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dict
आधारशिला तथा मकबराने निर्मित थवामां बार वर्ष लाग्यां. शेष इमारतो तथा भागोने बीजां दस वर्षोमां पूर्ण करायां. आमां पहला मिनारा, पछी मस्जिद, पछी जवाब तथा अंतमां मुख्य द्वार बन्या. केमके आ समूह, घणी अवस्थाओमां बन्यो, माटेआनी निर्माण-समाप्तिनी तिथिमां घणी भिन्नता छे. आ एमाटे छे, केमके पूर्णताना घणां पृथक मत छे. उदाहरणतः मुख्य मकबरो १६४३मां पूर्ण थयो हतो, पण शेष समूह इमारतो बनती रही. आ प्रकारे आनी निर्माण कीमतमां पण भिन्नताओ छे, केमके आनी किंमत नक्की करवामां समयना अंतरालथी घणो फर्क आवी गयो छे. तो पण कुल मूल्य लगभग ३ अबज २० करोड रूपिया, ते समयानुसार आंकवामां आवे छे; जो के वर्तमानमां खरबों डॉलरथी पण वधु थइ शके छे, जो वर्तमान मुद्रामां बदलीए तो. ताजमहल ने संपूर्ण भारत तथा एशियाथी लवाएली गई सामग्रीथी निर्मित करवामां आव्यो हतो १,००० से अधिक हाथी निर्माण दरम्यान यातायात माटे उपयोगमां लेवाया हता.
ताजमहेलनी इमारतोनो खर्च नक्की करवामां कोणे महत्वनो भाग भजव्यो?
300
{ "answer_start": [ 451 ], "text": [ "समयना अंतराल" ] }
आधारशिला तथा मकबराने निर्मित थवामां बार वर्ष लाग्यां. शेष इमारतो तथा भागोने बीजां दस वर्षोमां पूर्ण करायां. आमां पहला मिनारा, पछी मस्जिद, पछी जवाब तथा अंतमां मुख्य द्वार बन्या. केमके आ समूह, घणी अवस्थाओमां बन्यो, माटेआनी निर्माण-समाप्तिनी तिथिमां घणी भिन्नता छे. आ एमाटे छे, केमके पूर्णताना घणां पृथक मत छे. उदाहरणतः मुख्य मकबरो १६४३मां पूर्ण थयो हतो, पण शेष समूह इमारतो बनती रही. आ प्रकारे आनी निर्माण कीमतमां पण भिन्नताओ छे, केमके आनी किंमत नक्की करवामां समयना अंतरालथी घणो फर्क आवी गयो छे. तो पण कुल मूल्य लगभग ३ अबज २० करोड रूपिया, ते समयानुसार आंकवामां आवे छे; जो के वर्तमानमां खरबों डॉलरथी पण वधु थइ शके छे, जो वर्तमान मुद्रामां बदलीए तो. ताजमहल ने संपूर्ण भारत तथा एशियाथी लवाएली गई सामग्रीथी निर्मित करवामां आव्यो हतो १,००० से अधिक हाथी निर्माण दरम्यान यातायात माटे उपयोगमां लेवाया हता.
ताजमहेलना पायाना पथ्थर अने कबरना निर्माणमां केटला वर्ष लाग्या?
301
{ "answer_start": [ 36 ], "text": [ "बार" ] }
आधारशिला तथा मकबराने निर्मित थवामां बार वर्ष लाग्यां. शेष इमारतो तथा भागोने बीजां दस वर्षोमां पूर्ण करायां. आमां पहला मिनारा, पछी मस्जिद, पछी जवाब तथा अंतमां मुख्य द्वार बन्या. केमके आ समूह, घणी अवस्थाओमां बन्यो, माटेआनी निर्माण-समाप्तिनी तिथिमां घणी भिन्नता छे. आ एमाटे छे, केमके पूर्णताना घणां पृथक मत छे. उदाहरणतः मुख्य मकबरो १६४३मां पूर्ण थयो हतो, पण शेष समूह इमारतो बनती रही. आ प्रकारे आनी निर्माण कीमतमां पण भिन्नताओ छे, केमके आनी किंमत नक्की करवामां समयना अंतरालथी घणो फर्क आवी गयो छे. तो पण कुल मूल्य लगभग ३ अबज २० करोड रूपिया, ते समयानुसार आंकवामां आवे छे; जो के वर्तमानमां खरबों डॉलरथी पण वधु थइ शके छे, जो वर्तमान मुद्रामां बदलीए तो. ताजमहल ने संपूर्ण भारत तथा एशियाथी लवाएली गई सामग्रीथी निर्मित करवामां आव्यो हतो १,००० से अधिक हाथी निर्माण दरम्यान यातायात माटे उपयोगमां लेवाया हता.
ताजमहेलनी बाकीनी इमारतो अने विभागो केटला वर्षमां पूर्ण थया?
302
{ "answer_start": [ 81 ], "text": [ "दस" ] }
आधारशिला तथा मकबराने निर्मित थवामां बार वर्ष लाग्यां. शेष इमारतो तथा भागोने बीजां दस वर्षोमां पूर्ण करायां. आमां पहला मिनारा, पछी मस्जिद, पछी जवाब तथा अंतमां मुख्य द्वार बन्या. केमके आ समूह, घणी अवस्थाओमां बन्यो, माटेआनी निर्माण-समाप्तिनी तिथिमां घणी भिन्नता छे. आ एमाटे छे, केमके पूर्णताना घणां पृथक मत छे. उदाहरणतः मुख्य मकबरो १६४३मां पूर्ण थयो हतो, पण शेष समूह इमारतो बनती रही. आ प्रकारे आनी निर्माण कीमतमां पण भिन्नताओ छे, केमके आनी किंमत नक्की करवामां समयना अंतरालथी घणो फर्क आवी गयो छे. तो पण कुल मूल्य लगभग ३ अबज २० करोड रूपिया, ते समयानुसार आंकवामां आवे छे; जो के वर्तमानमां खरबों डॉलरथी पण वधु थइ शके छे, जो वर्तमान मुद्रामां बदलीए तो. ताजमहल ने संपूर्ण भारत तथा एशियाथी लवाएली गई सामग्रीथी निर्मित करवामां आव्यो हतो १,००० से अधिक हाथी निर्माण दरम्यान यातायात माटे उपयोगमां लेवाया हता.
मुख्य समाधि क्यारे पूर्ण थई?
303
{ "answer_start": [ 324 ], "text": [ "१६४३मां" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
कोना पर दुश्मनावटनो अंत लाववा माटे नोंधपात्र दबाण हतुं?
304
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
97 टांकीओमांथी केटली टेंक हजु कार्यरत छे?
