्येक बिंदु के लिए 1 यूएसडीटी ट्रेडिंग शुल्क कटौती प्राप्त कर सकते हैं। यूएसडीटी टोकन का उपयोग करके उपयोगकर्ता Gate.io वॉलेट अनुभाग के माध्यम से अंक खरीदे जा सकते हैं।
Gate.io के स्थायी अनुबंध ट्रेडों पर अलग-अलग शुल्क लागू होते हैं। यहां, Gate.io नकारात्मक -0.025% निर्माता शुल्क (जो वास्तव में आपको BTC में भुगतान करता है) के साथ बाजार निर्माण को प्रोत्साहित करता है, और 0.075% टेकर शुल्क लेता है । पॉइंट्स का उपयोग करके लागतों को भी कवर किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, Gate.io सभी क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की तुलना में सस्ते अंत के अंतर्गत आता है। यह हमेशा सबसे सस्ता नहीं हो सकता है, लेकिन यह जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यापारियों के लिए एक सुरक्षित और सुरक्षित विनिमय का गठन करता है।
Gate.io यूजर के फंड को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के सिक्योरिटी ट्रिक्स अपनाता है। एक उपयोगकर्ता के रूप में, आप अपने खाते को इसके साथ सुरक्षित कर सकते हैंः
Google प्रमाणक के साथ दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA)।
SMS 2FA, आमतौर पर असुरक्षित माना जाता है।
लॉगिन सत्यापन।
अतिरिक्त फंड निकासी पासवर्ड।
एंटी-फ़िशिंग कोड।
ब्लाइंड आईपी लॉगिन।
दुर्भाग्य से, एक्सचेंज यूनिवर्सल सेकेंड फैक्टर (U2F) सुरक्षा प्रदान नहीं करता है , जिसे आपके खाते में अनधिकृत पहुंच से बचाने का सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है।
आंतरिक रूप से, Gate.io अन्य गुप्त सुरक्षा प्रथाओं के साथ गर्म और ठंडे वॉलेट दोनों का उपयोग करके उपयोगकर्ता निधियों की सुरक्षा करता है। यह ज्ञात है कि उच्च जमा खातों को अपनी निकासी को तुरंत संसाधित करने के लिए अधिक व्यापक ग्राहक सत्यापन प्रक्रिया (केवाईसी केवाईसी 2) से गुजरना होगा।
आवश्यक केवाईसी सत्यापन के बावजूद, Gate.io अभी भी एक अनियमित विनिमय है और इसकी कानूनी स्थिति और न ही ग्राहकों के लिए दायित्व अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। यह भी जानने योग्य है कि हालांकि Gate.io का हैक का कोई इतिहास नहीं है, यह भी बेदाग नहीं है। इसके पूर्ववर्ती प्लेटफॉर्म Bter.com ने 2015 में एक हैकिंग की घटना में लगभग 7,000 BTC खो दिए।
इसके बावजूद, Gate.io ने इससे बहुत सारे मूल्यवान सबक सीखे थे और वर्तमान में साइबर सुरक्षा स्कोर द्वारा CER के शीर्ष 100 एक्सचेंजों के अनुसार बाजार में दूसरे सबसे सुरक्षित एक्सचेंज के रूप में रैंक करता है।
Gate.io जैसे बहुआयामी एक्सचेंज के लिए अपने ग्राहकों के लिए सरलता और उपयोग में आसानी महत्वपूर्ण है। इस कारण से, प्लेटफ़ॉर्म अपने प्रमुख प्रतिस्पर्धियों के समान इंटरफ़ेस का उपयोग करता है - Binance, KuCoin, और अन्य।
साइट के विभिन्न अनुभागों को नेविगेट करना अपेक्षाकृत आसान है, भले ही सुविधाओं की विविधता पहली बार में काफी भारी हो सकती है। आप मुख्य मेनू से सीधे क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार, मार्जिन ट्रेडिंग, उधार और उधार, स्थायी अनुबंध व्यापार, वित्तीय सेवाओं, IEO प्लेटफॉर्म या वॉलेट अवलोकन पर जा सकते हैं।
बाजारों को खोज फ़ंक्शन का उपयोग करके या मुख्य मेनू के माध्यम से नेविगेट करना आसान है। बाजार से बाजार में स्विच करना भी सीधा है, जैसा कि आप स्क्रीन के बाईं ओर बाजार टैब को स्क्रॉल करके कर सकते हैं।
नतीजतन, आप स्क्रीन के बीच में ट्रेडिंग चार्ट पाएंगे। मंच आपको सरल और पेशेवर (ट्रेडिंग व्यू) चार्ट के दृश्य से चुनने देता है। स्क्रीन का दाहिना भाग ऑर्डर बुक के लिए आरक्षित है, जबकि स्क्रीन का निचला भाग ऑर्डर देने के लिए समर्पित है। नियमित ऑर्डर के अलावा, आप Iceberg और Immediate-or-Cancel (IOC) ऑर्डर भी दे सकते हैं।
फिर भी, Gate.io ट्रेडिंग का समग्र प्रभाव कुछ गड़बड़ और अव्यवस्थित है। ऐसा लगता है कि एक साथ बहुत सी चीजें चल रही हैं, और विंडोज़ के लिए अनुकूलन विकल्प कुछ सीमित हैं।
सकारात्मक नोट पर, आप पृष्ठभूमि के लिए तीन अलग-अलग रात मोड में से चुन सकते हैं। इसके अलावा, Gate.io स्टार्टअप IEO प्लेटफॉर्म एक उच्च स्तर का ऑपरेशन है जो आपको सबसे हॉट क्रिप्टोक्यूरेंसी परियोजनाओं में जल्दी से निवेश करने देता है। वास्तव में, Gate.io स्टार्टअप 2019 (अगस्त 2019 तक) का सबसे अधिक लाभदायक IEO प्लेटफॉर्म है और इसने आठ IEO का संचालन किया है। Gate.io पर प्रति IEO का औसत ROI 300 प्रतिशत से अधिक है। यह सभी के लिए IEO में भाग लेना भी आसान बनाता है, क्योंकि बुनियादी केवाईसी जांच के अलावा निवेशकों के लिए कोई अतिरिक्त आवश्यकता नहीं है।
शुरुआती व्यापारी असली पैसे के लिए व्यापार करने से पहले Gate.io के स्थायी अनुबंध के टेस्टनेट में प्रशिक्षण भी ले सकते हैं। यदि आप Gate.io पर परेशानी का सामना करते हैं, तो ग्राहक सहायता लाइव चैट हमेशा आपके लिए है। वैकल्पिक रूप से, आप Gate.io सुविधाओं और प्रक्रियाओं के बारे में सब कुछ जानने के लिए टिकट जमा कर सकते हैं या व्यापक सहायता केंद्र (मुख्य मेनू में सहायता के तहत) ब्राउज़ कर सकते हैं।
यदि आप चलते-फिरते ट्रेडिंग के शौक़ीन हैं, तो आप Gate.io मोबाइल एप्लिकेशन भी देख सकते हैं। वे एंड्रॉइड और आईओएस स्मार्टफोन के लिए उपलब्ध हैं।
संक्षेप में, Gate.io का डिज़ाइन बल्कि मानक है, और कुछ जगहों पर, यह बहुत अधिक अव्यवस्थित हो जाता है, लेकिन यह पहली बार व्यापारियों और आगंतुकों के लिए कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, Gate.io फिएट जमा स्वीकार नहीं करता है । यदि आप व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अपनी क्रिप्टोकरेंसी को एक्सचेंज में स्थानांतरित करना होगा। समर्थित क्रिप्टोकरेंसी की इसकी विस्तृत श्रृंखला को ध्यान में रखते हुए, अनुभवी क्रिप्टो बाजार के खिलाड़ियों के लिए यह एक मुश्किल काम नहीं होना चाहिए, लेकिन शुरुआती मुश्किल में पड़ सकते हैं।
हालांकि जमा मुफ्त हैं, आप निकासी शुल्क का भुगतान करेंगे, जो प्रत्येक सिक्के के लिए अलग है। व्यापारियों को भी Gate.io द्वारा लगाई गई निकासी सीमा के बारे में पता होना चाहिए। उदाहरण के लिए, आप अधिकतम निकाल सकते हैं । प्रति दिन 100 बीटीसी । हालांकि, यदि आप सभी आवश्यक केवाईसी दस्तावेज जमा करते हैं और उच्च निकासी सीमा के लिए समर्थन को ईमेल करते हैं तो सीमा बढ़ाना संभव है।
जैसा कि अधिकांश शुद्ध क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंजों के मामले में होता है, आपकी निकासी तुरंत संसाधित होती है, और अवधि आमतौर पर ब्लॉकचैन की गति पर निर्भर करती है। वही जमा के लिए जाता है।
कुल मिलाकर, Gate.io अधिक अनुभवी क्रिप्टो बाजार व्यापारियों के लिए एक उत्कृष्ट altcoin एक्सचेंज है। ऑल्टकॉइन की विविधता के अलावा, यह निवेशकों को अपने आकर्षक 10x मार्जिन ट्रेडिंग, स्थायी अनुबंध, श्रेणी IEO प्लेटफॉर्म में सर्वश्रेष्ठ और यहां तक कि वित्तीय सेवाओं जैसे मार्जिन लेंडिंग, उधार या आवधिक निवेश योजनाओं के साथ भी लुभाता है। बाजार के शुरुआती लोगों के लिए इसे पचाना बहुत अधिक हो सकता है, लेकिन बाकी सभी को वह मिल सकता है जिसकी उन्हें तलाश थी Gate.io एक्सचेंज।
Gate.io पर ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
सीधे Gate.io एक्सचेंज पर जाएं और "साइन अप" बटन दबाएं।
साइन-अप फॉर्म में अपना विवरण भरें। अपना पासवर्ड (लॉग इन करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा) और फंड पासवर्ड (धन निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा) लिखना न भूलें । एक बार हो जाने के बाद, फॉर्म के नीचे "खाता बनाएं" बटन दबाएं।
इसके बाद, आपको अपने ईमेल की पुष्टि करने के लिए कहा जाएगा। पुष्टि करने के लिए फ़ॉर्म में आपके द्वारा निर्दिष्ट ईमेल के इनबॉक्स पर जाएँ।
यह लीजिए, आपने अभी-अभी एक Gate.io खाता खोला है। खाते के पूर्ण उपयोग के लिए, आपको अभी भी अपनी पहचान (केवाईसी) की पुष्टि करनी होगी। ऐसा करने के लिए अपनी खाता सेटिंग पर जाएं।
साथ ही, जमा करने से पहले अपने खाते की सुरक्षा के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (अधिमानतः Google Auth के साथ) सेट करना न भूलें। सबसे पहले सुरक्षा!
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81d437693a95dcc5d789a08a4c1693db99534443ba48970a6b6d45e172e5fccb | जासं, बांसडीह (बलिया) : पर्यावरण असंतुलन को पटरी पर लाने के उद्देश्य से परिषदीय विद्यालयों के छात्रों के द्वारा इकोफ्रेंडली बाल विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन आगामी दिनों में ब्लाक संस्थान केंद्र पर किया जाना है। इसके लिए बांसडीह बीआरसी पर तैनात बाल विज्ञान प्रदर्शनी के नोडल आशुतोष कुमार सिंह तोमर ने सभी शिक्षकों को जरूरी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बाल विज्ञान प्रदर्शनी से पूर्व विज्ञान शिक्षकों की कार्यशाला में तमाम बिदुओं की जानकारी दी जाएगी।
छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकें इसके लिए सभी को पहले से ही पूरी तैयारी कर लेनी होगी। अब तक सीयर, नवानगर, गड़वार, पंदह, मनियर, बेरुआरबारी, बेलहरी, दुबहड, मुरलीछपरा, बैरिया में आयोजन होने के बाद अब रेवती व बांसडीह में यह आयोजन होने जा रहा है। इस मौके पर रेवती के खंड शिक्षा अधिकारी अवधेश कुमार राय, बांसडीह के खण्ड शिक्षा अधिकारी मोतीचन्द चौरसिया, सभी एबीआरसी दिनेश वर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, जयप्रकाश जी, नन्दलाल मौर्या, सत्यनारायण वर्मा और शिक्षक संघ से कृष्ण कुमार सिंह, संतोष चन्द्र तिवारी, बालेश्वर वर्मा, अनिल कुमार तिवारी उपस्थित रहे।
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81d8aa6ce978f4477f86fe9466f43a87bda5ad41fdb5765510dbc49af110f133 | वर्कआउट केवल मसल्स बनाने और वजन कम करने में ही लाभकारी नहीं होता हैं इसके अलावा भी इसके कई लाभ हैं जैसे यह आपकी त्वचा के लिए भी वरदान से कम नहीं।
ब्रीथिंग एक्सरसाइज आपकी त्वचा और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन वर्कआउट है। अगर आप हर रोज ब्रीथिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करते हैं तो इससे आपका तनाव कम होता है, त्वचा में रक्त संचार बढ़ता है, साथ ही आपकी त्वचा में चमक को बरकरार रखती हैं। इस एक्सरसाइज को आप एक समय में पांच बार कर सकते हैं, थोड़े समय के बाद धीरे-धीरे 15 मिनट तक इसे बढ़ा दें।
कार्डियो वर्कआउट आपकी ग्लोइंग त्वचा से बेहतरीन वर्कआउट है। इसके तहत रनिंग सबसे बेहतर एक्सरसाइज है जो आपको सेक्सी रेडिएंट और ग्लोइंग स्किन देने में मदद करती है। रनिंग करने से आपकी स्किन तक पर्याप्त रक्त पहुंचता है और स्किन को पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जिससे त्वचा को रिपेयर करने में मदद मिलती है।
जमीन पर बैठ जाएं और पैरों को आगे फैला लें। अब घुटनों को थोड़ा मोड़ लें। अब सिट-अप्स करें और इसके साथ ही सामने की ओर चार पंच करें। इस दौरान अपने कोर मसल्स पर दबाव बनाएं रखें। इस एक्सरसाइज के 10 रैप्स के तीन सैट करें और हर सैट के बीच 30 सेकेंड का ब्रेक लें।
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81d8b2bd5b3423da649aaa49089c469158cc84a99f521c9d24449588633696b0 | जयपुर. अंतिम ओवर तक चले रोमांचक मुकाबले में Chennai Super Kings ने Kolkata Knight Riders को 2 विकेट से मात दी। एक समय जो मुकाबला कोलकाता की तरफ जाता हुआ लग रहा था उसी वक्त Ravindra Jadeja ने 2 छक्के और 2 चौके लगाकर पूरा मैच पलटा दिया। Toss जीतकर पहले बल्लेबाजी करने कोलकाता ने 6 विकेट पर 171 रन बनाए। जिसके जवाब में चेन्नई ने 20 ओवरों में 8 विकेट खोकर विजई लक्ष्य हासिल कर लिया।
पहले बल्लेबाजी करते हुए कोलकाता के लिए Rahul Tripathi ने सबसे ज्यादा 45 रन बनाए। 33 गेंदों की अपनी पारी में त्रिपाठी ने 4 चौके और 1 छक्का जड़ा। उनके बाद Nitish Rana ने 37 और Dinesh Karthik ने केवल 11 गेंदों में 26 रन जड़कर KKR को अच्छी फिनिश दी। CSK के लिए Josh Hazelwood और Shardul Thakur ने 2-2 विकेट लिए। वहीं Ravindra Jadeja ने राहुल त्रिपाठी को चलता किया।
चेस करते हुए चेन्नई को Ruturaj Gaikwad (40रन) और Faf du Plessis (43रन) ने अच्छी शुरुआत दी। दोनो ओपनरों में 8.2 ओवरों में 74 रन जोड़े। लेकिन फिर कोलकाता लगातार अंतराल पर विकेट लेकर मैच में वापसी करती हुई दिख रही थी। अंतिम दो ओवरों में चेन्नई को 26 रनों की जरूरत थी और मैच कोलकाता की तरफ जाता हुआ दिख रहा था। जिसके बाद रविन्द्र जडेजा (22 रन 8 गेंद) ने दम दिखाया और 19वे ओवर की आखिरी 4 गेंदों में दो छक्के और दो चौके जड़कर पूरा मैच पलट दिया। अब आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 4 रनों की जरूरत थी। पहली ही गेंद पर Sunil Narine ने Sam Curran का विकेट ले लिया। वहीं ओवर की पांचवी गेंद पर जडेजा को भी LBW kar दिया। अब आखिरी गेंद पर चेन्नई को 1 रन चाहिए था जिसे बनाने में नए बल्लेबाज Deepak Chahar को कोई परेशानी नहीं हुई। जिसके साथ ही आखिरी ओवर तक चले रोमांचक मुकाबले में आखिरकार जीत CSK की हुई।
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81e744b11c93e8065c2581b578f479ade18849f72b84fe3f3f247cccb09df372 | मुखौटा जीवन का है, रूप जिसमें पांच इंद्रियां हैं, और सेक्स और इच्छा के रूप में सकल पदार्थ; वह जो मुखौटा पहनता है वह असली आदमी है।
कॉपीराइट, 1907, X द्वारा। डब्ल्यू।
और अब नासमझ मानवता (bharishad) और मन (agnishvatta) के साथ मानवता के बीच सीमांकन की विशिष्ट रेखा आती है। अब समय आ गया था मन के अवतार (अग्नितत्त्व) को पशु मानवता में (भारिशद का)। प्राणियों के तीन वर्ग थे जिन्हें गुप्त सिद्धांत में "अग्नितत्त्व पित्रिस" या संस ऑफ माइंड कहा जाता था, जिसका कर्तव्य पशु मानवता में अवतार लेना था। ये सन्स ऑफ माइंड, या माइंड्स, पूर्ववर्ती विकास की मानवता के थे, जिन्हें अपने व्यक्तित्व की पूरी अमरता प्राप्त नहीं हुई थी, और इसलिए उनके लिए यह आवश्यक हो गया कि वे अपनी उपस्थिति से नवजात दिमाग को रोशन करके अपने विकास के पाठ्यक्रम को पूरा करें। जानवर आदमी में। तीन वर्गों का प्रतिनिधित्व चिन्ह स्कॉर्पियो (,), धनु (by), और मकर (orn) द्वारा किया जाता है। कैप्रिकॉर्न (Those) के वर्ग में से एक वे थे, जिनका उल्लेख राशि चक्र पर एक पूर्व लेख में किया गया था, या तो पूर्ण और पूर्ण अमरता प्राप्त कर चुके थे, लेकिन जिन्होंने उनकी मदद करने के लिए अपनी तरह के कम उन्नत के साथ इंतजार करना पसंद किया, या अन्य जिसे प्राप्त नहीं हुआ था, लेकिन जो प्राप्ति के निकट थे और जो अपने कर्तव्य के प्रदर्शन के बारे में सचेत और दृढ़ थे। मन के दूसरे वर्ग को संकेत धनु (,) द्वारा दर्शाया गया था, और इच्छा और आकांक्षा की प्रकृति का हिस्सा था। तीसरी श्रेणी वे थे जिनके दिमाग पर इच्छा, स्कॉर्पियो (whose) द्वारा नियंत्रण किया गया था, जब अंतिम महान विकास (मन्वंतर) का अंत आया था।
अब जब भौतिक-पशु मानवता को उसके उच्चतम रूप में विकसित किया गया था, यह सोंस ऑफ माइंड, या माइंड्स के तीन वर्गों के लिए समय था, उन्हें लागू करने और दर्ज करने के लिए। यह पहली अग्नितत्त्व दौड़ (first) हुई। सांसों के माध्यम से उन्होंने उन शवों को घेर लिया, जिन्हें उन्होंने चुना था और खुद को उन मानव-पशु निकायों में रखा था। इस प्रकार जिन मनुष्यों ने अवतार लिया था, उन्होंने उन रूपों और भौतिक मनुष्य में इच्छा सिद्धांत को जलाया और तब आग लगा दी, जो अब एक संवेदनहीन जानवर नहीं थे, बल्कि मन के रचनात्मक सिद्धांत वाला जानवर था। वह अज्ञान की दुनिया से बाहर निकल गया जिसमें वह रह रहा था, विचार की दुनिया में। मानव जानवर जिनके मन में इस प्रकार अवतार लिया गया था, ने भी माइंड को नियंत्रित करने का प्रयास किया, यहां तक कि एक जंगली जानवर अपने सवार के साथ भागने का प्रयास कर सकता है। लेकिन जो मन अवतरित हुए थे वे अच्छी तरह से अनुभवी थे, और पुराने योद्धा होने के नाते, उन्होंने मानव पशु को अधीनता में लाया और इसे शिक्षित किया जब तक कि यह एक आत्म-जागरूक इकाई नहीं बन गया, और उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया, इस तरह पुनर्जन्म की आवश्यकता से मुक्त हो गए। , और अपने स्वयं के विकास पर ले जाने के लिए और अपने स्वयं के विकास के लिए भविष्य के दिन में एक समान कर्तव्य करने के लिए अपने स्थानों में आत्म-जागरूक इकाई को छोड़कर, जो वे थे, मन (() पूर्ण और पूर्ण अमरता प्राप्त कर रहे थे, पर पारित कर दिया। या इच्छा पर बने रहे।
द्वितीय श्रेणी के, धनु (♐︎) वर्ग के लोगों के मन में अपने कर्तव्य की उपेक्षा करने की इच्छा नहीं होती है, लेकिन मानव शरीर की सीमाओं से अछूता रहने की इच्छा करना भी एक समझौता है। उन्होंने पूरी तरह से अवतार नहीं लिया, लेकिन खुद के एक हिस्से को भौतिक निकायों में उन्हें संलग्न किए बिना प्रक्षेपित किया। जिस हिस्से को प्रोजेक्ट किया गया, उसने जानवर की इच्छा को जगाया, और इसे एक सोच वाला जानवर बना दिया, जिसने तुरंत खुद को आनंद लेने के तरीकों और साधनों की कल्पना की क्योंकि यह केवल एक जानवर नहीं था। पहली कक्षा के मन के विपरीत, यह दूसरा वर्ग जानवर को नियंत्रित करने में असमर्थ था, और इसलिए जानवर ने इसे नियंत्रित किया। पहले तो जिन मनुओं ने आंशिक रूप से अवतार लिया, वे स्वयं और मानव पशु के बीच अंतर करने में सक्षम थे, जिसमें उन्होंने अवतार लिया था, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने यह भेदभावपूर्ण शक्ति खो दी, और अवतार लेते समय वे अपने और जानवर के बीच अंतर नहीं कर पाए।
स्कॉर्पियो (,) वर्ग के तीसरे और अंतिम वर्ग, ने उन निकायों में अवतार लेने से इनकार कर दिया, जिनमें अवतार लेना उनका कर्तव्य था। वे जानते थे कि वे शरीर से श्रेष्ठ हैं और देवताओं की तरह बनना चाहते हैं, लेकिन यद्यपि अवतार लेने से इनकार करते हुए, वे पूरी तरह से पशु से नहीं हट सकते, इसलिए उन्होंने उसकी देखरेख की। जैसे-जैसे भौतिक मानवता का यह वर्ग अपनी पूर्णता तक पहुँचता गया, और जैसा कि इसके विकास को आगे नहीं बढ़ाया गया या मन से निर्देशित नहीं किया गया, वे पीछे हटने लगे। वे जानवरों के निचले क्रम से जुड़े, और एक अलग प्रकार के जानवर का उत्पादन किया, मानव और बंदर के बीच एक प्रकार का। इस तीसरे वर्ग के मन ने महसूस किया कि वे जल्द ही शरीर के बिना होंगे यदि भौतिक मानवता की शेष दौड़ को इस प्रकार प्रतिगामी बनाने की अनुमति दी गई थी, और यह देखते हुए कि वे अपराध के लिए जिम्मेदार थे और इस प्रकार उन्हें एक बार में अवतार लेने की अनुमति दी गई थी और पूरी तरह से नियंत्रित किया गया था। जानवर। हम, पृथ्वी की दौड़, एक भौतिक मानवता से बने होते हैं, साथ ही दूसरी (races) और तीसरी श्रेणी के दिमाग (the)। भ्रूण के विकास और जन्म में और मनुष्य के बाद के विकास में दौड़ का इतिहास फिर से अधिनियमित किया गया है।
नर और मादा रोगाणु आत्मा की दुनिया से अदृश्य भौतिक रोगाणु के दो पहलू हैं। जिसे हमने आत्मा की दुनिया करार दिया है, वह पहली मानवता का सांस क्षेत्र है, जो भौतिक मनुष्य जन्म में प्रवेश करता है और जिसमें "हम जीते हैं और चलते हैं और हमारे अस्तित्व में रहते हैं" और मर जाते हैं। भौतिक रोगाणु वह है जो जीवन से जीवन के लिए भौतिक शरीर से संरक्षित है। (पर लेख देखें "जन्म-मृत्यु-मौत-जन्म," पद, वॉल्यूम। 5, Nos। 2-3.)
अदृश्य रोगाणु होने के लिए बच्चे के माता-पिता में से किसी से नहीं आता है; यह उसके व्यक्तित्व का अवशेष है जो पिछली बार पृथ्वी पर रहता था और अब यह बीज-व्यक्तित्व है जो भौतिक माता-पिता की साधन के माध्यम से भौतिक अस्तित्व और अभिव्यक्ति में आता है।
जब एक व्यक्तित्व का निर्माण किया जाना है, तो अदृश्य भौतिक रोगाणु को आत्मा की दुनिया से बाहर निकाल दिया जाता है, और, संयुक्त युगल के सांस क्षेत्र के माध्यम से गर्भ में प्रवेश करना, बंधन है जो गर्भाधान का कारण बनता है। यह तब पुरुष और महिला के दो कीटाणुओं को जन्म देता है, जिससे यह जीवन देता है। यह जीवन के गर्भाशय क्षेत्र को सामने रखता है। फिर जीवन के गर्भाशय क्षेत्र के भीतर, भ्रूण वनस्पति और पशु जीवन के सभी रूपों से गुजरता है, जब तक कि मानव रूप तक नहीं पहुंचता है और इसका लिंग रूप में निर्धारित होता है। फिर यह उस माता-पिता से एक स्वतंत्र जीवन लेता है और अवशोषित करता है जिसके मैट्रिक्स (it) में इसे विकसित किया जा रहा है, और इसलिए जन्म (continues) तक जारी रहता है। जन्म के समय, यह अपने भौतिक मैट्रिक्स, गर्भ से मर जाता है, और फिर से सांस क्षेत्र में प्रवेश करता है, आत्मा की दुनिया। बच्चा अपनी मासूमियत और अज्ञानता में भौतिक मानवता के बचपन को फिर से जीता है। सबसे पहले बच्चा अपने रूप और प्राकृतिक इच्छाओं को विकसित करता है। फिर बाद में, कुछ अप्रत्याशित क्षणों में, यौवन ज्ञात होता है; इच्छा को रचनात्मक दिमाग की आमद से ऊपर उठाया जाता है। यह सन्स ऑफ माइंड के तीसरे वर्ग (the) की मानवता को चिह्नित करता है जिन्होंने अवतार लिया। अब व्यक्तित्व उचित स्पष्ट हो जाता है।
मनुष्य अपने पिछले इतिहास को भूल गया है। साधारण आदमी शायद ही कभी यह सोचने के लिए रुकता है कि वह कौन है या क्या है, वह उस नाम से अलग है जिसके द्वारा वह जाना जाता है और आवेगों और इच्छाओं जो उसके कार्यों को संकेत देते हैं। साधारण आदमी एक मुखौटा है जिसके माध्यम से वास्तविक आदमी बोलने का प्रयास करता है। यह मुखौटा या व्यक्तित्व जीवन, रूप (लिंग शास्त्र, जिसमें पांच इंद्रियां हैं), लिंग के रूप में स्थूल भौतिक पदार्थ और इच्छा से बना है। ये मुखौटा बनाते हैं। लेकिन व्यक्तित्व को पूर्ण मन बनाने के लिए कुछ आवश्यक है, जो मुखौटा पहनता है। व्यक्तित्व से प्रति पांच इंद्रियों के माध्यम से मस्तिष्क-दिमाग अभिनय है। आमतौर पर इसकी स्थापना के समय निर्धारित किए गए शब्द के लिए व्यक्तित्व को शरीर (लिंग शास्त्र) द्वारा एक साथ रखा जाता है। वही सामग्री, वही परमाणु, बार-बार उपयोग किए जाते हैं। लेकिन एक शरीर के प्रत्येक भवन में परमाणुओं को प्रकृति के राज्यों के माध्यम से स्थानांतरित कर दिया गया है, और एक नए संयोजन में उपयोग किया जाता है।
लेकिन इतने सारे कारक व्यक्तित्व के मेकअप में प्रवेश करते हैं, हम प्रत्येक सिद्धांत, तत्वों, इंद्रियों और उन सभी के बीच अंतर कैसे करते हैं जो व्यक्तित्व बनाने के लिए जाते हैं? तथ्य यह है कि सभी शुरुआती दौड़ केवल दूर के अतीत की चीजें नहीं हैं, वे बहुत वर्तमान की वास्तविकता हैं। यह कैसे दिखाया जा सकता है कि पिछली दौड़ के प्राणी समग्र मनुष्य के निर्माण और रखरखाव में संलग्न हैं? सांस की दौड़ (breath) मांस में संलग्न नहीं है, लेकिन इसके माध्यम से बढ़ती है और इसे होने देती है। जीवन की दौड़ (life) परमाणु आत्मा-द्रव्य है जो शरीर के प्रत्येक अणु से गुजरती है। रूप रेस (,), भारशाद पिट्रिस की छाया या अनुमान के रूप में, भौतिक शरीर के आणविक भाग के रूप में कार्य करता है, और भौतिक विमान पर भौतिक मनुष्य को मायने रखने में सक्षम बनाता है। भौतिक शरीर (physical) वह है जो पांच इंद्रियों के लिए स्पष्ट है, जो चुंबकीय आकर्षण या लिंग की आत्मीयता (♎︎) ध्रुवता के अनुसार प्रतिकर्षण के अधीन है। इच्छा सिद्धांत (desire) शरीर के अंगों के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण के रूप में कार्य करता है। फिर विचार का कार्य (which) आता है जो इच्छा पर मन की कार्रवाई का परिणाम है। यह विचार पसंद की शक्ति से इच्छा से अलग है। मन, वास्तविक व्यक्तित्व (♑︎), इच्छा की अनुपस्थिति और उचित निर्णय के कारण की उपस्थिति से जाना जाता है।
व्यक्ति अपनी इकाई को, (distingu) सांस की दौड़ से अलग कर सकता है एक आश्वासन या भाव (बुद्धि नहीं), जो कि सांस के आने-जाने में आता है। यह सहजता और होने और आराम की भावना है। हम इसे नोटिस करते हैं जब एक शांतिपूर्ण नींद से बाहर निकलते हैं या बाहर निकलते हैं। लेकिन इसका पूर्ण संवेदन गहरी ताजगी भरी नींद में, या चंचल अवस्था में अनुभव होता है।
जीवन सिद्धांत (life) को एक हर्षित बाह्य आवेग द्वारा दूसरों से अलग किया जाना है, हालांकि कोई भी व्यक्ति जीवन के विशालतम आनंद से खुद को दूर कर सकता है और खुशी के साथ उड़ सकता है। यह पहली बार आनंददायक अशांति के एक झुनझुने की भावना के रूप में माना जा सकता है जो पूरे शरीर के माध्यम से दालों को महसूस करता है, अगर कोई बैठा है या फिर वैराग्य कर रहा है, जैसे कि वह अपनी कुर्सी से उठे बिना बढ़ सकता है या अपने सोफे पर अभी भी पढ़ते समय विस्तार कर सकता है। स्वभाव के अनुसार, यह सहज रूप से कार्य कर सकता है, या खुद को बल की भावना से जाना जाता है, लेकिन एक शांत और कोमल बल।
तीसरी जाति की इकाई, फॉर्म (of) इकाई, शरीर के भीतर किसी के रूप की भावना से भौतिक शरीर से भिन्न के रूप में जानी जा सकती है और दस्ताने में हाथ की भावना के समान, दस्ताने से अलग होने के रूप में, हालांकि वह साधन है जिसके द्वारा दस्ताने को स्थानांतरित किया जाता है। यह एक अच्छी तरह से संतुलित मजबूत शरीर के लिए मुश्किल है, जहां स्वास्थ्य प्रबल होता है, एक बार भौतिक के भीतर सूक्ष्म रूप शरीर को अलग करने के लिए, लेकिन कोई भी इसे थोड़े अभ्यास से कर सकता है। अगर कोई चुपचाप बिना हिलाए बैठता है, तो शरीर के कुछ हिस्सों को आमतौर पर होश में नहीं रखा जाता है, उदाहरण के लिए कहें, एक पैर के अंगूठे को बिना हिलाए दूसरों से अलग है, लेकिन अगर उस विशेष पैर की अंगुली पर विचार रखा जाए तो जीवन वहीं स्पंदित होने लगेगा। और पैर की अंगुली रूपरेखा में महसूस किया जाएगा। स्पंदना ही जीवन है, लेकिन नाड़ी का संवेदन रूप शरीर है। इस तरीके से शरीर के किसी भी हिस्से को या तो उस हिस्से को हिलाने या हाथ से छूने के बिना ही होश में लाया जा सकता है। विशेष रूप से ऐसा शरीर की त्वचा और चरम सीमाओं के साथ होता है। सिर के बाल भी खोपड़ी की ओर मुड़कर स्पष्ट रूप से होश में आ सकते हैं, और बाल और सिर के आसपास से चुंबकीय तरंगों को महसूस करते हुए चोर महसूस कर सकते हैं।
हालांकि, राज्य की स्थिति में, प्रपत्र निकाय, जो भौतिक शरीर का सटीक डुप्लिकेट है, हो सकता है, एक पूरे या आंशिक रूप में, भौतिक शरीर से बाहर निकल जाए, और दोनों एक-दूसरे के पक्ष में, या एक के रूप में दिख सकते हैं दर्पण में वस्तु और उसका प्रतिबिंब। लेकिन इस तरह की घटना को प्रोत्साहित करने के बजाय टाला जाना चाहिए। एक व्यक्ति का सूक्ष्म हाथ अपने भौतिक वाहन या समकक्ष को छोड़ सकता है और किसी के चेहरे पर उठाया जा सकता है, अक्सर होने वाली घटना हालांकि व्यक्ति द्वारा हमेशा ध्यान नहीं दिया जाता है। जब हाथ का सूक्ष्म रूप अपने समकक्ष छोड़ देता है और कहीं और विस्तारित होता है, तो ऐसा लगता है कि जैसे, एक नरम या उपज वाला रूप, यह धीरे से दबा रहा है या वस्तु से गुजर रहा है। सभी इंद्रियां सूक्ष्म रूप शरीर में केंद्रित हैं, और कोई भी चलते समय इस रूप शरीर को भेद सकता है, यह विचार करके कि वह इसे बना रहा है, सूक्ष्म रूप, भौतिक शरीर को स्थानांतरित करता है, यहां तक कि यह भौतिक शरीर को कपड़े में स्थानांतरित करता है जिसमें यह संलग्न है। रूप शरीर को तब भी भौतिक से अलग माना जाता है, क्योंकि भौतिक कपड़ों से अलग है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने शारीरिक को ठीक उसी तरह महसूस कर सकता है जैसे कि वह अब अपने भौतिक शरीर के साथ अपने कपड़ों को महसूस कर सकता है।
इच्छा (the) सिद्धांत दूसरों से आसानी से अलग है। यह वह है जो जुनून के रूप में बढ़ता है, और वस्तुओं के बाद वासना करता है और अनुचित बल के अत्याचार के साथ संतुष्टि देता है। यह इंद्रियों के भूख और सुख की सभी चीजों के बाद बाहर निकलता है और सालता है। यह चाहता है, और इसके चाहने वालों को आकर्षित करके संतुष्ट करेगा जो इसे अपने आप में एक गर्जन भँवर की तरह चाहता है, या एक जलती हुई आग की तरह इसका उपभोग करता है। प्राकृतिक भूख के हल्के रूप से फैलते हुए, यह सभी इंद्रियों और भावनाओं की रेखा तक पहुंचता है, और सेक्स के संतुष्टि में समाप्त होता है। यह अंधा, अनुचित, बिना शर्म या पछतावा के है, और इस समय की लालसा के विशेष संतुष्टि के अलावा कुछ भी नहीं होगा।
इन सभी संस्थाओं, या सिद्धांतों के साथ एकजुट होना, अभी तक उनसे अलग है, विचार (entity) इकाई है। इच्छा-रूप (entity-is) के संपर्क में यह विचार इकाई व्यक्तित्व है। यह वह है जो सामान्य व्यक्ति खुद को या "मैं" कहता है, चाहे वह सिद्धांत के रूप में अपने शरीर से अलग हो या एकजुट हो। लेकिन यह विचार इकाई जो खुद को "I" कहती है, वह झूठी "I" है, जो वास्तविक "I" या व्यक्तित्व के मस्तिष्क में प्रतिबिंब है।
वास्तविक इकाई, व्यक्ति या मन, मानस (is), किसी भी चीज से संबंधित सत्य के तात्कालिक और सही संज्ञान द्वारा, विशिष्ट अनुपात का उपयोग किए बिना प्रतिष्ठित किया जाता है। यह तर्क की प्रक्रिया के बिना ही कारण है। प्रत्येक संस्था ने हमारे बोलने के अपने तरीके को कुछ हद तक वर्णित किया है। लेकिन जिन लोगों के साथ हम सबसे अधिक चिंतित हैं, वे तीन संकेतों, स्कार्पियो (which), धनु (ric) और मकर (are) की संस्थाएं हैं। दो पहले मानवता के महान थोक बनाते हैं।
इच्छा इकाई, जैसे, का कोई निश्चित रूप नहीं है, लेकिन रूपों के माध्यम से एक अलग भंवर के रूप में कार्य करता है। यह मनुष्य में जानवर है, जिसके पास अंधा बल होने के बावजूद असाधारण है। आम मानवता में यह भीड़ की भावना है। अगर यह किसी भी क्षण पूरी तरह से व्यक्तित्व पर हावी हो जाता है, तो यह समय के लिए उसे शर्म की भावना को खोने का कारण बनता है, नैतिक भावना का। इच्छा द्वारा इंद्रियों के माध्यम से मस्तिष्क के दिमाग के रूप में कार्य करने वाले व्यक्तित्व में विचार और तर्क के संकाय होते हैं। यह संकाय दो उद्देश्यों के लिए उपयोग कर सकता हैः या तो इंद्रियों की चीजों के बारे में सोचने और तर्क करने के लिए, जो इच्छाओं के हैं, या उन विषयों से संबंधित सोचने और तर्क करने के लिए जो इंद्रियों से अधिक हैं। जब व्यक्तित्व संकाय का उपयोग किसी उद्देश्य के लिए करता है, तो यह स्वयं को वास्तविक I के रूप में बोलता है, हालांकि तथ्य की बात के रूप में यह केवल वास्तविक I, वास्तविक अहंकार का प्रतिबिंब है। दोनों के बीच के अंतर को आसानी से किसी के भी द्वारा समझा जा सकता है। व्यक्तित्व तर्क संकाय का उपयोग करता है और इंद्रियों के माध्यम से दूसरों से बात करता है, और इंद्रियों के माध्यम से चीजों का अनुभव करता है। व्यक्तित्व संवेदनशील है जो गर्वित है, जो स्वार्थी है, जो नाराज है, जो भावुक हो जाता है, और खुद को कट्टर गलतियों के लिए बदला लेगा। जब कोई दूसरे के शब्द या कार्य से आहत महसूस करता है, तो वह व्यक्तित्व ही है जो आहत महसूस करता है। व्यक्तित्व अपने स्वभाव और स्वभाव के अनुसार किसी स्थूल या परिष्कृत चरित्र की चापलूसी में विलीन हो जाता है। यह व्यक्तित्व है जो इंद्रियों को शिक्षित करता है, और उनके माध्यम से उनके आनंद में प्रसन्न होता है। इन सभी के माध्यम से व्यक्तित्व को उसके नैतिक कोड से समझा जा सकता है। यह, व्यक्तित्व, वह इकाई है जो व्यक्तित्व के उच्च या निम्न विकास के अनुसार, अपने स्वयं के और दूसरों के कार्यों के लिए नैतिकता का एक कोड तैयार करता है, और यह वह व्यक्तित्व है जो अपने स्वीकृत कोड के अनुसार कार्रवाई का पाठ्यक्रम तय करता है। लेकिन सही कार्रवाई का सारा विचार अपने उच्च और दिव्य अहंकार से इस झूठे अहंकार में प्रतिबिंब के माध्यम से आता है, और यह प्रकाश व्यक्तित्व के रूप में परिलक्षित होता है, अक्सर इच्छा की अशांत बेचैन गति से परेशान होता है। इसलिए कार्रवाई में भ्रम, संदेह, और संकोच।
वास्तविक अहंकार, व्यक्तिवाद (♑︎), इस सब से अलग और अलग है। यह गर्व की बात नहीं है, और न ही इसे किसी भी बात पर नाराज किया जाता है जिसे कहा और किया जा सकता है। बदला का व्यक्तित्व में कोई स्थान नहीं है, इसमें दर्द की कोई बात नहीं है, न ही बोले गए शब्दों या विचारों के परिणामस्वरूप, कोई आनंद इसे चापलूसी से महसूस करता है, या इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करता है। क्योंकि यह अपनी अमरता के बारे में जानता है, और भावना की गुज़रने वाली चीजें किसी भी तरह से इसके लिए आकर्षक नहीं हैं। व्यक्ति के रूप में नैतिकता का कोई कोड मौजूद नहीं है। एक कोड है, लेकिन यह अधिकार का ज्ञान है और इसकी कार्रवाई स्वाभाविक रूप से होती है। यह ज्ञान की दुनिया में है, इसलिए समझ की अनिश्चित और स्थानांतरण चीजों का कोई आकर्षण नहीं है। व्यक्तित्व के माध्यम से व्यक्ति व्यक्तित्व के माध्यम से दुनिया से बात करता है, क्योंकि उसका कर्तव्य व्यक्तित्व को आत्म-सचेत बनाने के बजाय उसे प्रतिबिंबित करने वाला आत्मचेतन होना है जो व्यक्तित्व है। व्यक्तित्व निर्भय है, क्योंकि कुछ भी इसे घायल नहीं कर सकता है, और यह सही कार्रवाई के माध्यम से व्यक्तित्व को निडरता सिखाएगा।
व्यक्तित्व में व्यक्तित्व की आवाज अंतरात्मा की आवाज हैः एकल आवाज जो भाव की आवाज के हंगामे के बीच चुपचाप बोलती है, और इस दहाड़ के बीच सुना जाता है जब व्यक्तित्व सही जानना चाहता है और ध्यान देगा। व्यक्तित्व की यह मूक आवाज केवल गलत काम को रोकने के लिए बोलती है, और उसके द्वारा सुनी जाती है और व्यक्तित्व से काफी परिचित हो सकती है, अगर व्यक्तित्व अपनी आवाज़ सीखता है और उसके इशारे का पालन करता है।
व्यक्तित्व मनुष्य में तब बोलना शुरू करता है जब वह पहले एक बच्चे के रूप में खुद को "मैं" समझता है, दूसरों से अलग और स्वतंत्र। आमतौर पर व्यक्तित्व के जीवन में दो काल होते हैं जो विशेष रूप से चिह्नित होते हैं। जिस क्षण से यह चेतन स्मृति में आया था, या इसकी पहली मान्यता थी। दूसरी अवधि तब होती है जब उसमें यौवन का ज्ञान जागृत होता है। चापलूसी द्वारा संतुष्टि, अभिमान और शक्ति का संतुष्टि जैसे अन्य काल हैं, फिर भी ये ऐसे स्थल नहीं हैं जैसे कि दो नाम हैं, भले ही इन दोनों को भुला दिया जाए या बाद के जीवन में शायद ही कभी याद किया जाए। एक तीसरी अवधि है जो व्यक्तित्व के जीवन में अपवाद है। यह वह अवधि है जो कभी-कभी परमात्मा के प्रति तीव्र आकांक्षा के क्षण में आती है। इस अवधि के रूप में चिह्नित किया गया है जैसे कि प्रकाश की एक फ्लैश जो मन को रोशन करती है और अपने साथ अमरता की भावना या उपस्थिति लाती है। तब व्यक्तित्व को अपनी कमजोरियों और अपनी कमजोरियों का एहसास होता है और इस तथ्य के प्रति सचेत होता है कि यह वास्तविक नहीं है। लेकिन यह ज्ञान अपने साथ विनम्रता की शक्ति लाता है, जो कि एक बच्चे के रूप में ताकत है जिसे कोई भी घायल नहीं करेगा। अपने वास्तविक अहंकार की वास्तविक उपस्थिति, वास्तविक I की चेतना की भावना को दबा दिया जाता है।
व्यक्तित्व का जीवन उसकी पहली स्मृति से उसके शरीर की मृत्यु तक और जीवन के दौरान उसके विचारों और कार्यों के अनुपात में एक अवधि के लिए विस्तारित होता है। जब मृत्यु का समय आता है, तो व्यक्ति अपनी रोशनी को अपनी किरणों की किरणों के रूप में वापस ले लेता है; सांस इकाई अपनी उपस्थिति को वापस लेती है और जीवन का अनुसरण करती है। रूप शरीर भौतिक के साथ समन्वय करने में असमर्थ है, और यह उसके शरीर से उगता है। भौतिक को क्षय या भस्म होने के लिए एक खाली खोल छोड़ दिया जाता है। इच्छाओं ने शरीर छोड़ दिया है। अब व्यक्तित्व कहाँ है? व्यक्तित्व केवल निचले दिमाग में एक स्मृति है और इच्छा के एक हिस्से के रूप में या दिमाग के कुछ हिस्सों में स्मृति है।
यादों का वह हिस्सा जो पूरी तरह से इंद्रियों की चीजों से संबंधित है और कामुक संतुष्टि की, इच्छा इकाई के साथ बनी हुई है। स्मृति का वह हिस्सा जो अमरता या वास्तविक अहंकार की ओर आकांक्षा का हिस्सा था, अहंकार, व्यक्तिवाद द्वारा संरक्षित है। यह स्मृति व्यक्तित्व का स्वर्ग है, धार्मिक संप्रदायों द्वारा भव्य पृष्ठभूमि पर चित्रित या चित्रित किया गया स्वर्ग। व्यक्तित्व की यह स्मृति एक जीवन का उत्कर्ष, जीवन की महिमा है, और यह कई प्रतीकों के तहत दुनिया के धर्मों में, और व्यक्तित्व द्वारा संरक्षित है। हालांकि यह व्यक्तित्व का सामान्य इतिहास है, लेकिन हर मामले में ऐसा नहीं है।
हर व्यक्तित्व के लिए तीन पाठ्यक्रम संभव हैं। इनमें से केवल एक का ही पालन किया जा सकता है। सामान्य पाठ्यक्रम पहले ही रेखांकित किया जा चुका है। एक और कोर्स व्यक्तित्व का पूर्ण नुकसान है। यदि किसी भी जीवन में जो रूप प्रस्तुत किया गया था, वह मन की रोशनी की किरण द्वारा व्यक्तित्व में पैदा होता है और विकसित होता है, और उसे अपने सभी विचारों को इंद्रियों की चीजों पर केन्द्रित करना चाहिए, अपने सभी विचारों को आत्म-संतुष्टि पर संलग्न करना चाहिए, या तो एक कामुक प्रकृति या स्वार्थी शक्ति के प्यार के लिए, अपने सभी संकायों को दूसरों की परवाह किए बिना खुद पर केंद्रित करना चाहिए, और आगे, इसे एक दिव्य प्रकृति की सभी चीजों से बचना, इनकार करना और निंदा करना चाहिए, फिर ऐसी कार्रवाई से व्यक्तित्व आकांक्षा से जवाब नहीं देगा। वास्तविक अहंकार का दिव्य प्रभाव। इस तरह की आकांक्षा से इनकार करने से, मस्तिष्क में आत्मा-केंद्र मृत हो जाएंगे, और एक निरंतर गतिरोध प्रक्रिया के द्वारा, मस्तिष्क में आत्मा-केंद्र और आत्मा-अंगों को मार दिया जाएगा, और अहंकार के पास कोई रास्ता नहीं खुलेगा व्यक्तित्व से संपर्क कर सकते हैं। इसलिए यह पूरी तरह से व्यक्तित्व से अपने प्रभाव को वापस ले लेता है और व्यक्तित्व उसके बाद या तो एक बौद्धिक जानवर या भाव-प्रेमी जानवर है, क्योंकि इसने अपने काम को शक्ति के लिए संकायों के माध्यम से, या इंद्रियों के माध्यम से मात्र आनंद के द्वारा प्राप्त किया है। यदि व्यक्तित्व केवल एक भावना-प्रेमी जानवर है, तो यह बौद्धिक खोज की ओर है, जहां तक वे इंद्रियों को उत्तेजित कर सकते हैं और उनके माध्यम से आनंद उठा सकते हैं। जब मौत इस तरह के व्यक्तित्व के लिए आती है, तो उसके पास इंद्रियों से ऊंची चीज के लिए कोई स्मृति नहीं होती है। यह मृत्यु के बाद अपनी सत्तारूढ़ इच्छा से संकेतित रूप लेता है। यदि यह कमजोर है तो यह मर जाएगा या सबसे अच्छा एक बेवकूफ के रूप में पुनर्जन्म हो सकता है, जो बेवकूफ पूरी तरह से या केवल एक सनसनीखेज छाया के रूप में एक समय के लिए खत्म हो जाएगा।
बौद्धिक पशु के व्यक्तित्व के साथ ऐसा नहीं है। मृत्यु के समय व्यक्तित्व एक समय तक बना रहता है और एक पिशाच के रूप में रहता है और मानवता पर अभिशाप होता है, और फिर एक मानव पशु (♏︎-() का पुनर्जन्म होता है, जो एक अभिशाप और मानव रूप में एक संकट है। जब यह अभिशाप अपने जीवन की सीमा तक पहुँच गया है, तो यह फिर से इस दुनिया में पैदा नहीं हो सकता है, लेकिन यह चुंबकत्व और ऐसे अज्ञानी मनुष्यों के जीवन पर एक समय के लिए रह सकता है, क्योंकि यह उन्हें जुनून करने और उन्हें वशीकरण करने की अनुमति देगा, लेकिन अंत में इच्छा की दुनिया से बाहर मर जाता है, और केवल इसकी तस्वीर संरक्षित है, सूक्ष्म प्रकाश की बदमाशों की गैलरी में।
व्यक्तित्व का नुकसान एक हजार मौतों की तुलना में कहीं अधिक गंभीर मामला है, मृत्यु के लिए केवल सिद्धांतों के संयोजन को रूप में नष्ट कर देता है, जबकि उनके जीवन का संचय संरक्षित होता है, प्रत्येक अपने स्वयं के व्यक्तित्व में। लेकिन व्यक्तित्व की हानि या मृत्यु भयानक है क्योंकि, इस तत्व को काम करने के लिए उम्र लग गई है, जो व्यक्तित्व के रोगाणु के रूप में मौजूद है, और जो जीवन से जीवन तक पुनः उत्पन्न होता है।
हालांकि कोई मानव व्यक्तित्व पुनर्जन्म नहीं करता है, फिर भी व्यक्तित्व का एक बीज या रोगाणु है जो करता है। हमने व्यक्तित्व के इस रोगाणु या बीज को आत्मा की दुनिया से अदृश्य भौतिक रोगाणु कहा है। जैसा कि दिखाया गया है, यह सांस क्षेत्र (and) से अनुमानित है, और एक शारीरिक शरीर को एकजुट करने और उत्पादन करने के लिए सेक्स के दो कीटाणुओं के लिए बंधन है। यह युगों से चला आ रहा है, और तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कि कुछ जीवन में व्यक्तित्व को सच्चे अहंकार द्वारा नहीं उठाया जाएगा जो इसे एक सचेत अमर अस्तित्व के लिए सुनिश्चित करता है। फिर वह व्यक्तित्व (that) अब केवल एक जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि मकर (,) तक, अमर जीवन के ज्ञान तक बढ़ा है। लेकिन व्यक्तित्व की हानि या मृत्यु केवल सांस क्षेत्र को प्रभावित नहीं करती है, भारिशाद पितृ (♋︎), यह व्यक्ति (♑︎), मन को भी पीछे छोड़ देता है। इसके लिए व्यक्तित्व के रूप में जाने जाने वाले भारिशद के प्रतिनिधि को अमर बनाने के लिए अग्नितत्त्व पितृ का कर्तव्य है। चूंकि यह कैंसर (race) जाति के लिए वायरगो-स्कोर्पियो (♍︎-♏︎) दौड़ को विकसित करने के लिए उम्र लेता है, इसलिए यह उस इकाई के लिए फिर से उम्र ले सकता है ताकि एक और इकाई का निर्माण किया जा सके जिसके माध्यम से इसके संबंधित अग्निवत् पित्री इसके संपर्क में आ सकते हैं। ।
जिस व्यक्तित्व ने अपने उच्च अहंकार से खुद को अलग कर लिया है, उसे अमरता में कोई विश्वास नहीं है। लेकिन यह मृत्यु से डरता है, स्वाभाविक रूप से यह जानकर कि यह होना बंद हो जाएगा। यह अपने स्वयं को बचाने के लिए किसी भी संख्या में जीवन का बलिदान करेगा, और जीवन के लिए सबसे अधिक दृढ़ता से धारण करेगा। जब मृत्यु आती है तो इससे बचने के लिए लगभग अप्राकृतिक साधनों का उपयोग किया जाता है, लेकिन अंत में इसे आत्महत्या करना चाहिए। मौत के लिए एक से अधिक कार्य हैं; यह अपरिहार्य और अनमोल स्तर का है, जो इच्छाधारी अज्ञानी, दुष्ट और अन्यायी की आत्म-नियति है; लेकिन यह उस व्यक्तित्व को आदर्श प्रतिफल में भी ले जाता है, जिसे उसने दुनिया में अपने काम से अर्जित किया है; या, मौत के माध्यम से, आदमी, आकांक्षा से बढ़ रहा है और सजा के डर से ऊपर सही कार्रवाई या इनाम की आशा, मृत्यु का रहस्य और शक्ति सीख सकता है - फिर मृत्यु अपने महान रहस्य को सिखाती है और मनुष्य को उसके दायरे से ऊपर ले जाती है जहां उम्र अमर है युवा और युवाओं को उम्र का फल।
व्यक्तित्व के पास पूर्व जीवन को याद करने का कोई साधन नहीं है, क्योंकि यह एक व्यक्तित्व के रूप में कई हिस्सों का एक नया संयोजन है, जिनमें से प्रत्येक भाग संयोजन में काफी नया है, और इसलिए पूर्व व्यक्तित्व की कोई स्मृति उस व्यक्तित्व द्वारा नहीं हो सकती है । वर्तमान व्यक्तित्व से पहले एक अस्तित्व की स्मृति या ज्ञान व्यक्तित्व में है, और किसी विशेष जीवन या व्यक्तित्व की विशेष स्मृति उस जीवन के प्रवाह या आध्यात्मिक सार में है जो कि व्यक्तित्व में बरकरार है। लेकिन पिछले जीवन की स्मृति व्यक्तित्व से व्यक्ति के दिमाग में झलक सकती है। जब ऐसा होता है, तो यह आमतौर पर तब होता है जब वर्तमान व्यक्तित्व ने अपने वास्तविक स्व की इच्छा की है। फिर, यदि आकांक्षा किसी विशेष पूर्व व्यक्तित्व के साथ मेल खाती है, तो यह स्मृति व्यक्तित्व से व्यक्तित्व में परिलक्षित होती है।
यदि व्यक्तित्व प्रशिक्षित है और अपने उच्च अहंकार के प्रति सचेत है, तो यह पिछले जीवन या व्यक्तित्व से जुड़े व्यक्तित्वों के बारे में जान सकता है। लेकिन यह केवल लंबे प्रशिक्षण और अध्ययन के बाद ही संभव है, और दिव्य जीवन को दिया गया जीवन। वह अंग जो व्यक्तित्व द्वारा उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से उच्च कार्यों और संकायों में, पिट्यूटरी शरीर है, जो खोपड़ी के केंद्र के पास एक खोखले गुहा में आंखों के पीछे स्थित है।
लेकिन जो लोग पूर्व व्यक्तित्वों के जीवन को याद करते हैं, वे आमतौर पर तथ्यों को नहीं बताते हैं, क्योंकि ऐसा करने का कोई वास्तविक लाभ नहीं होगा। जो लोग पिछले जन्मों की बात करते हैं, वे आमतौर पर उनकी कल्पना करते हैं। हालाँकि, कुछ हस्तियों के लिए एक तस्वीर देखना या पिछले जीवन से संबंधित ज्ञान का फ्लैश होना संभव है। जब यह वास्तविक होता है तो यह आमतौर पर इस तथ्य के कारण होता है कि पिछले जीवन का सूक्ष्म रूप या इच्छा सिद्धांत पूरी तरह से फीका नहीं हुआ है, और वह हिस्सा जिस पर एक स्मृति प्रभावित हुई थी या किसी घटना की तस्वीर का मसौदा तैयार किया गया है या संलग्न हो गया है। वर्तमान व्यक्तित्व का संगत हिस्सा, या फिर उसके मस्तिष्क के क्षेत्र में प्रवेश करता है। फिर यह तस्वीर से बहुत प्रभावित होता है, और चित्र के साथ विचारों के जुड़ाव द्वारा इसके चारों ओर कई घटनाओं का निर्माण करता है।
कोई भी दौड़ या सिद्धांत, अपने आप में बुराई या बुरा नहीं है। बुराई कम सिद्धांतों को मन को नियंत्रित करने की अनुमति देने में निहित है। सिद्धांतों में से प्रत्येक मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक है, और जैसे कि यह अच्छा है। भौतिक शरीर की अवहेलना या अनदेखी नहीं की जा सकती। यदि कोई भौतिक शरीर को स्वस्थ, मजबूत और शुद्ध रखता है, तो वह उसका दुश्मन नहीं है, वह उसका दोस्त है। यह उसे अमर मंदिर के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री के रूप में प्रस्तुत करेगा।
इच्छा मृत्यु या नष्ट होने का कोई बल या सिद्धांत नहीं है, क्योंकि इसे न तो मारा जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। यदि इच्छा में बुराई है, तो बुराई अंध इच्छा बल को इच्छा की सनक और तृप्ति के लिए मन को मजबूर करने की अनुमति देने से आती है। लेकिन यह ज्यादातर मामलों में अपरिहार्य है, क्योंकि जो मन खुद को धोखा देने की अनुमति देता है, उसके पास अनुभव और ज्ञान नहीं है, और न ही जानवर को मात देने और नियंत्रित करने की इच्छाशक्ति हासिल की है। इसलिए इसे तब तक चलना चाहिए जब तक यह विफल न हो जाए या यह जीत न जाए।
व्यक्तित्व एक मुखौटा नहीं है जिसे गाली दी जाए और एक तरफ फेंक दिया जाए। व्यक्तित्व के बाद व्यक्तित्व सांस और व्यक्तित्व द्वारा निर्मित होता है, कि इसके माध्यम से मन दुनिया, और दुनिया की ताकतों के संपर्क में आ सकता है, और उन्हें दूर कर सकता है और शिक्षित कर सकता है। व्यक्तित्व सबसे मूल्यवान चीज है जिसे मन के साथ काम करना है, और इसलिए, उपेक्षित नहीं होना चाहिए।