305
{ "answer_start": [ 87 ], "text": [ "28" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
व्यापक पणे मान्यता मुजब युद्धविरामनी भारतनी स्वीकृति शेना कारणे हती?
306
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
अंते भारते युद्धमां पाकिस्तान करतां लगभग केटली टेन्क गुमावी हती?
307
{ "answer_start": [ 71 ], "text": [ "32" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
कई समजूती बाद युद्ध पूर्वेनी स्थितिमां पाछा फरवाना निर्णयथी नवी दिल्हीमां राजकारणमां विरोध सर्जायो हतो?
308
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
केटला पाकिस्तानी सैनिकोने बंदी बनावामां आव्या?
309
{ "answer_start": [ 572 ], "text": [ "2000" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
अमेरिका अने संयुक्त राष्ट्र पर शेनो अंत लाववा माटे नोंधपात्र दबाण हतुं?
310
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
भारते 32 टेंक क्यां गुमावी?
311
{ "answer_start": [ 161 ], "text": [ "खेमकरन-भीक्कीवींडमां" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
भारतनुं युद्ध कोनी साथे हतुं?
312
{ "answer_start": [ 323 ], "text": [ "पाकिस्तान" ] }
आमां 7र पेटन टेन्को अने 25 चाफीस अने शेरमन्सनो समावेश थतो हतो. 97 मांथी 32 टेन्को जेमां 28 पेटन्सनो पण समावेश थाय छे ते चालु हालतमां ज हती. जेनी सरखामणीमां, भारते खेमकरन-भीक्कीवींडमां मात्र 32 टेन्को ज गुमावी हती. तेमांथी लगभग 15 पाकिस्तानना लश्करे कबजे करी हती, जेमां मोटाभागे शरमन्स टेन्को हती. असल उत्तरना निर्णायक युद्धमां पाकिस्तान असह्य हारथी संघर्षनो अंत उतावळथी आव्यो. युद्धविरामनी घोषण वखते, भारते मार्या गयेल सैनिकोनी जाहेरातमां 3000 ना मृत्युनो अहेवाल आप्यो. बीजी बाजु, एवुं अनुमान करवामां आव्युं हतुं के 3800 पाकिस्तानी सैनिको मृत्यु पाम्या, 9,000 घायल थया अने लगभग 2000 जेटलाने केदी बनाववामां आव्या. लगभग 300 पाकिस्तानी टेन्कोनो कयां तो विनाश करवामां आव्यो अथवा भारत द्वारा कबजे करवामां आव्यां अने वधारानी 150 टेन्कोने कायम माटे नकामा करी देवाया. भारते संघर्ष दरमियान 190 टेन्कोने गुमावी अने समारकाम जरूर पडे तेवी लगभग 100 जेटली टेन्को हती.
भारतीय सेनामां केटली पेटन टेन्कनो समावेश थाय छे?
313
{ "answer_start": [ 5 ], "text": [ "7र" ] }
आयर्न मॅननुं प्रिमिअर ए तंत्री अने वार्ता-लेखक स्टान ली, पटकथा लेखक लॅरी लिईबेर, वार्ता-आर्टिस्ट डॉन हेक अने आवरण-आर्टिस्ट तथा पात्र-डिझाईनर जॅक किर्बीनुं सहसर्जन हतुं. 1963मां, स्टान लीना मनमां एक बिझनेसमॅन (वेपारी माणस) सुपरहीरोनो ख्याल रमतो हतो. [२] ते एक "प्रखर मूडीवादी", समयना प्रवाह अने मार्वेलना वाचकोना मिजाजनी विरुद्ध जाय एवुं एक पात्र रचवा इच्छता हता. [३] लीए कह्युं, "मने लागे छे के में मारी जातने हिंमत करवा दीधी. त्यारे शीत युद्ध तेनी चरमसीमा पर हतुं. वाचको, युवान वाचको, जो कोई एक वात धिक्कारता होय तो ते हती लडाई - युद्ध, ते हतुं लश्कर. . . एटले में एक एवो हीरो बनाव्यो जे तेनाथी सो अंश विपरीत होय. ते एक शस्त्र निमार्ता हतो, ते लश्करने शस्त्रो पूरां पाडतो हतो, ते पैसादार हतो, ते एक उद्योगपति हतो. . . आ प्रकारनुं, कोईने न गमे एवुं, अमारा वाचकोने पसंद न पडे तेवुं, पात्र बनाववानी पण मजा छे एम में विचार्युं, अने पछी ए पात्रने तेमनी आंख सामे बळजबरीथी लावी मूकवुं अने तेमने तेने पसंद करतां करवा. . . अने ए खूब लोकप्रिय बन्युं. "[४]ते एक एवुं नवुं पात्र बनाववा मची पड्या जे धनवान होय, मोहक एवो महिलाओनो मानीतो माणस होय, अने छतां कंईक रहस्यमयी यातना अने व्यथाथी पीडातो होय. [५] लेखक गेरी कोनवे कहे छे, "अहीं तमारी पासे एक एवुं पात्र छे, जे बहारथी बिलकुल असंवेदनशील छे, मारो कहेवानो अर्थ एम छे एने अडी शकाय तेम ज नथी, पण अंदरथी ए एक घवायेली व्यकित छे. स्टाने तेने घणो बधो एकदम-तमारा-जेवो ज घाव धरावतो बनाव्यो छे, तमने खबर छे, तेनुं हृदय भांगी गयेलुं छे, शब्दशः भांगी गयेलुं छे. पण त्यां एक रूपक छे. अने मारा ख्यालथी, ते ज छे जे आ पात्रने रसप्रद बनावे छे. "[४] लीए आ छेलबटाउ माणसना देखाव अने व्यकितत्व निरूपवा माटे होवर्ड ह्युग्सनो आधार लीधो छे,[६] तेने स्पष्ट करतां कहे छे, "होवर्ड ह्युग्स ए अमारा समयना सौथी रंगीला माणसोमांनो एक हतो.
होवर्ड ह्युग्स केवो माणस हतो?