लेकिन व्यक्तित्व, हालांकि महान और आत्म-महत्वपूर्ण और थोपना और गर्व और शक्तिशाली यह प्रतीत हो सकता है, केवल शांत आत्म-परिचित व्यक्ति की तुलना में एक सनकी बच्चे के रूप में है; और व्यक्तित्व को एक बच्चे के रूप में माना जाना चाहिए। इसकी समझ से परे चीजों के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, हालांकि एक बच्चे के रूप में इसकी बुरी प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जानी चाहिए, और धीरे-धीरे यह देखना होगा कि क्या बच्चा खेल या खुशी का घर नहीं है, खिलौने और चखने के साथ। मिठास का, लेकिन यह कि दुनिया बयाना काम के लिए है; जीवन के सभी चरणों का एक उद्देश्य है, और यह उद्देश्य यह है कि व्यक्तित्व की खोज और प्रदर्शन करना, यहां तक कि बच्चे को सबक के उद्देश्य को पता चलता है जो वह सीखता है। फिर सीखना, व्यक्तित्व कार्य में रुचि रखता है, और उद्देश्य में, और अपने गोरों और दोषों को दूर करने के लिए दृढ़ता से प्रयास करता है, जैसा कि बच्चे को आवश्यक देखने के लिए किया जाता है। और धीरे-धीरे व्यक्तित्व अपने उच्च अहंकार की आकांक्षा में पहुंच जाता है, यहां तक कि बढ़ती हुई युवा पुरुष बनने की इच्छा रखता है।
लगातार अपने दोषों को रोकना, अपने संकायों में सुधार करना, और अपने दिव्य स्वयं के प्रति जागरूक ज्ञान की आकांक्षा करना, व्यक्तित्व महान रहस्य को उजागर करता है - कि खुद को बचाने के लिए इसे स्वयं को खोना होगा। और स्वर्ग में अपने पिता से प्रकाशित होने के नाते, यह अपनी सीमाओं और सुंदरता की दुनिया से खुद को खो देता है, और खुद को अमर दुनिया में अंतिम स्थान पर पाता है।
In जीवन के गर्भाशय क्षेत्र में शामिल हैं, मेडिकल पार्लियामेंट में, अल्टानियोसिस, एमनियोटिक द्रव और एम्नियन।
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81e827f1f5401f9cc7d3be8f86b411f7df1fc4230fdaa66be61f5650883e98fc | कोलकाताः विंडीज के टी20 कप्तान कार्लोस ब्रेथवेट ने ईडन गार्डन्स पर अभ्यास करके पसीना बहाया, जिस मैदान पर विश्व टी-20 फाइनल में उनके लगातार चार छक्कों से वह सुर्खियों में आ गए थे। ब्रेथवेट ने चार नवंबर को भारत के खिलाफ पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच की तैयारियों के अंतर्गत टी20 के एक अन्य दिग्गज कीरोन पोलार्ड और पांच अन्य खिलाडिय़ों के साथ कड़ा अभ्यास किया।
डेरेन ब्रावो, खारी पियरे, निकोलस पूरन, दिनेश रामदीन और शेरफाने रदरफोर्ड उनके साथ ट्रेनिग करते दिखे जो विंडीज टी20 टीम के अन्य सदस्य हैं। सभी का ध्यान बल्लेबाजी पर था, सभी ने तीन घंटे तक चले सत्र के दौरान गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाने का प्रयास किया। ब्रावो दो साल में पहली बार विंडीज के लिए खेलेंगे, जबकि आल राउंडर पोलार्ड साल में पहली बार राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनेंगे।
वेस्टइंडीज टी20 टीम इस प्रकार है।
कार्लोस ब्रेथवेट (कप्तान), फैबियन एलेन, डेरेन ब्रावो, शिमरोन हेटमायर, इविन लुईस, ओबेद मैकॉय, कीमो पॉल, खारी पियरे, कीरोन पोलार्ड, रोवमैन पावेल, दिनेश रामदीन, आंद्रे रसेल, शेरफाने रदरफोर्ड, ओशाने थामस।
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81ecb8711aae2a718c3dada08b06a1388914295656f60be01bf592666a04413e | Biking Expedition पर वायुसैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (IAF) आगामी 8 अक्टूबर को अपनी 86वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। इस कार्यक्रम को मनाने के लिए वायु सेना ने Trans-Himalayan Mountain Terrain Biking Expedition (THE MTB) के रूप अनूठा अभियान शुरू किया है। बीती 17 अगस्त को लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी से अरुणाचल प्रदेश के Kibithu के लिए राइडिंग अभियान शुरू किया गया। अभियान टीम में 18 वायु योद्धा हैं जिनमें 12 मोटरसाइकिल सवार तथा 6 सहायक कर्मचारी हैं।
दौलत बेग ओल्डी और Kibithu उत्तर तथा पूर्व में भारत की दो अग्रिम चौकियां हैं। दौलत बेग ओल्डी 16,614 फीट की ऊंचाई पर स्थित उच्चतम एयरफील्ड है। यह अभियान दल जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, असम तथा अरुणाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों से होता हुआ करीब 4,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा।
अभियान दल अपनी पूरी यात्रा के दौरान प्रतिकूल मौसम, बर्फबारी, बारिश में कैंप करने तथा खुद को सुरक्षित रख पाने में सक्षम है। भारतीय वायु सेना का पर्वतीय क्षेत्र की इतनी ऊंचाई पर किया जा रहा राइडिंग अभियान अपने किस्म का पहला है।
अभियान का नेतृत्व विंग कमांडर S Sharathchandra कर रहे हैं। इस अभियान का उद्देश्य चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करने और 'Go Green' पहल करने के लिए वायु सैनिकों के बीच साहस की भावना को बढ़ावा देना है।
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81edfbd95fc66ca96df4ed9e09cac2eeefbb4fb6c975cf39c2cd3512e6353d42 | DMRC Vacancy Notice: दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड ने 1493 सहायक प्रबंधक, जूनियर इंजीनियर और अन्य पदों के लिए रोजगार समाचार प्रकाशित किया है सभी उम्मीदवारों से निवेदन है की Delhi Metro Rail Corporation के लिए आवेदन करने से पहले रोजगार संबंधी सभी आवश्यक जानकारियाँ पढ़ लें उसके बाद ही आवेदन करें।
ITI/ डिप्लोमा/ B.E/ B.Tech/ CA/ ICWA/ स्नातक डिग्री, कृपया सटीक जानकारी के लिए इस नौकरी के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन (DMRC Career Notification) जरूर देखें।
उम्मीदवार की आयु 18 - 30 वर्ष के अंदर होनी चाहिए। कृपया आयु में छूट एवं अन्य जानकारियों के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन देखिये।
इस Sarkari Job में साक्षात्कार/ साइको टेस्ट/ स्किल टेस्ट, में प्रदर्शन के अनुसार कैंडिडेट का सिलेक्शन होगा, चयन प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी के लिए नीचे Official DMRC Career Notification जरूर चेक करें।
सैलरी कितनी मिलेगी (Salary in DMRC)
इच्छुक उम्मीदवार Offline आवेदन कर सकते हैं इसके लिए नीचे दिए गए आवेदन लिंक पर क्लिक करें, कृपया आवेदन करने से पहले ऑफीशियल DMRC Recruitment Notification जरूर चेक करें।
Gen/OBC/EWS: 500/- & SC/ST/Pwd: 250/- अधिक जानकारी के लिए ऑफिशियल DMRC Career Notification जरूर चेक करें।
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81fa43fa74e0344e43cc04a3ff87580768e3b006a829a6f1cffb8e34a746a788 | अमीर तेल उत्पादक देशों द्वारा सॉवरिन वेल्थ फंडों (एसडब्ल्यूएफ) के जरिये भारत में किया जाने वाला निवेश तेल कीमतों में गिरावट की वजह से प्रभावित हो सकता है। सऊदी अरब, कुवैत, नॉर्वे और कनाडा जैसे देशों को तेल कीमतों में आई ताजा गिरावट का नुकसान उठाना पड़ सकता है। ये देश भारत में एसडब्ल्यूएफ के जरिये निवेश करते हैं। एनएसडीएल के आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय इक्विटी में सॉवरिन वेल्थ फंडों के तहत आने वाली परिसंपत्तियोंं का आकार 1.82 लाख करोड़ रुपये का है।
तेल कीमतों में बड़ी गिरावट से इस ईंधन पर जोखिम की धारणा को बढ़ावा मिल सकता है जिससे एफपीआई अपना निवेश निकाल सकते हैं। एफपीआई ने पिछले 12 सत्रों में लगभग 33,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे और एसडब्ल्यूएफ की बिकवाली से हालात और ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। एसडब्ल्यूएफ, मुख्य तौर पर दीर्घावधि निवेशक होते हैं।
विदेशी ब्रोकरेज फर्म बोफा सिक्योरिटीज ने बुधवार को अपने वित्त वर्ष 2021 के एफपीआई निवेश प्रवाह के अनुमान में 5 अरब डॉलर तक की कमी की। ब्रोकरेज फर्म ने भारत के लिए वित्त वर्ष 2021 की वृद्घि का अनुमान घटाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है, वहीं वैश्विक मंदी की स्थिति में इसे 4.4 प्रतिशत किया गया है। विश्लेषकों के अनुसार, तेल कीमतों में गिरावट का कई प्रमुख तेल उत्पादक या निर्यातक देशों के आय स्तरों और वित्तीय स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है। खपत भी प्रभावित हो सकती है जिससे भारत समेत अन्य देशों से आयात प्रभावित होगा। तेल कीमतों में लंबे समय तक मंदी की स्थिति में कुछ देशों में सामाजिक अशांति की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
डाल्टन कैपिटल एडवाइजर्स के निदेशक यूआर भट ने कहा, 'दुनियाभर में सरकारों को विदेशी निवेशकों के बीच भरोसा लौटाने के लिए मौद्रिक और राजकोषीय मोर्चे पर कदम उठाने की जरूरत होगी।'
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी का कहना है कि जहां तेल कीमतों में गिरावट से भारत की वृहद स्थिति (राजकोषीय स्थिति, मुद्रास्फीति, मुद्रा और विदेशी मुद्रा भंडार) सुधारने में मदद मिल सकती है, वहीं यदि वैश्विक वृद्घि की रफ्तार प्रभावित होती है तो इससे निर्यात मांग पर दबाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा, 'सॉवरिन वेल्थ फंडों से भारत में ताजा निवेश प्रवाह घट सकता है। हम तेल कीमतों में लंबे समय तक मंदी की स्थिति में बिकवाली देख सकते हैं।' उनका कहना है कि इस मंदी से पश्चिम एशिया के देश, रूस, नॉर्वे, कनाडा और अमेरिका भी प्रभावित हो सकता है।
यूरोप और अमेरिका में कोविड-19 की महामारी से पैदा हुईं मांग वृद्घि की चिंताओं की वजह से तेल कीमतों पर दबाव पड़ा है। जेपी मॉर्गन ऐसेट मैनेजमेंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है, '30-40 डॉलर प्रति बैरल के मौजूदा स्तर का मतलब होगा दुनियाभर में कई ऊंची लागत वाले उत्पादकों के लिए परिचालन नुकसान उठाना, जिससे आपूर्ति में कमी आएगी। हालांकि आखिरकार कीमतें अधिक टिकाऊ स्तर की ओर वापस आएंगी। फिर भी यह झटका बाजार के लिए अल्पावधि में जोखिम का कारण बना रह सकता है।'
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820674a94b8da270fc3953558a4b2f7c5e9d5ff9c7dafeb2fee500cd30094b6b | ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड मुस्लिम परिवारों में झगड़ों के निपटारे के लिए शरई अदालतों (दारूलकजा) के बजाए सामान्य अदालतों के प्रति बढ़ते रुझान से फिक्रमंद है।
बोर्ड इस कोशिश में है कि मुस्लिमों के पारिवारिक झगड़े शरियत के प्रावधानों के तहत दारूलकजा में ही निपटाए जाएँ। लखनऊ में हाल में हुई बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में इस मुद्दे पर भी विचार हुआ और तय किया गया कि बोर्ड की दारूलकजा कमेटी के संयोजक मौलाना सलमान नदवी पूरे देश में इस बाबत अभियान चलाएँगे।
बकौल पर्सनल लॉ बोर्ड कार्यकारिणी के प्रमुख सदस्य डा.कासिम रसूल इलियास-इसके लिए काजियों को प्रशिक्षित किए जाने पर भी जोर दिया जाएगा। बोर्ड ऐसे प्रशिक्षण केन्द्रों की तादाद भी बढ़ाएगा।
हालांकि महिला काजी तैयार करने के बजाए यह कोशिश की जा रही है कि बोर्ड की जो महिला सदस्य हैं वह बतौर काउंसलर मुस्लिम औरतों के बीच काम करें। हालांकि डा. इलियास मानते हैं कि पारिवारिक झगड़ों के मामलों में महिला अपनी बात किसी महिला के सामने अच्छी तरह से खुलकर कह सकती है।
आँकड़ों की पड़ताल से पता चलता है कि अकेले लखनऊ की पारिवारिक अदालत में लम्बित करीब पन्द्रह हजार मुकदमों में एक तिहाई मुस्लिम परिवारों के हैं। इनमें तलाक, दहेज उत्पीड़न और घरेलु हिंसा के मामले अहम् हैं। प्रदेश की बाकी पारिवारिक अदालतों में भी ऐसे मामलों के आँकड़े कमोवेश यही हैं।
मामलों की बढ़ती तादाद और इनके निपटारे के लिए दारूलकजा की बजाए सामान्य अदालतों में जाने की बढ़ती प्रवृत्ति के अलावा बोर्ड नेतृत्व इस पर भी परेशान है कि तमाम राज्यों में जिला स्तर पर दारूकजा का गठन अब तक नहीं हो सका है। यही वजह है कि मजबूरन मुस्लिमों को फैमिली कोर्ट और ऐसी ही अन्य अदालतों की शरण में जाना पड़ता है।
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820a59f3a9493fe96e47d762e73dde82155b6ed8ed44c3a44a99228718343b24 | राम मंदिर मुद्दे पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक के उड़पि में चल रही धर्मसंसद के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर सिर्फ राम जन्मभूमि पर ही बनेगा। बता दें, सुप्रीम कोर्ट में 5 दिसंबर से अयोध्या मामले पर आखिरी सुनवाई होने जा रही है। एेसे समय में उससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं।
इस दौरान धर्मसंसद में आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'राम जन्मभूमि पर राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा। उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्षों से चल रहे हैं।' उन्होंने कहा कि राम मंदिर के ऊपर एक भगवा झंडा बहुत जल्द लहराएगा। राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता। इसके साथ ही मोहन भागवत ने गोरक्षा की वकालत करते हुए कहा कि हमें गायों की सुरक्षा सक्रिय रूप से करनी होगी। अगर गोहत्या पर बैन नहीं लगेगा, तो हम शांति से नहीं जी सकेंगे।
बता दें, अयोध्या मुद्दे को शांतिपूर्वक हल करने के लिए हाल के दिनों में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर की पहल पर बातचीत हुई थी। इसके अलावा शिया वक्फ बोर्ड ने भी अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है। शिया वक्फ बोर्ड ने जो प्रस्ताव दिया है, उसके मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाए और लखनऊ में मस्जिद बने।
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820f63c32b2312850cc24dbf2494ba3f6c67ff5804f72c3b46a8ee6c86ea86a4 | तहलका मचा रहा इन लडकियों का डांस, जिसने देखा विडियो वो हो गया मस्त... - JanMan tv\nतहलका मचा रहा इन लडकियों का डांस, जिसने देखा विडियो वो हो गया मस्त...\nShanu VermaJuly 16, 2019\nइंटरनेट की दुनिया में आज बहुत जल्दी चीज़े वायरल हो जाती है. पिछले कुछ सालो से युवाओं के बीच पंजाबी गाने का क्रेज काफी तेज़ी से बढ़ा है. इस बात का अंदाजा यूट्यूब पर धमाल मचा रहे इस लड़की के डांस वीडियो से लगाया जा सकता है. ये लड़की अपने अलग अलग अंदाज़ के डांस स्टेप्स करती नज़र आ रही है. अभी हाल ही में पंजाबी सिंगर कमल कहलोन और परम सिंह का एक गाना 'दारू बदनाम करती' पूरे देश में काफी पॉपुलर हुआ था.\nआज भी अगर आप किसी पार्टी फंक्शन में जाते होंगे तो एक बार ये गाना आपको सुनने को मिल ही जायेगा. आपको बता दें, इस गाने को यूट्यूब पर अब तक करोड़ों बार देखा जा चुका है.सिर्फ इतना ही नहीं अब इस गाने का क्रेज युवाओं में इस कदर बढ़ चूका है की कई सारे लोगो ने तो इस गाने पर अपने डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर कर दिया है.\n29 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है वीडियो\nआज इंटरनेट के जरिए लोग अपनी-अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने कर रहे हैं. आपकी प्रतिभा मे कितना दम हैं वह इंटरनेट जरिए ही आपको पता चल जाता है. आए दिन हमें इंटरनेट पर नए-नए वीडियो देखने को मिलते हैं. अगर इंटरनेट यूजर्स को आपकी प्रतिभा पसंद आती है, तो उसे वायरल होने में जरा भी वक्त नहीं लगता. आज एक ऐसा ही वीडियो हम आपको दिखाने जा रहे हैं जो इंटरनेट पर काफी वायरल हुआ है.\nइन दिनों एक लड़की का इसी गाने पर डांस का वीडियो यूट्यूब पर काफी तेजी से देखा जा रहा है.\nइस वीडियो को एक यू-ट्यूब चैनल ने अपलोड किया है. वायरल हो रहे इस वीडियो में एक लड़की डांस करती हुई नजर आ रही हैं. इस लड़की ने 'दारू बदनाम करती' पर इतना जबरदस्त डांस किया है कि लोगों को उनके डांस का हर एक स्टेप बेहद पसंद आ रहा है. यही कारण है कि 12 मई को अपलोड किए गए इस वीडियो को अब तक 29 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. सिर्फ इतना ही नहीं, इस वीडियो पर 3000 से ज्यादा कमेंट्स और 64 हजार से ज्यादा लाइक आए हैं.\nइंटरनेट और सोशल मीडिया साइट्स आज एक ऐसा माध्यम बन चुका है जहां पर हर एक इंसान एक दुसरे से अपडेट रहते है. इस माध्यम से आज देश की युवा पूरी दुनिया के सामने अपना टैलेंट दिखाने में सफल साबित हो रहे हैं. जिन लोगों को अपना टैलेंट दिखाने का कोई मौका नहीं मिल पाता है, वैसे लोगों के लिए सोशल मीडिया आज एक वरदान के रूप में काम कर रहा है.
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8213fc62201452b64800b7eeba75bbe5484934f5e84049a3841a6944de32024e | कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने शुक्रवार को नोडल अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा की। कलेक्टर डॉ जैन ने कोरोना वायरस कोविड 19 के सेम्पल संग्रहित करने हेतु एमएमयू टीम के सदस्यों को हर रोज साढे चार सौ सेम्पल लेने के निर्देश दिए है। उक्त व्यवस्था के क्रियान्वयन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को जिम्मेवारी सौंपी गई है। कलेक्टर डॉ जैन ने कहा कि आरएटी से अब हर रोज ढाई सौ से अधिक सेम्पलो का परीक्षण किया जाए। शेष अन्य दो सौ सेम्पलों के परीक्षण हेतु मेडीकल कॉलेज तथा टू्र नाट के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर डॉ जैन ने कोरोना वायरस कोविड के संक्रमण को रोकने हेतु जनजागरूकता के कार्यक्रमों पर विशेष बल देते हुए संबंधित नोडल अधिकारी श्री विजय श्रीवास्तव को निर्देश दिए है कि प्रचार के क्षेत्र में नवाचारो के माध्यम से आमजनो तक संदेश पहुंचाए जाएं। उन्होंने परम्परागत प्रचार के संसाधन पेम्पलेट, दीवार लेखन, शपथ इत्यादि तक ही सीमित ना रहते हुए आकर्षक नवाचार का उपयोग कर प्रचार-प्रसार कराया जाए। नवीन कलेक्ट्रेट के सभागार कक्ष में सम्पन्न हुई जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार, सिविल सर्जन सह अधीक्षक डॉ संजय खरे के अलावा अन्य नोडल अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने शुक्रवार को नवीन कलेक्ट्रेट के समीप स्थित विवेकानंद चौराह (ईदगाह) से नीमताल तक पहुंच मुख्य सड़क मार्ग का जायजा लिया। खासकर सड़क के किनारे वर्षारूपी जल का भराव व कचड़ा पाए जाने पर उन्होंने मौके पर मौजूद मुख्य नगरपालिका अधिकारी को जल निकासी के प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिएहै। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने फुटवाथ पर पैदल चलकर जल निकासी के प्रबंधो का जायजा लेते वक्त लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए है कि फुटपाथ पर पेवरब्लाक लगाए गए है। किन्तु जल निकासी के पाइंट व पाइप लगाने के कार्यो का परीक्षण कराए ताकि अण्डर ग्राउण्ड नाली के माध्यम से वर्षारूपी जल की निकासी हो। कलेक्टर डॉ जैन ने सब्जी मंडी के समीप नाले का भी निरीक्षण किया और मौके पर उनके द्वारा साफ सफाई का जायजा लिया गया है। कलेक्टर डॉ जैन ने निर्देश दिए है कि नीमताल से माधवगंज स्कूल पहुंच सड़क मार्ग के किनारे वर्षारूपी जल का भराव हो रहा है के निकास हेतु पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। कलेक्टर द्वारा शहर के मुख्य मार्ग पर अनावश्यक वाहनो का जमावड़ा ना हो खासकर ट्रक बगैर सड़क के किनारे खडे़ ना रहें ताकि आवागमन में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो। ततसंबंध में कार्यवाही करने हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी को अधिकृत किया गया है।
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने शुक्रवार को सगड़ समूह नलजल योजना के कार्यो का मौके पर जायजा लिया। नटेरन विकासखण्ड के 109 ग्रामों में घर तक पानी पहुंचाने के लिए 125 करोड़ की लागत से उप योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ जैन ने शमशाबाद में स्थित सगड़ बांध पर पहुंचकर समूह नल जल योजना की सप्लाई हेतु तैयार किए गए इंटकडगबेल जल शोधन व पाइप लाइन का निरीक्षण किया है। इसके पश्चात् ग्राम हिनोतिया माली और सांग्रल में पहुंचकर जल सप्लाई की व्यवस्था का जायजा लिया है। यहां कलेक्टर ने निर्देश दिए कि नलों के कनेक्शन सीधे घरो के अंदर हो ताकि घर वालो के लिए पानी भरने के लिए बाहर निकलने की आवश्यकता ना पडे़। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन के अलावा अन्य अधिकारी साथ मौजूद थे।
कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण से प्रभावित मरीजो का इलाज कोविड केयर सेन्टरों में किया जा रहा है। विदिशा जिले में तीन कोविड केयर सेन्टर में भर्ती मरीजो में से शुक्रवार को तीस मरीज पूर्ण स्वस्थ होकर अपने घर पहुंचे है। विदिशा जिला मुख्यालय के कोविड केयर सेन्टर से 23, बासौदा कोविड केयर सेन्टर से छह तथा सिरोंज कोविड केयर सेन्टर से तीन मरीज पूर्ण स्वस्थ होने पर आज डिस्चार्ज हुए है। कोविड केयर सेन्टरों में दी जा रही व्यवस्थाओं के प्रति सभी ने साधुवाद व्यक्त करते हुए चिकित्सकों ओर नर्सिंग स्टॉप के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कोविड केयर सेन्टर में की गई देखभाल को कभी विस्मित नही कर पाएंगें।
जिले में अब तक 663.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है कि जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि 21 अगस्त को जिले में 5.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है। तहसीलों में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर 21 अगस्त शुक्रवार को दर्ज वर्षा की जानकारी तदानुसार विदिशा में 32.2 मिमी, सिरोंज एवं ग्यारसपुर में क्रमशः एक-एक मिमी, लटेरी में सात मिमी, तथा गुलाबगंज में तीन मिमी वर्षा दर्ज की गई है। शेष अन्य तहसील बासौदा, कुरवाई और नटेरन में वर्षा नगण्य रही।
जिले में अवैध मदिरा की धरपकड जारी है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा दिए गए निर्देशो के अनुपालन में आबकारी विभाग द्वारा जिले में विशेष अभियान के रूप में कार्यो का सम्पादन किया जा रहा है। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर औचक दबिश देकर अवैध मदिरा के क्रय विक्रय अथवा परिवहन पर अंकुश लगाया गया है वही अवैध मदिरा बनाने के उपयोग में लाई जाने वाली सामग्री का भी निरीक्षणों के दौरान विनिष्टकरण करने की कार्यवाही की गई है। जिला आबकारी अधिकारी श्री डीएन त्रिवेदी ने गत दिवस हुई कार्यवाही के संबंध में बताया कि मुखबिरो की सूचना पर 38 पाव देशी मसाला मदिरा जप्त कर दो प्रकरण पंजीबद्व किए गए है जप्त मदिरा का बाजार मूल्य तीन हजार आठ सौ रूपए आंकलन किया गया है। सहायक आबकारी अधिकारी व कंट्रोल रूम प्रभारी श्री राहुल ढोके के निर्देशन में जारी धरपकड़ कार्यवाही के संबंध में बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त सूचना के आधार पर विदिशा शहर में शेरपुरा व ग्राम तुमेना में विभागीय अधिकारी व अमले द्वारा दबिश देकर आबकारी अधिनियमों के तहत दो प्रकरण पंजीबद्व किए गए है वही मौके पर 38 देशी पाव मसाला जप्त किए गए है जिसका बाजार मूल्य तीन हजार आठ सौ रूपए है उक्त कार्यवाही में आबकारी उप निरीक्षक श्री राजेश विश्वकर्मा तथा आरक्षक श्री पवन गौर, श्री राहुल राठौर, श्री प्रमोद धुर्वे ने कार्यवाही सम्पादित की है।
भोपाल संभागायुक्त द्वारा जारी निर्देशो के अनुपालन में कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा जिले में विगत पांच वर्षो में सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंशन एवं उन्हें देय समस्त स्वत्वों का भुगतान तत्काल सुनिश्चित कराए जाने के लिए जिले में 26 अगस्त से 11 सितम्बर तक जिला पेंशन कार्यालय में केम्प आयोजित करने के निर्देश प्रसारित किए है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा दिए गए निर्देशो का हवाला देते हुए जिला कोषालय अधिकारी श्री उमेश सक्सेना ने बताया कि जिला कोषालय एवं जिला पेंशन कार्यालय द्वारा संयुक्त रूप से लंबित स्वामित्वों के भुगतान हेतु कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जिले के समस्त विभागो के जिला कार्यालय अधिकारी, आहरण संवितरण अधिकारी को पत्र प्रेषित कर जानकारी तीन दिवस के भीतर जिला कोषालय अधिकारी को उपलब्ध कराने की कार्यवाही क्रियान्वित करने हेतु पत्राचार किया है। समस्त विभागो को प्रेषित पत्र में उल्लेख है कि आपके विभाग में विगत पांच वर्षो में सेवानिवृत्त हुए शासकीय सेवकों की सूची बनाकर यह सुनिश्चित करें कि उनमें से कितने कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण, अवकाश नगदीकरण, जीपीएफ, डीपीएफ, जीआईएस, एफबीएफ अन्य स्वत्वों के भुगतान लंबित है। इसका विवरण जिला पेंशन कार्यालय द्वारा पूर्व मेंं भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है। ऐसे शासकीय सेवकों की सूची जिनका सेवानिवृत्ति उपरांत अभी तक पेंशन भुगतान आदेश जारी नही हो सका है। उन शासकीय सेवकों का नाम पदनाम, एवं सेवानिवृत्ति की तिथि सहित पेंशन निराकरण ना हो सकने का कारण भी स्पष्ट करें। ऐसे प्रकरणों की सूची जिनकी विभागीय जांच संस्थित होने के कारण अभी तक पेंशन प्रकरण का निराकरण नही किया जा सका है। इसमें विभागीय जांच कब से संस्थित है एवं जांच अधिकारी द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है। लंबी अवधि व्यतीत होने के बाद भी जांच पूर्ण क्यो नही की जा सकी। जांच अधिकारी का नाम, पदनाम, एवं पदस्थापना कार्यालय की जानकारी भी उपलब्ध कराएं। 26 अगस्त से 11 सितम्बर तक आयोजित किए जा रहे शिविरों में पेंशन प्रकरण तथा लंबित स्वत्वों के भुगतान हेतु देयक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किए जाए। शिविर में संबंधित कार्यालय की स्थापना लेखा से संबंधित कर्मचारी भी प्रकरण के साथ उपस्थित हो तथा लंबित प्रकरणों के शत प्रतिशत निराकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। यदि इन केम्पों के आयोजन के बाद भी आपके कार्यालय से संबंधित पेंशनर के कोई स्वत्व भुगतान हेतु शेष रहते है तो उसके लिए संबंधित विभागो के अधिकारियों का उत्तरदायित्व होगा। आयोजित होने वाले शिविरों में उपस्थिति के समय कोरोना से संबंधित जारी गाइड लाइन का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए।
पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा के द्वारा सिविल लाइन विदिशा थाना में दर्ज अपराध क्रमांक 321/19 का फरार अपराधी कपिल शिवहरे पुत्र धर्मेन्द्र शिवहरे निवासी ग्राम पोहरा जिला रायसेन की सूचना देने अथवा गिरफ्तारी में मदद कराने वाले को दस हजार रूपए की इनाम राशि देने की घोषणा की है। संबंधित चाहे उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
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8216b1536fb3c0dc94f9333cede67961f1aa6411e6c33f11d396e6502b20767d | पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह अब एंटीगुआ में ही रहेगा, क्योंकि उसे अपने कारोबार का विस्तार करना है. असल में उसके एंटीगुआ जैसे अनजाना देश चुनने के पीछे एक बड़ा खेल है. इससे उसे करीब 130 देशों में आने-जाने के लिए मुफ्त वीजा मिल जाएगा.