314
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आयर्न मॅननुं प्रिमिअर ए तंत्री अने वार्ता-लेखक स्टान ली, पटकथा लेखक लॅरी लिईबेर, वार्ता-आर्टिस्ट डॉन हेक अने आवरण-आर्टिस्ट तथा पात्र-डिझाईनर जॅक किर्बीनुं सहसर्जन हतुं. 1963मां, स्टान लीना मनमां एक बिझनेसमॅन (वेपारी माणस) सुपरहीरोनो ख्याल रमतो हतो. [२] ते एक "प्रखर मूडीवादी", समयना प्रवाह अने मार्वेलना वाचकोना मिजाजनी विरुद्ध जाय एवुं एक पात्र रचवा इच्छता हता. [३] लीए कह्युं, "मने लागे छे के में मारी जातने हिंमत करवा दीधी. त्यारे शीत युद्ध तेनी चरमसीमा पर हतुं. वाचको, युवान वाचको, जो कोई एक वात धिक्कारता होय तो ते हती लडाई - युद्ध, ते हतुं लश्कर. . . एटले में एक एवो हीरो बनाव्यो जे तेनाथी सो अंश विपरीत होय. ते एक शस्त्र निमार्ता हतो, ते लश्करने शस्त्रो पूरां पाडतो हतो, ते पैसादार हतो, ते एक उद्योगपति हतो. . . आ प्रकारनुं, कोईने न गमे एवुं, अमारा वाचकोने पसंद न पडे तेवुं, पात्र बनाववानी पण मजा छे एम में विचार्युं, अने पछी ए पात्रने तेमनी आंख सामे बळजबरीथी लावी मूकवुं अने तेमने तेने पसंद करतां करवा. . . अने ए खूब लोकप्रिय बन्युं. "[४]ते एक एवुं नवुं पात्र बनाववा मची पड्या जे धनवान होय, मोहक एवो महिलाओनो मानीतो माणस होय, अने छतां कंईक रहस्यमयी यातना अने व्यथाथी पीडातो होय. [५] लेखक गेरी कोनवे कहे छे, "अहीं तमारी पासे एक एवुं पात्र छे, जे बहारथी बिलकुल असंवेदनशील छे, मारो कहेवानो अर्थ एम छे एने अडी शकाय तेम ज नथी, पण अंदरथी ए एक घवायेली व्यकित छे. स्टाने तेने घणो बधो एकदम-तमारा-जेवो ज घाव धरावतो बनाव्यो छे, तमने खबर छे, तेनुं हृदय भांगी गयेलुं छे, शब्दशः भांगी गयेलुं छे. पण त्यां एक रूपक छे. अने मारा ख्यालथी, ते ज छे जे आ पात्रने रसप्रद बनावे छे. "[४] लीए आ छेलबटाउ माणसना देखाव अने व्यकितत्व निरूपवा माटे होवर्ड ह्युग्सनो आधार लीधो छे,[६] तेने स्पष्ट करतां कहे छे, "होवर्ड ह्युग्स ए अमारा समयना सौथी रंगीला माणसोमांनो एक हतो.
लीए आ छेल्ला माणसना देखाव अने व्यक्तित्वने व्याख्यायित करवा माटे कोनी मदद लीधी हती?
315
{ "answer_start": [ 1514 ], "text": [ "होवर्ड ह्युग्सनो" ] }
आयर्न मॅननुं प्रिमिअर ए तंत्री अने वार्ता-लेखक स्टान ली, पटकथा लेखक लॅरी लिईबेर, वार्ता-आर्टिस्ट डॉन हेक अने आवरण-आर्टिस्ट तथा पात्र-डिझाईनर जॅक किर्बीनुं सहसर्जन हतुं. 1963मां, स्टान लीना मनमां एक बिझनेसमॅन (वेपारी माणस) सुपरहीरोनो ख्याल रमतो हतो. [२] ते एक "प्रखर मूडीवादी", समयना प्रवाह अने मार्वेलना वाचकोना मिजाजनी विरुद्ध जाय एवुं एक पात्र रचवा इच्छता हता. [३] लीए कह्युं, "मने लागे छे के में मारी जातने हिंमत करवा दीधी. त्यारे शीत युद्ध तेनी चरमसीमा पर हतुं. वाचको, युवान वाचको, जो कोई एक वात धिक्कारता होय तो ते हती लडाई - युद्ध, ते हतुं लश्कर. . . एटले में एक एवो हीरो बनाव्यो जे तेनाथी सो अंश विपरीत होय. ते एक शस्त्र निमार्ता हतो, ते लश्करने शस्त्रो पूरां पाडतो हतो, ते पैसादार हतो, ते एक उद्योगपति हतो. . . आ प्रकारनुं, कोईने न गमे एवुं, अमारा वाचकोने पसंद न पडे तेवुं, पात्र बनाववानी पण मजा छे एम में विचार्युं, अने पछी ए पात्रने तेमनी आंख सामे बळजबरीथी लावी मूकवुं अने तेमने तेने पसंद करतां करवा. . . अने ए खूब लोकप्रिय बन्युं. "[४]ते एक एवुं नवुं पात्र बनाववा मची पड्या जे धनवान होय, मोहक एवो महिलाओनो मानीतो माणस होय, अने छतां कंईक रहस्यमयी यातना अने व्यथाथी पीडातो होय. [५] लेखक गेरी कोनवे कहे छे, "अहीं तमारी पासे एक एवुं पात्र छे, जे बहारथी बिलकुल असंवेदनशील छे, मारो कहेवानो अर्थ एम छे एने अडी शकाय तेम ज नथी, पण अंदरथी ए एक घवायेली व्यकित छे. स्टाने तेने घणो बधो एकदम-तमारा-जेवो ज घाव धरावतो बनाव्यो छे, तमने खबर छे, तेनुं हृदय भांगी गयेलुं छे, शब्दशः भांगी गयेलुं छे. पण त्यां एक रूपक छे. अने मारा ख्यालथी, ते ज छे जे आ पात्रने रसप्रद बनावे छे. "[४] लीए आ छेलबटाउ माणसना देखाव अने व्यकितत्व निरूपवा माटे होवर्ड ह्युग्सनो आधार लीधो छे,[६] तेने स्पष्ट करतां कहे छे, "होवर्ड ह्युग्स ए अमारा समयना सौथी रंगीला माणसोमांनो एक हतो.
स्टान ली कोना मिजाजनी विरुद्ध जाय तेवुं पात्र बनाववा मांगता हता?
316
{ "answer_start": [ 292 ], "text": [ "मार्वेलना वाचकोना मिजाजनी विरुद्ध जाय" ] }
आयर्न मॅननुं प्रिमिअर ए तंत्री अने वार्ता-लेखक स्टान ली, पटकथा लेखक लॅरी लिईबेर, वार्ता-आर्टिस्ट डॉन हेक अने आवरण-आर्टिस्ट तथा पात्र-डिझाईनर जॅक किर्बीनुं सहसर्जन हतुं. 1963मां, स्टान लीना मनमां एक बिझनेसमॅन (वेपारी माणस) सुपरहीरोनो ख्याल रमतो हतो. [२] ते एक "प्रखर मूडीवादी", समयना प्रवाह अने मार्वेलना वाचकोना मिजाजनी विरुद्ध जाय एवुं एक पात्र रचवा इच्छता हता. [३] लीए कह्युं, "मने लागे छे के में मारी जातने हिंमत करवा दीधी. त्यारे शीत युद्ध तेनी चरमसीमा पर हतुं. वाचको, युवान वाचको, जो कोई एक वात धिक्कारता होय तो ते हती लडाई - युद्ध, ते हतुं लश्कर. . . एटले में एक एवो हीरो बनाव्यो जे तेनाथी सो अंश विपरीत होय. ते एक शस्त्र निमार्ता हतो, ते लश्करने शस्त्रो पूरां पाडतो हतो, ते पैसादार हतो, ते एक उद्योगपति हतो. . . आ प्रकारनुं, कोईने न गमे एवुं, अमारा वाचकोने पसंद न पडे तेवुं, पात्र बनाववानी पण मजा छे एम में विचार्युं, अने पछी ए पात्रने तेमनी आंख सामे बळजबरीथी लावी मूकवुं अने तेमने तेने पसंद करतां करवा. . . अने ए खूब लोकप्रिय बन्युं. "[४]ते एक एवुं नवुं पात्र बनाववा मची पड्या जे धनवान होय, मोहक एवो महिलाओनो मानीतो माणस होय, अने छतां कंईक रहस्यमयी यातना अने व्यथाथी पीडातो होय. [५] लेखक गेरी कोनवे कहे छे, "अहीं तमारी पासे एक एवुं पात्र छे, जे बहारथी बिलकुल असंवेदनशील छे, मारो कहेवानो अर्थ एम छे एने अडी शकाय तेम ज नथी, पण अंदरथी ए एक घवायेली व्यकित छे. स्टाने तेने घणो बधो एकदम-तमारा-जेवो ज घाव धरावतो बनाव्यो छे, तमने खबर छे, तेनुं हृदय भांगी गयेलुं छे, शब्दशः भांगी गयेलुं छे. पण त्यां एक रूपक छे. अने मारा ख्यालथी, ते ज छे जे आ पात्रने रसप्रद बनावे छे. "[४] लीए आ छेलबटाउ माणसना देखाव अने व्यकितत्व निरूपवा माटे होवर्ड ह्युग्सनो आधार लीधो छे,[६] तेने स्पष्ट करतां कहे छे, "होवर्ड ह्युग्स ए अमारा समयना सौथी रंगीला माणसोमांनो एक हतो.
1963 मां, स्टेन लीना मनमां एक सुपरहीरो तरीके केनो विचार हतो?
317
{ "answer_start": [ 197 ], "text": [ "बिझनेसमॅन" ] }
आयर्न मॅननुं प्रिमिअर ए तंत्री अने वार्ता-लेखक स्टान ली, पटकथा लेखक लॅरी लिईबेर, वार्ता-आर्टिस्ट डॉन हेक अने आवरण-आर्टिस्ट तथा पात्र-डिझाईनर जॅक किर्बीनुं सहसर्जन हतुं. 1963मां, स्टान लीना मनमां एक बिझनेसमॅन (वेपारी माणस) सुपरहीरोनो ख्याल रमतो हतो. [२] ते एक "प्रखर मूडीवादी", समयना प्रवाह अने मार्वेलना वाचकोना मिजाजनी विरुद्ध जाय एवुं एक पात्र रचवा इच्छता हता. [३] लीए कह्युं, "मने लागे छे के में मारी जातने हिंमत करवा दीधी. त्यारे शीत युद्ध तेनी चरमसीमा पर हतुं. वाचको, युवान वाचको, जो कोई एक वात धिक्कारता होय तो ते हती लडाई - युद्ध, ते हतुं लश्कर. . . एटले में एक एवो हीरो बनाव्यो जे तेनाथी सो अंश विपरीत होय. ते एक शस्त्र निमार्ता हतो, ते लश्करने शस्त्रो पूरां पाडतो हतो, ते पैसादार हतो, ते एक उद्योगपति हतो. . . आ प्रकारनुं, कोईने न गमे एवुं, अमारा वाचकोने पसंद न पडे तेवुं, पात्र बनाववानी पण मजा छे एम में विचार्युं, अने पछी ए पात्रने तेमनी आंख सामे बळजबरीथी लावी मूकवुं अने तेमने तेने पसंद करतां करवा. . . अने ए खूब लोकप्रिय बन्युं. "[४]ते एक एवुं नवुं पात्र बनाववा मची पड्या जे धनवान होय, मोहक एवो महिलाओनो मानीतो माणस होय, अने छतां कंईक रहस्यमयी यातना अने व्यथाथी पीडातो होय. [५] लेखक गेरी कोनवे कहे छे, "अहीं तमारी पासे एक एवुं पात्र छे, जे बहारथी बिलकुल असंवेदनशील छे, मारो कहेवानो अर्थ एम छे एने अडी शकाय तेम ज नथी, पण अंदरथी ए एक घवायेली व्यकित छे. स्टाने तेने घणो बधो एकदम-तमारा-जेवो ज घाव धरावतो बनाव्यो छे, तमने खबर छे, तेनुं हृदय भांगी गयेलुं छे, शब्दशः भांगी गयेलुं छे. पण त्यां एक रूपक छे. अने मारा ख्यालथी, ते ज छे जे आ पात्रने रसप्रद बनावे छे. "[४] लीए आ छेलबटाउ माणसना देखाव अने व्यकितत्व निरूपवा माटे होवर्ड ह्युग्सनो आधार लीधो छे,[६] तेने स्पष्ट करतां कहे छे, "होवर्ड ह्युग्स ए अमारा समयना सौथी रंगीला माणसोमांनो एक हतो.
"होवर्ड ह्युग्स एक संशोधक, साहसिक, करोडपति, स्त्रीओनो मानीतो, एक बुद्धिशाळी माणस अने शराबी सिवाय, ते खाउधरो हतो" ते कोणे कहेलुं?
318
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आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
1995 मां कई पार्टी बे तृतीयांश बहुमती साथे गुजरातमां सत्ता पर आवी?
319
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आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
नरेन्द्र मोदीने दिल्हीमां कयुं पद आपवामां आव्युं?
320
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आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
कोने 1974 ना भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने 19 महिनानी लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने निर्णायक प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती?
321
{ "answer_start": [ 38 ], "text": [ "मोदीए" ] }
आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
शंकरसिंह वाघेलाना भाजपमांथी बहार नीकळ्या बाद कोने गुजरातना मुख्यमंत्री तरीके नियुक्त करवामां आव्या?
322
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आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
नरेन्द्र मोदीए कोनी भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत केडर बेझ बनाववाना प्रयासो कर्या हता?