खुद मेहुल ने इसे स्वीकार करते हुए अपने बयान में कहा है, 'मैं अपने कारोबार का विस्तार करना चाहता था और 130 देशों की यात्रा के लिए मुफ्त वीजा हासिल करना चाहता था.'
एंटीगुआ के नागरिकों को विभिन्न देशों के साथ हुए समझौते के तहत ऐसी सहूलियत हासिल है. अब चूंकि नीरव मोदी वहां का नागरिक बन चुका है, तो उसे भी ऐसी छूट मिल जाएगी.
उसने कहा कि उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. दूसरी तरफ, एंटीगुआ सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अगर भारत का अनुरोध मिला तो वह कुछ एक्शन ले सकती है.
मेहुल चोकसी ने अपने वकील के माध्यम से जारी एक बयान में कहा, 'मैं यह साफतौर पर कह सकता हूं कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. मैंने कानूनसम्मत तरीके से एंटीगुआ एवं बारबुडा के नागरिक बनने के लिए आवेदन किया था. मैंने इस आवेदन के लिए जरूरी सभी शर्तें पूरी की हैं.'
हालांकि जनवरी से ही भारत से फरार मेहुल ने यह नहीं बताया कि वह देश छोड़कर क्यों भागा. उसने कहा, 'मैंने एंटीगुआ में रहने का निर्णय लिया है, यहां की नागरिकता ली है और यहां के उन सभी कानून का पालन करूंगा जो हर नागरिक का कर्तव्य होता है.'
सीबीआई के अधिकारी मेहुल की नागरिकता के बारे में एंटीगुआ के प्रशासन से बात कर रहे हैं. एंटीगुआ सरकार ने संकेत दिया है कि भारत के अनुरोध पर वह कुछ कदम उठा सकती है. उसने कहा है कि भारत से यदि कोई 'वैध अनुरोध' आता है, तो वह उसे स्वीकार करेगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एंटीगुआ सरकार ने कहा है, 'भारत से यदि भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस भेजने का कोई वैध अनुरोध आता है तो उस पर विचार किया जा सकता है. सरकार इसमें कानून के मुताबिक काम करेगी.' एंटीगुआ सरकार ने कहा कि उसे अभी इसके बारे में भारत सरकार से कोई अनुरोध नहीं मिला है.
मेहुल चोकसी ने पीएनबी घोटाले के खुलासे से पहले ही पिछले साल नवंबर में कैरिबियाई द्वीप एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी. एंटीगुआ की सरकार ने इस बात की पुष्टि की है. पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले में ज्यूलर नीरव मोदी के साथ ही उसके मामा मेहुल चोकसी आरोपी हैं.
ऐसी खबरें आने के बाद कि मेहुल चोकसी अमेरिका से एंटीगुआ जा चुका है, एंटीगुआ ऐंड बारबुडा के सिटीजन बाइ इनवेस्टमेंट यूनिट (CIU) ने एक बयान में कहा था, 'गहन जांच के बाद मेहुल चोकसी को रजिस्ट्रेशन के द्वारा नवंबर, 2017 में नागरिकता दे दी गई थी. जांच में चोकसी के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं पाया गया था.'
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पीएनबी घोटाले में इस साल फरवरी में मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ केस दर्ज किया था. घोटाले का खुलासा होने से पहले ही दोनों देश से फरार हो गए थे.
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8217bfcca44e4b58cb5789d8db1df3a6d718986e867bb9eef993d2cf167c19ba | करनाल। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों के समर्थन में अब डब्ल्यूडब्ल्यूई वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप के पहले भारतीय विजेता द ग्रेट खली भी उतर आए हैं। रिंग में बड़े-बड़े दिग्गजों को धूल चटा देने वाले खली ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि किसानों से पंगा लेना सरकार के लिए भारी पड़ जाएगा। उन्होंने देश के लोगों से किसानों के साथ खड़े होने की अपील की है ताकि सरकार उनकी मांगों को स्वीकारने के लिए मजबूर हो जाए।
सोशल मीडिया पर महाबली खली का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है। खली ने वीडियो में कहा है, 'किसानों से अनाज चंद पैसों में लेकर आम आदमी को 200 रुपए में बेच दिया जाएगा। उससे भी ज्यादा नुकसान दिहाड़ी मजदूरों का है। इस कानून की वजह से रेहड़ी वालों और आम इंसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ेगा।'
महाबली खली ने इस दौरान मोदी सरकार को पंगा न लेने तक की चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा, 'सभी लोग किसानों के साथ खड़े रहें ताकि सरकार इनकी मांगों को मानने के लिए मजबूर हो जाए। पंजाबी और हरियाणवियों से सरकार का पाला पड़ा है यह उनके लिए बहुत भारी पड़ेगा। हमारे साथ आया पूरा जत्था 6 महीने का राशन लेकर आया है और जबतक सभी मांगें पूरी नहीं होंगी तबतक वापस नहीं लौटेंगे।'
दरअसल, कुरुक्षेत्र सीमा स्थित करनाल जिले के समाना बाहू गांव के समीप खली बीते कुछ समय से अपनी एकेडमी तैयार कर रहे हैं। करीब 45 एकड़ ज़मीन पर बन रहे इस प्रोजेक्ट की कमान खली ने खुद अपने हाथ में ले रखी है। इसीलिए वह काफी समय यहां बिता रहे हैं। पंजाब के जालंधर से अक्सर यहां आने वाले खली जब एकेडमी की साइट पर पहुंचे तो चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लगातार दिल्ली का रुख कर रहे किसानों को देखकर अचानक उनके बीच पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने किसानों की खूब हौसला-अफजाई की और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।
बता दें कि 26 नवंबर से दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे हैं। किसान केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने बढ़ते आंदोलन को देख मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं से बातचीत करने के लिए बुलाया था। हालांकि यह बैठक बेनतीजा रही थी। अब गुरूवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच दूसरे दौर की बातचीत होगी।
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821b099afcaafb03c57e3df7e3ae7aeeeaa8b6c9a6ba69d01b6f8af634987587 | बोचहां। यहां अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हैं, इसकी बानगी बिहार के बोचहां थाना क्षेत्र के एक गाँव में देखने को मिला है। यहां घर के अंदर बर्तन धो रही नाबालिग लड़की को दो युवक उठा ले गए। फिर गाँव के बाहर स्थित बगीचे में लड़की को बुरी तरह से मारा-पिटा, उसके बाद दो युवकों ने बेहोश होने तक गैंगरेप किया। अपनी घिनौनी करतूत की आरोपियों ने वीडियो (Gangrape with girl video viral) भी बना लिया जिसे बाद में वायरल कर दिया। होश में आने पर लड़की को इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। बदहवास लड़की ने घर पहुंचकर परिजनों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद से आरोपी घर से फरार हैं।
दरिंदों की हवस का शिकार हुई लड़की की माँ ने बताया की देर शाम करीब 7 बजे उनकी बेटी घर में बर्तन मांज रही थी। इस बीच आरोपी युवक बाइक से आये और लड़की के मुंह को दबाकर अपनी बाइक पर बैठाकर ले गए। गाँव के बाहर स्थित लीची के बगीचे में आरोपियों ने लड़की को सम्बन्ध बनाने को कहा। लड़की ने जब इसका विरोध किया तो दोनों ने बेरहमी से उसकी पिटाई कर दी। फिर वहीं बगीचे में ही दोनों युवकों ने लड़की के साथ गैंगरेप किया। दर्द से बिलबिलाती लड़की जब भी छोड़ देने के लिए कहती दरिंदे उसके नाजुक अंगों (Gangrape with girl video viral) पर प्रहार करते।
कई घंटों तक दरिंदगी का शिकार होने के बाद वह दर्द से बेहोश (Gangrape with girl video viral) हो गयी, उसे होश में लाने के बाद एक बार फिर से दोनों ने गैंगरेप किया और इसका वीडियो भी बना लिया। बाद में लड़की को चाक़ू दिखाते हुए धमकी दी इस बारे में किसी को बताया तो जान से मार देंगे साथ ही वीडियो भी वायरल कर देंगे। बदहवास लड़की घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया। पीड़िता की माँ ने थाने में आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने लड़की को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा, जहां गैंगरेप की पुष्टि हुई है। आरोपियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
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821bbf0c54ec88b41b7a6b1c7b2e65e24c46718fc993e485e57302e339dc1be6 | What is SMPS in Hindi - एसएमपीएस क्या है ? (फायदे / नुकसान)
What is SMPS in Hindi - एसएमपीएस क्या है ? (फायदे और नुकसान)
What is SMPS in Hindi (एसएमपीएस क्या है?) यदि इस प्रश्न का उत्तर आपके पास नहीं है और आप इसका उत्तर जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े.
कंप्यूटर को इस्तेमाल हम अपने कई काम को करने के लिए करते हैं, लेकिन क्या आपको कंप्यूटर के अंदर इस्तेमाल हुए हिस्सो के बारे में ज्ञात है?
चलिये सबसे पहले हम एसएमपीएस का मतलब (SMPS Meaning in Hindi) जान लेते हैं.
यदि हम एसएमपीएस की परिभाषा (फुल्ल फॉर्म) की बात करें तो, इसकी फुल्ल फॉर्म है - Switched-Mode Power Supply.
What is SMPS in Hindi - एसएमपीएस क्या है ?
इन काम को करने के लिए हम जिन सामग्री का इस्तेमाल करते हैं जैसे कि - Television, Washing Machine, Oven, Cooler, A.C. इत्यादि वो सभी के सभी बिजली की मदद से ही चलते हैं.
लेकिन कंप्यूटर के केस में ऐसा बिलकुल भी नहीं है, यदि हम बाकी वस्तु के तरह कंप्यूटर को भी डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी से जोड़ दें तो यकीनन ही हमारा कंप्यूटर फुक जाएगा। इसलिए तब हम SMPS (smps computer) का इस्तेमाल करते हैं.
यदि आपको याद हो अपना बचपन तो पहले के समय में टीवी या फ्रिज को चलाने के लिए भी हम वोल्टेज पावर सप्लायर का इस्तेमाल करते थे, तो इसका मुख्य काम यह आमतोर पर सोर्स AC या DC जो हमारे घर में आता है उस लोड को DC में परिवर्तित करता है.
दूसरे सभी पावर सप्लाई की तरह, SMPS सोर्स यानि मेन पावर के DC या AC को सीधे DC लोड में ट्रांसफर करता हैं, और यह हमारे कंप्यूटर में भी मौजूद होता है.
SMPS में एक इनपुट वेरिएशंस होता है और उसके बावजूद भी, यह लोड को अच्छी तरह से रेगुलेटेड पावर प्रोवाइड करते है.
Types of Power Supply in Hindi - एसएमपीएस कितने प्रकार के होते हैं ?
Linear Regulated Power Supply : मैं आपको बता दूँ कि इस तरह के पावर सप्लाइ में कंट्रोल नामक एलिमेंट की मदद से सीरीज पास होता है और फिर आउटपुट वोल्टेज देता है.
यदि हम उदाहरण का नाम लें तो इसका बेसिक उदाहरण resistor है, लेकिन मैं आपको बता दूँ कि एक्टिव या लिनियर मोड में अक्सर उपयोग किए जाने वाले सिरिज के पास एलिमेंट BJT या MOSFET ही होता हैं.
SMPS Definition in Hindi : यदि आप इसे आसान शब्दों में समझना चाहते हैं तो हम SMPS को एक तरह का रेगुलेटेड पावर सप्लाई के रूप में समझ सकते है, जो कि पावर सप्लाई को फ्रीक्वेंसी स्विचिंग रेगुलेटर की मदद से DC यानि कि डाइरैक्ट करेंट में बदलता हैं.
ट्रांजिस्टर पूरी तरह से फ्रीक्वेंसी पर ही निर्भर रहता है और उसके अनुसार ON और OFF स्टेट के बीच स्विच करता है, और दोस्तों सिर्फ यही वजह है कि इसका नाम Switching Mode Power Supply हैं.
SMPS Structure in Hindi - एसएमपीएस क्या है ?
जो यह इमेज है इसमें आपको SMPS युनिट का सिर्फ एक बेसिक स्ट्रक्चर दिखाया गया है जिससे आपको समझने में काफी आसानी होगी.
इसमे मुख्यतः अनरेगुलेटेड DC सप्लाई, Switched Mode DC से DC Chopper Circuit को दिया जाता हैं और आउटपूट रेगुलेटेड DC सप्लाई होता हैं। चलिये अब हम इसे डीटेल में समझते हैं.
नाम से ही समझ में आ रहा है की कुछ रेक्टिफाई होने का कार्य है, इस SMPS में, पावर सप्लाइ को DC में कन्वर्ट करने से पहले AC इनपूट में rectified किया जाता हैं.
दोस्तों मैं यदि आसान भाषा में इसको समझाऊँ तो कंट्रोल टेक्निक का इस्तेमाल करते हुए कवरेज इनपुट करंट को साइन वेव फालो करने के लिए फोर्स किया जाता हैं, ताकि वोल्टेज स्मूथ तरीके से आगे पहुचे.
2). Power Inverter Information in Hindi - SMPS क्या हैं ?
आज कल लगभग सभी घरों में आपको इनवर्टर देखने को बहुत ही आसानी से मिल जाता है, शायद आपके घर में भी हो लेकिन क्या आपको उसके अंदर हो रहे कार्य के बारे में ज्ञात है?
यदि है तो बहुत ही अच्छी बात है लेकिन अगर नहीं है तो दोस्तों दुखी होने की जरूरत नहीं है क्यूंकी मैं आपको बहुत ही सरल और आसान शब्दों में बताने जा रहा हूँ.
उसी Power oscillator का उपयोग करके हमारे घर में जो बाहर से DC आता है उसको AC में बदलने का कार्य इसी के माध्यम से होता है.
इस स्टेज में, पहले के स्टेज के मुकाबले कुछ ज्यादा कडा काम होता है क्यूंकी एक हाई फ्रीक्वेंसी ट्रांसफार्मर और इनवर्टेड AC उसके प्राइमरी वाइंडिंग को ड्राइव अर्थात एक साथ चलाते हैं.
यह आउटपुट को बैलेंस करने में मदद कर उसपर अप और डाउन वोल्टेज क्रिएट करते हैं, जब सप्लाइ को DC कि जरूरत होती हैं, तब आउटपूट AC को DC में rectifier circuit के Silicon diodes या Schottky diodes का उपयोग कर कन्वर्ट करता है.
क्यूंकी फीडबैक सर्किट को पावर खूद से बनाने से पहले रन होने के लिए पावर की जरूरत होती है, और यही वजह है कि इसमे नॉन-स्विचिंग पावर-सप्लाई जोड़ा जाता है.
अब जब आपने एसएमपीएस क्या है का पूरा कार्य करने का तरीका समझ लिया है तो अब चलिये हम SMPS का मुख्य तौर पर क्या उद्देश्य है, ये जानते हैं?
SMPS का मुख्य तौर पर क्या उद्देश्य है?
और दोस्तों इसी वजह से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की सुरक्षा के लिए या आप बोल सकते हैं उसके लंबे समय तक के इस्तेमाल के लिए SMPS का इस्तेमाल किया जाता हैं.
इस बात से तो आप भी सहमति रखते होंगे कि हर एक टेक्नोलॉजी के अपने कुछ न कुछ advantages और disadvantages होते हैं। ठीक उसी प्रकार से SMPS के भी हैं, तो चलिये अब हम SMPS के भी फायदे एवं नुकसान पर एक बार नजर डाल लेते हैं.
1. High efficiency : यदि यहाँ स्विच मिल जाता है तो समान को इस्तेमाल करने में आसानी हो जाती है, ठीक उसी प्रकार से यहा आपको स्विचिंग एक्शन मिलता है जिसको आप On या Off भी कर सकते है.
2. Compact : कभी भी पावर का सप्लाइ अचानक से बढ़ या घट जाता है और वैसे सिचुएशन में अप्लायंस खराब ना हो इसलिए परिणामस्वरूप स्विच मोड पावर सप्लाई को अधिक कॉम्पैक्ट बनाया जाता है.
3. Flexible technology : इस टेक्नोलॉजी के मदद से जब कभी वोल्टेज स्टेप-अप या स्टेप-डाउन करने की जरूरत पड़ती है तो उसमें इस टेक्नोलॉजी के मदद से हाई वोल्टेज कन्वर्जन प्रोवाइड किया जाता हैं.
इसके अतिरिक्त स्पाइक या ट्रांसमीटर्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक या RF इंटरफेरेंस का कारण बन सकते हैं जिसका असर अन्य नजदीकी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर हो सकता हैं, खासकर अगर वे रेडियो सिग्नल रिसीव करते हैं.
तो दोस्तों यह था एक लेख SMPS in Hindi टॉपिक पर, आशा है आपको इस लेख के माध्यम से SMPS के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी, यदि कोई पॉइंट मुझसे छूट गया हो तो आप कमेंट कर मुझसे उसके बारे में पूछ सकते हैं.
यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर करना ना भूले, ताकि उनका भी कम्प्युटर के बारे में थोड़ा और ज्ञान बढ़ सके.
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822abab9629d035159704b60a4f6c47d429dc5e10817479ec9123ccc4aa3da6e | चेन्नई,एआईएडीएमके जनरल बॉडी मीटिंग में गुरुवार को शशिकला नटराजन को जयललिता का औपचारिक उत्तराधिकारी चुन लिया गया. मीटिंग में शशिकला को पार्टी महासचिव चुना गया है यानी पार्टी की कमान अब उन्हीं के हाथ में होगी. माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम से उन्हें चुनौती मिल सकती है, पर ऐसा हुआ नहीं और सर्वसम्मति से उनके नेतृत्व में काम करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी.\nपिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से जयललिता महासचिव का पद संभाल रही थीं. शशिकला पिछले तीन दशकों से जयललिता की सबसे भरोसेमंद सहयोगी रही हैं. बैठक में शशिकला को महासचिव चुन लिया गया है, पर माना जा रहा है कि अपने ज्योतिषी की सलाह पर शशिकला2या3जनवरी को पहली बार पार्टी मुख्यालय जाकर आधिकारिक तौर पर अपना कामकाज संभालेंगी.\nबैठक में 14 प्रस्ताव पास किए गए. इनमें जयललिता के जन्मदिन को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव भी शामिल है. बैठक में यह भी तय हुआ कि केंद्र सरकार से जयललिता को भारत रत्न दिए जाने और संसद में उनकी कांस्य मूर्ति स्थापित करने की मांग की जाएगी.जनरल बॉडी मीटिंग में शशिकला मौजूद नहीं थीं. मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम मीटिंग में पास हुआ प्रस्ताव लेकर खुद शशिकला नटराजन को देने उनके आवास गए. शशिकला ने पनीरसेल्वम के हाथों से पार्टी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.\nबता दें कि बुधवार को मुख्यालय के बाहर पार्टी की बर्खास्त सांसद शशिकला पुष्पा के वकीलों की पिटाई कर दी गई थी. उनके4वकील पार्टी मुख्यालय में एक पत्र देने पहुंचे थे, तभी कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर दी थी.\nPrevious Previous post: कलमाड़ी के बाद चौटाला सशर्त पद छोडऩे को तैयार\nNext Next post: अचानक लुढक़ सकती है कर्ज से बढ़ती चीन की इकॉनमी?
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822c4673b48e71390aef5480ffe19a026b924e890b316a1537aef9cd3008d1e4 | Home > > GST Fundamentals > रिवर्स चार्ज आधार पर आपको कर का भुगतान कब करना है?
रिवर्स चार्ज एक अवधारणा है जिसके बारे में हम पिछले कर शासन में जान चुके हैं। सरल तरीके से कहें तो, रिवर्स चार्ज के तहत, सरकार को लेनदेन पर कर का भुगतान करने की देयता प्राप्तकर्ता पर है। सेवा कर के तहत, रिवर्स चार्ज विशिष्ट अधिसूचित सेवाओं के मामले में लागू था। लगभग हर राज्य में, अपरिवर्तित डीलरों से खरीद करने पर, एक पंजीकृत व्यक्ति को अपंजीकृत विक्रेता की तरफ से कर का भुगतान करना पड़ता था। यह आयात के मामले में भी लागू था, जहाँ आयातक को सरकार को आयात शुल्क का भुगतान करना पड़ता था।
GST के तहत, रिवर्स चार्ज इन 3 परिदृश्यों में लागू होता हैः
कुछ वस्तुओं और सेवाओं के लिए अधिसूचित किया गया है, जिनको प्राप्त करने पर, प्राप्तकर्ता द्वारा सरकार को कर का भुगतान करना होगा। इन अधिसूचित वस्तुओं में काजू खोल समेत, बीड़ी आवरण पत्तियों और तम्बाकू के पत्ते शामिल हैं। जिन सेवाओं पर प्राप्तकर्ता को रिवर्स चार्ज पर कर चुकाना है, वह यहाँ उपलब्ध है।
जब आप सामान और/या सेवाओं को आयात करते हैं, तो आपको माल और/या सेवाओं पर लागू दर के अनुसार, उस आयात पर सरकार को कर का भुगतान करना होगा। माल या सेवाओं के मूल्य पर आयात किये जाने पर, सीमा शुल्क को अलग से लगाया जाएगा, क्योंकि यह GST के तहत शामिल नहीं है। मूल कीमत + सीमा शुल्क पर, IGST लगाया जाएगा।
जब आप अपंजीकृत डीलरों से कर योग्य माल और/या सेवाओं की खरीद करते हैं, तो आपको आपूर्ति पर सरकार को कर का भुगतान करना होगा। यह कर सामान और/या सेवाओं पर लागू दर के अनुसार होगा। ध्यान दें कि यह रिवर्स चार्ज लागू नहीं होता है यदि पंजीकृत न किए गए डीलरों से एक दिन में खरीदारी का कुल मूल्य रु. 5,000 से अधिक ना हो।
उस आपूर्ति के लिए चालान कैसे बनायें, जिस पर रिवर्स चार्ज पर कर का भुगतान करना है?
आप उस आपूर्ति के लिए, जिस पर रिवर्स चार्ज पर टैक्स का भुगतान किया जाता है, चालान इस प्रकार बना सकते हैं, जैसा कि नीचे दिखाया गया हैः
रिवर्स चार्ज पर किस प्रकार का भुगतान किया जाना चाहिए, इसका विवरण कैसे प्रस्तुत करना है?
अधिसूचित वस्तुओं और/या सेवाओं की जावक आपूर्ति का विवरण, जिस पर रिवर्स चार्ज के आधार पर प्राप्तकर्ता द्वारा भुगतान किया जाता है, को फॉर्म GSTR-1 में प्रस्तुत किया जाना चाहिएः
आवर्ती आपूर्ति का विवरण, जिस पर रिवर्स चार्ज के आधार पर आपके द्वारा कर का भुगतान किया जाता है, फॉर्म GSTR-2 में प्रस्तुत किया जाना चाहिएः
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82374535f62389f3bebafa930c7bfaf61fe64872efb11013e255e05d63effe1e | बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) ने देशी चिकित्सा निदेशालय, स्वास्थ्य विभाग के अधीनस्थ आयुर्वेदिक मिश्रक, ग्रुप-सी के 42 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किया है. इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवार 12-06-2016 तक आवेदन भेज सकते है.
पात्रता मानदंडः इंटरमीडिएट (जीव विज्ञान) में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के राजकीय अस्पताल/औषधालय/शिक्षण संस्थान आदि में कम-से-कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए.
चयन प्रक्रियाः उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जायेगा.