323
{ "answer_start": [ 439 ], "text": [ "शंकरसिंह वाघेला साथे" ] }
आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
मोदी तेमना युनिवर्सिटी वर्षो दरमियान केना प्रचारक हता?
324
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आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
केन्द्रमां गठबंधन सरकार क्यारे बनावी?
325
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आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
भाजप केटली बहुमती साथे गुजरातमां सत्ता पर आवी?
326
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आरएसएस साथेना तेमना कार्यकाळ दरमियान, मोदीए १९७४ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन अने १९ महिनानी (जून १९७५ थी जान्युआरी १९७७) लांबी 'कटोकटी' सहित अनेक महत्वपूर्ण अने कपरा प्रसंगो पर भूमिका भजवी हती. मोदी तेमना युनिवर्सिटीना वर्ष दरम्यान आरएसएसना एक प्रचारक तरीके हता. [१६][१७] तेमणे १९८७मां भाजपमां जोडाया अने तेना द्वारा राजकारणना मुख्य प्रवाहमां दाखल थया. मात्र एक वर्षमां तेमनी गुजरात एकमना जनरल सेक्रेटरी स्तर पर तेमनी वरणी करवामां आवी हती. तेमणे शंकरसिंह वाघेला साथे भागीदारीमां गुजरातमां मजबूत संवर्ग आधार बनाववा प्रयत्नो कर्या. प्रारंभिक गाळामां, शंकरसिंह वाघेला एक समूह नेता तरीके जोवामां आव्या हता, ज्यारे मोदीने एक कुशळ नीतिनीयामक तरीके जोवामां आव्या हता.
नरेन्द्र मोदी भाजपमां क्यारे जोडाया हता?
327
{ "answer_start": [ 273 ], "text": [ "१९८७मां" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
आसाम सरकारनो वन्यप्राणी विभाग शेना संचालन माटे जवाबदार छे?
328
{ "answer_start": [ 79 ], "text": [ "काझीरंगाना" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
काझीरंगा उद्यानना चार रेन्जनी देखरेख कोना द्वारा करवामां आवे छे?
329
{ "answer_start": [ 355 ], "text": [ "रेंज जंगल अधिकारी" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
1997-98 मां वर्ल्ड हेरिटेज फंड तरफथी केटला डोलरनुं अनुदान मळ्युं?
330
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
काझीरंगा उद्यानने शेना तरीके ओळखवामां आवे छे?
331
{ "answer_start": [ 128 ], "text": [ "व्यवस्थापक डायरेक्टर" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
आसाम सरकारना वन्यप्राणी विभागनुं मुख्य मथक क्यां आवेलुं छे?
332
{ "answer_start": [ 62 ], "text": [ "बोकाखाटमां" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
कया पार्कने राज्य सरकार अने पर्यावरण अने वन मंत्रालय (भारत) द्वारा विविध योजनाओ अने बिन-योजना योजनाओ हेठळ नाणाकीय सहाय पूरी पाडवामां आवे छे?
333
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
एलीफंट प्रोजेक्टने कोना द्वारा भंडोळ पूरुं पाडवामां आवशे?
334
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
आसाम राज्य सरकारना जंगल विभागनो वन्यजीवन विभाग जेनुं मुख्यालय बोकाखाटमां छे ते काझीरंगाना व्यवस्थापन माटे जवाबदार छे. आ उद्याननो व्यवस्थापक डायरेक्टर तरीके ओळखाय छे जे कंझरवेटीव ओफीसर छे. क्षेत्रीय जंगल अधिकारी व्यवथापकीय कार्यकारी होय छे. तेमनी नीचे बे अधिकारीओ सहायक संरक्षक अधिकारी कक्षाना होय छे. आ उद्यान क्षेत्रने चार रेंजमां वहेंचवामां आव्युं छे, जेनी रेंज जंगल अधिकारी द्वारा देखरेख रखाय छे. आ चार रेंज छे बुरापहार, बागुरी, मध्य अने पूर्वी. तेमना मुख्यालय अनुक्रमे घोराकट्टी, बागुरी, कोहोरा अने अगोराटोलीमां छे. आ दरेक रेंज (टप्पा)बीटमां विभाजीत कराई छे जेनो उपरी जंगल अधिकारी छे, अने उप-बीट, जंगल रक्षक द्वारा संरक्षीत होय छे.
काझीरंगा उद्यानना विस्तारने केटली रेन्जमां विभाजित करवामां आव्यो छे?
335
{ "answer_start": [ 316 ], "text": [ "चार" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
जोचर सरदारने क्यारे मुक्त करवामां आव्या?
336
{ "answer_start": [ 1051 ], "text": [ "हतो" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
इतिहासकारोना मत मुजब राष्ट्रवादी कोंग्रेस पार्टीने उश्केरवानुं मुख्य कारण कयुं हतुं?
337
{ "answer_start": [ 94 ], "text": [ "सरदारनुं आ भाषण" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
कई तारीखे सरदारनी धरपकड करवामां आवी हती अने अहमदनगर फोर्ट जेलमां केद करवामां आव्या हता?
338
{ "answer_start": [ 244 ], "text": [ "9मी ओगस्टे" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
इतिहासकारोना मत मुजब सरदारनुं भाषण कोने उश्केरवानुं मुख्य कारण हतुं?
339
{ "answer_start": [ 37 ], "text": [ "बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
केटला लोकोनी धरपकड करवामां आवी छे?
340
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
वाइसरोये विन्स्टन चर्चने मोकलेला टेलिग्राम अनुसार, कयुं आंदोलन 1857 ना बळवा पछीनो सौथी गंभीर बळवो हतो?
341
{ "answer_start": [ 1001 ], "text": [ "भारत छोडो आंदोलन" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
NCP नुं पूरुं नाम शुं छे?
342
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
कोना टेलिग्राम अनुसार, भारत छोडो आंदोलन 1857 ना बळवा पछीनो सौथी गंभीर बळवो हतो?
343
{ "answer_start": [ 950 ], "text": [ "वाइसरोये" ] }
इतिहासकारोनु मानवुं छे के प्रस्तावित बळवाने शंकानी नजरे जोनारा राष्ट्रवादीओने उत्तेजीत करवामा सरदारनुं आ भाषण ज कारणभुत थई रह्युं हतुं. तेमज आ गाळा दरम्यान सरदारना संघटन कार्यने इतिहासकारोए भारतभरमां बळवाने सफळ बनाववा पछाळनुं मुख्य कारण मान्युं. 9मी ओगस्टे सरदारनी धरपकड करवामां आवी अने तेमने संपुर्ण कोंग्रस कार्यकरी समितीनी साथे १९४२थी १९४५ सुधी अहमदनगर किल्लाना कारवासमां बंदी तरीके राखवामां आव्या हता. त्यां तेओ कपडां कांतता, ब्रिजनी रमत रमता, मोटी संख्यामा पुस्तको वांचता, लांबा गाळा सुधी चालवा जता तथा बगीचामां काम करता. बहारना समाचारो तथा गतीविधीओमां थता विकासनी राह जोता जोता तेओए तेमना सहकार्यकरोने भावनात्मक टेको पुरो पाड्यो. महादेव देसाई तथा कस्तुरबाना देहांतना समाचार सांभळी तेओ खुब दुभाया हता. सरदारे तेमना पुत्रीने एक कागळमां लख्युं हतुं के तेओ तेमज तेमना सहकार्यकरो “पुर्ण शांतिनो” अनुभव करी रह्या हता कारणके तेमणे ”पोतानी फरज” पुर्ण करी हती. आंदोलनने अन्य राजकीय पक्षोनो विरोध तेमज अंग्रोज सरकारे आंदोलनने दाबवा माटे अपनावेला कठोर वलण छता, वाइसरोये विंस्टन चर्चीलने मोकलावेला एक तार प्रमाणे भारत छोडो आंदोलन “१८५७ना बळवा बाद सौथी गंभीर बळवो हतो”.
9 ओगस्टे सरदारनी धरपकड करीने कई जेलमां केद करवामां आव्या हता?
344
{ "answer_start": [ 346 ], "text": [ "अहमदनगर किल्लाना कारवासमां" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
1947 मां बंधारणीय सुधाराए शेना अधिकारोने न्यायवादी बनाव्या?
345
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
कया वर्षमां बंधारणीय सुधाराए संपत्तिना अधिकारोने न्यायवादी बनाव्या?
346
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
कोणे चूंटणीमां पूर्ण बहुमती मेळवी?
347
{ "answer_start": [ 97 ], "text": [ "जनता पार्टी" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
देसाईनी सरकारे कोने प्राधान्य आप्युं?
348
{ "answer_start": [ 255 ], "text": [ "पडोशी देशो साथेना संबंधोने" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
कोणे कटोकटी हटाववानो निर्णय कर्यो?
349
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "ईन्दिरा गांधीए" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी हटाववानो निर्णय कर्या पछी क्यारे सामान्य चूंटणीओ योजाई?
350
{ "answer_start": [ 52 ], "text": [ "१९७७" ] }
ईन्दिरा गांधीए कटोकटी उठावी लेवानो निर्णय कर्या बाद १९७७नी सामान्य चूंटणीओ योजाइ हती. आ चूंटणीमां जनता पार्टीए भारे बहुमत मेळव्यो अने मोरारजी देसाई वडाप्रधान बन्या. २४मी मार्चे देसाईना नेतृत्व हेठळ प्रधानमंडळ अस्तित्वमां आव्युं. देसाईनी सरकारे दक्षिण एशियाई पडोशी देशो साथेना संबंधोने अग्रता आपी अने कट्टर हरीफ एवां देश पाकिस्तान साथे संबंधो सुधारवानी शरुआत करी तेमज १९६२नां युध्ध पछी पहेली वार चीन साथेनां संबंधो सामान्य बनाव्या. तेओए झीआ-उल-हक साथे संवादो कर्या अने मैत्रीभर्या संबंधो स्थाप्या. चीन साथे राजद्वारी संबंधो पण स्थापवामां आव्या. सरकारे राष्ट्रीय कटोकटी लागु पाडवा अंगे बंधारणमां घणां फेरफारो कर्या अने तेने पछीनी सरकारो माटे मुश्केल बनावी.
चूंटणीमां पूर्ण बहुमती पछी कोण वडाप्रधान बन्या?
351
{ "answer_start": [ 133 ], "text": [ "मोरारजी देसाई" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
दिल्हीमां जमीनना भाव वधीने केटला पहोंच्या?
352
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
दिल्हीमां कया वर्षमां, उत्पादन क्षेत्रमां 1,29,000 उत्पादन एकमो सामे 14,40,000 कामदारोने रोजगारी आपवामां आवी हती?
353
{ "answer_start": [ 424 ], "text": [ "2001मां" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
ओफिस धरावानी बाबते दिल्ही विश्वनुं केटला नंबरनुं मोंघुं शहेर छे?
354
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
दिल्हीए मोटा ग्राहक बजार, कुशळ मानवबळनी उपलब्धता साथे कया रोकाणने पण आकर्षित कर्युं छे?
355
{ "answer_start": [ 395 ], "text": [ "विदेशी" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
परंपरागत प्रेक्टिसने असर करे तेवी कई बाबत छे?
356
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
दिल्हीमां 2001 मां, उत्पादन क्षेत्रमां 1,29,000 उत्पादन एकमो सामे केटला कामदारोने रोजगारी आपवामां आवी हती?
357
{ "answer_start": [ 487 ], "text": [ "14,40,000" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
दिल्ही भारतमां सौथी मोटा अने झडपथी विकसता कया उद्योगोमांनो एक छे?
358
{ "answer_start": [ 683 ], "text": [ "रिटेल" ] }
ईन्फर्मेशन टेकनोलोजी, संचारमाध्यमो, हॉटलो, बेन्क, प्रसार-माध्यमो अने प्रवास-पर्यटन ए दिल्हीना मुख्य सेवा उद्योगो छे. घणी खाणी-पीणी के रोजबरोजना वपराशनी चीजोना उद्योग एकमो अने तेमनां मुख्य मथक दिल्हीमां अने दिल्हीनी आसपास ऊभां थयां होवाथी दिल्हीमां उत्पादन उद्योगो पण सारा एवा प्रमाणमां विकस्या छे. दिल्हीनुं मोटुं ग्राहक बजार अने तेनी साथे सहेलाईथी उपलब्ध कुशळ कामदारो(मानवश्रम)ने कारणे दिल्हीमां विदेशी रोकाण पण आकर्षायुं छे. 2001मां, उत्पादन क्षेत्रे 1,29,000 जेटलां उत्पादन-एकमोनी सामे, 14,40,000 कामदारोने रोजगार आप्यो हतो. बांधकाम, वीजळी, संचार-माध्यमो, आरोग्य अने बीजी सामाजिक सेवाओ अने रीयल एस्टेट ए दिल्हीना अर्थतंत्रना अभिन्न अंग छे. दिल्ही भारतना सौथी वधु अने सौथी झडपथी विकसता रिटेल उद्योगो धरावे छे.
दिल्हीमां 2001 मां, उत्पादन क्षेत्रमां केटला उत्पादन एकमो सामे 14,40,000 कामदारोने रोजगारी आपवामां आवी हती?