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82374d27574a75db007ad9201095ffc39a4e964ccb02868780f0488037a36e17 | (स्पाई ग्लास । टेलीस्कोप) एक सपने में, दूरबीन एक उल्लेखनीय व्यक्ति या उस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जो उनके माध्यम से देख रहा है। सपने में दूरबीन से देखने का मतलब है किसी की प्रतिकूल परिस्थितियों में जीत, किसी के लक्ष्य की प्राप्ति, पद में वृद्धि, जासूसी या खुशी। यदि कोई व्यापारी सपने में दूरबीन के माध्यम से देखता है, तो इसका मतलब है संप्रभुता, समृद्धि, अपने साथी व्यापारियों की अध्यक्षता करना और शक्ति प्राप्त करना।
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8238362d7f8480d81dec89a478aee7e43bb91ffad2f9fe72958b2c36eefd455f | ब्राइडल लहंगा किसी भी दुल्हन की सबसे पसंदीदा ड्रेस में से एक होता है। लेकिन शादी के बाद नई जिम्मेदारियों की उलझन में और भागदौड़ में नयी दुल्हन अपनी इस पसंदीदा पोशाक को ठीक तरीके से स्टोर नहीं कर पाती है और सही तरीके से रखरखाव न करने की वजह से आपका महंगे से महंगा और खूबसूरत ब्राइडल लहंगा बहुत जल्द ही अपनी चमक खो देता है और पुराना नज़र आने लगता है।
शादी के बाद भले ही किसी ख़ास अवसर जैसे करवा चौथ या फिर अन्य किसी पूजा में ब्राइडल लहंगा पहना जाता हो, लेकिन इसे सही तरीके से पैक और स्टोर करने से ये हमेशा नए जैसा नज़र आएगा और हर बार इस खूबसूरत लहंगे को पहनने के बाद आपको ये नयी दुल्हन जैसा एहसास भी दिलाएगा। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप अपने ब्राइडल लहंगे की चमक हमेशा कायम रख सकती हैं।
आप भले ही शादी के बाद भी व्यस्त क्यों न हों लेकिन शादी के बाद लहंगा साफ करने में देरी न करें। भले ही आपके ब्राइडल लहंगे में कोई गहरा दाग या धब्बा नज़र न आ रहा हो लेकिन कुछ दाग हो सकते हैं जो नज़र न आ रहे हों। ऐसे दाग-धब्बों में घास और मिट्टी के दाग सबसे अधिक पाए जाने वाले हैं! यदि अपने ब्राइडल लहंगे को बिना दाग हटाए स्टोर करती हैं, तो लहंगे का रंग समय के साथ फीका पड़ सकता है या खराब हो सकता है। ब्राइडल लहंगे से पसीने के निशान को भी साफ करने की आवश्यकता होती है। इसलिए जैसे ही आपको शादी की जद्दोजहद से थोड़ा समय मिले, वैसे ही लहंगे को किसी प्रतिष्ठित ड्राई क्लीनर से ड्राई क्लीन करवाकर रखें। यदि कोई बड़ा, दिखने वाला दाग है, तो शादी के बाद उसे तुरंत ड्राई क्लीनर को भेजें।
जब ब्राइडल लहंगा ड्राई क्लीन होकर वापस आ जाए तब भी स्टोरेज से पहले चेक कर लें कि इसमें कोई सिलवट न हो। अगर आपको इसमने कोई सिलवटें दिखाई दें तो आप इसे हल्का सा आयरन कर लें। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको बेहद सतर्क रहना होगा और सिलवटें हटाने के लिए एक अच्छे आयरन का उपयोग करना होगा। लहंगा आयरन करते समय लहंगे के ऊपर एक सॉफ्ट कपड़ा रखें और सबसे कम तापमान पर आयरन करें।
जब आप अपनी ब्राइडल ड्रेस को स्टोर कर रही हैं तब आपको कभी भी ब्राइडल वियर को लटकाकर नहीं रखना है। हमेशा ब्राइडल लहंगे (ऐसे सेलेक्ट करें परफेक्ट ब्राइडल लहंगा) को लटकाने की जगह फोल्ड करें। एक ब्राइडल लहंगा या ड्रेस आमतौर पर बहुत भारी है और लटकाने पर वजन परिधान को नीचे खींच लेता है। इससे पोशाक समय के साथ अपनी आकृति खो सकती है। जब आप इसे स्टोर करती हैं तो हमेशा इसे अच्छी तरह से मोड़ें। फोल्ड करना लहंगे के आकार को बरकरार रखेगा और कपड़े के साथ-साथ कपड़े के नाजुक कार्य को भी सुशोभित रखेगा।
आप किसी भी तरह से अपने लहंगे को मोड़ नहीं सकती हैं और इसे अपनी गलत ढंग से अलमारी के पीछे नहीं रख सकती हैं। इसे रखने से पहले अच्छी तरह से फोल्ड कर लें और आपको इसे हमेशा सावधानीपूर्वक मोड़ना होगा। इसे फोल्ड करने के लिए ब्लाउज की स्लीव्स के साथ शुरू करें। उन्हें अंदर की तरफ मोड़ें और फिर बाकी ब्लाउज को उसके ऊपर से मोड़ें। स्कर्ट को अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है क्योंकि यह वह हिस्सा है जिसमें अधिकांश कढ़ाई होती है। बाहरी किनारों से शुरू करके, इसे छोटे फोल्ड्स में मोड़ें। सबसे महत्वपूर्ण कदम प्रत्येक तह के बीच एसिड-फ्री टिशू पेपर की चादरें लगाना है। यह कपड़े और कढ़ाई को उलझने और एक दूसरे को बाहर निकालने से बचाएगा। लहंगे को मलमल के कपड़े में लपेटें और सुनिश्चित करें कि मलमल का कपड़ा मुलायम हो। यह एक आवश्यक कदम है क्योंकि मलमल आपके परिधान को कवर करेगा और इसे नमी से बचाएगा और अच्छी स्थिति में रहने में मदद करेगा।
ब्राइडल लहंगे को रखने के लिए हमेशा एक बड़े आकार के कार्डबोर्ड बॉक्स का इस्तेमाल करें। इसे डायरेक्ट लाइट से दूर रखें और इसे कपड़े की थैली या कोठरी में रखने के बजाय एक मजबूत कार्डबोर्ड बॉक्स में स्टोर करें जो प्रकाश को परिधान तक पहुंचने से रोके। इसके लिए एक बड़ा बॉक्स प्राप्त करें जो एसिड-मुक्त कार्डबोर्ड से बना हो और इसमें मलमल के कपड़े में लिपटे लहंगे को ध्यान से स्टोर करें।
ब्राइडल लहंगे को कीट-मुक्त रखने के लिए लौंग, लैवेंडर पाउच, देवदार तेल या नेफ़थलीन गेंदों का उपयोग करें! ज्यादा केमिकल युक्त कीटनाशकों का उपयोग न करें क्योंकि रसायन आपके परिधान को खराब कर सकते हैं। आसानी से उपलब्ध मोथबॉल सबसे अच्छी पद्धति है। आप एक जल-आधारित, बायोडिग्रेडेबल स्प्रे का भी उपयोग कर सकते हैं, जिसे स्टोरेज बॉक्स के इनसाइड पर लगाया जा सकता है। यदि आप एक शुद्धतावादी हैं, तो देवदार या लैवेंडर से भरे पाउच मॉथबॉल के सभी प्राकृतिक विकल्प हैं। लेकिन चूंकि वे तेल आधारित सामग्री हैं, इसलिए आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके थैली और पोशाक के बीच कोई सीधा संपर्क न हो।
इन सभी युक्तियों को अपनाकर आप अपने ब्राइडल लहंगे को अच्छी तरह से स्टोर भी कर सकती हैं और इसे हमेशा नए जैसा बनाए रख सकती हैं।
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823d6ef489230efacdd8a8c9891da37726e3aa6be690e6018cb05cad796fcae0 | जब आप बंधक, विवाह और संचित ऋण को कम कर रहे हैं, तो सेवानिवृत्ति के लिए बचत असंभव हो सकती है - या असंभव भी - लेकिन यह अभी भी राजकोषीय जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 25 से 34 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में आम तौर पर वे लोग शामिल होते हैं जो अपनी बचत और खर्च करने के पैटर्न को निर्धारित करने में सक्षम होते हैं और जो अभी अपनी राजकोषीय जिम्मेदारियों पर नियंत्रण रखना शुरू कर रहे हैं। यदि आप इस आयु वर्ग में हैं, तो आप शायद सभी वित्तीय सीखने की अवस्था के बारे में जानते हैं जो इसका प्रतिनिधित्व करता है - यह कई युवाओं के लिए पुनर्मूल्यांकन और सुधार का समय है क्योंकि वे यह निर्धारित करते हैं कि वे अपने बजट को कैसे संतुलित करें।
25 से 34 आयु वर्ग के व्यक्तियों ने पहले से ही कम उम्र में वित्तीय विश्लेषण किया हो सकता है। हालाँकि, चाहे आपने पहले ही ऐसा कर लिया हो, फिर भी समय-समय पर यह सुनिश्चित करने के लिए एक पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए कि क्या आपके बजट और ऋण विश्लेषण को प्रभावित करने वाली आपकी वित्तीय आदतों में बदलाव किए जाने चाहिए। जिस आवृत्ति के साथ एक वित्तीय विश्लेषण किया जाना चाहिए, वह व्यक्तियों के बीच अलग-अलग होगा, और अन्य कारकों से भी प्रभावित हो सकता है, जैसे कि ब्याज दरों में बदलाव, राजकोषीय जिम्मेदारियां और आवर्ती व्यय। उदाहरण के लिए, यदि बंधक पर ब्याज दर कम हो गई है क्योंकि किसी व्यक्ति को बंधक ऋण प्राप्त हुआ है, तो यह निर्धारित करने के लिए समझ में आ सकता है कि क्या बंधक पुनर्वित्त होना चाहिए। इसके अलावा, यदि व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति बदल गई है, तो सेवानिवृत्ति के लक्ष्यों को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता हो सकती है।
टिप : एक वित्तीय विश्लेषण एक आवश्यकता है और उन क्षेत्रों की पहचान करने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है जिसमें आप अच्छा कर रहे हैं और ऐसे क्षेत्र जिनमें सुधार की आवश्यकता है । एक सक्षम वित्तीय पेशेवर द्वारा किया गया विश्लेषण करना सार्थक हो सकता है ।
बंधक को पुनर्वित्त करना लाभप्रद हो सकता है, बशर्ते कि यह मासिक भुगतान को कम करके व्यक्ति की उपलब्ध नकदी को बढ़ाता है, या बंधक की अवधि में ब्याज के लिए भुगतान की गई राशि को कम करता है। ज्यादातर मामलों में, व्यक्तियों को पुनर्वित्त करना चाहिए जब बंधक पर वर्तमान ब्याज दरें उस ब्याज दर से कम होती हैं जो वे अपने वर्तमान बंधक पर प्राप्त कर रहे हैं। पुनर्वित्त के कारणों में निम्नलिखित शामिल हैंः
प्रत्येक माह (या अन्य आवृत्ति) भुगतान की गई राशि को कम करना। एक व्यक्ति, जो मासिक आधार पर एक बंधक के लिए कम भुगतान करता है, संभवतः अन्य क्षेत्रों में उपयोग के लिए उपलब्ध अंतर होगा, जिसमें सेवानिवृत्ति के खाते में योगदान की गई राशि में वृद्धि शामिल है।
ऋणों को समेकित करना। यह कई क्रेडिट कार्ड और क्रेडिट के अन्य रूपों के साथ किसी के लिए आदर्श हो सकता है, खासकर अगर उन राशियों पर ब्याज दर बंधक के लिए ब्याज दर से अधिक है। हालांकि, ब्याज की कुल राशि पर ध्यान देना चाहिए जो उन राशियों पर समय के साथ भुगतान किया जाएगा। उदाहरण के लिए, 30 साल से अधिक क्रेडिट कार्ड के बैलेंस को बढ़ाने पर पहले की तुलना में अधिक भुगतान करना होगा। दूसरी ओर, मासिक भुगतान में कमी से बचत के लिए उपलब्ध मात्रा बढ़ सकती है। एक अनुमानित वित्तीय विश्लेषण यह निर्धारित करने के लिए किया जाना चाहिए कि कौन सा अधिक महंगा होगा। (अधिक पढ़ने के लिए, देखेंः व्यक्तिगत ऋण से बाहर खुदाई )
वे व्यक्ति जो अपने बंधक को पुनर्वित्त करते हैं, वे न्यूनतम ब्याज दर और समापन लागत के लिए खरीदारी करना चाहते हैं। यहां तक कि 0.5% प्रतिशत के अंतर से उधारकर्ता को काफी अधिक व्यय होगा, जिससे अन्य उपयोगों के लिए कम नकदी उपलब्ध होगी।
युक्ति : पुनर्वित्त सहित बंधक के लिए अधिकांश शुल्क, परक्राम्य हैं । यह पूछने से डरो मत कि क्या कुछ शुल्क माफ किया जा सकता है, या यदि आपकी ब्याज दर 0.25% कम हो सकती है । याद रखें, एक अनुकूल प्रतिक्रिया प्राप्त करने की संभावना 50% है!
ऋण समेकन में आमतौर पर सबसे कम (या कम) ब्याज दर की छतरी के नीचे कई ऋणों को समेकित करना शामिल होता है, जो कभी-कभी चुकौती अवधि को छोटा कर सकता है। ऋण समेकन का लक्ष्य आमतौर पर क्रेडिट पर भुगतान की गई ब्याज की कुल राशि और किश्तों में भुगतान की गई राशि को कम करना है।
सावधानी : यदि समेकन में कई क्रेडिट कार्ड शामिल हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है कि व्यक्ति को ऋण प्रबंधन के साथ पेशेवर सहायता की आवश्यकता है ।
यदि समाधान में समापन क्रेडिट कार्ड शामिल हैं, तो व्यक्ति को इस बात पर सलाह लेनी चाहिए कि यह उनके FICO स्कोर को कैसे प्रभावित करेगा।
जैसा कि आपकी बैलेंस शीट और रहने की लागत में परिवर्तन होता है, इसलिए आपके बजट को आश्वस्त करने की आवश्यकता है। रिबगडॉटिंग प्रक्रिया आपको यह निर्धारित करने में मदद करेगी कि क्या आपको कुछ खर्चों में कटौती करनी चाहिए, या शायद यहां तक कि आपको अपनी उम्मीद के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त आय की आवश्यकता है या नहीं। बजट का पुनरीक्षण आपको सेवानिवृत्ति बचत से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करेगा, जैसे कि आपके घोंसले के अंडे को जोड़ने वाली बजट राशि को बढ़ाना या घटाना।
यदि आप अपने सेवानिवृत्ति बचत लक्ष्य के साथ ट्रैक पर नहीं हैं, तो आपकी सेवानिवृत्ति बचत में योगदान करने वाली राशि में वृद्धि करना आदर्श विकल्प की तरह लग सकता है। हालांकि, आपको यह विचार करना चाहिए कि वित्त के अन्य क्षेत्र पूर्ण सेवानिवृत्ति पैकेज का हिस्सा हैं, और आपके घोंसले अंडे पर प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास अत्यधिक क्रेडिट कार्ड ऋण हैं, तो यह सेवानिवृत्ति के योगदान के लिए बजट की गई राशियों को कम करने और क्रेडिट कार्ड भुगतानों के लिए पुनर्निर्देशित करने का एक अर्थ हो सकता है। आपको क्रेडिट कार्ड भुगतान और सेवानिवृत्ति योजना के योगदान के बीच उपलब्ध राशि को विभाजित करने के इष्टतम साधनों के निर्धारण में सहायता के लिए एक वित्तीय योजनाकार से परामर्श करना चाहिए।
युक्ति : सेवानिवृत्ति बचत को एक आवर्ती व्यय के रूप में माना जाना चाहिए । यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि राशि नियमित रूप से बचाई गई है, जिससे आपके घोंसले अंडे को जोड़ना आसान हो जाता है । यदि आपका नियोक्ता टैक्स-डिफरल या टैक्स-पेरोल कटौती के माध्यम से योगदान प्रदान करता है, तो आपको अपनी बचत बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। आखिरकार, एक पेचेक से कटौती की गई राशि को गैर-डिस्पोजेबल आय के रूप में व्यवहार करना आसान है, और अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली राशि का कम जोखिम है ।
ऐसे कई वित्तीय लाभ उपलब्ध हैं जो विवाहित हैं और संयुक्त कर रिटर्न फाइल करते हैं। उदाहरण के लिए, विवाहित जोड़ों के लिए मानक कटौती अधिक है जो संयुक्त रिटर्न फाइल करते हैं। एक अन्य उदाहरण यह है कि एक पति या पत्नी के पास बहुत कम या कोई आय नहीं है (गैर-कामकाजी जीवनसाथी के रूप में संदर्भित), और कामकाजी पति की कर योग्य आय का उपयोग गैर-कामकाजी पति / पत्नी के आईआरए के वित्तपोषण के लिए "योग्य मुआवजे" के रूप में किया जा सकता है। इससे दंपति के रिटायरमेंट सेविंग में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, ऐसी परिस्थितियां भी हैं जहां अलग रिटर्न दाखिल करने के लिए बेहतर वित्तीय समझ हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि परिवार एक महत्वपूर्ण राशि खर्च करता है, जो कि स्वास्थ्य योजना के माध्यम से प्रतिपूर्ति नहीं की गई थी, या यदि उनके पास कई विविध कटौती हैं, तो अलग-अलग रिटर्न दाखिल करने से कर का बिल कम हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए, दंपतियों को एक कर पेशेवर के साथ परामर्श करना चाहिए, जो दोनों विकल्पों को दाखिल करने के शुद्ध वित्तीय प्रभाव को प्रदर्शित करने में सक्षम होंगे, जिससे यह संभव होगा कि वह सबसे कम कर देयता या अधिक कर वापसी राशि का चयन करे। बचाई गई राशि का उपयोग एक या दोनों पति-पत्नी के लिए सेवानिवृत्ति के खाते में निधि के लिए किया जा सकता है। (इस पर अधिक जानकारी के लिए, जीवनसाथी होने के लाभों की जाँच करें।)
युक्तिः वर्ष के लिए IRA योगदान कर वर्ष के 1 जनवरी से अगले वर्ष के 15 अप्रैल तक किया जा सकता है, और व्यक्ति द्वारा अपना कर रिटर्न दाखिल करने के बाद भी बनाया जा सकता है । यदि कर रिटर्न दाखिल किए जाने के समय IRA में योगदान करने का निर्णय लिया जाता है, तो कर तैयारकर्ता कर वापसी पर राशि को दर्शाता है, यदि लागू हो ।
यद्यपि ये मुद्दे 25 और 34 वर्ष की आयु के बीच के व्यक्तियों पर लागू होने की संभावना है, वे दूसरों पर भी लागू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, विवाहित जोड़ों के लिए कर दाखिल करने की स्थिति या बंधक को पुनर्वित्त करने का निर्णय किसी भी आयु वर्ग के लिए लागू हो सकता है। सेवानिवृत्ति की योजना बनाते समय, आपकी राजकोषीय तत्परता आपकी उम्र से अधिक महत्वपूर्ण होगी। इस तरह, 30-वर्ष के बच्चों के लिए सिफारिश की जाने वाली क्रियाओं को उनकी व्यक्तिगत स्थितियों के आधार पर, 50-वर्षीय बच्चों के लिए भी अनुशंसित किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में सबसे उपयुक्त कदम उठा रहे हैं, एक सक्षम सेवानिवृत्ति योजना सलाहकार या वित्तीय योजनाकार से परामर्श करने में समझदारी हो सकती है।
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82413ef3de7f42f0c9ffc4b12b5df0e4248e529240c108fe6753ff5fd9c6ad32 | नई दिल्ली। भारत-ओमान संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नागाह- 2019 एक शानदार समारोह के साथ कल ओमान में शुरू हुआ। भारतीय सेना और ओमान की रॉयल सेना (RAO) के संयुक्त अभ्यास समारोह में दोनों देशों के राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए और दोनों देशों के सैनिक ओमान तथा भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग और दोनों देशों के बीच समझदारी का संकेत देते हुए एक-दूसरे के साथ खड़े दिखे।
ओमान के सैन्य दल का नेतृत्व वहां की रॉयल सेना के जबल रेजिमेंट ने किया, जबकि भारतीय सेना का नेतृत्व गढ़वाल राइफल रेजिमेंट की 10वीं बटालियन की टुकड़ी द्वारा किया गया। जबल रेजिमेंट के सेकंड-इन-कमान लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद अल सइदी द्वारा भारतीय सैनिकों का स्वागत किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दोनों देश स्वतंत्रता, समानता और न्याय में साझा विश्वास करते हैं। शानदार समारोह में दोनों देशों के सैन्य संगठन की जानकारी और कंट्री प्रेजेंटेशन किया गया।
भारतीय सेना और आरएओ दस्तों का चयन विशेषज्ञता और पेशेवर दक्षता के आधार पर अभ्यास के लिए किया गया है। दो सप्ताह के लम्बे अभ्यास में दोनों देश के सैनिक संयुक्त राष्ट्र घोषणा के अंतर्गत पर्वतीय इलाकों में संयुक्त रूप से आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों में अपनी निपुणता और तकनीकी कौशल दिखाएंगे। संयुक्त अभ्यास में सैनिकों को एक-दूसरे स्थान पर लाने ले जाने के काम पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि यह संयुक्त अभ्यास की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। संभावित खतरों को समाप्त करने के लिए दोनों देश के सैनिक अति-विकसित निपुणता ड्रील के लिए संयुक्त प्रशिक्षण और नियोजन का कार्य करेंगे। दोनों देशों के विशेषज्ञों द्वारा पारस्परिक लाभ के विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। अल नागाह- 2019 दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझदारी और सम्मान बढ़ाएगा और आतंकवाद की विश्वव्यापी समस्या से निपटने में सहायक होगा।
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82426ec5efd947a2b1f5f4e116c18395e3699f4a4855d8fabeba9503fb1d2e28 | नई दिल्ली । नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC Limited) ने आधिकारिक वेबसाइट (ntpc.co.in) पर एग्जीक्यूटिव, सीनियर एग्जीक्यूटिव और स्पेशलिस्ट के पदों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। योग्य और इच्छुक उम्मीदवार 15 अप्रैल 2021 तक आवेदन कर सकते हैं। एनटीपीसी की आधिकारिक वेबसाइट ntpccareers.net पर 01 अप्रैल से 15 अप्रैल 2021 तक आवेदन किया जा सकता है।
• एक्जीक्यूटिव (सेफ्टी)- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / प्रोडक्शन / सिविल / पावर इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग डिग्री। क्षेत्रीय श्रम संस्थान / संस्थान से औद्योगिक सुरक्षा में पूर्णकालिक डिप्लोमा। संस्थान को फैक्ट्री अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त होनी जरूरी है। सरकार / सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी में बिजली उद्योग / विनिर्माण उद्योग में कम से 3 साल का अनुभव।
• एक्जीक्यूटिव (आईटी - डाटा सेंटर / डेटा रिकवरी) - किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ कंप्यूटर विज्ञान / आईटी / इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग की डिग्री। आईटी हार्डवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम और डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेशन में कम से कम 3 वर्ष का अनुभव।
• सीनियर एग्जीक्यूटिव (सोलर) - किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ सिविल में इंजीनियरिंग डिग्री। एम. टेक (M.Tech) स्नातकों को प्राथमिकता दी जाएगी। कम से कम 10 वर्ष का अनुभव, जिसमें से अंतिम 5 वर्ष सौर ऊर्जा के क्षेत्र में होने चाहिए। इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स में अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
• स्पेशलिस्ट (सोलर)- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग डिग्री। एम. टेक (M.Tech) और एमबीए (MBA) वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। कम से कम 18 साल का अनुभव जिनमें से अंतिम 8 वर्ष सौर ऊर्जा क्षेत्र में होने चाहिए। इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स पर काम करने का अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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825013df8d083fbd2d37cad8ce25d973a35fecec614f89f3b96aedde16aa1e06 | चिरंजीवी (Chiranjeevi) की फिल्म 'भोला शंकर' (Bholaa Shankar) में उनके अपोजिट लीड रोल में एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) होंगी.
Bholaa Shankar Star Cast: साउथ एक्टर चिरंजीवी (Chiranjeevi) की फिल्म 'भोला शंकर' (Bholaa Shankar) में उनके अपोजिट लीड रोल में एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) होंगी. उन्हें इसे मूवी के लिए कंफर्म कर दिया गया है. दोनों दूसरी बार पर्दे पर रोमांस करते दिखेंगे.
साउथ सिनेमा (South Cinema) के मेगास्टार चिरंजीवी (chiranjeevi) अपकमिंग फिल्म 'भोला शंकर' (Bholaa Shankar) को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. ये एक एक्शन एंटरटेनर फिल्म है. इसे मेहर रमेश द्वारा डायरेक्ट किया जा रहा है और Ramabrahmam Sunkara द्वारा इसे प्रोड्यूस कर रहे हैं. फिल्म की शूटिंग का मुहुर्त 11 नवंबर को है और इसकी शूटिंग 15 नवंबर से शुरू की जाएगी. ऐसे में अब इसमें एक और नाम कंफर्म हो गया है. एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया भी मूवी में अहम भूमिका में होंगी.
रिपोर्ट्स की मानें तो खबर आ रही है कि एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को फिल्म 'भोला शंकर' में चिरंजीवी के अपोजिट लीड रोल के लिए कंफर्म कर लिया गया है. ये तमन्ना और चिरंजीवी की दूसरी फिल्म है. इससे पहले दोनों ब्लॉकबस्टर फिल्म 'Sye Raa Narasimha Reddy' में नजर आए थे. तमन्ना एक एक्टर होने के साथ-साथ बेहतरीन डांसर भी हैं. ये देखना काफी दिलचस्प होगा जब वो एक्टर के साथ गाने में कदम से कदम मिलाते हुए दिखाई देंगी. इनके अलावा फिल्म में कीर्ति सुरेश भी अहम भूमिका में हैं. वो इसमें एक्टर की बहन का रोल प्ले कर रही हैं. इसमें भाई और बहन के रिश्ते को दिखाया गया है.
यंग सेंसेशन महाती स्वारा सागर इसके गानों का साउंडट्रेक तैयार कर रहे हैं. Anil Sunkara एके एंटरटेनमेंट के बैनर तले फिल्म का निर्माण कर रहे हैं. क्रिएटिव कमर्शियल्स द्वारा इसे एसोसिएट किया जा रहा है. फिल्म को लेकर कहा जा रहा है कि इसके मेकर्स जल्द ही अन्य कास्ट का भी खुलासा करेंगे. 'भोला शंकर' को 2022 में सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा.
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8252689db161c7e1337c9f4a578d9b8822576bfeef9ea53a6153e46d427bf7f1 | एक दूसरे के पुराने विरोधी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और तीरथ सरकार में मंत्री बने हरिद्वार ग्रामीण से विधायक स्वामी यतीश्वरानंद मंगलवार को एक साथ बैठे दिखाई दिए। यही नहीं दोनों ने काफी देर बात भी की और इस दौरान दोनों का मिजाज खुशनुमा था। खुशनुमा माहौल में दोनों के बीच की ये जुगलबंदी हर किसी को चकित करने वाली थी। लेकिन, बडा सवाल ये है कि आखिर दोनों के बीच सालों से जहां बात तक बंद थी अब अचानक माहौल कैसे बदल गया। जबकि, स्वामी यतीश्वरानंद के मंत्री बनने के बाद उनके आश्रम पर लगे बैनर में प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक की तस्वीर तक नहीं है।
असल में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मदन कौशिक हरिद्वार पहुंचे और हरकी पैडी पर पूजा अर्चना की। इस दौरान जनपद के सभी विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि व संगठन के पदाधिकारी वहां मौजूद थे। मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद भी पूजा अर्चना के दौरान पहुंचे और मंत्री मदन कौशिक के साथ बैठकर पूजा की। भाजपा के जिला महामंत्री विकास तिवारी ने बताया कि मदन कौशिक भले ही अब मंत्री ना हो लेकिन संगठन के लिहाजा से वो हम सभी के मुखिया है। चाहे मंत्री हो या फिर विधायक सभी को एक प्रोटोकाल के तहत आना होगा। चूंकि भाजपा में संगठन को बहुत ज्यादा तरजीह दी जाती है। ऐसे में हमारे मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के साथ - साथ अन्य भाजपा के विधायक भी वहां पहुंचे थे। हम सभी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और यहां निजी हित बहुत पीछे हो जाते हैं। जहां तक बात है पोस्टर में मदन कौशिक का फोटो ना होने का तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। लेकिन हम सभी को प्रोटोकाल को तो फॉलो करना ही होगा। वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी ने बताया कि भले ही मदन कौशिक और स्वामी यतीश्वरानंद एक दूसरे से मिले हों लेकिन दोनों खेमों में विवाद बहुत पुराना है और ये विवाद इतने आसानी से खत्म हो जाए, लगत नहीं है। उन्होंने बताया कि स्वामी यतीश्वरानंद शुरु से मदन कौशिक के खिलाफ लामबंदी करते आए हैं और मदन कौशिक ने भी जहां मौका मिला स्वामी यतीश्वरानंद को साइडलाइन करने की भरपूर कोशिश की। लेकिन अब स्थिति जुदा है और दोनों ही नेता अब नई भूमिका मे हैं।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मंत्री बने स्वामी यतीश्वरानंद के बीच अदावत बहुत पुरानी है और दोनों एक दूसरे के खिलाफ लामबंदी करते रहे हैं। हालांकि मदन कौशिक ने कभी खुलकर हमला नहीं किया लेकिन स्वामी यतीश्वरानंद अक्सर मदन कौशिक पर हल्ला बोलते थे। स्वामी यतीश्वरानंद ने मदन कौशिक को मंत्री पद से हटाने की भी कई बार मांग की थी। यही नहीं गुरुकुल महाविद्यालय का विवाद होने पर बडी रैली मदन कौशिक के खिलाफ निकाली थी और मदन कौशिक की संपत्ति की जांच की मांग भी की गई थी। मंत्री यतीश्वरांनद खेमा इस बात से भी नाराज है कि मदन कौशिक के करीबी भाजपा नेता नरेश शर्मा हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में काफी सक्रिय हैं और वहां से चुनाव लडना चाहते हैं। जबकि स्थानीय विधायक और मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से कभी उन्होंने हाय हैल्लो करने की जरुरत नहीं समझी।
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8252dead7fd822fe6549a525f1f70b20a4e6a0a58ea76bece23ecd6c0e2d227c | PPF Ka Full Form: पीपीएफ क्या है । पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले? पीपीएफ अकाउंट के फायदे..