359
{ "answer_start": [ 450 ], "text": [ "1,29,000" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
काझीरंगा उद्यानथी जोरहाट एरपोर्ट केटला किमी दूर छे?
360
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थता काचा वाहनी रस्ता क्यारे हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे?
361
{ "answer_start": [ 268 ], "text": [ "नवेंबरथी मध्य मे सुधी" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
काझीरंगा उद्यानथी सौथी नजीकनुं मोटुं शहेर कयुं छे?
362
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
गुवाहाटीमां आवेल लोकप्रिय एरपोर्टनुं नाम शुं छे?
363
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
आसाम स्टेट ट्रान्सपोर्ट कोर्पोरेशन अने खानगी कंपनीओनी बसो क्यां नेशनल हाइवे पर पार्क करवामां आवे छे?
364
{ "answer_start": [ 541 ], "text": [ "काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
काझीरंगा उद्याननी नजीकनुं रेल्वे स्टेशन कयुं छे?
365
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
मुलाकाती पोतानुं वाहन पार्कमां क्यारे लई जई शके छे?
366
{ "answer_start": [ 329 ], "text": [ "जो गाईड साथे होय तो" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
काझीरंगा उद्याननी नजीकनुं रेल्वे स्टेशन कई सीमा पर छे?
367
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
काझीरंगा उद्यानमां सफारी केटला काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे?
368
{ "answer_start": [ 228 ], "text": [ "त्रण" ] }
उद्याननी अंदर मान्यता प्राप्त मार्गदर्शक (गाईड) प्रवासीओ साथे रहे छे महावत साथे नी हाथी पर के जीप पर अथवा अन्य 4WD वाहन पर अगाउथी सहेल आरक्षित करी शकाय छे. कोहोराना वहीवटी कार्यालयथी शरू थती आ सफारी बागोरीॢ कोहोरा अने अगरातोली आ त्रण रेंजना काचा वाहनी रस्ता पर चाले छे. नवेंबरथी मध्य मे सुधी आ रस्ताओ हळवा वाहनो माटे खुल्ला होय छे. जो गाईड साथे होय तो सहेलाणी पोताना वाहन उद्यानमां लई जई शके छे. आसाम राज्य परिवहननी बसो अने नीजी कंपनीओनी बसो जे गुवाहटी तेझपुर अने उपरी आसाम वच्चे चाले छे ते बधी कोहरा पासे राष्ट्रीय धोरी मार्ग ३७ पर आवेला आवेला काझीरंगा उद्यानना मुख्य प्रवेश द्वार पासे उभी रहे छे. अहींथी सौथी नजीकनुं नगर बोकाखाट २३ किमी दूर छे.
काझीरंगा उद्याननी अंदर मान्यताप्राप्त मार्गदर्शक क्या रहे छे?
369
{ "answer_start": [ 48 ], "text": [ "प्रवासीओ साथे" ] }
ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
पर्वतना ढोळावोने कोण भूरा रंगनी छाया आपे छे?
370
{ "answer_start": [ 166 ], "text": [ "कुरुंजीना फूल" ] }
ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
क्यारे ज्होन सुलिवान कोटागिरीनी दूर उत्तरे सफर पर नीकळ्या?
371
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ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
ओल्ड उटी तरीके ओळखाता विस्तारमां कया लोको वसवाट करता हता?
372
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ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
कुरुंजी फूल केटला वर्षे खीले छे?
373
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ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
टीपु सुल्ताने उटीमां केवी रचना करी?
374
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ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
कयुं हिल स्टेशन नीलगिरि पर्वतोमां आवेलुं छे?
375
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ऊटी ए निलगिरि पर्वतमाळामां अंदर आवेल एक गिरिमथक छे निलगिरी अर्थात भूरा पर्वतो. आ नाम निलगिरीना वृक्षो द्वारा बहार पडती भूरी आभाने लीधे पड्युं छे के दर बार वर्षे खीलता कुरुंजीना फूल के जे पहाडीना ढोळावने भूरारंगनी आभा दे छे तेना परथी पड्युं छे ते अज्ञात छे. भारतना अन्य क्षेत्रोमां ते कोई राज्य के राजाने हस्तक होवाना पुरावा मळ्यां छे पण ऊटी क्षेत्र संबंधी आवा कोई पुरावा मळ्यां नथी. टीपु सुलतान पोतानी सीमा विस्तारी अहीं संताववानी गुफा जेवुं माळखुं बनावनार प्रथम राजा हतो. आ क्षेत्र शरूआतमां तोडा अने अन्य समुदाय द्वारा निवासित हतो. तेओ अहीं वेपार आदि करी सह अस्तित्व धरावता हतां. पोताना पुस्तक ऊटाकामंड, अ हीस्टरीमां फ्रेडरीक प्राईस लखे छे के जूना ऊटी तरीके ओळखाता क्षेत्र पर पहेलां तोडा लोको वसतां हतां. बादमां तोडा लोकोए नगरनो ते भाग ते समयना कोईम्बतूरना गवर्नर ज्होन सुलेवान ने आपी दीधुं. तेमणे बादमां अहीं नगर विकसाव्युं अने अहीं चाॢ सिंकोना अने साग वृक्षनी खेतीने प्रोत्साहन आप्युं. जे रीते स्थानीय जनजाति ना लोकोए मदद करी ते जोईने अन्य वसवाट करनारा अने स्वय सुलेवान प्रभावित थयां हतां अने वावेतर कारो अने स्थानीय लोकोना हक्को वच्चे सुमेळ रहे त्वुं विचारवा लाग्यां. त्यार बादना समयमां स्थानीय लोकोने तेमनी जमीन ना हक्को संबंधी पूरो न्याय मळे ते माटे कार्यरत रह्यां. आ माटे ब्रिटिश साशने तेमने आर्थिक अने न्यायिक रीते सजा पण करी. १७९९मां टेपु सुलतान अने अंग्रेजो वच्चे थयेल श्रीरंगापटनम नी संधिने आधी निलगिरी क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट ईंडिया कंपनी ने आधिन आव्युं. १६०३मां रेव. जेकम फोरीको नामना पादरी अहीं आवनार प्रथम युरोपियन हतां अने तेमणे आ क्षेत्र अने अहींना लोको विषे नोंध पण लखी छे. १८१२मां सर्वेयर विलिया कीझ अने मेकमोहनए आ सपाट प्रदेशनी मुलाकात लीधी.
कोईम्बतुरना डेप्युटी कमिशनर विची अने कुन्डरस्लीए क्यारे ऊटकामंडनी मुलाकात लीधी हती?
376
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एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
कोण ज्ञानथी भ्रमित थई गया?