नमस्कार दोस्तों, क्या आपको पता है की PPF क्या होता है? और PPF ka Full Form क्या है? आज के इस हिंदी लेख में हम पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले, पीपीएफ अकाउंट के फायदे और आपको PPF अकाउंट के बारे में (PPF Account in Hindi) बहुत महत्वपूर्ण जानकारी बताने वाले है!
दरअसल पीपीएफ अकाउंट में आप एक साल में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते है और सबसे अच्छी बात यह है की आपको इस राशि पर सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स छूट मिलती है! इसलिए यदि आप अपना टैक्स बचाना चाहते है! तो आपको PPF अकाउंट के बारे में जानना बहुत जरुरी है!
पीपीएफ अकाउंट खुलवाकर आप एक अच्छी सेविंग जमा कर सकते हैं जिससे आपको भविष्य में बहुत अच्छा रिटर्न मिल जाता है!
अक्सर लोग भविष्य के लिए सेविंग और साथ ही इनकम टैक्स बचाने को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं! ऐसे में सेविंग के साथ साथ टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए PPF Account एक बेहतरीन विकल्प होता है!
चलिए बिना समय व्यतीत किये आगे बढ़ते है और PPF क्या होता है? PPF Ka Full Form. पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले, पीपीएफ अकाउंट के फायदे और साथ ही PPF अकाउंट के बारे में (PPF Account in Hindi) बहुत कुछ जानते है!
HDFC में पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले (PPF Account Kaise Khole)
SBI में पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले (PPF Account Kaise Khole)
पीपीएफ अकाउंट में कितना निवेश कर सकते हैं?
PPF Full Form: पीपीएफ का फुल फार्म Public Provident Fund होता है! इसे हिंदी में सार्वजनिक भविष्य निधि कहा जाता है! पीपीएफ स्कीम की सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से टैक्स फ्री स्कीम है जिससे इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है!
PPF Kya Hai: पीपीएफ यानी की पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक लंबी अवधि की जमा योजना होती है जिसमें बचत, टैक्स सेविंग और बेहतर रिटर्न पाने के लिए निवेश किया जाता है!
पीपीएफ में निवेश करना एक तरह से रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट होता है और इसमें किसी तरह का जोखिम नहीं होता है क्योंकि यह सरकारी बैंक द्वारा चलाई जाने वाली स्कीम होती है! जिसे स्माल सेविंग स्कीम के रूप में भी जाना जाता है!
भारत सरकार ने PPF (Public Provident Fund) की स्थापना संन 1968 में की थी! तब से भारत सरकार ने इस योजना को टैक्स फ्री रखा है ताकि अधिक से अधिक लोग इस स्कीम का फायदा ले सकें!
आमतौर पर PPF Account को आप किसी भी Post Office या फिर किसी सरकारी बैंक जैसे की SBI Bank, PNB Bank या फिर किसी अन्य सरकारी बैंक में खोल सकते हैं!
आप इस योजना का लाभ HDFC Bank और ICICI Bank से भी ले सकते हैं! आज के समय में प्राइवेट बैंक भी PPF Account Open करने की सुविधा प्रदान करने लगे हैं!
पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले से पहले पीपीएफ एकाउंट कौन खोल सकता है? जानना आवश्यक है! तो चलिए जानते है की आखिर पीपीएफ एकाउंट को कौन कौन खोल सकते हैं!
PPF Account को कोई भी भारतीय नागरिक खोल सकता है!
यदि आपकी आयु 18 से कम है तो भी आप पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं!
नाबालिग या फिर किसी मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति का अकाउंट उसके परिवार वाले वालो द्वारा ऑपरेट किया जा सकता है! परिवार वाले उस अकाउंट में पैसा जमा और निकाल भी सकते हैं!
कोई भी एनआरआई व्यक्ति पीपीएफ अकाउंट नहीं खोल सकते हैं!
कोई भी व्यक्ति एक बार में एक ही पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है!
एक व्यक्ति के नाम पर एक से अधिक बैंकों में पीपीएफ अकाउंट ओपन नहीं हो सकता है!
PPF Account Holder अपने खाते को एक बैंक से दूसरे बैंक में या फिर एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे ऑफिस में ट्रांसफर करवा सकते हैं!
पीपीएफ स्कीम में कभी भी जॉइंट अकाउंट ओपन नहीं कर सकते हैं!
PPF Account Maturity Time 15 साल का होता है यानी की आपको अपने पीपीएफ अकाउंट में लगातार 15 साल तक पैसे जमा करने होते है!
और PPF अकाउंट मैच्योर होने के बाद आप इस रकम को निकाल कर अकाउंट को बंद कर सकते है! या फिर आप चाहो तो इस अकाउंट में नया पैसा जमा करके इसे आगे बड़ा सकते है!
अब ऐसा भी नहीं है कि आपको अपने पीपीएफ अकाउंट को पुरे 15 साल तक चलाना है! यदि आप चाहते है तो आप 5 साल खत्म होते ही मैच्युरिटी ले सकते हैं और 5 साल के बाद आप अपनी पीपीएफ जमा योजना को बढ़वा भी सकते हैं!
मैच्युरिटी के समय आपका लॉक इन पीरियड पुरे 15 साल का होना जरूरी होता है!
जैसे मान लीजिये;
आप ने 1 अगस्त 2020 को पीपीएफ अकाउंट ओपन किया तो यह अकॉउंट 2020-2021 के वित्तीय वर्ष में नहीं गिना जायेगा! यह 2021-2022 वाले वित्तीय वर्ष में शामिल किया जायेगा!
और उसके बाद जानेगे की SBI में पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले? तो चलिये आगे बढ़ते हैं और जानते हैं!
सबसे पहले आप अपनी HDFC Net Banking को ओपन कर लीजिये! दायी तरफ बने Offers ऑप्शन में क्लिक कर लीजिये! अब आप PPF Account का बैनर सामने नजर आ रहा होगा!
अगर Offers वाले ऑप्शन में आपको नहीं दिख रहा हो तो आप Accounts Summery ऑप्शन पर जाकर वहां पर देख सकते है! आप PPF Account के इस बैनर पर क्लिक कीजिये!
आपके सामने एक फॉर्म खुलकर आ जायेगा जिसमें आपको कुछ पर्सनल डिटेल्स डालनी होंगी! सबसे पहले आप अपना नाम, कस्टमर आईडी, पैन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, डाल लीजिये!
इसके बाद Initial Payment Amount ऑप्शन में आप वो अमाउंट डालें जो आप अकाउंट के ओपन करते समय रखना चाहते हैं!
आगे नॉमिनी ऑप्शन में Yes पर टिक कर लीजिये! Yes पर क्लिक करते ही नीचे नॉमिनी की पर्सनल डिटेल्स के कॉलम खुल जायेंगे! यहां पर सभी डिटेल्स को भर लीजिये! जैसे नॉमिनी का नाम, जन्मतिथि, आपका नॉमिनी के साथ क्या रिलेशनशिप है और नॉमिनी का पूरा पता!
इसके बाद I Agree पर क्लिक कीजिये और नीचे Submit पर क्लिक कर लीजिये! और PPF Account Successful का मैसेज आपके स्क्रीन पर मिल जायेगा!
जब आपका PPF Account Open हो जाता है तो तो उसके बाद आप Accounts Option में जाइये! आप देखेंगे जहां पर आपको सेविंग अकाउंट का बैलेंस दीखता हैं उसके बाद आपको PPF Account का बैलेंस भी शो होने लग जायेगा!
State Bank of India में पीपीएफ अकाउंट कैसे ओपन कर सकते हैं? चलिए इसे Step By Step जान लेते हैं!
आप सबसे पहले अपनी SBI बैंक की इंटरनेट बैंकिंग ओपन कर लीजिये! आगे दायीं तरफ Request & Enquires ऑप्शन में जाइये और इसमें क्लिक कीजिये!
आगे New PPF Account में क्लिक किजिये! आपके सामने Account Open Form दिख जायेगा! आपको इसमें कुछ डिटेल्स देनी होंगी जैसे Branch Code, Branch Name और Nominee Details, आगे आप Submit पर क्लिक कर दीजिये!
आपको Reference Number के साथ में एक Application PDF File में दिया जायेगा! इसे आप डाउनलोड कर लीजिये!
इस फॉर्म में आपको अपनी डिटेल्स देनी है! एक पासपोर्ट साइज फोटो आपको लगानी है और नजदीकी ब्रांच में जमा कर देना!
मात्र एक से दो दिन के अंदर आपका पीपीएफ अकाउंट ओपन हो जायेगा! जमा करने के दो दिन बाद आप दोबारा बैंक में जाकर जानकारी ले सकते हैं!
इसी तरह आप किसी भी अन्य बैंक में पीपीएफ अकाउंट खोलना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन नेट बैंकिंग के माध्यम से या फिर ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड करके उसमें डिटेल्स देने के बाद बैंक में जमा कर सकते हैं!
आपको पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए अपने नजदीकी पोस्टऑफिस में सम्पर्क करना होगा!
PPF Account में सालाना आपको 7 से 9 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है! यह रिटर्न Fix Deposit Scheme और Recurring Deposit Scheme के मुकाबले एक बेहतर रिटर्न होता है!
पीपीएफ अकाउंट में कितना बेहतर रिटर्न मिलना चाहिए यह सरकार पर निर्भर करता है! हमेशा नई ब्याज दरों को नया वित्तीय वर्ष शुरू होने पर लागु कर दिया जाता है!
PPF Account में आप हर साल 1.5 लाख तक का निवेश कर सकते हैं!
इस हिसाब से आप महीने का 12,500 रूपये से अधिक अमाउंट पीपीएफ अकाउंट में नहीं जमा कर सकते हैं! न्यूनतम राशि मंथली आप 500 रूपये जमा कर सकते हैं!
पीपीएफ अकाउंट के फायदे निम्नलिखित है!
यह टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट है और इसमें निवेश करने से आपको सेक्शन 80 C के अंतर्गत टैक्स में 1.5 लाख तक की सालाना छूट मिल जाती है!
आप पीपीएफ अकाउंट में निवेश की राशि को 5-5 साल में निकाल भी सकते हैं और आगे भी रिन्यू करने के लिए आवेदन कर सकते हैं!
आप इसमें बेहतर रिटर्न पा सकते हैं साथ में इस अकाउंट को अपने निजी नेटबैंकिंग के साथ ऑपरेट कर सकते हैं!
पीपीएफ अकाउंट में दिए जाने वाले ब्याज की वित्तीय वर्ष खत्म होने तक पूरी गारंटी होती है!
इस योजना के अंतर्गत उपभोक्ता को लोन और बीमा की भी सुविधा मिल जाती है!
Q1. पीपीएफ अकाउंट का मतलब क्या होता है!
Ans. पीपीएफ अकाउंट का मतलब पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) सरकार द्वारा चलाई जा रही एक तरह से स्माल सेविंग स्कीम है जो अकाउंट धारको को गारंटीड रिटर्न उपलब्ध करता है!
Q2. वर्तमान में पीपीएफ की ब्याज दर क्या है?
Ans. मंत्रालय के गणना के अनुसार,वर्तमान 2021 में पीपीएफ की ब्याज दर 7.10%, है! यह वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों पर एक नजर है।
Q3. पीपीएफ अकाउंट कौन खोल सकता है?
Ans. युवा के अलावा किसी भी नाबालिग का पीपीएफ अकाउंट उसके असली माता पिता या कानूनी अभिभावकों द्वारा असली अभिभावकों की अनुपस्थिति में ओपन किया जा सकता है। आपको बता दें माता पिता में से एक ही अभिवावक अकाउंट को ओपन करा सकते है!
Q4. पीपीएफ अकाउंट कितने साल का होता है!
Ans. पीपीएफ खाते के मैच्योरिटी का समय 15 साल का होता है! लेकिन इसको आगे भी बढ़ाया जा सकता है!
आज के इस पोस्ट में हमने PPF क्या होता है? PPF Ka Full Form. पीपीएफ अकाउंट कैसे खोले, पीपीएफ अकाउंट के फायदे और साथ ही PPF अकाउंट के बारे में (PPF Account in Hindi) जाना!
हमे उम्मीद है की इस हिंदी लेख के माध्यम से आपको पीपीएफ अकाउंट के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा! यदि आपके मन में पीपीएफ खाते को लेकर कोई विचार, सवाल हो, कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं!
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8254e6e65a59994a1a26fc3a55d730d7e6bf5e62d7841bfa500345ff13d7c141 | क्या कोलकता में कप्तान चांडीमल का चलने वाला है 35 साल बाद "काला जादू?" - Cricket Hindi News, India TV Hindi\nक्या श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांडीमल इस बार काले जादू का सहारा ले रहे हैं....? बक़ौल ख़ुद चांडीमल, उन्होंने अबुधाबी में काले जादू के ही दम पर पाकिस्तान को टेस्ट सिरीज़ में हराया.\nPublished on: November 18, 2017 12:24 IST\nबारिश की आंख मिचौनी के बीच भारत पहले टेस्ट के तीसरे दिन लंच पर 172 रन बनाकर ऑल आउट हो गई हालंकि एक समय 150 के पार भी जाना मुश्किल लग रहा था. श्रीलंका 35 साल में भारत में एक भी टेस्ट मैच नहीं जीती है. लेकिन क्या श्रीलंका के कप्तान दिनेश चांडीमल इस बार काले जादू का सहारा ले रहे हैं....? बक़ौल ख़ुद चांडीमल, उन्होंने अबुधाबी में काले जादू के ही दम पर पाकिस्तान को टेस्ट सिरीज़ में हराया.\nपहले तो बारिश ने खेल में ख़ूब विध्न डाला और जब काले बादलों के बीच टॉस हुआ तो वो भी श्रीलंका जीत गई, मतलब पहले बैटिंग करने वाली टीम की शामत. हुआ भी कुछ ऐसा ही. राहुल मैच की पहली बॉल पर आउट हो गए. फिर धवन और फिर कप्तान कोहली....कहीं ये सारा उसी जादू-टोने का नतीजा तो नहीं?\nदरअसल, चांडीमल के काले जादू की चर्चा बहुत हुई थी और दौरे की शुरुआत में भी उनसे इस बारे में सवाल किया गया था हालंकि मैनेजर ने बीच में आकर विष्य बदल दिया था लेकिन फिर भी भारतीय क्रिकेट प्रेमी के मन में इस तरह के सवाल उठने लाज़िमी हैं. बहरहाल, आज (18 नंवबर) चांडीमल 28 साल के हो गए. कोलकाता टेस्ट के तीसरे दिन वह अपना बर्थडे इस उम्मीद के साथ सेलीब्रेट करेंगे कि भारत में एक भी टेस्ट नहीं जीत पाने का दाग़ धुल जाए.\nजादू-टोने की ये है कहानी\nयूएई से कोलंबो लौटने के बाद विजयी कप्तान चांडीमल ने कहा था, 'मैं किसी से भी आशीर्वाद लेने के लिए हमेशा तैयार रहता हूं, चाहे वे तांत्रिक हो या पादरी. आप प्रतिभावान हो सकते हैं, लेकिन बिना दुआओं के आगे नहीं बढ़ सकते.'\nउल्लेखनीय है कि श्रीलंका ने हाल ही में संपन्न टेस्ट सीरीज में पाकिस्तान को 2-0 से हराया था. स्वयं चांडीमल ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पहले मैच में नाबाद 155 रनों की पारी खेली थी, जबकि दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने अर्धशतक (62 रन) बनाया था.\nएक रिपोर्ट के मुताबिक चांडीमल ने जिस जादू-टोने वाली की मदद ली थी, वो उनके एक दोस्त की मां हैं. हालांकि इसके बाद5वन-डे और3टी-20 में श्रीलंका का सूपड़ा साफ हो गया था. लेकिन तब वनडे सीरीज में उपुल थरंगा और टी-20 सिरीज़ में थिसारा परेरा ने कप्तानी की थी.
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826972b3e682702614089342d88634b016419c222128b20f63ead8917a69a750 | कोहली का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अपनी एक डेट का जिक्र कर रहे हैं. लेकिन, हैरानी भरी वाली बात ये रही कि कोहली की ये डेट 5 मिनट भी नहीं चली और उनको वहां से भागना पड़ा.
अब इंग्लैंड के पूरे दौरे के लिए भारत के क्रिकेटर्स अपनी पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स को साथ रख सकते हैं. ऐसे में विराट कोहली समेत सभी क्रिकेटर्स अपने परिवार के साथ इंग्लैंड दौरे पर जा सकते हैं.
टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और कप्तान राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनेंगे. बता दें कि टीम इंडिया (Team India) श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ जुलाई में 3 टी-20 और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलेगी.
श्रीलंका उन्हीं खिलाड़ियों को भेजा जाएगा जो इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच की सीरीज और टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल वाली टीम में नहीं सेलेक्ट किये गए हैं.
. इंग्लैंड इस समय वनडे की विश्व चैंपियन होने का साथ साथ नंबर एक टीम भी है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में इंग्लैंड का हाल हमेशा से बहुत बुरा रहा है.
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार 161 रनों की पारी खेली.
20 नवंबर 2020 को Mohammed Siraj के पिता मोहम्मद गौस का इंतकाल हो गया था. सिराज उस दौरान ऑस्ट्रेलिया टूर पर थे और अपने पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे.
साल 2004 में ICC के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर और साल के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर चुने गए राहुल द्रविड़ का आज 48 वां जन्मदिन. 11 जनवरी 1973 को इंदौर में पैदा हुए इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कई मौकों पर न सिर्फ टीम को संकट से उबारा बल्कि जीत भी दिलाई.
ਭਾਰਤੀ ਟੀਮ ਨੂੰ ਜੇਕਰ ਇਕ ਵਾਰ ਹੋਰ ਕਰੜੇ ਐਂਕਾਂਤਵਾਸ ਦੀ ਹਿਦਾਇਤਾਂ ਤੋਂ ਗੁਜ਼ਰਨਾ ਪਵੇਗਾ ਤਾਂ ਉਹ ਚੋਥੇ ਅਤੇ ਆਖਰੀ ਟੈਸਟ ਮੈਚ ਲਈ ਬ੍ਰਿਸਬੇਨ ਨਹੀਂ ਜਾਵੇਗੀ। ਬੀ ਸੀ ਸੀ ਆਈ ਨੇ ਕਥਿਤ ਤੋਰ ਤੇ ਕ੍ਰਿਕੇਟ ਆਸਟ੍ਰੇਲੀਆ (CA) ਨੂੰ ਇਸ ਬਾਬਤ ਦਸ ਦਿਤਾ ਹੈ.
मेलबर्न में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) भारतीय टीम से जुड़ गए हैं. बीसीसीआई ने रोहित के स्वागत का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
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82899eb9a4323e423b7ddab1a42e119effc9e98b527a9d92194e2d524ae30ab8 | रायपुर । संवाददाताः सुकमा में एक महिला को मदद करते हुये CRPF जवान नक्सली एंबुश में फंस गये थे. छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को नक्सली एंबुश में फंसकर शहीद हुये 12 सीआरपीएफ जवानों की मौत की जांच कर रहे दल ने इसका खुलासा किया है. न्यूज चैनल आजतक के मुताबिक जब सीआरपीएफ के आईजी देवेन्द्र सिंह चौहान ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर जांच की तो इसका पता चला है. सीआरपीएफ के आईजी ने करीब दो दर्जन गांवों में नक्सलवाद की जड़े टटोली है. नक्सलियों द्वारा एक महिला की मदद से जवानों को फंसाकर मारने की घटना का पहली बार खुलासा हुआ है. महिला की मदद करने करने आगे आये सीआरपीएफ के जवान नक्सली एंबुश में फंसकर अपनी जान गंवा बैठे.
बताया जा रहा है कि जब 11 मार्च को नक्सलियों की रोड ओपनिंग पार्टी अपनी नियमित गश्त पर थी तभी एक महिला दौड़ते हुये उनकी तरफ आई थी तथा मदद की गुहार की थी. उस महिला ने सड़क के दूसरी ओर का इशारा करते हुये सीआरपीएफ के जवानों को कहा कि वहां पर मौजूद कुछ लोग उसके साथ जोर जबरदस्ती कर रहें हैं. जैसे ही कुछ जवान उस महिला की मदद करने के लिये उस बढ़े महिला ने एक जवान के रायफल को तेजी से जमीन की ओर झुकाया तभी वहां पोजीशन लेकर बैठे नक्सलियों ने ताबड़तोड़ गोलिया चलानी शुरु कर दी. तीन जवानों के शरीर पर धारदार हथियारों से हमला किया गया.
इस बात का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि वह महिला कोई पेशेवर नक्सली न होकर सामान्य महिला थी. महिला का जो हुलिया स्वस्थ हुये जवानों ने बताया है उसके अनुसार बीस से पच्चीस साल की सावले रंग की महिला है. महिला के बाल घने थे, माथे पर बिंदी थी तथा कानों में बड़े-बड़े झुमके थे. वह महिला साफ हिन्दी बोल रही थी. छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम तथा सीआरपीएफ के जवान उस महिला की तलाश कर रहें हैं.
11 मार्च को हुये नक्सली हमलें में शहीद जवानों के नाम इस प्रकार से है- जगजीत सिंह, हीरा बल्लभ भट्ट, नरेन्द्र कुमार सिंह, जगदीश प्रसाद बिशनोई, प्रेमदास रामदास मेंधे, मंगेश बाल पांडे, रामपाल सिंह यादव, गोरखनाथ, नंद कुमार अतराम, सतीश चंद्र वर्मा, आके शंकर, सुरेश कुमार.
नक्सलियों से मुठभेड़ में 11 जवान शहीद हुये थे तथा 3 जवान घायल हुये थे. घायल जवानों को रायपुर के नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया. 1 गंभीर रूप से घायल जवान की अस्पताल में मौत हो गई थी.
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828f4c9f0323d3170856a18cf80a05f092bd506a70bae2afcc60607ea05b9a26 | 2. प्रो कबड्डी लीग 2019 का आगाज आज से हो रहा है और इसके तहत सातवें सीजन के टूर्नामेंट का पहला मैच तेलुगु टाइटंस और यू मुंबा के बीच हैदराबाद में शाम के 7:30 बजे खेला जाएगा. वहीं दूसरा गेम बेंगलुरु बुल्स और पटना पायरेट्स के बीच 8:30 बजे से शुरू होगा.
3. ओडिशा की राजनीतिक रूप से काफी अहम पटकुरा विधानसभा सीट पर आज मतदान होगा. आपको बता दें कि पिछले कुछ महीने में पटकुरा विधानसभा सीट के लिए चुनाव दो बार टल चुका है. इस बार यहां से इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी बिजॉय महापात्रा और बीजेडी उम्मीदवार सावित्री अग्रवाल उम्मीदवार हैं.
5. बिहार की नीतीश सरकार राज्य में बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवारों को 6000 रुपये की सहायता राशि सीधे उनके खाते में भेज रही है. आपको बता दें कि इस सहायता राशि के पहले चरण में 302329 सत्यापित परिवारों को 1,81,39,74,000 रुपये उनके बैंख खाते में भेज दिए गए हैं. ये राशि उन्हें 48 घंटे के भीतर मिल जाएगी.
6. ED ने कॉमनवेल्थ गेम्स अनियमितता के मामले में कार्रवाई करते हुये स्वेका पॉवरटेक के 1.43 करोड़ की संपति को अटैच कर लिया है. आपको बता दें कि स्वेका पर आरोप है कि कपंनी के डायरेक्टर जसमिंदर पाल सिंह और तजिंदर पाल सिंह ने MCD के अधिकारियों के साथ मिल कर कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के दौरान स्ट्रीट लाईटस को अपग्रेड करने के नाम पर टेंडर लिया और सरकार को 1.43 करोड़ रुपये का चुना लगाया था.
7. भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी विवेक कुमार को शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया गया. विवेक कुमार पीएम मोदी के निजी सचिव की भूमिका अब निभाएंगे. आपको बता दें कि कुमार अभी प्रधानमंत्री कार्यालय में निदेशक के पद कार्यरत हैं.
8. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.
9. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जाते वक्त 25 किलोमीटर पहले नारायण पुलिस चौकी पर रोक दिया गया. जिसके बाद प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गईं. प्रियंका के धरने पर बैठने के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी ने देश भर में अपने कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने के निर्देश जारी किये हैं.
10. लोकसभा में हंगामा और नारेबाजी करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा द्रमुक के सदस्य स्पीकर के सम्मुख उस स्थान तक आ गए थे जहां संसदीय कर्मचारी बैठते हैं जिससे नाराज अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों को चेताते हुए कहा कि मेरे स्टाफ को हाथ मत लगाना.
11. AAP सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय को नया गर्ल्स डिग्री कॉलेज खोलने के लिए दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी क्षेत्र में ज़मीन दिया है. इसके साथ ही गवर्नर अनिल बैजल ने फतेहपुर बेरी में 40 बीघा जमीन विश्वविद्यालय को देने के लिए गांव की जमीन बांटने की मंजूरी दे दी है.
12. ताजनगरी आगरा के शहीद नगर में इन दिनों 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगाए गये हैं. दरअसल शराबियों के उत्पात से परेशान होकर लोग अपना आशियाना बेचने पर मजबूर हैं. मोहल्ले वालों के मुताबिक शराबियों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.
13. बिहार सचिवालय के मुख्य भवन में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब सिविल कोर्ट के आदेश से एक टीम राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार के कार्यालय की कुर्की के लिए पहुंच गई. बताया जा रहा है कि बिहार राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक समिति का बिहार सरकार पर 664.85 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. इसी कड़ी में कोर्ट ने मुख्य सचिव स्तर के पांच अधिकारियों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया.
15. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर भूस्खलन की वजह से सड़क बंद हो गई है जिस कारण लोगों को डेढ़ किमी. ऊपर से घूमकर दूसरी ओर आना पड़ रहा. इस बीच लगातार भूस्खलन होने से प्रशासन को सड़क खोलने में दिक्कत हो रही है.
16. हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में तैयार आइसबर्ग लेट्यूस सब्जी की फसल की मांग महानगरों में काफी ज्यादा बढ़ गई है आपको बता दें कि पीजा, बर्गर, सलाद सहित चाइनीज डिश में इस्तेमाल होने वाली यह नकदी फसल यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है खास बात यह है कि मांग ज्यादा होने के कारण व्यापारी इस फसल को 60 से 70 रुपये तक प्रति किलो में खेत से ही खरीद रहे हैं.
17. जम्मू नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने का इंतजाम करते हुए दुकानों, फ्लैटों, ओपन स्पेस व गैरेज के किराए में बढ़ोतरी कर दिया है. जिसके बाद से अब दुकानों, फ्लैटों और गैराज के किराए में 20 फीसदी तथा ओपन स्पेस के किराए में 10 से 12 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब वृद्धि की गई है.
19. हरियाणा के तीन नामी विश्वविद्यालयों कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक और चौधरी चरण सिंह कृषि विवि हिसार की रैंकिंग इस बार गिर गई है जिसको लेकर विश्वविद्यालय ने कहा है कि ऐसी स्थिति नियमित फैकेल्टी का भारी अभाव के कारण हुई है.
20. राजस्थान में लगातार बिगड़ रही कानन व्यवस्था को लेकर इस बार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ है विपक्षी भाजपा ने गहलोत सरकार के लचर रवैये को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.
21. चंडीगढ़ में स्थित जीएमसीएच-32 अस्पताल के डॉक्टर्स ने सफल सर्जरी के जरिए एक शख्स के अलग हुए पैरों को फिर से जोड़ने का कमाल किया है. बताया जा रहा है कि करीब तीन-चार महीने बाद शख्स अपने उन्हीं पैरों के जरिए फिर से चलने लगेगा.
22. रांची में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बुंडू महिला थानाप्रभारी संगीता झा को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है खास बात यह है कि गिरफ्तारी के वक्त वह अपनी वर्दी में थीं और उनकी गिरफ्तारी थाने से ही हुई. खास बात यह है कि सूबे में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी महिला पुलिस अधिकारी को एसीबी ने गिरफ्तार किया है.
23. छत्तीसगढ़ के महासमुंद के किसानों की चिंता बढ़ गई है और मानसून की बेरूखी के कारण किसानों को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मानसून की पहली बारिश के बाद मौसम तो सुहाना बना हुआ है, लेकिन बारिश नहीं हो रही है. आपको बता दें कि जिले में बारिश के अभाव में किसानी पिछड़ गई है और खेतों की बोआई 40 प्रतिशत पीछे चल रही है.
25. ओडिशा के बलांगीर जिले में बारिश कम होने के कारण उपजी सूखा संबंधित स्थिति को लेकर संज्ञान लेते हुए राज्य विधानसभा के अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्रा ने प्रदेश के राजस्व संचालन मंत्री सुदाम मरांडी को आगामी दो दिन के अन्दर विधानसभा में विवरण रखने का निर्देश दिया है.
27. विभिन्न राजनीतिक दलों एवं वर्गो के लोगों का भाजपा में शामिल होना जारी है और इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल के टॉलीवुड के कई कलाकारों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. उन्होंने दिल्ली में बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी नेता संबित पात्रा एवं मुकुल राय की उपस्थिति में पार्टी का झंडा थामा.
29. मध्यप्रदेश के छतरपुर से हमारे संवाददाता बीडी अनुरागी बता रहे हैं कि छतरपुर में बच्चों स्कूल ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा को जांचने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिले में मजिस्ट्रेट चेकिंग लगाई गई इस दौरान स्कूल बसों और टैक्सियों की चेकिंग की गई.
30. यूपी के संभल से हमारे संवाददाता सीतारामं कुशवाहा बता रहे हैं कि सम्भल के एक मदरसे में मुस्लिम बच्चों ने वंदे मातरम के और गायत्री मंत्र का जाप किया गया. इसको लेकर दरसा संचालक ने कहा वंदे मातरम नहीं गाने वालों को इस्लाम का ज्ञान ही नहीं है.
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829bbc467f1ec60170390f871675e92ed40f7ccdd8f0c8dd21e79f828f44e136 | कोलकाताः बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने पर विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए चौहान ने कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के गरीबों को मिली मानवीय सहायता के लिए भारतीय नागरिक के तौर पर हमें गर्व होना चाहिए।
चौहान ने कहा, 'कोविड के दौरान 80 करोड़ लोगों को वे मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की सीमा में हमें सभी सुविधाएं देने के लिए हम सरकार के आभारी हैं। आज भी यह अविश्वसनीय काम है, जिसे न हमने या दुनिया ने माना ही नहीं।' इस दौरान उन्होंने बीते साल नोबेल पुरस्कार पाने वाले संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) और सरकार के प्रयासों की तुलना की।
शुक्रवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कलकत्ता के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि लगभग 80 करोड़ लोगों को जिस फ्री राशन योजना ने फायदा पहुंचाया 'वह उपलब्धि बीते साल नोबेल पुरस्कार पाने वाली यूनाइटेड नेशन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की तरफ से किए गए कार्यों से काफी ज्यादा बड़ी थी।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तौर पर पहचानी जाने वाली मुफ्त राशन स्कीम ने भारत के गरीब नागरिकों को अराजकता और दुख से बचाया है, जिसे हम चीन समेत अन्य देशों में फैलते हुए देख रहे हैं। दो साल से ज्यादा समय तक जितने लोगों को मुफ्त भोजन दिया गया, उनकी संख्या पूरे यूरोप या अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा या पूरे दक्षिण अमेरिकी देशों से ज्यादा थी।'
उन्होंने कहा, 'तुलना की जाए तो 2020 नोबेल पुरस्कार पाने वाले यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने भारत के 80 करोड़ लोगों की तुलना में 11.55 करोड़ लोगों को आंशिक रूप से सहायता दी, जो 2020-21 और 2022 में भारत की तरफ से की गई सहायता का लगभग 14 प्रतिशत है। क्या इसका मतलब है कि नोबेल पीस प्राइज कमेटी गंभीर होकर नोबेल पीस प्राइज देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की मानवीय उपलब्धियों को देखेगी? यह देखा जाना बाकी है।' इस दौरान उन्होंने भारत सरकार के टीकाकरण अभियान की भी तारीफ की।
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829ea4805f7e332925e5172993857c69536ca0c6e6dde069ad9c020e0b7fbbc4 | हालांकि, वांछित मूल्य को सरल सूत्र से प्राप्त किया जा सकता हैः कमरे के क्षेत्र में 100 से गुणा करें और एक सेक्शन की शक्ति से रूबल्स में न्यूनतम जमा के साथ बाइनरी विकल्प विभाजित करें।
स्वचालित विदेशी मुद्रा व्यापार को पूरा करने के कई अलग-अलग तरीके हैं फ्रीलांसर - एक व्यक्ति जो, काम करता है इंटरनेट के माध्यम से आदेश बाहर ले जाने, यानी, फ्रीलांसर।
विदेशी मुद्रा दलाल अल्पारी आरयू, रूबल्स में न्यूनतम जमा के साथ बाइनरी विकल्प जी और डेमो विदेशी मुद्रा प्रतियोगिता की एक बहुत प्रदान करता है। विदेशी मुद्रा व्यापारी के रूप में कुछ खुली प्रतियोगिता का प्रयास करेंः हाईस्टॉक 4 के साथ बनाया गया। 2. 6 ) स्टॉकः चित्र सौजन्य स्टॉक कार्टर। com पहचाने गए गति और प्रवृत्ति की ताकत के आधार पर, एक उचित खरीद / बिक्री स्थिति की जा सकती है।
संकेतक परिचालन होता है जब आपूर्ति वोल्टेज 0.7 से 2 वी में बदल जाता है और 5 एमए से अधिक नहीं होता है। एक तेजी से संकेत देता है जब यह 1 से कम है। 0, क्योंकि औसतन डाउन स्टॉक की तुलना में औसतन स्टॉक में अधिक मात्रा है। वास्तव में, कुछ विश्लेषकों ने पाया है कि सूचकांक के लिए दीर्घकालिक संतुलन 1 से नीचे है। 0, संभावित रूप से पुष्टि करते हुए कि शेयर बाजार में एक तेजी से पूर्वाग्रह है। दूसरी तरफ, 1. 0 से अधिक पढ़ने के लिए आमतौर पर मंदी के संकेत के रूप रूबल्स में न्यूनतम जमा के साथ बाइनरी विकल्प में देखा जाता है, क्योंकि औसतन स्टॉक की तुलना में औसतन डाउन स्टॉक में अधिक मात्रा है।
क्योंकि गूगल को गंभीरता से सुरक्षा के मुद्दों लेने के लिए और चाहता है आप खाता गतिविधि के बारे में सूचित किया जाना है यह ईमेल भेजा गया था। यह निर्धारित करना संभव नहीं था कि आपने पहले इस ब्राउज़र या डिवाइस के माध्यम से लॉग इन किया था या नहीं। आप किसी नए कंप्यूटर, फोन या किसी नए ब्राउज़र पर पहली बार लॉग इन हो सकते हैं। इसके अलावा, आप जब भी गुप्त मोड में अपना मेल देख सकते हैं, या बस कुकी हटा सकते हैं। अगर आपने ऐसा कुछ नहीं किया है, तो आपके खाते का एक उच्च संभावना है जो हैक किया गया था। • अगर पिछले वर्षों में ब्रोकर के पास सीआरओएफआर के रूसी नियामक से लाइसेंस था, तो अब यह पहले ही समाप्त हो चुका है। और, ऐसा लगता है, कंपनी इसे नवीनीकृत नहीं करने जा रही है। खैर, अगर कोई नियामक नहीं है, तो ब्रोकर जो चाहें वह कर सकता है। वह अब क्या कर रहा है?
सूत्र - 2.62 - 2.63 कामना टूटनें का गम क्रोध पैदा करता है , क्रोध में ब्यक्ति का संतुलन बिगड़ जाता है और हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या भविष्य में सभी आरसीएस उड़ानें हिंडन से संचालित होंगी या उनमें से कुछ को स्थानांतरित किया जायेगा।
Udemy मंच (मैं के बाद से वहाँ है केवल भुगतान पाठ्यक्रम, पिछले रूबल्स में न्यूनतम जमा के साथ बाइनरी विकल्प अनुभाग में यह शामिल नहीं किया था) कॉर्पोरेट शिक्षा के रुझान पर एक रिपोर्ट प्रकाशित। लेखकों उपयोगकर्ताओं के लाखों लोगों के अनुभव का विश्लेषण किया और निम्नलिखित निष्कर्ष बना दिया हैः 6. करेंसी नोट जो कि करेंसी चस्ट में जमा होते है किसकी संपत्ति होती है?
ड्राइव एक कंप्यूटर डिवाइस है जो आपको मीडिया में जानकारी पढ़ने या लिखने की अनुमति देती है। स्मृति पदानुक्रम की अवधारणा के भीतर, ड्राइव का मुख्य उद्देश्य, दीर्घकालिक स्मृति का संगठन है। मुख्य विशेषता . . विकिपीडिया विकिपीडिया कई विशेषज्ञों का मानना है कि रूबल्स में न्यूनतम जमा के साथ बाइनरी विकल्प और विकल्प हैंव्यापार मुद्राओं की तुलना में लॉटरी की तरह। इसलिए, प्राथमिकता "विदेशी मुद्रा" को दी जाती है। डीलर ट्रेडिंग 212 की लोकप्रियता, जिसके बारे में हम आगे पोस्ट करने जा रहे हैं, यह साबित करता है। खैर, आइए इस साइट की विशेषताओं पर नज़र डालें।
कोई विशिष्ट शब्द या 1 महीने में वाक्यांश के लिए अनुरोध आँकड़े - विशेष रूप से vordstate Yandex में चला गया। यह जानने के लिए कि कितने लोगों को निवेश करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है में रुचि रखते हैं। इस लेख निवेश में वर्णित सभी सुविधाओं के लिए आवश्यक अनुरोधों का हिस्सा हैं, लेकिन अनुरोधः "ज्ञान में निवेश" - यह मेरे पोस्ट (याद 2013) लिखने के समय, सभी 24 अनुरोधों को दर्शाता है। मैं अपने ग्राहकों है कि सबसे अच्छा द्विआधारी विकल्प रणनीति का प्रतिनिधित्व बताना चाहते हैं। (- 5 मिनट समय अंतराल) रणनीतियों कि अल्पकालिक व्यापार के लिए प्रभावी रहे रूबल्स में न्यूनतम जमा के साथ बाइनरी विकल्प पर ध्यान केंद्रितः कभी यह स्पष्ट बनाना चाहते थे।
यह विश्लेषण थॉमस बल्कोव्स्की के काम पर निर्भर करता है, जिन्होंने 2008 की किताब, "कैंडलस्टिक चार्ट्स का विश्वकोश" में कैंडलस्टिक पैटर्न के लिए प्रदर्शन रैंकिंग का निर्माण किया। वह दो तरह के अपेक्षित पैटर्न परिणामों के लिए आंकड़े प्रदान करता हैः उत्क्रमण और निरंतरता। कैंडलस्टिक प्रत्यावर्तन पैटर्न मूल्य की दिशा में बदलाव का अनुमान लगाते हैं, जबकि निरंतरता के पैटर्न वर्तमान मूल्य दिशा में एक विस्तार की भविष्यवाणी करते हैं। आदेश कई साइटों पर लाभ मार्जिन बढ़ाने के लिए और (स्वतः) अनुलग्नकों के बिना Bitcoins कमाने के लिए आप rotators उपयोग कर सकते हैं (विकल्प - faucethub.io)। इन साइटों को जहां क्रेन का एक बहुत एकत्र कर रहे हैं। आय का आकार के संबंध में, गिनती करने के लिए पर एक ठोस आय आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए, अगर एक दिन 500-600 सातोशी कमाते हैं, मासिक वेतन 15-18 हजार सातोशी, जो (27 अप्रैल, 2018 पर विनिमय दर पर) अमरीकी डॉलर में अनुवाद किया जाएगा 1,4-1,68 डॉलर है।
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82a8d6dc5311f5d158522d0024f0b39f29cfe97860839ba9f7c226e79fad7804 | BJP loses Zila Parishad elections in Nagpur. । बीजेपी आरएसएस को बड़ा झटका, नागपुर जिला परिषद में कांग्रेस की बड़ी जीत\nTue Oct 27 2020 23:06:15 GMT+0530 (India Standard Time)\nHome > राज्य > महाराष्ट्र > मुम्बई > बीजेपी आरएसएस को बड़ा झटका, नागपुर जिला परिषद में कांग्रेस की बड़ी जीत\nबीजेपी आरएसएस को बड़ा झटका, नागपुर जिला परिषद में कांग्रेस की बड़ी जीत\nShiv Kumar Mishra । 8 Jan 2020 12:13 PM GMT । नागपुर\nनागपुर. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस का गढ़ कहलाने वाले नागपुर में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। जिला परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बेदखल करके कांग्रेस सत्ता में काबिज होने जा रही है। अब तक के परिणामों में 58 में से 31 सीटें कांग्रेस के खाते में आ चुकी हैं। वहीं भाजपा के पास सिर्फ 14 सीटें आईं हैं। नागपुर में ही आरएसएस का मुख्यालय है। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले का गृह क्षेत्र नागपुर ही है। यहां भाजपा की हुई हार तीनों बड़े नेताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।\nकेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के गांव धापेवाड़ा से कांग्रेस के महेंद्र डोंगरे विजयी हुए है। वही बावनकुले के कोराडी जिला परिषद सर्कल में कांग्रेस के उमेदवार नाना कंभाले विजयी हुए है। नाना कंभाले को 8223 वोट मिले और भाजपा प्रत्याशी संजय मैन्द को 6923 वोट मिले। नागपुर की हिंगना से पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता रमेश बंग के बेटे दिनेश बंग विजयी हुए है। येनवा से शेकाप के समीर उमप विजयी हुए हैं। आरोली- कोदामेड़ी से कांग्रेस के योगेश देशमुख, गोधनी से कांग्रेस की ज्योति राऊत, पथरई -वडंबा से कांग्रेस पार्टी की ज्येष्ठ सदस्य शांता कुमरे तीसरी बार विजयी हुए हैं।\nमहाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के बेटे सलील देशमुख ने नागपुर जिले में मंतपजरा जिला परिषद सीट से जीत हासिल की है। येरखेड़ा सर्कल से भाजपा के उमेदवार मोहन माकडे 158 वोटों से विजयी हुए। वहीं भीलगांव पंचायत समिति सर्कल से भाजपा के उमेश रड़के विजयी, कवठा पंचायत समिति सर्कल में कांग्रेस की उमेदवार दिशा चनकापुरे 345 वोटो से जीते हैं। कोराडी पंचायत समिति सर्कल से भाजपा की सविता जिचकार, कारगांव क्षेत्र से कांग्रेस के उमेदवार शंकर डडमल जीते हैं। वहीं बड़ेगांव, बडगॉव,वाकोडी जिला परिषद् सीट कांग्रेस ने जीती है।\nशिवसेना ने नहीं किया था कांग्रेस-राकांपा से गठबंधन\nवर्तमान में भले ही भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए शिवसेना,एनसीपी व कांग्रेस पक्ष की गठबंधन सरकार बन गई। लेकिन, समन्वय के अभाव में नागपुर जिला परिषद चुनाव के लिए एनसीपी-कांग्रेस मिलकर तो शिवसेना और भाजपा अलग अलग चुनावी लड़े थे। इससे पहले जिला परिषद में भाजपा का कब्जा था, उन्हें सत्ता से दूर रखने के लिए मंत्री नितिन राऊत, अनिल देशमुख, सुनील केदार पर कांग्रेस-राकांपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी।\nराजनीतिक जानकारों की माने तो अपने गढ़ में भाजपा की हार की सबसे बड़ी वजह राकांपा-कांग्रेस का गठबंधन और शिवसेना का अलग से चुनाव लड़ान है। शिवसेना ने सबसे ज्यादा भाजपा के वोटबैंक में चोट पहुंचाई है। इससे पहले शिवसेना-भाजपा साथ मिलकर चुनाव लड़ें थे।\nकांग्रेस-राकांपा ने जिला परिषद पर कब्जे के लिए तीन मंत्रियों को मैदान में उतारा था, जिनमें मंत्री नितिन राऊत, अनिल देशमुख, सुनील केदार शामिल थे। शपथ ग्रहण के बाद से ये लगातार इस इलाके में सक्रिय थे।भाजपा नेता फडणवीस, गडकरी अति आत्मविश्वास के कारण क्षेत्र में नहीं गए।\nजिला परिषद बीजेपी कांग्रेस शिवसेना राकापा अन्य\nनागपुर 14 31 1 10 2\nTags: BJP loses Zila Parishad elections in Nagpur.
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82aec1764e73b481e42550026ac3b7f4e868e0fea5f047aa953f9e6406331387 | हरियाणाः मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है बाढ़डा, सरकार और स्थानीय एम्एलए अपने एसी कमरों में मस्त, जनता त्रस्तः देवेन्द्र आर्यनगर\nआवाज़(मुकेश शर्मा, गुरुग्राम): बाढ़डा हल्का आज अपने बुरे दिनों के लिए रो रहा है. सरकार और स्थानीय एमएलए अपने एसी कमरों में मस्त हैं और जनता त्रस्त है. समझ नहीं आ रहा कि किसके पास जाएँ, किसे अपने दुखड़े सुनाएं. कुछ ऐसा कहना है कांग्रेस नेता देवेन्द्र आर्यनगर का. आर्यनगर ने बीजेपी की सरकार पर बाढ़डा की अनदेखी करने का आरोप लगाया. देवेन्द्र की मानें तो बीजेपी राज के पिछले4साल में बाढ़डा आगे जाने के बजाए पीछे चला गया है.\nदेवेन्द्र ने आरोप लगाया की आज बाढ़डा में कैंसर रोग बुरी तरह से पांव पसार रहा है, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही. आलम ये है कि बाढ़डा के लगभग 119 गांवों में कैंसर एक भयानक बीमारी के रूप में उभर रहा है. लेकिन सरकार तमाश्गीन बनी हुई है. जब भी चुनाव आते हैं तो जनता बड़ी उम्मीद से वोट देती है कि जनप्रतिनिधि उनकी बिजली, पानी और सडक जैसी मूलभूत समस्याओं को सुलझाएगा लेकिन अंत में उनके हाथ निराशा ही लगती है.\nआर्यनगर ने कैंसर की मुख्य वजह यहाँ के पानी को बताया.उन्होंने कहा कि बाढ़डा हलके में वैसे ही पानी की समस्या पिछले कई वर्षों से चली आ रही है जिसके कारण बाढ़डा डार्क जोन में आता है. ज्यादातर गांवों में भूमि जल स्तर पूरी तरह गिर चुका है और जहाँ पानी है भी उसमे क्लोराइड की मात्रा इतनी ज्यादा है की लोग उस पानी को पीकर कैंसर जैसी बिमारी का शिकार हो रहे हैं. सरकार तमाशगीन बनी हुई है और लोग परेशान हैं. देवेन्द्र ने कहा कि अबकी बार चुनावों में जनता उन सब नेताओं को सबक सिखाएगी जो यहां के नेता याद रखेंगे. वहीँ देवेन्द्र ने आज तक इस समस्या का समाधान न होने की सबसे बड़ी वजह बताई कि जो भी नेता यहाँ से जीता वो बाढ़डा से बाहर जाकर बस गया. फिर उसे यहाँ के लोगों के सुख-दुःख से कोई वास्ता नहीं रहा. वहीँ कांग्रेस ने भी जिसको टिकेट दिया वो उम्मीदवार बाढ़डा का न होकर बाहरी था.\nदेवेन्द्र ने कहा कि अब वक़्त आ गया है जब बाढ़डा की जनता ने मन बना लिया है कि जो नेता बाढ़डा के लोगों को इन समस्याओं से निजात दिलाएगा वो उसी का साथ देगी. वहीँ आर्यनगर ने उम्मीद जताई कि कांग्रेस भी यहाँ के लोगों की मनोभावनाओं को समझते हुए यहाँ के ही किसी वाशिंदे को टिकेट देगी और जनता उसे भारी मतों से जिताकर भेजेगी. आर्यनगर ने उम्मीद जताई कि जनता अगले चुनाव में बीजेपी को खारिज़ कर कांग्रेस के साथ चलेगी और कांग्रेस राज में ही बाढ़डा के लोगों को इन समस्याओं से निजात मिलेगी.\nउत्तर प्रदेश : माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का बागपत जेल में मर्डर, गैंगस्टर ने मारी 10 गोलियां, अभी कुछ दिन पहले ही पत्नी ने जताया था हत्या का शक........\nआवाज़(रेखा राव, दिल्ली): आखिर वही हुआ जिसका शक अभी कुछ दिन पहले कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने जताया था. यूपी के कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल में गोलियों से भून कर उसकी हत्या कर दी गई. यहाँ मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी. जिसके लिए उसे रविवार झांसी से बागपत लाया गया था. इसी दौरान जेल में उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक मुन्ना बजरंगी को 10 गोलियां मारी गईं.\nयोगी सरकार ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए एडीजी जेल ने बागपत जेल के जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वॉर्डन और दो सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लेते हुए मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. मुन्ना के साले विकास श्रीवास्तव ने बताया कि उसे 10 गोली मारी गई है. उन्होंने सुनील राठी पर आरोप लगाए हैं. अबतक प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी के शूटर्स ने मुन्ना बजरंगी को गोली मारी है. मुन्ना पर बड़ौत के पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित और उनके भाई नारायण दीक्षित से 22 सितंबर 2017 को फोन पर रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप था.\nमुन्ना बजरंगी के नाम से मशहूर इस कुख्यात डॉन का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया. उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया. शुरुआत में उसे जौनपुर के दबंग गजराज सिंह का संरक्षण हासिल हुआ जिसके चलते इसने 1984 में लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी. इसके बाद उसने गजराज के इशारे पर ही जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना काला कारोबार जमाया. वहीँ 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी का हाथ थामा और उसकी गंग में शामिल हो गया.\nइसी बीच मुख्तार अंसारी ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा और वो साल 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक निर्वाचित हुआ. अंसारी के विधायक बनने के बाद तो मुन्ना बजरंगी की ताकत कई गुना बढ़ गई. मुन्ना सीधे पर सरकारी ठेकों को प्रभावित करने लगा था. मुख्तार का खास आदमी बन गया. फिर चाहे वो पूर्वांचल में सरकारी ठेकों और वसूली के कारोबार पर मुख्तार अंसारी का कब्जा था. लेकिन इसी दौरान तेजी से उभरते बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय उनके लिए चुनौती बनने लगे. उन पर मुख्तार के दुश्मन ब्रिजेश सिंह का हाथ था. उसी के संरक्षण में कृष्णानंद राय का गैंग फल फूल रहा था. इसी वजह से दोनों गैंग अपनी ताकत बढ़ा रहे थे. इनके संबंध अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़े गए थे. कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को रास नहीं आ रहा था. उन्होंने कृष्णानंद को खत्म करने की जिम्मेदारी मुन्ना को सौंप दी. मुख्तार से फरमान मिल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को खत्म करने की साजिश रची. 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद की हत्या कर दी.\nउत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुन्ना के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे. वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था. उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज हैं. 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था. ऐसा माना जाता है कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद गिरफ्तारी करवाई थी.(इनपुटःआजतक डॉट इन)
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82b6675572adaca5b44dd8072997c383b1e60dd58f430e4e539a88534ac63c2e | जीवन में काफी कुछ महत्वपूर्ण अनायास ही होता रहा है इसी क्रम में जेल यात्रा भी अनायास ही हो गई वह भी ऐसे अपराध में जो मैंने किया ही नहीं था। किशोरावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक छात्र, किसान मजदूर, अध्यापक, पत्रकार और जनांदोलनों में सक्रिय भागीदारी करता रहा और अनेक बार गिरफ्तारी भी दी कई बार जेल यात्रा भी की मगर जो यह जेल यात्रा हुई इसके अपने ही अनुभव रहे।
तहलका पत्रिका के विरोधियों के लिए बीता हफ्ता काफी अच्छा रहा. अपने संस्थान में काम करने वाली एक युवा महिला पत्रकार पर यौन हमले की घटना के प्रकाश में आने के बाद तरुण तेजपाल और तहलका के भविष्य को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म है. एक तरफ़ जहां भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अचानक 'नारीवादी' बनकर अपने खिलाफ हुए स्टिंग ऑपरेशनों का बदला तहलका और तरुण तेजपाल पर हमला करके ले रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पत्रकार मधु त्रेहान ने तहलका को बंद करने की मांग करते हुए एक नई बहस छेड़ दी. हालांकि इस बहस को चलाने वाले लोग, मीडियाकर्मी और संस्थान खुद कितने दूध के धुले हैं, वह एक अलग बहस का विषय है.