377
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एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
भगवान शिवनी हाजरीमां रहेवानी ईच्छाने कारणे देवी -देवताओ पण क्यां शहेरमां आववा लाग्या हता?
378
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एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
कोनी मददथी आ अभियान सफळ थयुं?
379
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एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
महाराजा सुदेवना पुत्र राजा देवदासे वाराणसी शहेरनी स्थापना क्यां करी हती?
380
{ "answer_start": [ 54 ], "text": [ "गंगा नदीना तट पर" ] }
एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
राजा दिवोदास शेमां बेसीने शिवलोक जवा रवाना थया?
381
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
क्यां राजाए पोतानी राजधानी काशीनी सर्वोपरिता गुमाववानुं शरू कर्युं हतुं?
382
{ "answer_start": [ 400 ], "text": [ "दिवोदास" ] }
एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
दिवोदास ज्ञाने पोते शुं स्थापीने अर्पण कर्युं?
383
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
कोण काशी पाछा फर्या?
384
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एक अन्य कथा अनुसार महाराज सुदेवना पुत्र राजा दिवोदासे गंगा नदीना तट पर वाराणसी नगर वसाव्युं हतुं. एक वार भगवान शंकरे जोयुं के पार्वतीजीने पोताना पियर (हिमालय - क्षेत्र)मां रहेवामां संकोच थाय छे, तो एमणे कोइ अन्य सिद्धक्षेत्रमां रहेवानो विचार कर्यो. आ माटे एमने काशी नगरी अत्यंत प्रिय लागी. तेओ अहिंया आवी गया. भगवान शिवना सान्निध्यमां रहेवानी इच्छाने कारणे देवताओ पण काशी नगरीमां आवीने रहेवा लाग्या. राजा दिवोदास पोतानी राजधानी काशीनुं आधिपत्य खोवावा लाग्युं तेथी घणा दु:खी थया. एमणे कठोर तपस्या करी ब्रह्माजी पासे वरदान मांग्युं के- देवताओ देवलोक मां ज रहे, भूलोक (पृथ्वी) मनुष्यो माटे ज रहे. सृष्टिकर्ताए तथास्तु कही दिधुं. आ वातना फळस्वरूपे भगवान शंकर अने देवगणोने काशी छोडवाने माटे विवश थवुं पड्युं. शिवजी मन्दराचलपर्वत पर चाल्या तो गया, परंतु काशी नगरी साथे एमनो मोह भंग नहीं थइ शक्यो. महादेवजीने एमनी प्रिय काशी नगरीमां पुन: वसाववाना उद्देश्यथी चौसठ योगिनीओ, सूर्यदेव, ब्रह्माजी अने नारायणजीए खुब प्रयास कर्यो.
वाराणसी शहेरनी स्थापना कोणे करी हती?
385
{ "answer_start": [ 40 ], "text": [ "राजा दिवोदासे" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
धर्मपदनो मृतदेह क्यांथी मळी आव्यो हतो?
386
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
कोनी देखरेखमां मंदिरनुं काम थतुं हतुं?
387
{ "answer_start": [ 597 ], "text": [ "धर्म पाद" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
राजाए केटला वर्ष सुधी तेना राज्यनी करनी आवक बगाडी?
388
{ "answer_start": [ 221 ], "text": [ "बार" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
कोणे बधाने आश्चर्यचकित कर्या?
389
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
कोणे कोणार्क सूर्य मंदिरनुं निर्माण करवानो आदेश आप्यो हतो?
390
{ "answer_start": [ 32 ], "text": [ "नृसिंह देव प्रथम ए" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
केटला लोकोए मंदिरना निर्माणमां भाग भजव्यो हतो?
391
{ "answer_start": [ 131 ], "text": [ "बारसो" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
राजा नृसिंह देव प्रथम कया राजवंशना हता?
392
{ "answer_start": [ 16 ], "text": [ "गंग वंश ना" ] }
एक कथा अनुसार, गंग वंश ना राजा नृसिंह देव प्रथम ए पोताना वंशनुं वर्चस्व सिद्ध करवा हेतु, राजसी घोषणाथी मंदिर निर्माणनो आदेश आप्यो. बारसो वास्तुकारो अने कारीगरोनी सेना ए पोतानी सृजनात्मक प्रतिभा अने ऊर्जाथी परिपूर्ण कळाथी बार वर्षोंनी अथाग मेहनतथी आनुं निर्माण कर्युं. राजाए पहलां ज पोताना राज्यना बार वर्षोनी कर-प्राप्ति बराबर धन व्यय करी दीधुं हतुं. पण निर्माणनी पूर्णता क्यांय देखाती न हती. त्यारे राजाए एक निश्चित तिथि सुधी कार्य पूर्ण करवानो कडक आदेश दीधो. बिसु महाराणाना पर्यवेक्षण मां, आ वास्तुकारोनी टीम ए पहलां ज पोतानुं पूरुं कौशल लगावी राख्युं हतुं. त्यारे बिसु महाराणा ना बार वर्षीय पुत्र, धर्म पाद आगळ आव्यो. तेणे त्यां सुधी निर्माणनुं गहन निरीक्षण कर्युं, जोके तेने मंदिर निर्माण नुं व्यवहारिक ज्ञान न हतुं, परन्तु तेणे मंदिर स्थापत्यना शास्त्रोनो पूर्ण अध्ययन कर्युं हतुं. तेणे मंदिरना अंतिम केन्द्रीय शिलाने लगाडवानी समस्या सुलझाववानो प्रस्ताव दीधो.
धर्मपदे शेना कारणे पोताना जीवननुं बलिदान आप्युं हतुं?
393
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं.
लांबी लडाई बाद सरकार शुं पाछा खेंचवा संमत थई हती?
394
{ "answer_start": [ 22 ], "text": [ "वधारानो करवेरो" ] }
एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं.
पाकिस्ताने करेला आक्रमणमां हरि सिंहनी सेना श्रीनगरथी लगभग केटला किमी दूर पहोंची गई?
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एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं.
संयुक्त राष्ट्र समक्ष काश्मीरनो मुद्दो लई जवाना निर्णयथी कोण खुश न हता?
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एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं.
महाराजा हरि सिंहने आक्रमणनी कटोकटीमां कोनो संपर्क करवो पड्यो?
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{ "answer_start": [ 2321 ], "text": [ "सरदारनो" ] }
एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं.
अमदावाद क्यारे सुधराइनी जवाबदारीमांथी बहार आव्युं?
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एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं.
कोनी सलाह पर, भारत सरकारे संयुक्त राष्ट्र समक्ष काश्मीरनो मुद्दो उठाववानुं नक्की कर्युं?
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