आज के दौर में जहां मुशायरे मज़हबी रंग अख्तियार कर चुके हैं, और हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि अगर आप किसी अपने गैर मुस्लिम दोस्त के साथ मुशायरे में चले जायें तो अगली सुबह आप उससे शर्म के मारे आंख नहीं मिला सकेंगे. कुछ वैसी ही बल्कि इससे भी खस्ता हालत कवि सम्मेलनों की हो गई है वहां भी सुबह होते-होते लगता है कि लगता है कि भारत में हिंदुत्व का परचम लहराया जा चुका है और बाकी लोग अपनी जान बचाते इधर-उधर भागे फिर रहे हैं।
इंदौर का प्रतिष्ठित अखबार जब भोपाल लांच हुआ तब रिपोर्टर या अन्य कर्मचारियों को ज्वाइन करवाते समय कम सेलरी पर इस आश्वासन के साथ रखा गया था कि अखबार के छः माह पूरे होने के साथ ही मांगी गई सेलरी प्रदान की जाएगी अथवा सेलरी काम देखने के हिसाब से बढ़ा दी जाएगी। इसके अलावा काम अच्छा हुआ तो इसके लिए अतिरिक्त पेंमेंट भी दिया जाएगा। लेकिन डेढ़ साल होने के बाद भी सेलरी बढ़ाने की बात तो दूर ना ही बोनस मिला न ही अवकाश।
वरिष्ठ पत्रकार, रंगकर्मी एवं समाजसेवी लोकनाथ पंडा का शनिवार की रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से संबलपुर, उड़ीसा में निधन हो गया. वे 67 वर्ष के थे. रविवार को संबलपुर के कमली बाजार स्थित स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
'ये जो पब्लिक है ये सब जानती है पब्लिक है!' रोटी फ़िल्म में किशोर कुमार द्वारा गाया गया यह गीत तो हम सभी को याद ही है। पर इसका महत्त्व शायद हम भूल चुकें हैं. पब्लिक सब जानती तो है, पर एक बोतल शराब और चंद रुपयों के लिए अपने ज़मीर, अपनी आत्मा, अपनी सत्ता को दांव पर लगा देती है। यही पब्लिक है जो एक चोर एक महाचोर के फेर में चोर को महाचोर बना देती है। अब कैसे कहें कि ये पब्लिक सब जानती है।
तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल का मसला अब लगभग अपनी समाप्ति की ओर अग्रसर है। मीडिया के भारी दबाव व जनचेतना के चलते अब यह मामला कानून और कोर्ट की दहलीज पर पहुच चुका है। जहां समयानुसार व विधिसम्मत कार्यवाही होना लाजमी है।
दैनिक भाष्कर के लांच होने के पहले ही बिहार के अग्रणी अखबार में हताशा और निराशा का माहौल व्याप्त हो गया है। हिंदुस्तान के सिटी डेस्क से 5 पत्रकार तो चले ही गए अभी और भी प्रमुख पत्रकारों के जाने के संकेत मिले हैं। इसकी वजह वेतन में कमी तो थी ही लेकिन प्रमुख वजह सिटी इंचार्ज कमलेश के अशिष्ट एवं तानाशाही व्यवहार से क्षुब्ध होना भी बताया जा रहा है। इसके अलावा समाचार संपादक प्रमोद मिश्र से भी उनके कई पत्रकार सहकर्मी नाखुश हैं। शशि शेखर के साथ बैठक में उन्होंने आश्वस्त किया था कि हिंदुस्तान पटना से किसी भी पत्रकार या अन्य सहकर्मियों को जाने नहीं देंगे लेकिन वे इस मामले में असफल सिद्ध हुए।
वर्ष 2001 में तरुण तेजपाल ने तहलका डॉट कॉम के जरिये भाजपा के नेता बंगारू लक्ष्मण को रिश्वत लेते कैमरे में कैद कर के तहलका मचा दिया था. उसके बाद मैच फिक्सिंग करते खिलाड़ियों और बुकियों को बेनक़ाब करना हो या गुजरात दंगों में अपने स्टिंग ऑपरेशन "कलंक" के जरिये माया कोडनानी और बाबू बजरंगी की संलिप्तता दिखाकर उनको सलाखों के पीछे भिजवाना, ऐसे कई खुलासों ने तहलका और तरुण तेजपाल को पत्रकारिता जगत में एक पहचान दिला दी, तहलका की खोजी पत्रकारिता लगातार जारी रही. तहलका अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए जाना माना नाम बन गया.
तरुण तेजपाल मामले का असर मीडिया संस्थानों पर दिखने लगा है. देश के प्रमुख समाचार पत्र हिन्दू ने अपने यहां यौन उत्पीड़न की घटनाओं से निपटने के लिए आंतरिक शिकायत समिति का गठन शुरू कर दिया है. तेजपाल प्रकरण के आने के बाद ये बात सामने आई थी कि लगभग सभी मीडिया संस्थानों में यौन उत्पीड़न की जांच के लिए कोई कमेटी नहीं है. इस मुद्दे पर मीडिया की खूब आलोचना हो रही थी.
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा 10 से 15 अक्टूबर 2013 के बीच एसएसपी वाराणसी द्वारा पुलिसकर्मियों के किये गए स्थानान्तरण से सम्बन्ध में आरटीआई में सूचना मांगे जाने पर पर जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) एसपी ग्रामीण, वाराणसी ने पूर्णतया गलत सूचना प्रदान की है.
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मियों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड मामले की अंतिम सुनवाई के लिए दस दिसम्बर की तिथि तय की है. 27 नवम्बर को अखबार प्रबंधकों के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए दस दिसम्बर का समय दिया.
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82b770eaf4575adb6bf416cf8f17e372af6bf7f777de8de0026ac06d56bc3cf2 | भाजपा के निशाने पर अब पूर्व सीएस विवेक ढांड, प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा, 'पूर्व मुख्य सचिव अपने को सुपर सीएम सुनना पसंद करता है'
रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने नान घोटाले के आरोपी शिवशंकर भट्ट की पत्रकार वार्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बदलापुर सरकार के इशारे पर आरोपी अपना बचाव कर रहे हैं, लेकिन न्यायालय में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिस शपथ पत्र को 164 का बयान कहकर बदलापुर नरेश प्रचारित कर रहे हैं, उससे ही समझ आ जाता है कि दंतेवाड़ा उप चुनाव में भाजपा नेताओं को बदनाम कर बदलापुर सरकार चुनाव जीतना चाह रही है लेकिन जनता भूपेश सरकार की मंशा समझ रही है। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्य सचिव जिसका नाम नान मामले में रकम लेने में आया था जिसके चलते अपने को बचाने के लिए स्टेनोग्राफर और पीए को हटाने का नाटक किया था, वो आज सरकार के साथ मिलकर षडयंत्र कर रहे हैं और अपने को सुपर सी एम सुनना पसंद कर रहे हैं। षडयंत्र का खुलासा एक दिन अवश्य होगा.
भाजपा प्रवक्ता श्री सुंदरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के 9 माह के शासन काल में बदलापुर की राजनीति के अलावा छत्तीसगढ़ को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। कांग्रेस सरकार एक ओर नान के आरोपी को उच्च पद पर नियुक्त कर रही है वहीं दूसरे आरोपियों को संरक्षण देने का काम कर बदलापुर की राजनीति कर रही है। लेकिन न्यायालय में सब कुछ साफ हो जाएगा। मुख्यमंत्री अब भ्रम फैलाने की राजनीति से बाज़ आएँ।
राजनीतिक समीक्षकों की मानें तो भाजपा प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड पर हमला बोला है जो कभी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह के बेहद खास थे. ढांड के समय ही यह नान घोटाला सामने आया था. इसमें उन दो शासकीय कर्मियों मिश्रा और देवांगन का नाम भी था जो उनके पीए रह चुके थे लेकिन साहब ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इन दोनों का नाम नान घोटाला के आरोपियों की लिस्ट से हटवा दिया था ताकि घोटाले की आंच उनके चेहरे तक ना पहुंचे.
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82bcf7cae17cc0e1a5968ee17ee695a327d4f87e05ea4bc132ac4a353c894ee0 | दिल्लीः कांग्रेस प्रवक्ता गौरव गोगोई का बयान- संविधान का अपमान बीजेपी का दूसरा चरित्र, बाबा साहब का नाम लेती है बीजेपी, संविधान का बीजेपी के मंत्री अपमान करते हैं।
खबर का असर, टार्च की रौशनी में ऑपरेशन करने का मामला, उन्नाव सीएमओ को हटाया गया, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कार्रवाई की, सीएमओ डॉ राजेंद्र प्रसाद को हटाया गया, नवाबगंज सीएचसी प्रभारी को भी हटाया, सीएचसी प्रभारी देवेश दास भी हटाए गए, एनजीओ ने ऑपरेशन शिविर कार्यक्रम रखा था, नवाबगंज सीएचसी में ऑपरेशन किए गए थे।
लखनऊः सीएम योगी कल जाएंगे हिमाचल प्रदेश, जयराम ठाकुर के शपथ ग्रहण में होंगे शामिल, जयराम ठाकुर कल लेंगे सीएम पद की शपथ।
लखनऊः नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने बुलाई बैठक, विभागीय कार्यों की समीक्षा करेंगे मंत्री, विधानसभा कार्यालय में 7 बजे होगी बैठक।
लखनऊः यूपी कैबिनेट में पास होने वाले प्रस्ताव, दिव्यांग जनअधिकार नियमावली प्रख्यापन पास, छह महीने के अंदर मॉडल लागू होना था, 300 रुपये से 500 पेंशन हुई दिव्यांगों की, दीनदयाल जी के नाम पर पशु मेलों का आयोजन, कुल 10 प्रस्ताव कैबिनेट में आये, पीपीगंज विकास खंड के सृजन का प्रस्ताव पास, भूमि अर्जन पुनर्वास, पुनर्व्यवस्था से जुड़ा प्रस्ताव पास, यूपी हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल पालिसी पास, गार्मेंटिंग पालिसी का प्रस्ताव पास हुआ, टेक्सटाइल इन्डस्ट्री को मिलेगा फायदा-सिद्धार्थनाथ।
लखनऊः IPS अफसरों की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक कल, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कल होगी बैठक, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार होंगे शामिल, डीजी उत्तराखंड अनिल रतूड़ी भी होंगे शामिल।
लखनऊः 24 जनवरी को होगा यूपी दिवस, मुख्य सचिव राजीव कुमार का बयान- महान विभूतियों का होगा सम्मान, यूपी दिवस का थीम हो यूपी का नवनिर्माण, 1000 किसान गोष्ठियां आयोजित हो रही, अधिक पैदावार के लिए जागरुक कर रहे, 5 मिनट की मल्टीमीडिया फिल्म बनेगी, विकासपरक योजनाओं की दी जाएगी जानकारी।
लखनऊः मुख्य सचिव राजीव कुमार ने वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों को दिए निर्देश, गांवों में विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें, जनपद भ्रमण के दौरान एक गांव का निरीक्षण करें।
लखनऊः 60 लाख ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं का मामला, 5 वर्षों में गलत तरीके से वसूले गए 20 फीसदी बिल, इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी पर नियामक आयोग का निर्देश, नियामक आयोग अध्यक्ष ने रिपोर्ट तलब की, पावर कार्पोरेशन के प्रबन्ध निदेशक से रिपोर्ट मांगी, आयोग ने 7 दिन में तलब की रिपार्ट।
लखनऊः हाईकोर्ट के जजों को लैपटॉप रखने का प्रस्ताव, 5 साल पर मिलने वाले लैपटॉप का प्रस्ताव, डेप्रिसिएशन वैल्यू पर पास रखने का प्रस्ताव पास, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के लिए लोन मंजूर, इलाहाबाद बैंक से 7.90 फीसदी ब्याज पर लोन, पहले हुडको से 10 फीसदी ब्याज पर था, लोन को इलाहाबाद बैंक को ट्रांसफर का प्रस्ताव पास, सरकार को कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा, यूपी कैबिनेट में पास हुए प्रस्ताव।
मेरठः मेरठ मेडिकल कॉलेज में महापाप,डर्टी डांस और दारूबाजी की नई तस्वीरें, अय्याशों ने बार टेंडर भी बुलाई थी, दिल्ली से शराब परोसने वाली लड़कियां, सैकड़ों बोतल दारू, मुर्गा और बेली डांस, सरकारी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल में महापाप, जांच पूरी होने को सिर्फ 48 घंटे बाकी है, अब तक जांच कमेटी के मेम्बर मेरठ नहीं पहुंचे, मरीज बिलखते रहे, दूसरी तरफ दारू-मुर्गा डांस।
नोएडाः मशहूर क्रिकेटर मो. कैफ ट्रोल हुए, क्रिसमस की फोटो डालने पर ट्रोलिंग, कमेंट बॉक्स में मो. कैफ के खिलाफ ट्रोल,'मुसलमान हो शर्म करो' जैसी ट्रोलिंग की गई, मो. कैफ नए विचारों के लिए जाने जाते हैं, इसके पहले भी ट्रोल गैंग के निशाना बने कैफ।
नोएडाः लाइक के नाम पर 3700 करोड़ की ठगी का मामला, अभिनव मित्तल की पत्नी आयुषी गिरफ्तार, नोएडा STF ने पुणे से आयुषी को किया अरेस्ट, एल्बेज कम्पनी की डायरेक्टर थी आयुषी, मामला खुलने के बाद से थी आयुषी फरार, पुणे से नोएडा लाने की हो रही तैयारी।
गोरखपुरः मेरठ मेडिकल कॉलेज में अश्लील डांस का मामला- कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन का मामले पर बयान, मेडिकल कॉलेज में डांस दुर्भाग्यपूर्ण, DGME की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनी, जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी, अगले 48 घंटे में कार्रवाई की उम्मीद।
कानपुरः बड़े अपार्टमेंट बनाने वाले बिल्डर्स देंगे प्रीमियम, कानपुर प्रशासन कर रहा है तैयारी, फ़ार्म हाउस का देना होगा रिहायशी टैक्स, फ़ार्म हाउस मालिकों को भी देना होगा टैक्स, पूरे फ़ार्म हाउस का देना होगा रिहायशी टैक्स।
बागपतः बाबा राम रहीम के बरनावा आश्रम पर SIT की टीम ने मारा छापा, 1 लाख,50 हजार के इनामी की तलाश में छापा, हरियाणा SIT ने आरोपियों की तलाश मारा छापा, पंचकूला हिंसा के मुख्य आरोपी समेत 5 की तलाश, आश्रम के गेट पर लगाए वांटेड के पोस्टर, बरनावा में है राम रहीम का बड़ा आश्रम।
कासगंजः CHC कासगंज की लापरवाही आई सामने, CHC कासगंज में लगाया गया नसबंदी कैम्प, 30 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन होना था, सुबह 8 बजे से अब तक नहीं हुआ ऑपरेशन, महिलाओं को नशीला इंजेक्शन भी दिया गया, आक्रोशित महिलाओं ने जमकर किया हंगामा, लापरवाही से अभी तक नहीं हुई नसबंदी।
मथुराः लापरवाही से मरीज की मौत का मामला, नयति हॉस्पिटल में लापरवाही से हुई थी मौत, गोवर्धन विधायक के भाई की पत्नी की हुई थी मौत, आपरेशन के बाद महिला की हुई थी मौत, 3 डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा कराया था दर्ज, आरोपी के खिलाफ नहीं की पुलिस ने कोई कार्रवाई, विधायक ने लगाया पुलिस,प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप, मुख्यमंत्री योगी से करेंगे मथुरा पुलिस की शिकायत।
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82c80f38dc4b81b2a72aa803ea5b93bbfcbc1425edcea333bdfa6525833b82cc | नई दिल्ली। अनिल अम्बानी ने राफेल डील के मुद्दे को लेकर कांग्रेस से टकराव की स्थिति बनी हुई है। इसको लेकर अम्बानी ने दो बार राहुल गांधी को पत्र लिखकर अवगत करवा चुके हैं।अनिल अंबानी ने कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, अशोक चव्हाण, संजय निरुपम, अनुग्रह नारायण सिंह, ओमान चांडी, शक्तिसिंह गोहिल, अभिषेक मनु सिंघवी, सुनील झाकड़ और प्रियंका चतुर्वेदी को इस मुद्दे पर लीगल नोटिस भेज दिया है।
इसके बाद कई कांग्रेस प्रवक्ताओं ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि नोटिस को हवाई जहाज बना कर उड़ा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि मेरे प्लेन बनाने की स्किल आपसे बेहतर है। दूसरी ओर जयवीर शेरगिल ने लिखा कि मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं और पंजाबी हूं, इस प्रकार के लीगल नोटिस से नहीं डरता हूं।
इस नोटिस में अनिल अंबानी ने कहा है कि कांग्रेस प्रवक्ता बिना किसी सबूत के कोई आरोप नहीं लगाएं, वो सच्चाई बोले जिसके उनके पास सबूत हो। अंबानी ने चेता दिया है कि कांग्रेस पार्टी या उनके प्रवक्ता राफेल डील के विषय पर लोगों में किसी भी प्रकार गलत भ्रांति नहीं फैलाएं।
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82e1d13e23120b9d0aa55836fabd6cdb4adc778fff7bccfba6b44d5187c07a34 | राजधानी पटना में बिहार का पहला नन-कमर्शियल ब्लड बैंक बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। व्यापारी करण के दौर में मरीजों के लिए यह ब्लड बैंक वरदान साबित होगा। एक तरफ जहां जरूरतमंदों को ब्लड के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है वहीं राज्य का पहला नन- कमर्शियल ब्लड बैंक निः शुल्क में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। यह पूरी तरह हीमोफिलिया और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को समर्पित होगा।
मां वैष्णो देवी सेवा समिति ने ब्लड बैंक को बनाया है। हीमोफिलिया और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को फ्री में बल्ड दिया जाएगा। जरूरतमंद लोगों को सरकारी रेट पर ब्लड उपलब्ध कराई जाएगी। आपातकालीन स्थिति में 4 से 6 घंटे के अंदर एक सौ से दो सौ यूनिट ब्लड उपलब्ध कराई जाएगी। 1 यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जिंदगी संवारने की मां वैष्णो देवा समिति की मुहिम है। प्लेलेट्स के साथ प्लाज्मा और PRBC की भी सुविधा होगी।
बीते एक दशक से ऊपर से लोगों की जान बचा रहे मां वैष्णो देवी समिति के मुकेश हिसारिया ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को जिन्हें हर 15 दिनों पर ब्लड की जरूरत होती है। उन्हें फ्री में बल्ड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 300 बिजनस मैन का समूह साल 2009 से ही असहाय व पीड़ितों की सेवा में समर्पित है। ब्लड बैंक के नाम से जाने वाले मुकेश हिसारिया अब तक कई प्रतिष्ठित अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। हाल ही में डिटॉल इंडिया ने कोविड काल में उत्कृष्ट सेवा के लिए देश भर के 100 लोगों की सूची में जगह दी है।
बता दें कि राज्य का यह पहला नन-कमर्शियल ब्लड बैंक होगा जो लाभ न कमाने के मकसद से सिर्फ जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित होगा। बिहार सरकार ने भी इस पहल की सराहना की है। मां ब्लड बैंक पहुंचे मंत्री नंदकिशोर यादव ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि समाजिक पुरोधा द्वारा बनाए गए मां बल्ड बैंक के जरिए लोगों को आसानी से ब्लड उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने सभी कर्मियों की प्रशंसा करते हुए आगे के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
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क्या बड़े भाई की संपत्ति में छोटे भाई का हिस्सा होता है?
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82fc7b31aacf2f39b5e3fcb9710ab3e991dacc57634cc3ce147287e053b4c3ce | कुंडा( प्रतापगढ़) सूचना देने के बाद और मौके पर जाने के बाद भी साँड़ ( भैंसा) को मारने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने से ग्रामीण भड़क उठें। नाराज सैकड़ो ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर लिया। तहरीर लेने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने और आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया, तब कही जाकर ग्रामीणों ने थाना छोड़ा।
मामला कुंडा तहसील के महेशगंज थाना क्षेत्र के रायगढ़ गाँव का है। इस गाँव के डिंगूर सिंह का पुरवा, बला का पुरवा, गौरी का पुरवा मजरे के सैकड़ो ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से चन्दा लगाकर एक साँड़ छोड़ा था, जिसकी देखभाल गाँव के सभी लोग करते थे।
शुक्रवार की शाम अहलादगंज का ही दूसरें सम्प्रदाय का एक व्यक्ति अपने साथियो के साथ भैंसे को लेकर अपने घर चला गया। जहां पर उसने भैंसे के चारो पैरों को बांधकर उसको नुकीले हथियार और लाठी डंडे से उसके नाजुक अंगों पर मारने लगा। जिससे साँड़ गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों ने भैंसे को मारते हुए देखा तो ग्रामीणों को साँड़ की हत्या करने की आशंका हुई तो उन्होंने इस बात की सूचना पुलिस को दे दी। सूचना पर डायल 100 की पुलिस मौके पर तो गई लेकिन आरोपियों को नहीं पकड़ा।
ग्रामीणों का आरोप है कि रात में पुलिस पुनः आरोपियों के घर गई लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जबकि पुलिस उनकी बाइक थाने उठा लाई।
आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही न करने से नाराज कई पुरवों के सैकड़ो ग्रामीणों ने पुलिस की कार्य प्रणाली से नाराज होकर शनिवार की सुबह थाने का घेराव कर लिया। बाद में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद ग्रामीण अपने घरों को लौटे।
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83013843f420ec8a278bbc2ab164d45e06505ea205eb3e3c6bbc2c0bf98c3d7f | शुरुआती जानकारी से संकेत मिलता है कि रात 11 बजे के बाद एलिस रिवर ब्रिज के पास हर्वे रेंज रोड पर साइमंड्स की कार दुर्घटना ग्रस्त हो गई। आपातकालीन सेवा के चिकित्सकों ने साइमंड्स को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन अत्यधिक चोटों के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
एंड्रयू साइमंड्स (फाइल फोटो)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के दिग्गज एंड्रयू साइमंड्स की क्वींसलैंड में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई है। साइमंड्स 46 वर्ष के थे। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि वे टाउन्सविले, जहां साइमंड्स रहते थे, से लगभग 50 किलोमीटर दूर, हर्वे रेंज में एक घातक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।
न्यूज कॉर्प की एक रिपोर्ट के अनुसार, साइमंड्स के परिवार ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए एक बयान जारी किया, और लोगों की सहानुभूति और शुभकामनाओं की सराहना की, और कहा कि उनकी निजता का सम्मान किया जाए। साइमंड्स ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 198 एकदिवसीय मैच खेले और 2003 और 2007 में एक भी मैच गंवाए बिना लगातार विश्व कप जीतने वाली टीम के प्रमुख सदस्य थे।
2003 के विश्व कप के लिए उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाएगा, जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शानदा वाले शतक के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर कदम रखा। विस्फोटक दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 26 टेस्ट भी खेले, इंग्लैंड और भारत के खिलाफ शतक बनाए, जबकि वह गेंद के साथ अपने ऑफ-ब्रेक या मध्यम तेज गेंदबाजों के साथ भी एक मूल्यवान विकल्प थे।
साइमंड्स ने 26 टेस्ट मैचों में 40.61 की औसत से 1462 रन बनाए हैं, जिसमें 2 शतक और 10 अर्धशतक लगाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 162 रन है। इसके अलावा उन्होंने 24 विकेट भी लिए हैं। वहीं, 198 एकदिनी मैचों में 39.75 की औसत से 5088 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 156 है। इस दौरान उन्होंने 6 शतक और 30 अर्धशतक लगाए हैं। एकदिनी में उन्होंने 133 विकेट भी लिए हैं।
टी-20 क्रिकेट में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 14 मैच खेले हैं और 48.14 की स्ट्राइक रेट से 337 रन बनाए हैं। इस प्रारूप में उन्होंने 2 अर्धशतक लगाए हैं, नाबाद 85 रन उनका सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने टी-20 में 8 विकेट भी लिए हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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83161da456691ce0c46e87c74bf105aab9f839c1d772f38cb27ff1d1fcbb6a9f | भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को ट्विटर पर अपनी एक शर्टलेस फोटो शेयर की। यूजर्स ने नए ट्रैफिक नियमों को लेकर उनकी इस फोटो का जमकर मजाक उड़ाया। कोहली ने फोटो शेयर कर लिखा था कि जब हम अपने भीतर झांकते हैं तो हमें बाहर तलाश करने की जरूरत नहीं होती। इस पर एक यूजर ने कहा- यह कोई फोटो शूट नहीं, बल्कि चीकू ने ट्रैफिक चालान भरा है। दूसरे ने कमेंट किया कि विराट ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के बाद चालान भरा है।
एक यूजर ने लिखा- इस फोटो को देखकर कोई भी बता सकता है कि ट्रैफिक चालान कितना भरा गया है। दूसरे ने लिखा, "विश्व के सबसे अमीर क्रिकेटर की ट्रैफिक चालान भरने के बाद की स्थिति।"
देश में नए ट्रैफिक नियम के लागू होने के बाद इसके उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लग रहा है। मंगलवार को गुरुग्राम में हेलमेट नहीं पहनने और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं रखने के कारण दिनेश मदान नामक व्यक्ति का 23 हजार रूपए का चालान कटा था। इसी तरह एक ट्रैक्टर चालक को नियमों के उल्लंघन पर 59 हजार रु. चालान भरना पड़ा था।
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831cf975d900f190032aa903073c7353f58f72f33936c3c67258f7535f727a9c | पटनाः गोपालगंज (Gopalganj) के हथुआ में हुए तिहरे कत्ल कांड को लेकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने फिर बिहार हुकूमत को अल्टीमेटम दिया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर कल तक MLA की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो आरजेडी के सभी MLA गोपालगंज के लिए पटना से कूच करेंगे. इस लॉकडाउन को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल रखा जाएगा.
तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि बिहार में लॉ एंड आर्डर बद से बदतर हो गया है. पुलिस CM नीतीश कुमर के हुक्म पर लीपापोती करने में लगी हुई है. उनके इशारे पर पुलिस नज़रबंदी का खेल खेल रही है. नीतीश कुमार जी के चहेते MLA अमरेंद्र पांडे की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.
तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार में सीएम नीतीश कुमार जी कहते हैं कि हम न तो फंसाते हैं न ही बचाते हैं. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि आपके ये जो चहेते MLA हैं उन पर ऐसी कोई IPC दफा है जो नहीं लगी है. नजरबंद आपने घर पर कर रखा है और आप कह रहे हैं कि हुकूमत बचाने का काम नहीं कर रही है.
गिरफ्तारी की मांग को लेकर गोपालगंज थाने जाएंगे हमने दो दिन का समय दिया था और अगर कल शाम तक अमरेंद्र पांडे की गिरफ्तारी नहीं होती है तो मैं और मेरी पार्टी के सारे MLA सोशल डिस्टेंसिंग पर पालन करते हुए पटना से गोपालगंज के लिए कूच करेंगे.
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8325bf93d74a2b2fbd196fc09e4011729c6a9cac86a6613425e1e34093563778 | United Kingdom ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक अतिथि के रूप में G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। G7 शिखर सम्मेलन इस वर्ष जून में होना है। ब्रिटिश उच्चायोग के एक बयान में कहा गया है, यूके के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन भी G7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत की यात्रा कर सकते हैं। जॉनसन की भारत की पूर्व यात्रा ब्रिटेन में कोरोनावायरस की स्थिति के कारण उनके द्वारा रद्द कर दी गई थी।
जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। सदस्य राज्यों की सरकार के प्रमुखों और साथ ही यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि वार्षिक जी 7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। 2018 के अनुसार, G7 वैश्विक शुद्ध संपत्ति ($ 317 ट्रिलियन) का 58%, नाममात्र मूल्यों पर आधारित वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 46% से अधिक, और वैश्विक जीडीपी आधारित 32% से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है।
क्रय शक्ति समता पर इसमें शामिल सात देश दुनिया की सबसे बड़ी आईएमएफ-उन्नत अर्थव्यवस्था भी हैं।
G7 कुछ समय के लिए आठ के समूह (जी -8) के रूप में जाना जाता था, 2014 तक जब पूर्व सदस्य रूस को यूक्रेन से अवैध रूप से क्रीमिया क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेने के बाद हटा दिया गया था। यूरोपीय संघ (ईयू) को कभी-कभी G7 के आठवें सदस्य के रूप में माना जाता है, क्योंकि यह मेजबान बैठकों को छोड़कर पूर्ण सदस्यों के सभी अधिकारों और जिम्मेदारियों को रखता है।
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83421ddbc83e08b9c3f9f847b30002543c5f3d2b049a0f9f57d880d80e508e3f | मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को हजारों करोड़ की चपत लगाकर फरार होने वाले ज्वेलर नीरव मोदी का सौतेला भाई 50 किलो सोना लेकर भाग निकला है। सीबीआई को उसकी तलाश है। नीरव के सौतेले भाई का नाम नेहल है।
सीबीआई के मुताबिक, नीरव मोदी के एक रिटेल आउटलेट में बेचने के लिए 50 किलो सोने की ज्यूलरी दुबई के एक सेफ हाउस में रखी गई थी। नेहल को जैसे ही पता चला कि जांच एजेंसी ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव के खिलाफ केस दर्ज किया है, वो सोना लेकर फरार हो गया।
नेहल का रिश्ता नीरव के मामा मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स से रहा है। पीएनबी घोटाले में सीबीआई ने नेहल को आरोपी नहीं बनाया है, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग में नेहल की भूमिका है। ईडी ने मुंबई की विशेष अदालत में गुरुवार को दाखिल चार्जशीट में नेहल का नाम भी लिखा है।
बता दें कि पीएनबी घोटाले में पहला केस दर्ज होने के बाद ही नीरव, उसका मामा मेहुल चोकसी और उनके परिवार भारत से भाग गए। फिर उनकी तरफ से नेहल ने पीएनबी प्रबंधन से बकाया लौटाने के लिए कुछ वक्त मांगा। नेहल ने पीएनबी अफसरों से और लोन देने की भी गुजारिश की थी, ताकि पहले के कुछ उधार चुकाए जा सकें। उसने विदेशी निवेश और कंपनी की आने वाली आईपीओ के जरिए बैलेंस को ठीक करने का पीएनबी प्रबंधन से वादा किया था।
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